(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उपयुक्त उत्तर के सम्मुख तारा (*) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।
(1) "उनके स्वप्न के उत्तराधिकारी आज हम हैं।" इस कथन में रेखांकित शब्द 'हम' किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
उत्तर: देश के तरुण वर्ग के लिए, भारतवासियों के लिए
'हम' शब्द यहाँ देश के तरुण वर्ग (युवाओं) और भारतवासियों के लिए प्रयुक्त हुआ है, क्योंकि सुभाषचंद्र बोस अपने उद्बोधन में युवाओं को संबोधित कर रहे हैं और पूरे भारतवासियों के लिए स्वप्न की बात कर रहे हैं।
(2) स्वाधीन राष्ट्र का स्वप्न साकार होगा?
उत्तर: श्रम और कर्म की मर्यादा से
स्वाधीन राष्ट्र का स्वप्न श्रम और कर्म की मर्यादा से साकार होगा, क्योंकि सुभाषचंद्र बोस ने कहा है कि ऐसे समाज में श्रम और कर्म को सम्मान मिलेगा और आलसी व अकर्मण्य लोगों के लिए कोई जगह नहीं होगी।
(3) "उनके स्वप्न के उत्तराधिकारी आज हम हैं।" उत्तराधिकारी' होने से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: उनके स्वप्नों को पूरा करने के लिए हमें ही कर्म करना है
उत्तराधिकारी होने का मतलब है कि हमें उनके स्वप्नों को पूरा करने के लिए कर्म करना है। सुभाषचंद्र बोस ने युवाओं को यह स्वप्न सौंपा है ताकि वे इसे साकार करें।
(4) जब प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षा और उन्नति का समान अवसर प्राप्त होगा तब-
उत्तर: राष्ट्र की श्रम-शक्ति बढ़ेगी
जब सभी को शिक्षा और उन्नति का समान अवसर मिलेगा, तो राष्ट्र की श्रम-शक्ति बढ़ेगी, क्योंकि शिक्षित और सशक्त लोग समाज और राष्ट्र के विकास में योगदान देंगे।
(ख) हो सकता है कि आपके समूह के साथियों ने अलग-अलग उत्तर चुने हों। अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?
उत्तर: ठीक है, मैं और भी आसान हिंदी में जवाब दूंगा। हमने अपने दोस्तों के साथ चर्चा की और पाया कि हमारे चुने हुए जवाब इन कारणों से सही हैं:
नीचे स्तंभ 1 में पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं और स्तंभ 2 में उन पंक्तियों से संबंधित भाव-विचार दिए गए हैं। स्तंभ 1 में दी गई पंक्तियों का स्तंभ 2 में दिए गए भाव-विचार से सही मिलान कीजिए।उत्तर:
पाठ से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यानपूर्वक पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपनी कक्षा में साझा कीजिए।
(क) "उस समाज में अर्थ की विषमता न हो।"
उत्तर: मतलब: सुभाषचंद्र बोस चाहते थे कि समाज में अमीर-गरीब का फर्क न हो। सबके पास बराबर पैसा और संसाधन हों ताकि कोई गरीबी में न रहे।
कक्षा में साझा करने के लिए: मैं कहूंगा कि यह पंक्ति हमें सिखाती है कि एक अच्छे समाज में सभी को बराबर मौका और संसाधन मिलने चाहिए।
(ख) "वही स्वप्न उनकी शक्ति का उत्स बना और उनके आनंद का निर्झर रहा।"
उत्तर: मतलब: देशबंधु चित्तरंजन दास का सपना उनकी ताकत और खुशी का स्रोत था। यह सपना उन्हें हमेशा प्रेरणा देता था।
कक्षा में साझा करने के लिए: मैं कहूंगा कि यह पंक्ति बताती है कि एक बड़ा सपना हमें मेहनत करने और खुश रहने की ताकत देता है।
(ग) “उस समाज में व्यक्ति सब दृष्टियों से मुक्त हो।"
उत्तर: मतलब: बोस चाहते थे कि समाज में हर व्यक्ति को हर तरह की आजादी मिले, जैसे बोलने, सोचने और जीने की। कोई भी दबाव न हो।
कक्षा में साझा करने के लिए: मैं कहूंगा कि यह पंक्ति हमें सिखाती है कि एक अच्छे समाज में सभी को अपनी मर्जी से जीने का हक होना चाहिए।
अब आप इस पाठ को पुनः पढ़िए और निम्नलिखित के विषय में पता लगाकर लिखिए-
(क) नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने किस प्रकार के राष्ट्र निर्माण का स्वप्न देखा था?
उत्तर: नेताजी ने एक ऐसे राष्ट्र का सपना देखा था जिसमें:
(ख) नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने किस लक्ष्य की प्राप्ति को अपने जीवन की सार्थकता के रूप में देखा?
उत्तर: नेताजी ने अपने सपने को सच करने को अपने जीवन की सार्थकता माना। उनका लक्ष्य था एक ऐसा समाज और राष्ट्र बनाना जो स्वतंत्र, समान और मजबूत हो। इसके लिए वे हर मुश्किल सहने और बलिदान देने को तैयार थे।
(ग) “आलसी तथा अकर्मण्य के लिए कोई स्थान नहीं रहेगा" सुभाषचंद्र बोस ने ऐसा क्यों कहा होगा?
उत्तर: बोस ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि वे चाहते थे कि समाज में हर व्यक्ति मेहनत करे और देश के लिए कुछ करे। आलसी लोग समाज को कमजोर करते हैं, इसलिए उनके लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
(घ) नेताजी सुभाषचंद्र बोस के लक्ष्यों या ध्येय को पूरा करने के लिए आज की युवा पीढ़ी क्या-क्या कर सकती है?
उत्तर: आज की युवा पीढ़ी ये कर सकती है:
(क) “उस समाज में व्यक्ति सब दृष्टियों से मुक्त हो”, सुभाषचंद्र बोस ने किन-किन दृष्टियों से मुक्ति की बात की होगी?
उत्तर: बोस ने इन दृष्टियों से मुक्ति की बात की होगी:
(ख) “उस समाज में नारी मुक्त होकर समाज एवं राष्ट्र के पुरुषों की तरह समान अधिकार का उपभोग करे", सुभाषचंद्र बोस को अपने भाषण में नारी के लिए समान अधिकारों की बात क्यों कहनी पड़ी?
उत्तर: उस समय समाज में औरतों को पुरुषों जितने अधिकार नहीं मिलते थे। वे शिक्षा, नौकरी और फैसले लेने में पीछे थीं। बोस ने इसलिए समान अधिकारों की बात की ताकि औरतें भी समाज और देश के लिए पुरुषों की तरह काम कर सकें।
(ग) आपके विचार से हमारे समाज में और कौन-कौन से लोग हैं जिन्हें विशेष अधिकार दिए जाने की आवश्यकता है?
उत्तर: हमारे समाज में इन लोगों को विशेष अधिकार चाहिए:
(घ) सुभाषचंद्र बोस देश के समस्त युवा वर्ग को संबोधित करते हुए कहते हैं- "हे मेरे तरुण भाइयो !” उनका संबोधन केवल 'भाइयो' शब्द तक ही क्यों सीमित रहा होगा?
उत्तर: उस समय भाषणों में "भाइयो" कहना आम था, क्योंकि यह सभी को एकजुट करने का तरीका था। लेकिन बोस का मतलब सिर्फ पुरुषों से नहीं, बल्कि पूरे युवा वर्ग से था। शायद "भाइयो" शब्द उस समय के समाज में सभी को संबोधित करने का प्रचलित तरीका था।
(ङ) "यह स्वप्न मैं तुम्हें उपहारस्वरूप देता हूँ- स्वीकार करो।" सुभाषचंद्र बोस के इस आह्वान पर श्रोताओं (युवा वर्ग) की क्या प्रतिक्रिया रही होगी?
उत्तर: युवा वर्ग बहुत प्रेरित और उत्साहित हुआ होगा। बोस के जोशीले शब्दों ने उन्हें देश के लिए कुछ करने की हिम्मत दी होगी। शायद कुछ ने तुरंत उनके साथ काम शुरू किया होगा, और कुछ ने उनके सपने को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया होगा।
(क) आपने नेताजी सुभाषचंद्र बोस के भाषण का एक अंश पढ़ा है, इसे 'तरुण के स्वप्न' शीर्षक दिया गया है। अपने समूह में चर्चा करके लिखिए कि यह शीर्षक क्यों दिया गया होगा?
उत्तर: यह शीर्षक इसलिए दिया गया क्योंकि बोस अपने भाषण में युवाओं (तरुणों) को एक आदर्श समाज और राष्ट्र का सपना दे रहे हैं। वे चाहते थे कि युवा इस सपने को अपनाएं और इसे सच करें।
(ख) यदि आपको भाषण के इस अंश को कोई अन्य नाम देना हो तो क्या नाम देंगे? आपने यह नाम क्यों सोचा? यह भी लिखिए।
उत्तर: मैं इसे "आदर्श भारत का सपना" नाम दूंगा।
क्यों: क्योंकि यह भाषण एक ऐसे भारत के बारे में है जो स्वतंत्र, समान और मजबूत हो। यह नाम बोस के सपने को साफ और प्रेरणादायक तरीके से दर्शाता है।
(ग) सुभाषचंद्र बोस ने अपने समय की स्थितियों या समस्याओं को अपने संबोधन में स्थान दिया है। यदि आपको अपनी कक्षा को संबोधित करने का अवसर मिले तो आप किन-किन विषयों को अपने उद्बोधन में सम्मिलित करेंगे और उसका क्या शीर्षक रखेंगे?
उत्तर: मैं इन विषयों को शामिल करूंगा:
शीर्षक: "हमारा नया भारत"
क्यों: यह शीर्षक आज के समय में देश को बेहतर बनाने की प्रेरणा देता है।
(क) सुभाषचंद्र बोस ने अपने भाषण में संख्या, संगठन या भाव आदि का बोध कराने वाले शब्दों के साथ उनकी विशेषता अथवा गुण बताने वाले शब्दों का प्रयोग किया है। उनके भाषण से विशेषता अथवा गुण बताने वाले शब्द ढूँढ़कर दिए गए शब्द समूह को पूरा कीजिए-उत्तर:
कैसे ढूंढा:
(ख) सुभाषचंद्र बोस ने तो उपर्युक्त विशेषताओं के साथ इन शब्दों को रखा है। आप किन विशेषताओं के साथ इन उपर्युक्त शब्दों को रखना चाहेंगे और क्यों? लिखिए।
उत्तर: मैं इन शब्दों के साथ ये विशेषताएं जोड़ना चाहूंगा:
क्यों: मैंने ये विशेषताएं इसलिए चुनीं क्योंकि ये शब्द सुभाषचंद्र बोस के सपने से मिलते-जुलते हैं। वे चाहते थे कि समाज और राष्ट्र मजबूत, एकजुट और खुशहाल हो। ये विशेषताएं उनके सपने को और सुंदर बनाती हैं।
(क) “और उस पर एक स्वाधीन राष्ट्र" इस वाक्यांश में रेखांकित शब्द 'स्वाधीन' का विपरीत अर्थ देने वाला शब्द है 'पराधीन'। इसी प्रकार के कुछ विपरीतार्थक शब्द आगे दिए गए हैं, लेकिन वे आमने-सामने नहीं हैं। रेखाएँ खींचकर विपरीतार्थक शब्दों के सही जोड़े बनाइए-
उत्तर:
(ख) अब स्तंभ 1 और स्तंभ 2 के सभी शब्दों से दिए गए उदाहरण के अनुसार वाक्य बनाकर लिखिए, जैसे-"समाज की उन्नति अकर्मण्य नहीं अपितु कर्मण्य व्यक्तियों पर निर्भर है।"
उत्तर: स्तंभ 1 और स्तंभ 2 के सभी शब्दों से वाक्य बनाएं:
(क) आपने सुभाषचंद्र बोस के स्वप्न के बारे में जाना। आप अपने विद्यालय, राज्य और देश के बारे में कैसे स्वप्न देखते हैं? लिखिए।
उत्तर:
(ख) हमें बड़े संघर्षों के बाद स्वतंत्रता मिली है। अपनी इस स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए हम अपने स्तर पर क्या-क्या कर सकते हैं? लिखिए।
उत्तर:
(क) नीचे स्तंभ 1 में स्वतंत्रता सेनानियों से संबंधित कुछ तथ्य दिए गए हैं और स्तंभ 2 में स्वतंत्रता सेनानियों के नाम दिए गए हैं। तथ्यों का स्वतंत्रता सेनानियों के नाम से रेखा खींचकर सही मिलान कीजिए। इसके लिए आप अपने शिक्षकों, अभिभावकों और पुस्तकालय तथा इंटरनेट की सहायता ले सकते हैं।
उत्तर:
(ख) इनमें से एक स्वतंत्रता सेनानी का नाम 'तरुण के स्वप्न' पाठ में भी आया है। उसे पहचान कर लिखिए।
उत्तर: 'तरुण के स्वप्न' पाठ में चित्तरंजन दास का नाम आया है। पाठ में सुभाषचंद्र बोस ने उनके स्वप्न की बात की है और उन्हें अपना प्रेरणास्रोत माना है।
नेताजी सुभाषचंद्र बोस और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने स्वाधीन संपन्न समाज की स्थापना के लिए अपने समय में अनेक प्रयास किए। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात इस दिशा में क्या-क्या उल्लेखनीय प्रयत्न किए गए हैं? अपनी सामाजिक अध्ययन की पाठ्यपुस्तक, अपने अनुभवों एवं पुस्तकालय की सहायता से लिखिए।
उत्तर: नेताजी सुभाषचंद्र बोस और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के प्रयास:
नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने आजाद हिंद फौज बनाई और "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा" का नारा देकर लोगों को प्रेरित किया। महात्मा गांधी ने अहिंसा और सत्याग्रह से आजादी की लड़ाई लड़ी, जैसे दांडी यात्रा और भारत छोड़ो आंदोलन। भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद ने क्रांति के रास्ते से अंग्रेजों का विरोध किया। इन सभी ने एक स्वाधीन और संपन्न समाज का सपना देखा।
स्वतंत्रता मिलने के बाद सरकार और लोगों ने कई उल्लेखनीय कोशिशें कीं, जो मेरी सामाजिक अध्ययन की किताब, अनुभव और पुस्तकालय से पता चलीं:
निष्कर्ष: ये सभी प्रयास सुभाषचंद्र बोस के स्वाधीन और संपन्न समाज के सपने को पूरा करने की दिशा में हैं। मैंने अपनी किताब और आसपास के अनुभवों से ये सीखा है। पुस्तकालय से भी इतिहास की किताबों में इन योजनाओं के बारे में पढ़ा।
(क) सुभाषचंद्र बोस ने स्त्रियों के लिए समान अधिकार की बात की है। अपने अनुभवों के आधार पर बताइए कि उन्हें कौन-कौन से विशेषाधिकार राज्य की ओर से दिए गए हैं?
उत्तर: सुभाषचंद्र बोस चाहते थे कि औरतें पुरुषों के बराबर अधिकार पाएं। आज सरकार ने औरतों को कई विशेषाधिकार दिए हैं, जो मैंने अपने आसपास देखे हैं:
(ख) सुभाषचंद्र बोस ने 'आजाद हिंद फौज' का नेतृत्व किया था। उसमें एक टुकड़ी स्त्रियों की भी थी। उस टुकड़ी का नाम पता लगाकर लिखिए। उस टुकड़ी की भूमिका क्या थी? यह भी बताइए।
उत्तर: सुभाषचंद्र बोस की आजाद हिंद फौज में औरतों की एक टुकड़ी थी, जिसका नाम झांसी रेजिमेंट था।
भूमिका: इस टुकड़ी की औरतों ने जंग में हिस्सा लिया। वे लड़ाई में अंग्रेजों से मुकाबला करती थीं और देश की आजादी के लिए जान की परवाह नहीं करती थीं। साथ ही, वे घायलों की देखभाल और प्रेरणा देने का काम भी करती थीं।
आप किस स्वतंत्रता सेनानी के कार्यों व विचारों से प्रभावित हैं? कारण सहित लिखिए और अभिनय (रोल प्ले) करते हुए उनके विचारों को कक्षा में प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर: मैं किस स्वतंत्रता सेनानी से प्रभावित हूँ: मैं सुभाषचंद्र बोस से प्रभावित हूँ। उनके कार्य और विचार मुझे बहुत पसंद हैं।
क्यों प्रभावित हूँ:
कक्षा में अभिनय (रोल प्ले): मैं सुभाषचंद्र बोस बनकर बोलता हूँ
"नमस्ते मेरे प्यारे देशवासियों, खासकर मेरे युवा भाइयों और बहनों! आज हम गुलामी की जंजीरों में हैं, लेकिन डरने की जरूरत नहीं! तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा। हम सब मिलकर अंग्रेजों को भारत से भगाएंगे। औरतें भी हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ेंगी। हमें मेहनत और त्याग से एक स्वाधीन और संपन्न समाज बनाना है। तो उठो, जागो और देश के लिए लड़ो!"
(फिर मैं कक्षा में बच्चों से पूछता हूँ, "क्या तुम मेरे साथ आजादी का नारा लगाओगे? 'जय हिंद!'")
ब्रिटिश शासन के विरुद्ध संघर्ष में 1944 में सुभाषचंद्र बोस ने 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूँगा' नारे के माध्यम से आह्वान किया था। स्वाधीनता संग्राम के दौरान और भी बहुत से नारे दिए गए। ये नारे स्वतंत्रता सेनानियों के अदम्य साहस, निर्भीकता और देश-प्रेम को दर्शाते हैं।
नीचे स्तंभ 1 में कुछ नारे दिए गए हैं। नारों के सामने लिखिए कि यह किसके द्वारा दिया गया? आप पुस्तकालय या इंटरनेट की सहायता भी ले सकते हैं।उत्तर:
परियोजना कार्य
आप सभी राज्यों के स्वतंत्रता सेनानियों के विषय में पढ़कर उनमें से 10 महिला एवं 10 पुरुष स्वतंत्रता सेनानियों के चित्रों का संग्रह करके एक संग्रहिका तैयार कीजिए। चित्रों के नीचे उनके विशेष योगदान के बारे में एक-दो वाक्य भी लिखिए। अपनी संग्रहिका तैयार करते समय ध्यान रखिए कि आप किसी भी राज्य से एक से अधिक व्यक्ति न चुने।
उत्तर: संग्रहिका (10 महिला और 10 पुरुष स्वतंत्रता सेनानी): मैंने हर राज्य से एक-एक स्वतंत्रता सेनानी चुना और उनके चित्र इकट्ठे किए। नीचे उनके नाम और योगदान लिखे हैं (चित्र आप खुद खींच या प्रिंट कर सकते हैं):
महिला स्वतंत्रता सेनानी:
आपने जो पाठ पढ़ा है उसमें सुभाषचंद्र बोस तरुणों से अपने सपनों की बात करते हैं। अब आप नेताजी सुभाषचंद्र बोस द्वारा लिखित पत्र पढ़िए जिसमें उन्होंने गृह एवं कुटीर उद्योग पर अपने विचार व्यक्त किए हैं-उत्तर: विद्यार्थी स्वयं पढ़ने का प्रयास करें।
उपर्युक्त पत्र में नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने गृह एवं कुटीर उद्योग की बात की है। यह पत्र देश की स्वतंत्रता से पहले लिखा गया था। अपने आस-पास के गृह एवं कुटीर उद्योगों के विषय में अपने साथियों के साथ चर्चा कीजिए।
उत्तर: सुभाषचंद्र बोस ने अपने पत्र में गृह और कुटीर उद्योगों की बात की है, जो देश की आजादी से पहले लिखा गया था। ये उद्योग घर पर या छोटे स्तर पर चलने वाले काम हैं, जैसे हस्तकला, सिलाई या खाने की चीजें बनाना। मैंने अपने साथियों के साथ इस पर चर्चा की। यहाँ एक आसान उदाहरण है जो हमने बात की:
हमने चर्चा से सीखा कि ये उद्योग देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करते हैं और गांवों में रोजगार बढ़ाते हैं। अगर आप भी चर्चा करें, तो अपने आसपास के उदाहरण बताएं!
नीचे दी गई इंटरनेट कड़ी का प्रयोग करके आप सुभाषचंद्र बोस पर आधारित फिल्म देख सकते हैं।
https://www.youtube.com/watch?v=u_zmDD54dU4
उत्तर: सुभाषचंद्र बोस पर आधारित फिल्म
इंटरनेट लिंक से फिल्म का नाम लाइफ ऑफ सुभाषचंद्र बोस है। यह NFAI कलेक्शन की एक फिल्म है, जिसमें नेताजी की असली जिंदगी के फुटेज हैं। फिल्म में दिखाया गया है:
यह फिल्म बोस की देशभक्ति और आजादी की लड़ाई को दिखाती है। आप इसे देखकर और प्रेरित हो सकते हैं!
'आजाद हिंद फौज' के विषय में जानकारी
मैंने इंटरनेट से जानकारी जुटाई और अब कक्षा में प्रस्तुत कर रहा हूँ। आजाद हिंद फौज (इंडियन नेशनल आर्मी - INA) भारत की आजादी की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कक्षा में प्रस्तुति: "नमस्ते दोस्तों! आज मैं आजाद हिंद फौज के बारे में बताता हूँ। नेताजी बोस ने इसे बनाया और ब्रिटिश से लड़ाई की। यह फौज भारत की आजादी के लिए प्रेरणा बनी। जय हिंद!"
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1. "तरुण के स्वप्न" पाठ का मुख्य विषय क्या है? | ![]() |
2. इस पाठ में तरुण के सपनों का क्या महत्व है? | ![]() |
3. पाठ में तरुण को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है? | ![]() |
4. "तरुण के स्वप्न" पाठ से हमें क्या सीख मिलती है? | ![]() |
5. क्या पाठ में कोई विशेष संदेश है जो युवाओं के लिए है? | ![]() |