रिमझिम पाठ- 10. एक दिन की बादशाहत
कहानी की बात
प्रश्न 1. अब्बा ने क्या सोचकर आरिफ़ की बात मान ली?
उत्तर- अब्बा ने यह सोचकर आरिफ़ की बात मान ली की रोज सभी इन बच्चों पकार हुक्म चलाते हैं| क्यों न एक दिन के लिए ये हक़ इन्हें भी दे दिया जाए|
प्रश्न 2. वह एक दिन बहुत अनोखा था, जब बच्चों को बड़ों के अधिकार मिल गए थे| वह दिन बीत जाने के बाद इन्होंने क्या सोच होगा-
*आरिफ़ ने , *अम्मा ने , *दादी ने
उत्तर- * आरिफ़ ने सोचा होगा के यह दिन कितना आनंददायक था| काश! ऐसा दिन रोज़ आए|
* अम्मा ने सोच हगा के बच्चों को थोड़ी- बहुत आज़ादी जरूर देनी चाहिए और इनकी भावनाओं को समझना चाहिए|
* दादी ने सोचा होगा के हम प्रतिदिन इन बच्चों को कितना कष्ट देते हैं|
तुम्हारी बात
प्रश्न 1. अगर तुम्हे घर में दिन प्रतिदिन के लिए सरे अधिकार दे दिए जाएँ तो तुम क्या-क्या करोगी?
उत्तर- अगर हमें घर में एक दिन के लिए सारे के लिए अधिकार दे दिए जाएँ तो हम अपने मन की सभी इच्छाओं को पूरा करना चाहेगे? जैसे- मनपसंद चीजें बनाकर खाएँगे, खूब खेलेंगे|
प्रश्न 2. कहानी में ऐसे कई काम बताए गए हैं जो बड़े लोग आरिफ और सलीम से करने के लिए कहते थे | तुम्हारे विचार से उनमें से कौन – कौन से काम उन्हें बिना शिकायत किए कर देने चाहिए थे और कौन – कौन से कामों के लिए मना कर देना चाहिए|
उत्तर – आरिफ़ और सलीम को रात में जल्दी सोना है, सुबह जल्दी उठना, धीमी आवाज में गाना, बाहर नहीं जाना,शोर ना करना, खुद नहा लेना, कम घूमना-फिरना आदि काम बिना शिकायत किए कर लेने चाहिए थे| वहीं उन्हें सदा नाश्ता करने, बेकार खाना खाने, बेकार कपड़े पहनने, जैसे कामों के लिए मना कर देना चाहिए था|
तरकीब
“ दोनों घंटो बैठकर इन पाबंदियों से बच निकलने की तरकीबें सोचा करते थे|”
प्रश्न 1. तुम्हारे विचार से वे कौन – कौन सी तरकिबें सोचते होंगे?
उत्तर – 1.काश! हमें कोई ऐसी जगह मिल जाए, जहां को डांटे नहीं|
2. हमें भी बड़ों को डाँटने का अधिकार मिल जाए|
3. हम जल्दी से बड़े हो जाए|
प्रश्न 2. कौन सी तरकीब से उनकी इच्छा पूरी हो गई थी?
उत्तर – उन्होंने बड़ों के सभी अधिकार मांग लिए थे और बड़ों को छोटो की तरह रहने के लिए कहा था, जिससे उनकी इच्छा पूरी हो गई थी|
प्रश्न 3. क्या तुम उन दोनों को इस तरकीब से भी अच्छी तरकीब सुझा सकते हो?
उत्तर – इससे अच्छा था कि उन दोनों को अपनी कुछ आदतों का सुधार कर लेना चाहिए था|
अधिकार की बात “……आज तो उनके सारे अधिकार छीने जा चुके हैं|”
प्रश्न 1. अम्मी के अधिकार किसने छीन लिए थे?
उत्तर- अम्मी के अधिकार आरिफ़ और सलीम ने छिन लिए थे|
प्रश्न 2. क्या उन्हें अम्मी के अधिकार छिनने चाहिए थे?
उत्तर- अम्मी के अधिकार उन्हें नहीं छिनने चाहिए थे| लेकिन अम्मी को भी उनकी भावनाओं को समझना चाहिए था|
प्रश्न 3. उन्होंने अम्मी के कौन-कौन से अधिकार छीने होंगे?
उत्तर- उन्होंने अम्मी से डाँटने, सुबह जल्दी उठाने, अपनी पसंद का खाना बनवाने जैसे अधिकार छीने होंगे|
बादशाहत
प्रश्न 1. ‘बादशाहत’ क्या होती है? चर्चा करो|
उत्तर- किसि क्षेत्र, राज्य या देश आदि पर शासन कर पूरा अधिकार जमाना तथा अपनी मनमर्जी करना बादशाहत होती है|
प्रश्न 2. तुम्हारे विचार से इस कहानी का नाम ‘एक दिन का बादशाहत’ क्यों रखा गया है? तुम भी अपने मन से सोचकर कहानी को कोई शीर्षक दो|
उत्तर- आरिफ़ तथा सलीम दोनों को एक दिन के लिए बड़ों के सभी अधिकार दिए गए थे| इसलिए कहानी का नाम ‘एक दिन की बादशाहत’ रखा गया है| कहानी का अन्य शीर्षक “बच्चों का बचपन” भी हो सकता है|
प्रश्न 3. कहानी में उस दिन बच्चों को सारे काम करने पड़े थे| ऐसे में कौन एक दिन का असली “बादशाह’ बन गया था?
उत्तर- कहानी में उस दिन बच्चों को सारे बड़ों वाले काम करने पड़े थे| ऐसे में बच्चे एक दिन के लिए असली बादशाह बन गए थे| क्योंकि उस दिन उन्हें सभी अधिकार प्राप्त थे|
तर माल
“रोज़ की तरह आज वह तर माल अपने पास न रख सकती थी|”
प्रश्न 1. कहानी में किन-किन चीजों को तर माल कहा गया है|
उत्तर- कहानी में अंडे और मक्खन जैसी चीजों को तर माल कहा गया है|
प्रश्न 2. इन चीजों के अलावा और किन-किन चीजों को ‘तर माल’ कहा जा सकता है?
उत्तर- इन चीजों के अलावा हलवा-पूरी, खीर, मिठाइयाँ, पकवान आदि छिजों को तर माल कहा जा सकता है|
प्रश्न 3. कुछ ऐसी चीजों के नाम भी बताओ, जो तुम्हे ‘तर माल’ नहीं लगतीं|
उत्तर- चावल, दाल कुछ सब्जियाँ, दलिया , दूध, रोटी हमें तर माल नहीं लगतीं|
प्रश्न 4. इन चीजों को तुम क्या नाम देना चाहोगी? सुझाओ|
उत्तर- इन चीजों को हम ‘खाद्य पदार्थ’ नाम देना चाहेंगे|
मनपसंद कपड़े
“बिल्कुल इसी तरह तो आरिफ़ और सलीम से उनकी मनपसंद कमीज़ उतरवा कर निहायत बेकार कपड़े पहनने का हुक्म लगाया करती हैं|”
प्रश्न 1. तुम्हे भी अपना कोई खास कपड़ा सबसे अच्छा लगता होगा| उस कपड़े के बारे में बताओ| वह तुम्हे सबसे अच्छा क्यों लगता है?
उत्तर- मुझे अपनी एक रेशमी पैंट और कमीज़बहुत अच्छी लगती है| क्योंकि इसका रंग और चमक बहुत ही अच्छा है| साथ ही इसका कपड़ा भी बहुत मुलायम और आरामदायक है|
प्रश्न 2. कौन-कौन सी चीज़े बिल्कुल बेकार लगती हैं?
(क) पहनने की चीज़े
(ख) खाने – पिने की चीज़े
(ग) करने के काम
(घ) खेल
उ त्तर- (क)पहनने की चीज़ें- पुराने कपड़े, फ़िके रंगों के कपड़े आदि|
( ख ) खाने – पिने की चीज़े – अधिक मीठी चीज़ें, तीखी चीज़ें, खट्टी चीज़ें, घटिया और नकली पेय प्रदार्थ आदि|
( ग ) खाने – पिने की चीज़े – सुबह जल्दी उठाना, अधिक पढ़ना,टी.वी. देखना|
( ग ) करने के काम – सुबह जल्दी उठाना, अधिक पढ़ना, टी.वी. देखना|
( घ ) खेल – शतरंग, बर्फ का खेल, घुड़सवारी|
हल्का-भारी
प्रश्न (क) “इतनी भारी साड़ी क्यों पहनी?
यहाँ पर ‘ भारी साड़ी ’ से क्या मतलाब है?
– साड़ी का वजन ज्यादा था|
– साड़ी पर बाड़े – बाड़े नमूने बने हुए थे|
– साड़ी पर बेल – बूटों की कढ़ाई थी|
उ त्तर- साड़ी पर बेल-बूटों की कढ़ाई थी|
(ख) *भरी साड़ी , *बारी अटैची , *भारी काम , *भारी बारिश
ऊपरी ‘भारी’ विशेषण का चार अलग-अलग संज्ञाओं के साथ इस्तेमाल किया गया है| इन चारों में ‘भारी’ का अर्थ एक-सा नहीं है| इनमें क्या अंतर है?
उत्तर- *भारी साड़ी में ‘भारी’ विशेषण अधिक महँगी या अधिक कधैदार साड़ी के लिए प्रयोग किया गया है|
* भारी अटैची में ‘भारी’ विशेषण वजनदार चीजं के लिए प्रयोग किया गया है|
* भारी काम में ‘भारी’ विशेषण मुश्किल काम के लिए प्रयोग किया गया है|
* भारी बारिश में ‘भारी’ विशेषण अधिक के लिए प्रयोग किया गया है|
(ग) ‘भारी’ की तरह हल्का का भी अलग-अलग अर्थो में इस्तेमाल करो|
उत्तर- हल्का कपडा, हल्का काम, हल्का लड़का, हल्का डिब्बा, हल्का बर्तन|
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