(क) निम्नलिखित प्रश्नों के सही उत्तर के सामने तारा (*) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक सही उत्तर हो सकते हैं।
1. ज़मींदार को झोंपड़ी हटाने की ज़रूरत क्यों पड़ी?
उत्तर: वह अहाते का विस्तार करना चाहता था
ज़मींदार साहब अपने महल के आस-पास की जगह (अहाता) बढ़ाना चाहते थे। इसलिए झोंपड़ी हटानी थी, ताकि जगह मिले।
2. वृद्धा ने मिट्टी ले जाने की अनुमति कैसे माँगी?
उत्तर: विनती और नम्रता से
वृद्धा ने बड़ी नम्रता और विनती करके अनुमति मांगी, क्योंकि वह डरती थी और सम्मानपूर्वक बात करना चाहती थी।
3. वृद्धा की पोती का व्यवहार किस भावना को दर्शाता है?
उत्तर: लगाव
पोती अपने घर से बहुत जुड़ी थी। उसने झोंपड़ी को अपना घर माना था, इसलिए उसका व्यवहार लगाव यानी प्यार और जुड़ाव दिखाता है।
4. कहानी का अंत कैसा है?
उत्तर: सुखद, प्रेरणादायक
अंत में ज़मींदार साहब ने अपनी गलती मान ली और झोंपड़ी वापस दे दी। यह एक खुशहाल और प्रेरणादायक अंत है।
(ख) हो सकता है कि आपके समूह के साथियों ने अलग-अलग उत्तर चुने हों। अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?
उत्तर: हमने अपने दोस्तों से चर्चा की और पाया कि हमने जो उत्तर चुने हैं, वे इन कारणों से सही हैं:
(क) पाठ में से चुनकर कुछ वाक्य नीचे दिए गए हैं। प्रत्येक वाक्य के सामने दो-दो निष्कर्ष दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके सर्वाधिक उपयुक्त निष्कर्षों से मिलाइए।उत्तर:
(ख) अपने मित्रों के उत्तर से अपने उत्तर मिलाइए और चर्चा कीजिए कि आपने कौन-से निष्कर्षों का चुनाव किया है और क्यों?
उत्तर: मैं अपने मित्रों के साथ अपने उत्तर मिलाऊंगा और चर्चा करूंगा। मैंने निष्कर्ष इस तरह चुने हैं:
मैं अपने मित्रों से पूछूंगा कि उन्होंने क्या चुना और क्यों। अगर उनका जवाब अलग है, तो हम साथ में सोचेंगे कि कौन-सा निष्कर्ष कहानी से ज्यादा मेल खाता है।
पाठ से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यानपूर्वक पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए।
(क) “आपसे एक टोकरी भर मिट्टी नहीं उठाई जाती और इस झोंपड़ी में तो हजारों टोकरियाँ मिट्टी पड़ी है। उसका भार आप जन्म-भर कैसे उठा सकेंगे?"
उत्तर: मेरा अर्थ: मुझे लगता है कि वृद्धा ने यह पंक्ति ज़मींदार को समझाने के लिए कही। वह कह रही है कि अगर एक टोकरी मिट्टी भी ज़मींदार नहीं उठा सकते, तो पूरी झोंपड़ी का भार, जो हजारों टोकरियों के बराबर है, वे जिंदगी भर कैसे संभाल पाएंगे। इसका मतलब है कि ज़मींदार ने गलती की है और उसे यह भार उठाने का हक नहीं है। यह वृद्धा का एक चतुर तरीका था ज़मींदार को अपनी गलती का एहसास कराने का।
समूह में साझा करने के विचार: मैं अपने समूह में कहूंगा कि यह पंक्ति दिखाती है कि वृद्धा ने ज़मींदार को सबक सिखाया। हम बात करेंगे कि क्या यह तरीका सही था और क्या ज़मींदार को सचमुच समझ आया।
(ख) “ज़मींदार साहब पहले तो बहुत नाराज हुए, पर जब वह बार-बार हाथ जोड़ने लगी और पैरों पर गिरने लगी तो उनके भी मन में कुछ दया आ गई। किसी नौकर से न कहकर आप ही स्वयं टोकरी उठाने को आगे बढ़े। ज्यों ही टोकरी को हाथ लगाकर ऊपर उठाने लगे त्यों ही देखा कि यह काम उनकी शक्ति के बाहर है।"
उत्तर: मेरा अर्थ: मुझे लगता है कि पहले ज़मींदार को गुस्सा आया क्योंकि वह वृद्धा को पसंद नहीं करते थे। लेकिन जब वृद्धा ने हाथ जोड़कर और पैरों पर गिरकर मदद मांगी, तो ज़मींदार का दिल पिघल गया। उन्होंने खुद टोकरी उठाने की कोशिश की, लेकिन वह बहुत भारी थी और वे नहीं उठा सके। इसका मतलब है कि ज़मींदार को अपनी ताकत और गलती का अहसास हुआ।
समूह में साझा करने के विचार: मैं अपने समूह में कहूंगा कि यह पंक्ति दिखाती है कि ज़मींदार में थोड़ी अच्छाई थी, जो वृद्धा की विनती से जगी। हम चर्चा करेंगे कि क्या ज़मींदार का मन बदलना सही था और क्या उन्हें वृद्धा की मदद करनी चाहिए थी।
पाठ को पुनः ध्यान से पढ़िए, पता लगाइए और लिखिए।
(क) आपके विचार से कहानी का सबसे प्रभावशाली पात्र कौन है और क्यों?
उत्तर: मेरे विचार से कहानी का सबसे प्रभावशाली पात्र वृद्धा है। वह इसलिए प्रभावशाली है क्योंकि उसने अपनी समझदारी और धैर्य से ज़मींदार को अपनी गलती का एहसास कराया। उसने मिट्टी की टोकरी का इस्तेमाल करके ज़मींदार को सिखाया कि अन्याय का बोझ उठाना आसान नहीं है।
(ख) वृद्धा की पोती ने खाना क्यों छोड़ दिया था?
उत्तर: वृद्धा की पोती ने खाना छोड़ दिया था क्योंकि उसे अपनी पुरानी झोंपड़ी की बहुत याद आती थी। जब झोंपड़ी छिन गई, तो वह उदास हो गई और कहा कि वह सिर्फ अपने घर की रोटी खाएगी। इसलिए उसने खाना-पीना बंद कर दिया।
(ग) ज़मींदार ने झोंपड़ी पर कब्जा कैसे किया?
उत्तर: ज़मींदार ने वकीलों की मदद से अदालत में केस लड़ा। उसने वकीलों को पैसे देकर उनकी थैली गरम की और कानूनी चाल चलकर वृद्धा की झोंपड़ी पर कब्जा कर लिया।
(घ) “महाराज क्षमा करें तो एक विनती है। ज़मींदार साहब के सिर हिलाने पर उसने कहा...”। द्वारा सिर हिलाने की इस क्रिया का क्या अर्थ है? यहाँ ज़मींदार
उत्तर: ज़मींदार का सिर हिलाना इसका मतलब है कि उन्होंने वृद्धा को बोलने की इजाजत दे दी। यह दिखाता है कि वह उसकी बात सुनने को तैयार था, हालांकि पहले वह नाराज था। यह एक छोटा सा संकेत था कि ज़मींदार का मन थोड़ा नरम हो रहा था।
(ङ) “किसी नौकर से न कहकर आप ही स्वयं टोकरी उठाने आगे बढ़े।” यहाँ ज़मींदार के व्यवहार में परिवर्तन का आरंभ दिखाई देता है। पहले ज़मींदार का व्यवहार कैसा था? इस घटना के बाद उसके व्यवहार में क्या परिवर्तन आया?
उत्तर: पहले ज़मींदार का व्यवहार अहंकारी और कठोर था। वह वृद्धा को जबरदस्ती झोंपड़ी से निकालना चाहता था और उसकी परवाह नहीं करता था। लेकिन जब उसने खुद टोकरी उठाने की कोशिश की और असफल रहा, तो उसका मन बदलने लगा। उसे दया आई और वह वृद्धा की मदद करने को तैयार हुआ, जो उसके व्यवहार में नरमी लाया।
(च) "उन्होंने वृद्धा से क्षमा माँगी और उसकी झोंपड़ी वापस दे दी।" ज़मींदार ने ऐसा क्यों किया?
उत्तर: ज़मींदार ने यह किया क्योंकि उसे अपनी गलती का एहसास हो गया। वृद्धा की बातों और टोकरी की घटना ने उसे समझाया कि उसका अन्याय सही नहीं था। पछतावा होने पर उसने वृद्धा से माफी मांगी और झोंपड़ी लौटा दी।
(क) यदि वृद्धा की पोती ज़मींदार से स्वयं बात करती तो वह क्या कहती?
उत्तर: अगर वृद्धा की पोती ज़मींदार से बात करती, तो शायद वह कहती, "महाराज, मेरी दादी की झोंपड़ी हमारा घर है। वहाँ मेरे माता-पिता की यादें हैं। कृपया हमें वहाँ रहने दें, वरना मैं और मेरी दादी दुखी रहेंगी।" वह अपनी उदासी और प्यार से ज़मींदार का मन बदलने की कोशिश करती।
(ख) यदि आप ज़मींदार की जगह होते तो क्या करते?
उत्तर: अगर मैं ज़मींदार होता, तो मैं वृद्धा से प्यार से बात करता। मैं उसकी झोंपड़ी न लेता और उसे वहीं रहने देता। अगर मुझे जगह चाहिए होती, तो मैं कहीं और बनवाता, ताकि वृद्धा और उसकी पोती को दुख न हो।
(ग) ज़मींदार को टोकरी उठाने में सफलता क्यों नहीं मिली होगी?
उत्तर: ज़मींदार को टोकरी नहीं उठा पाया होगा क्योंकि वह बहुत भारी थी। शायद उसने पहले कभी इतना मेहनत का काम नहीं किया था, और उसका अहंकार उसे कमजोर बना रहा था। यह भी हो सकता है कि मिट्टी का वजन उसकी ताकत से ज्यादा था।
(घ) “झोंपड़ी में तो हजारों टोकरियाँ मिट्टी पड़ी है...”। यहाँ केवल मिट्टी की बात की जा रही है या कुछ और बात भी छिपी है?
(संकेत- मिट्टी किस बात का प्रतीक हो सकती है? मिट्टी के बहाने वृद्धा क्या कहना चाहती है?)
उत्तर: यहाँ केवल मिट्टी की बात नहीं है, बल्कि कुछ और भी छिपा है। मिट्टी वृद्धा की यादों, दुखों और झोंपड़ी के महत्व का प्रतीक बनती है। वृद्धा कहना चाहती है कि ज़मींदार ने उसका घर छीना, जो उसके लिए बहुत कीमती था, और इसका बोझ ज़मींदार कभी नहीं उठा सकता।
(ङ) यह कहानी आज से लगभग सवा सौ साल पहले लिखी गई थी। इस कहानी के आधार पर बताइए कि भारत में स्त्रियों को किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता होगा?
उत्तर: उस समय भारत में स्त्रियों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता था:
कल्पना कीजिए कि कहानी कैसे आगे बढ़ती-
उत्तर: अगर ज़मींदार टोकरी उठाने से मना कर देता, तो वह गुस्से में वृद्धा को वहाँ से भगा देता। वृद्धा उदास होकर चली जाती और अपनी पोती को मिट्टी नहीं दे पाती। पोती और दुखी होकर बीमार पड़ जाती। शायद पड़ोस के लोग ज़मींदार की बुराई करते और उसे दबाव में झोंपड़ी वापस देनी पड़ती।
उत्तर: अगर ज़मींदार टोकरी उठा लेता, तो वह अपनी ताकत दिखाने के लिए खुश होता। लेकिन वृद्धा कहती कि अगर एक टोकरी का बोझ इतना भारी है, तो झोंपड़ी का भार कैसे संभालेगा? ज़मींदार शर्मिंदा होता और सोचता कि उसने गलत किया। अंत में वह वृद्धा से माफी मांगकर झोंपड़ी लौटा देता।
उत्तर: अगर ज़मींदार मिट्टी देने से मना कर देता, तो वृद्धा रोती हुई चली जाती। पोती का हाल और बिगड़ता और वह बीमार पड़ जाती। वृद्धा को पड़ोसियों से मदद मांगनी पड़ती। शायद लोग ज़मींदार के खिलाफ शिकायत करते और उसे मजबूरी में मिट्टी देनी पड़ती।
उत्तर: अगर ज़मींदार एक स्त्री होती, तो शायद वह वृद्धा की दुखभरी बात सुनकर जल्दी दया दिखाती। वह टोकरी उठाने की कोशिश करती और असफल होने पर वृद्धा की मदद करती। हो सकता है वह झोंपड़ी वापस दे देती, क्योंकि स्त्री होने के नाते उसे वृद्धा की भावनाएँ समझ आतीं।
उत्तर: अगर पोती ज़मींदार से झोपड़ी माँगती, तो वह रोते हुए कहती, "महाराज, यह मेरा घर है, मेरे माता-पिता की यादें यहाँ हैं। कृपया इसे हमें लौटा दें।" ज़मींदार उसकी मासूमियत देखकर पिघल जाता और झोंपड़ी वापस दे देता।
अपने समूह के साथ इनमें से किसी एक स्थिति को चुनकर चर्चा कीजिए। इस बदली हुई कहानी को मिलकर लिखिए।
उत्तर: हमने समूह में "यदि पोती ज़मींदार से अपनी झोपड़ी वापस माँगती" स्थिति चुनी। हमने मिलकर इस बदली हुई कहानी को लिखा:
एक दिन वृद्धा की पोती ज़मींदार के पास गई। वह रोते हुए बोली, "महाराज, यह झोपड़ी हमारा घर है। मेरे माता-पिता यहाँ मरे, और मेरी दादी का सहारा यही है। कृपया इसे हमें लौटा दें, वरना मैं और दादी दुखी रहेंगी।" ज़मींदार ने उसकी आँखों में आँसू देखे और उसका छोटा चेहरा देखकर दया आ गई। वह बोला, "बच्ची, तुम सही कहती हो। मैंने गलती की।" फिर उसने वृद्धा को बुलाया और कहा, "मैं तुम्हारी झोपड़ी वापस देता हूँ। तुम यहाँ खुश रहो।" वृद्धा और पोती खुशी से झोपड़ी में लौट आईं और फिर से अपने घर में रोटी पकाने लगीं। ज़मींदार ने सीखा कि बच्चों और बूढ़ों का दुख देखकर मन बदलना चाहिए।
हमने सोचा कि पोती की मासूमियत ज़मींदार को जल्दी समझा सकती थी, और यह कहानी का सुखद अंत होता।
इन वाक्यों में रेखांकित शब्दों के प्रयोग पर ध्यान दीजिए-
अब नीचे दिए गए वाक्यों में इन दोनों शब्दों का उपयुक्त प्रयोग कीजिए-उत्तर:
"बाल की खाल निकालने वाले वकीलों की थैली गरम कर उन्होंने अदालत से झोंपड़ी पर अपना कब्जा कर लिया।"
(क) इस वाक्य में मुहावरों की पहचान करके उन्हें रेखांकित कीजिए।
उत्तर:
(ख) 'बाल' शब्द से जुड़े निम्नलिखित मुहावरों का प्रयोग करते हुए वाक्य बनाइए।
उत्तर: वृद्धा की झोंपड़ी में आग लगने वाली थी, लेकिन बारिश की वजह से बाल बाँका न हुआ।
उत्तर: ज़मींदार की सोच में बाल बराबर दया थी, जो बाद में दिखाई दी।
उत्तर: वृद्धा और ज़मींदार की सोच में बाल बराबर फर्क था, लेकिन दोनों का दुख एक जैसा था।
उत्तर: ज़मींदार की गलती से वृद्धा को झोंपड़ी खोने से बाल-बाल बचा।
नीचे दिए गए वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़िए-
यहाँ रेखांकित शब्दों से पता चल रहा है कि कार्य होने का समय या काल क्या है। क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि कोई कार्य कब हुआ, हो रहा है या होने वाला है, उसे काल कहते हैं।
काल के तीन भेद होते हैं-
नीचे दिए गए वाक्यों को वर्तमान और भविष्य काल में बदलिए-
(क) वह गिड़गिड़ाकर बोली।
उत्तर:
(ख) श्रीमान् ने आज्ञा दे दी।
उत्तर:
(ग) उसकी आँखों से आँसू की धारा बहने लगी।
उत्तर:
(घ) ज़मींदार साहब को अपने महल का अहाता उस झोंपड़ी तक बढ़ाने की इच्छा हुई।
उत्तर:
(ङ) उन्होंने वृद्धा से क्षमा माँगी और उसकी झोंपड़ी वापस दे दी।
उत्तर:
"उनके मन में कुछ दया आ गई।"
"उनकी आँखें खुल गईं।"
ऊपर दिए गए रेखांकित शब्दों में क्या अंतर है और क्यों? आपस में चर्चा करके पता लगाइए।
आपने ध्यान दिया होगा कि शब्द में एक अनुस्वार-भर के अंतर से उसके अर्थ में अंतर आ जाता है।
नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में उपयुक्त शब्द भरिए-
उत्तर:
"यह सुनकर वृद्धा ने कहा, "महाराज, नाराज न हों तो..."
इस पंक्ति में लेखक ने जानबूझकर वृद्धा की कही हुई बात को अधूरा छोड़ दिया है। बात को अधूरा छोड़ने के लिए....' का उपयोग किया गया है। इस प्रकार के वाक्यों और प्रयोगों से कहानी का प्रभाव और बढ़ जाता है। अनेक बार कहानी में नाटकीयता लाने के लिए भी इस प्रकार के प्रयोग किए जाते हैं।
(क) आपको इस कहानी में ऐसी अनेक विशेषताएँ दिखाई देंगी। उन्हें अपने समूह के साथ मिलकर ढूंढ़िए और उनकी सूची बनाइए।
उत्तर:
(ख) इस कहानी की कुछ विशेषताओं को नीचे दिया गया है। इनके उदाहरण कहानी से चुनकर लिखिए-
उत्तर:
आप जानते ही हैं कि हम शब्दकोश का प्रयोग करके शब्दों के विषय में अनेक प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। नीचे कुछ शब्दों के अनेक अर्थ शब्दकोश से चुनकर दिए गए हैं। इन शब्दों के जो अर्थ इस कहानी के अनुसार सबसे उपयुक्त हैं, उन पर घेरा बनाइए-
उत्तर:
"कृतकर्म का पश्चाताप कर उन्होंने वृद्धा से क्षमा माँगी..."
कहानी की इस पंक्ति से कौन-कौन से भाव प्रकट हो रहे हैं? सही पहचाना, इस पंक्ति से पश्चाताप और क्षमा के भाव प्रकट हो रहे हैं। अब नीचे दी गई पंक्तियों में प्रकट हो रहे भावों से उनका मिलान कीजिए-
उत्तर:
'वृद्धा पहुँची।'
यह केवल दो शब्दों से बना एक वाक्य है लेकिन हम इस वाक्य को बड़ा भी बना सकते हैं-
'वह वृद्धा हाथ में एक टोकरी लेकर वहाँ पहुँची।'
अब बात कुछ अच्छी तरह समझ में आ रही है। किंतु इसी वाक्य को हम और विस्तार भी दे सकते हैं, जैसे-
'थकी हुई आँखों और काँपते हाथों में टोकरी लिए वृद्धा धीरे-धीरे दरवाजे पर पहुँची।'
अब यह वाक्य अनेक अर्थ और भाव व्यक्त कर रहा है। अब इसी प्रकार नीचे दिए गए वाक्यों का कहानी को ध्यान में रखते हुए विस्तार कीजिए। प्रत्येक वाक्य में लगभग 15-20 शब्द हो सकते हैं।
1. एक झोंपड़ी थी।
उत्तर: गाँव के किनारे पीपल के पेड़ के नीचे सूखी घास और मिट्टी से बनी एक छोटी-सी झोंपड़ी थी।
2. श्रीमान् टहल रहे थे।
उत्तर: श्रीमान् हाथ में छड़ी लिए आँगन में इधर-उधर टहलते हुए गहरी सोच में डूबे हुए थे।
3. वह खाने लगेगी।
उत्तर: अब जब उसे विश्वास हो गया कि कोई उसका साथ देगा, वह धीरे-धीरे रोटी खाने लगेगी।
4. वृद्धा भीतर गई।
उत्तर: वृद्धा काँपते कदमों से झोंपड़ी के अँधेरे हिस्से में भीतर गई और टोकरी एक कोने में रख दी।
5. आगे बढ़े।
उत्तर: ज़मींदार साहब थोड़ा रुककर वृद्धा की ओर देखे और फिर धीमे-धीमे उसकी ओर आगे बढ़े।
(क) कल्पना कीजिए कि यह कहानी आज के समय की है। ज़मींदार वृद्धा की पोती को समझाना चाहता है कि वह जिद छोड़ दे और भोजन कर ले। उसने पोती को फोन किया है। अपनी कल्पना से दोनों की बातचीत लिखिए।
उत्तर: ज़मींदार: हेलो बेटा, मैं ज़मींदार साहब बोल रहा हूँ।
पोती: जी, कहिए।
ज़मींदार: देखो, तुम्हें इतने दिन से भूखा रहना ठीक नहीं है।
पोती: लेकिन दादी के साथ जो हुआ, उससे मेरा मन नहीं है खाने का।
ज़मींदार: मैं समझता हूँ, मुझसे गलती हुई है, पर अब सब ठीक हो जाएगा।
पोती: सच में?
ज़मींदार: हाँ, मैं वादा करता हूँ, दादी की झोंपड़ी पर कोई हक़ नहीं करूँगा।
पोती: अगर ऐसा है, तो मैं खाना खा लूँगी।
ज़मींदार: यही समझदारी है बेटा, अब दादी को चिंता नहीं होगी।
(ख) कल्पना कीजिए कि ज़मींदार और उसका कोई मित्र वृद्धा की झोंपड़ी हथियाने के बारे में मोबाइल पर लिखित संदेशों द्वारा चर्चा कर रहे हैं। मित्र उसे समझा रहा है कि वह झोंपड़ी न हड़पे। उनकी इस लिखित चर्चा को अपनी कल्पना से भाव मुद्रा (इमोजी) के साथ लिखिए।
उदाहरण-
उत्तर: मित्र: यार, वो वृद्धा की झोंपड़ी मत हड़पना, गलत बात है।
ज़मींदार: लेकिन उसकी ज़मीन बहुत काम की है।
मित्र: इंसानियत ज़्यादा काम की होती है, पैसा तो आता-जाता है।
ज़मींदार: मुझे लगता है तुम सही कह रहे हो…
मित्र: हाँ, दादी को उनकी जगह रहने दो, दुआ मिलेगी।
ज़मींदार: ठीक है, मैं झोंपड़ी नहीं लूँगा।
"मेरी पोती ने खाना-पीना छोड़ दिया है।"
(क) कहानी में वृद्धा की पोती एक महत्वपूर्ण पात्र है, भले ही उसका उल्लेख केवल एक-दो पंक्तियों में ही हुआ है। कल्पना कीजिए कि आप ही वह पोती हैं। आपको अपने घर से बहुत प्यार है। अपने घर को बचाने के लिए जिलाधिकारी को एक पत्र लिखिए।
उत्तर: जिलाधिकारी को पत्र
सेवा में,
जिलाधिकारी महोदय,
[शहर का नाम]
विषय: मेरे घर को बचाने हेतु प्रार्थना-पत्र।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि मैं [अपना नाम] आपकी क्षेत्र की निवासी हूँ। मेरा घर एक छोटी-सी झोंपड़ी है जिसमें मैं अपनी दादी के साथ रहती हूँ। यह घर मेरे जीवन की सबसे कीमती पूँजी है। हाल ही में हमारे गाँव के ज़मींदार साहब ने हमारी झोंपड़ी पर अपना हक़ जताना शुरू कर दिया है।
महोदय, इस घर में मेरे माता-पिता की यादें बसी हैं। यहीं मेरा बचपन बीता है और यहीं मेरी दादी ने मुझे पाला-पोसा है। यदि यह घर हमसे छिन गया, तो हम बेसहारा हो जाएँगे।
आपसे विनम्र निवेदन है कि कृपया हमारी झोंपड़ी को ज़मींदार से बचाने की कृपा करें। हमें न्याय और अपने घर में रहने का अधिकार दिलाएँ।
सधन्यवाद,
भवदीया
[नाम]
[गाँव का नाम]
तिथि: [तारीख]
(ख) मान लीजिए कि वृद्धा की पोती दैनंदिनी (डायरी) लिखा करती थी। कहानी की घटनाओं के आधार पर कल्पना कीजिए कि उसने अपनी डायरी में क्या लिखा होगा? स्वयं को पोती के स्थान पर रखते हुए वह दैनंदिनी लिखिए। उदाहरण के लिए-उत्तर: दैनंदिनी (डायरी)
मेरी दैनंदिनी
(क) कहानी में वृद्धा की पोती अपने घर से बहुत प्यार करती थी। आपके घर से अपने लगाव का अनुभव बताइए।
उत्तर: मेरा घर मेरे लिए सिर्फ़ ईंट और दीवारों का बना ढाँचा नहीं, बल्कि मेरी यादों और खुशियों का खज़ाना है। यहाँ मेरी हर हँसी, हर आँसू, और हर त्योहार की महक बसी हुई है। बचपन में दीवारों पर बनाई गई मेरी रंग-बिरंगी चित्रकारी, आँगन में खेली गई गिल्ली-डंडा, और बरामदे में बैठकर दादी की कहानियाँ सुनना — यह सब मेरे घर को मेरे जीवन का सबसे प्रिय स्थान बनाता है।
(ख) क्या कभी आपको किसी स्थान, वस्तु या व्यक्ति से इतना लगाव हुआ है कि उसे छोड़ना मुश्किल लगा हो? अपना अनुभव साझा कीजिए।
उत्तर: एक बार हमारे स्कूल की लाइब्रेरी में एक पुरानी किताब थी, जिसमें मेरी पसंदीदा कहानियाँ थीं। मैं हर दिन उसे पढ़ने जाती थी। बाद में वह किताब नवीनीकरण के कारण लाइब्रेरी से हटा दी गई। उस दिन मुझे सचमुच बहुत दुख हुआ, जैसे अपना कोई दोस्त खो दिया हो।
(ग) कहानी में ज़मींदार अपने किए पर पश्चाताप कर रहा है। क्या आपने कभी किसी को उनके किए पर पछताते हुए देखा है? उस घटना के बारे में बताइए। यह भी बताइए कि उस पश्चाताप का क्या परिणाम निकला?
उत्तर: एक बार हमारे पड़ोस में एक अंकल ने गुस्से में आकर अपने दोस्त से बहुत बुरी तरह बातें कर दीं। बाद में जब गुस्सा शांत हुआ, तो उन्हें अपने शब्दों पर पछतावा हुआ। वे तुरंत दोस्त के घर गए, माफ़ी माँगी और फिर से दोस्ती कायम हो गई। इस पश्चाताप का परिणाम यह निकला कि दोनों के रिश्ते पहले से भी मजबूत हो गए।
(घ) क्या कभी ऐसा हुआ कि आपने कोई काम गुस्से या अहंकार में किया हो और बाद में पछताए हों? फिर आपने क्या किया? उस अनुभव से आपने क्या सीखा?
उत्तर: एक बार मैंने अपनी छोटी बहन से गुस्से में उसका खिलौना छीन लिया और तोड़ दिया। बाद में जब वह रोने लगी तो मुझे बहुत पछतावा हुआ। मैंने अपनी बचत से उसे नया खिलौना खरीदा और उससे माफ़ी माँगी। उस दिन मैंने सीखा कि गुस्से में किया गया काम अक्सर हमें ही दुखी कर देता है, इसलिए किसी भी परिस्थिति में धैर्य रखना ज़रूरी है।
कहानी में आपने पढ़ा कि एक ज़मींदार ने लालच के कारण एक स्त्री का घर छीन लिया।
(क) क्या आपने किसी के साथ ऐसा अन्याय देखा, पढ़ा या सुना है? उसके बारे में बताइए।
उत्तर: अन्याय का उदाहरण:
मैंने समाचार पत्र में पढ़ा था कि एक किसान की ज़मीन पर दबंगों ने अवैध रूप से कब्ज़ा कर लिया। किसान ने पुलिस और प्रशासन से मदद माँगी, लेकिन लंबी कानूनी प्रक्रिया और दबाव के कारण उसे अपनी ज़मीन वापस पाने में कई साल लग गए। यह देखकर लगा कि लालच और शक्ति का गलत इस्तेमाल किसी की मेहनत और अधिकार छीन सकता है।
(ख) ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए आप क्या-क्या कर सकते हैं? आपके आस-पास के लोग क्या-क्या कर सकते हैं?
उत्तर: ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए मैं और मेरे आस-पास के लोग यह कर सकते हैं:
(ग) “सच्ची शक्ति दया और न्याय में है।" इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर: मेरे अनुसार, असली ताकत वह है जो किसी को दबाने में नहीं, बल्कि उसे सहारा देने में काम आए। दया से हम लोगों का विश्वास जीतते हैं और न्याय से उनका सम्मान। जो व्यक्ति या समाज दूसरों के साथ निष्पक्षता और करुणा से व्यवहार करता है, वही लंबे समय तक मजबूत और सम्मानित बना रहता है। शक्ति का अर्थ सिर्फ बल या धन नहीं, बल्कि इंसानियत और न्यायप्रियता है।
क्या आपको अपने घर की कहानी पता है? उसे कब बनाया गया? कैसे बनाया गया? उसे बनाने के लिए कैसे-कैसे प्रयास किए गए? चलिए, अपने घर की कहानी की खोजबीन करते हैं।
अपने घर के बड़े-बूढ़ों से उनके बचपन के घरों के बारे में साक्षात्कार लीजिए। आज आप जिस घर में रह रहे हैं, उसमें वे कब से रह रहे हैं? इसमें आने के पीछे क्या कहानी है, इसके बारे में भी बातचीत कीजिए। कक्षा में अपनी-अपनी कहानियाँ साझा कीजिए।
उत्तर: मेरे घर की कहानी
मैंने अपनी दादी से बात की। उनका बचपन का घर गाँव में था। वह घर लकड़ी और ईंट से बना था, जो 1945 में बनाया गया था। दादाजी और दादी ने मिलकर घर बनाने में बहुत मेहनत की थी। उन्होंने अपने दोस्तों और परिवार वालों की मदद ली थी।
हमारा आज का घर शहर में है। दादी यहाँ 1990 से रह रही हैं। दादाजी नौकरी के कारण शहर आए और घर बनाया। पहले वे किराए पर रहते थे। अब हम सब इस घर में खुश रहते हैं।
कक्षा में मैंने अपनी यह कहानी सुनाई। सबकी कहानियाँ भी बहुत अच्छी थीं।
"बाल की खाल निकालने वाले वकीलों की थैली गरम कर उन्होंने अदालत से झोंपड़ी पर कब्जा कर लिया।"
कहानी के इस प्रसंग को ध्यान में रखते हुए नागरिक शिकायत प्रक्रिया के विषय में जानकारी प्राप्त कीजिए। इसके बारे में अपने घर और आस-पास के लोगों को भी जागरूक कीजिए।
उदाहरण:
सार्वजनिक शिकायत सुविधा - भारत सरकार की इस वेबसाइट पर सभी भारतीय, केंद्र या राज्य सरकारों के किसी भी विभाग से जुड़ी शिकायतें कर सकते हैं। इस वेबसाइट पर भारत की 22 भाषाओं में शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है।
https://pgportal.gov.in
जनसुनवाई - प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ने जनसुनवाई जैसी सुविधाओं को प्रारंभकिया हुआ है। इंटरनेट सुविधाओं का उपयोग भी किया जा सकता है।
https://jansunwai.up.nic.in/
सामाजिक सुरक्षा कल्याण योजनाएँ- भारत सरकार की सामाजिक कल्याण की योजनाओं के बारे में जानने के लिए निम्नलिखित वेबसाइट का उपयोग किया जा सकता है-
https://eshram.gov.in/hi/social-security-welfare-schemes
उत्तर: कहानी "एक टोकरी भर मिट्टी" में ज़मींदार ने वकीलों को पैसे देकर वृद्धा की झोंपड़ी पर कब्जा कर लिया। यह अन्याय था। ऐसे अन्याय से बचने के लिए भारत में कई सरकारी सुविधाएँ हैं, जिनके बारे में जानना और दूसरों को बताना जरूरी है।
यहाँ कुछ आसान तरीके बताए गए हैं:
दूसरों को जागरूक कैसे करें?
उदाहरण: अगर कोई वृद्धा जैसी स्थिति में हो, तो उसे pgportal.gov.in पर शिकायत करने को कहें। अगर उत्तर प्रदेश में हैं, तो jansunwai.up.nic.in पर जाएँ। सामाजिक मदद के लिए eshram.gov.in पर रजिस्टर करें।
इन सुविधाओं से गरीब और कमजोर लोग न्याय पा सकते हैं और करुणा का भाव समाज में बढ़ेगा।
नीचे दिए गए अक्षरों से सार्थक शब्द बनाइए-उत्तर:
हमारे देश में हजारों सालों से कहानियाँ सुनी-सुनाई जाती रही हैं। सैकड़ों साल पहले लिखी गई कहानियों की पुस्तकें आज भी उपलब्ध हैं। ऐसी ही एक अद्भुत पुस्तक हितोपदेश है जो आज भी विश्व में मनोरंजन और ज्ञान प्राप्त करने के उद्देश्य से पढ़ी-पढ़ाई जाती है। अपने पुस्तकालय से हितोपदेश की कहानियों की पुस्तक खोजकर पढ़िए और इसकी कोई एक कहानी कक्षा में सुनाइए।
उत्तर: मैंने अपने स्कूल के पुस्तकालय से हितोपदेश की कहानियों वाली किताब ढूंढी। हितोपदेश विष्णु शर्मा ने लिखी है, और इसमें पशु-पक्षियों की कहानियां हैं जो हमें जीवन का सबक सिखाती हैं। मैंने इसमें से "धूर्त गीदड़ और हाथी की कहानी" पढ़ी। यह बहुत मजेदार और सीख देने वाली है। अब मैं कक्षा में इसे सुना रहा हूं:
एक जंगल में ब्रह्मवन नाम की जगह पर कर्पूरतिलक नाम का एक बड़ा हाथी रहता था। कुछ गीदड़ों ने उसे देखा और सोचा, "अगर यह हाथी मर जाए तो हम चार महीने तक इसका मांस खाकर जी सकते हैं।" उनमें से एक बूढ़ा और चालाक गीदड़ बोला, "मैं इसे अपनी बुद्धि से मार दूंगा।"
वह गीदड़ हाथी के पास गया और झुककर प्रणाम किया। हाथी ने पूछा, "तुम कौन हो?" गीदड़ ने कहा, "महाराज, जंगल के सभी जानवरों ने पंचायत की है। वे आपको राजा बनाना चाहते हैं क्योंकि आपमें राजा के सब गुण हैं। आप मजबूत, धर्मी और नीति जानने वाले हैं। राजा के बिना जंगल नहीं चल सकता। कृपा करके हमारे साथ चलिए, हम आपको राजतिलक करेंगे।"
हाथी राज्य का लालच में फंस गया और गीदड़ के पीछे-पीछे चल पड़ा। गीदड़ उसे एक गहरी कीचड़ वाली जगह पर ले गया, जहां हाथी फंस गया। हाथी चिल्लाया, "मित्र, अब क्या करूं? मैं मर रहा हूं।" गीदड़ हंसा और बोला, "महाराज, मेरी पूंछ पकड़कर निकलो। तुमने मेरी बात पर विश्वास किया, अब दुष्टों की संगत का फल भोगो।"
फिर सभी गीदड़ों ने मिलकर फंसे हाथी को मार डाला और खा लिया।
इस कहानी से सीख मिलती है कि कभी दुष्टों की बातों में नहीं आना चाहिए, वरना नुकसान होता है। जैसे श्लोक में कहा गया है: "यदासत्संगरहितो भविष्यसि भविष्यसि। तदासज्जनगोष्ठिषु पतिष्यसि पतिष्यसि।" मतलब, अच्छे लोगों की संगत करो तो जीओगे, बुरों की संगत में पड़ोगे तो मरोगे।
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1. "एक टोकरी भर मिट्टी" पाठ का मुख्य विषय क्या है ? | ![]() |
2. पाठ में मिट्टी के विभिन्न प्रकारों के बारे में क्या जानकारी दी गई है ? | ![]() |
3. मिट्टी के संरक्षण के लिए क्या उपाय सुझाए गए हैं ? | ![]() |
4. पाठ में मिट्टी की जैव विविधता का क्या महत्व बताया गया है ? | ![]() |
5. "एक टोकरी भर मिट्टी" पाठ से हमें कौन सी शिक्षाएं मिलती हैं ? | ![]() |