Table of contents | |
केशव की घंटियाँ | |
आना-जाना | |
कहानी से | |
शब्दों की निराली दुनिया |
1. “माशा अल्लाह! ये घंटियां कितनी सुंदर है। तुमने यह खुद बनाई है?”
बादशाह अकबर ने यह बात इसलिए कई होगी-
(क) केशव के काम की तारीख में
(ख) यह जानने के लिए कि घंटियाँ कितनी सुंदर है
(ग) केशव से बातचीत शुरू करने के लिए
(घ) घंटिया किसने बनाई , यह जानने के लिए
(ङ) क्योंकि उन्हें यकीन नहीं था कि 10 साल का बच्चा केशव इतनी सुंदर घंटियां बना सकता है।
(च) कोई और कारण जो तुम्हें ठीक लगता हो।
उत्तर: (ङ) क्योंकि उन्हें यकीन नहीं था कि 10 साल का बच्चा केशव इतनी सुंदर घंटियां बना सकता है।
बादशाह अकबर ने यह बात इसलिए कही होगी क्योंकि उन्हें यकीन नहीं था कि 10 साल का बच्चा कैसे इतनी सुंदर घंटियां बना सकता है।
2. केशव पत्थर पर घंटियाँ तथा कड़ियाँ तराश रहा था। उसके द्वारा तराशी जा रही घंटियों और कड़ियों का चित्र अपनी कॉपी में बनाओ। तुम्हें क्या कोई खास इमारत याद आ रही है जिसमें नक्काशी की गई हो। संभव हो तो उसकी तस्वीर चिपकाओ।
उत्तर:
केशव के पिता गुजरात से आगरा आकर बस गए थे। हो सकता है तुम या तुम्हारे कुछ साथियों के माता-पिता भी कहीं और से यहाँ आकर बस गए हों। बातचीत करके पता लगाओ कि ऐसा करने के क्या कारण होते हैं?
उत्तर: सामान्य तौर पर ऐसा करने का एक ही कारण होता है रोजगार की प्राप्ति। इसके अलावा जो कारण होते हैं, वे हैं-उच्च शिक्षा की प्राप्ति, स्वास्थ्य सुविधाओं की प्राप्ति आदि।
3. अकबर को पहरेदार की दखलंदाजी अच्छी क्यों नहीं लगी?
उत्तर: अकबर को पहरेदार की दखलंदाजी इसलिए अच्छी नहीं लगी क्योंकि वे नन्हें केशव से इत्मीनान से बात करना चाहते थे और उसके हुनर के बारे में विस्तार से जानना चाहते थे।
4. “लगता है कोई बहुत बड़ा आदमी है,” यहां पर ‘बड़े आदमी’ से केशव का क्या मतलब है?
उत्तर: यहां पर बड़े आदमी से केशव का मतलब है- कोई अमीर आदमी तथा प्रतिष्ठित आदमी।
5. “खरगोश की-सी कातर आँखें”
पशु-पक्षियों से तुलना करते हुए और भी बहुत-सी बातें कही जाती हैं जैसे-‘हिरन जैसी चाल’। ऐसे ही कुछ उदाहरण तुम भी बताओ।
उत्तर: (1) शेर जैसी दहाड़
(2) मोरनी जैसी गर्दन
(3) कोयल की आवाज
(4) हिरनी-सी चाल
(5) हाथी जैसी मतवाली चाल
6. अकबर ने जब नक्काशी सीखना चाहा, तो केशव न उन्हे सन्देहभरी नज़रों से क्यों देखा?
उत्तर: केशव को संदेह इसलिए हो रहा था क्योंकि उसके हिसाब से एक बादशाह के पास नक्काशी सीखने से भी ज्यादा कई महत्वपूर्ण कार्य होते हैं। उनके लिए वे कार्य करना अधिक जरूरी हैं।
7. केशव दस साल का है। क्या उसकी उम्र के बच्चों का इस तरह के काम से जुड़ना ठीक है? अपने उत्तर: का कारण जरूर बताओ।
उत्तर: इस उम्र के बच्चों का इस तरह के काम से जुड़ना ठीक नहीं है क्योंकि यह उम्र पढ़ने-लिखने और खेलने-कूदने की होती है। इतनी कम उम्र से काम में लग जाने के कारण उनका मानसिक और शारीरिक विकास कुंठित हो जाता है। अतः उन्हें पढ़ने का समुचित अवसर अवश्य मिलना चाहिए।
8. “केशव बार-बार सबको सुनाता|”
केशव सबसे क्या कहता होगा? कल्पना काके केशव के शब्दों में लिखो|
उत्तर: केशव सबसे यही कहता होगा
“आज बादशाह अकबर मेरे पास आए थे। उन्होंने मेरे काम की बहुत तारीफ की। उन्होंने मुझे नक्काशी का काम सिखाने को कहा। मुझे बादशाह की ऐसी इच्छा पर हैरानी हुई। फिर भी मैंने उन्हें बहुत अच्छे से नक्काशी का काम सिखाया। सीखने के दौरान उन्होंने मुझे ‘जी हुजुर’ भी कहा। उन्होंने मुझसे काम जारी रखने को कहा ताकि कारखाने खुलने पर वे मुझे काम पर रख सकें। वे मुझसे बड़े प्रभावित थे।”
1. (क) नक्काशी जैसे किसी काम को चुनो(बढ़ईगिरी, मिस्त्री इत्यादि) जिसमे औजारों का इस्तेमाल होता है| उन ख़ास औजारों के नाम पता करके लिखो|
उत्तर: बढ़ईगिरि में प्रयुक्त होने वाले औज़ारों के नाम हैं
(ख) छैनी, हथौड़ा, तराशना, किरचें- ये सब पत्थर के काम से जुड़े हुए शब्द है| लकड़ी के दूकानदार और बढ़ई से बात करके लकड़ी के काम से जुड़े शब्द इकट्ठे करो और कक्षा में उन पर सामूहिक रूप से बातचीत करो| कुछ शब्द हम यह दे रहे हैं| आरी, रंदा, बुरादा, प्लाई, सूत…..|
उत्तर: आरी, रंदा, बुरादा, प्लाई, सूत, कील, हथोड़ी, कड़ी, फट्टा, पेच, सनमाइका आदि।
छात्र स्वयं कक्षा में बातचीत करें|
(ग) हो सकता है के तुम्हारे इलाके में इन चीजों और कामों के लिए कुछ अलग किस्म के शब्द इस्तेमाल होते हों| उन पर भी बातचीत करो|
उत्तर: छात्र अपने इलाके के लिए इस्तेमाल होने वाले शब्द के आधार पर बातचीत करें|
2. ‘कटाव’ शब्द ‘कट’ क्रिया से पैदा हुआ है| नीचे लिखी संज्ञाएँ किन क्रियाओं से बनी हैं? इन संज्ञाओं का अर्थ समझो और वाक्य में प्रयोग करो|
चुनाव , पड़ाव , बहाव , लगाव
उत्तर:
3.“लडके ने जल्दी-जल्दी कोई प्राथना बुदबुदाई|”
रेखांकित शब्द और नीचे लिखे शब्दों में क्या अंतर है? वाक्य बनाकर अंतर स्पष्ट करो|
उत्तर: बुदबुदाने का अर्थ है- मन ही मन में कुछ बोलना| जबकि फुसफुसाना, बडबडाना तथा भुनभुनाना में कुछ आवाज़ भी बाहरसुनाई देती है|
बुदबुदाना: नौकर धीरे-धीरे बुदबुदाया|
फुसफुसाना: मंत्री फुसफुसा कर कुछ बोले
बडबडाना: वह क्रोध में बड़बड़ाने लगी
भुनभुनाना: बिना वजह भुनभुनाना ठीक नहीं है|
4. “बेवकूफ़, खड़ा हो| हुजूरे आला के सामने बैठने की जुर्रत कैसे की तूने! झुककर इन्हें सलाम कर|”
महल के पहरेदार ने केशव से यह इसीलिए कहा, क्योंकि-
(क) बादशाह के सामने बैठ रहें उनका अपमान है|
(ख) पहरेदार यह कहकर अपनी वफादारी दिखाना चाहता था|
(ग) पहरेदार को बादशाह के आने का पता नहीं चला , इसलिए वह घबरा गया था|
(घ) बादशाह का केशव से बात करना पहरेदार को अच्छा नहीं लगा|
उत्तर: (ख) पहरेदार यह कहकर अपनी वफ़ादारी दिखाना चाहता था।
महल के पहरेदार ने केशव से यह इसलिए कहा- क्योंकि वह अपनी वफादारी दिखाना चाहता था|
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