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1. आपका प्रिय खेल कौन-सा है? आप उसे कैसे खेलते हैं?
उत्तर: मेरा प्रिय खेल क्रिकेट है। इसे खेलने के लिए दो टीमें बनती हैं। एक टीम बल्लेबाजी करती है और दूसरी गेंदबाजी। बल्लेबाज गेंद को मारता है और रन बनाता है। गेंदबाज और फील्डर उसे आउट करने की कोशिश करते हैं। जो टीम ज्यादा रन बनाती है, वह जीतती है। मुझे यह खेल इसलिए पसंद है क्योंकि यह बहुत मजेदार है और दोस्तों के साथ खेलने में बहुत आनंद आता है।
2. क्या आपने कभी किसी समस्या का समाधान किया है? अपना अनुभव साझा कीजिए।
उत्तर: हाँ, एक बार मेरे दो दोस्तों के बीच झगड़ा हो गया था क्योंकि दोनों एक ही खिलौने से खेलना चाहते थे। मैंने उनसे बात की और कहा कि वे बारी-बारी से उस खिलौने से खेलें। दोनों मान गए और फिर खुशी-खुशी खेले। इससे उनकी दोस्ती भी बनी रही।
3. यदि आप राजा के स्थान पर होते और आपको लड़के के बारे में पता चलता तो आप क्या करते?
उत्तर: अगर मैं राजा होता, तो मैं पहले लड़के से मिलता और उससे सीखता कि सच्चा न्याय कैसे किया जाता। मैं उसे बुलाकर अपने दरबार में काम करने का मौका देता और उससे सीखता कि सच्चा न्याय कैसे करते हैं। मैं उसका सम्मान करता, न कि उससे जलन करता।
4. लड़के के अंदर ऐसे कौन-कौन से गुण होंगे जिनके कारण वह सिंहासन पर बैठ पा रहा था?
उत्तर: लड़के के अंदर ये अच्छे गुण होंगे:
नीचे दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर के आगे तारे का चिह्न बनाइए। एक से अधिक विकल्प भी सही हो सकते हैं -
उत्तर:
1. सभी लड़के सिंहासन पर बैठ पा रहे थे लेकिन राजा नहीं बैठ पाया। ऐसा क्यों?
उत्तर: सभी लड़के सिंहासन पर बैठ पा रहे थे क्योंकि उनका मन साफ, भोला और ईमानदार था। उन्होंने कभी चोरी, झूठ या किसी को चोट नहीं पहुँचाई थी। लेकिन राजा ने चोरी की थी, झूठ बोला था और दूसरों को चोट पहुँचाई थी। इसलिए सिंहासन की मूर्तियों ने उसे बैठने से रोका, क्योंकि वह इसके योग्य नहीं था।
2. क्या राजा को प्रायश्चित करने के बाद सिंहासन पर बैठने का अधिकार मिलना चाहिए था? अपने उत्तर का कारण भी बताइए।
उत्तर: नहीं, राजा को प्रायश्चित करने के बाद भी सिंहासन पर बैठने का अधिकार नहीं मिलना चाहिए था। कारण यह है कि राजा ने प्रायश्चित तो किया, लेकिन उसका मन पूरी तरह साफ नहीं हुआ। अंत में उसने घमंड से सोचा कि वह लड़कों से बेहतर है और सिंहासन पर बैठने का हकदार है। यह दिखाता है कि उसमें विनम्रता और सच्ची समझ की कमी थी।
3. दोनों किसानों ने अपने झगड़े के निपटारे के लिए राजा के दरबार में जाने के बजाय लड़के के पास जाने का फैसला क्यों किया?
उत्तर: दोनों किसानों ने लड़के के पास जाने का फैसला किया क्योंकि पूरे नगर में उस लड़के की न्याय-बुद्धि की तारीफ हो रही थी। लोग कहते थे कि उसके फैसले सही और निष्पक्ष होते हैं। इसलिए किसानों को उस पर भरोसा था कि वह उनके झगड़े का सही समाधान करेगा।
4. चौथी मूर्ति सिंहासन के साथ आकाश में क्यों उड़ गई?
उत्तर: चौथी मूर्ति सिंहासन के साथ आकाश में उड़ गई क्योंकि राजा ने घमंड में सोचा कि वह लड़कों से बेहतर है और सिंहासन पर बैठने का हकदार है। मूर्ति ने देखा कि राजा का मन अभी भी पूरी तरह साफ और ईमानदार नहीं हुआ। इसलिए उसने सिंहासन को लेकर उड़ान भर दी, ताकि वह गलत इंसान के हाथ न लगे।
5. इस कहानी को एक नया शीर्षक दीजिए और बताइए कि आपने यह शीर्षक क्यों चुना?
उत्तर: नया शीर्षक: "सच्चाई की कुर्सी"
कारण: मैंने यह शीर्षक चुना क्योंकि यह कहानी बताती है कि सिंहासन केवल सच्चे, ईमानदार और साफ मन वाले इंसान को ही स्वीकार करता है। यह कुर्सी सिर्फ न्याय ही नहीं, बल्कि सच्चाई और अच्छाई की भी प्रतीक है।
1. कहानी में सिंहासन की मूर्तियाँ उड़कर किसी और जगह चली जाती हैं। वे कहाँ जाती होंगी और वहाँ क्या करती होंगी?
उत्तर: मूर्तियाँ शायद किसी ऐसी जगह चली जाती होंगी जहाँ सच्चे और ईमानदार लोग रहते हों, जैसे कोई पवित्र जंगल या पहाड़ों पर बनी गुप्त गुफा। वहाँ वे सिंहासन की रक्षा करती होंगी और उसकी चमत्कारी शक्ति को सुरक्षित रखती होंगी। हो सकता है कि वे उन लोगों की तलाश करती हों जो सच्चे मन से न्याय कर सकें, और उन्हें सिखाती हों कि सही और गलत का फैसला कैसे करना है।
2. यदि इस कहानी के अंत में राजा सिंहासन पर बैठने में सफल हो जाता तो क्या होता?
उत्तर: अगर राजा सिंहासन पर बैठने में सफल हो जाता, तो शायद वह और बेहतर राजा बन जाता। वह अपने पुराने गलत कामों, जैसे चोरी, झूठ और दूसरों को चोट पहुँचाने, को सुधारता। वह सच्चाई और ईमानदारी से अपनी प्रजा के लिए न्याय करता। लोग उसका और भी सम्मान करने लगते, और नगर में खुशहाली बढ़ जाती। लेकिन यह तभी हो सकता था, अगर उसका मन पूरी तरह साफ और घमंड से मुक्त हो जाता।
नीचे दी गई पंक्तियों को ध्यान से पढ़िए -
अब नीचे दिए गए वाक्यों में उचित स्थानों पर विराम चिह्न लगाइए -
(क) चौथी मूर्ति ने कहा ठहरो जो लड़के इस सिंहासन पर बैठते थे वे भोले भाले थे उनके मन में कलुष नहीं था अगर तुमको विश्वास है कि तुम इस योग्य हो तो इस सिंहासन पर बैठ सकते हो
उत्तर: सही वाक्य: चौथी मूर्ति ने कहा, "ठहरो! जो लड़के इस सिंहासन पर बैठते थे, वे भोले-भाले थे। उनके मन में कलुष नहीं था। अगर तुमको विश्वास है कि तुम इस योग्य हो, तो इस सिंहासन पर बैठ सकते हो।"
विवरण:
(ख) राजा बड़ी देर तक सोचता रहा फिर उसने मन ही मन कहा अगर एक लड़का इस पर बैठ सकता है तो भला मैं क्यों नहीं बैठ सकता हूँ मैं राजा हूँ मुझसे ज्यादा धनवान बलवान और बुद्धिमान भला और कौन होगा मैं अवश्य इस सिंहासन पर बैठने योग्य हूँ
उत्तर: सही वाक्य: राजा बड़ी देर तक सोचता रहा। फिर उसने मन ही मन कहा, "अगर एक लड़का इस पर बैठ सकता है, तो भला मैं क्यों नहीं बैठ सकता हूँ? मैं राजा हूँ। मुझसे ज्यादा धनवान, बलवान और बुद्धिमान भला और कौन होगा? मैं अवश्य इस सिंहासन पर बैठने योग्य हूँ।"
विवरण:
2. "तीसरी मूर्ति भी उड़ गई।" इस वाक्य के आधार पर प्रश्नों के उत्तर लिखिए -
उत्तर:
3. कहानी में से चुनकर कुछ वाक्य नीचे दिए गए हैं। इनमें विशेषण शब्द पहचानकर उनके नीचे रेखा खींचिए -
(क) एक दिन लड़कों का एक झुंड वहाँ खेल रहा था।
(ख) उज्जैन की प्राचीन और ऐतिहासिक नगरी के बाहर एक लंबा-चौड़ा मैदान था।
(ग) इतनी छोटी उम्र में इतनी बुद्धि का होना आश्चर्य की बात है।
(घ) राजा ने देखा कि वह पत्थर नहीं, बहुत ही सुंदर सिंहासन था।
(ङ) बात ही बात में वहाँ अच्छी खासी भीड़ जमा हो गई।
उत्तर: (क) एक दिन लड़कों का एक झुंड वहाँ खेल रहा था।
(ख) उज्जैन की प्राचीन और ऐतिहासिक नगरी के बाहर एक लंबा-चौड़ा मैदान था।
(ग) इतनी छोटी उम्र में इतनी बुद्धि का होना आश्चर्य की बात है।
(घ) राजा ने देखा कि वह पत्थर नहीं, बहुत ही सुंदर सिंहासन था।
(ङ) बात ही बात में वहाँ अच्छी खासी भीड़ जमा हो गई।
4. आपमें कौन-कौन सी विशेषताएँ होनी चाहिए जिससे आप कहानी के सिंहासन पर बैठ सकें? लिखिए -
उत्तर:
1. कहानी में गाँव वाले न्याय करवाने या झगड़े सुलझाने बच्चों के पास जाया करते थे। आप अपनी समस्याओं को सुलझाने के लिए किन-किनके पास जाते हैं? आप उन्हीं के पास क्यों जाते हैं?
उत्तर: मैं अपनी समस्याएँ सुलझाने के लिए अपने माता-पिता, शिक्षक या बड़े भाई-बहन के पास जाता हूँ। अगर स्कूल में कोई परेशानी हो, जैसे दोस्तों के बीच झगड़ा, तो मैं अपने शिक्षक से बात करता हूँ। अगर घर में कोई छोटी-मोटी समस्या हो, जैसे होमवर्क में मदद चाहिए, तो मैं अपने माता-पिता या भाई-बहन से पूछता हूँ।
क्यों: मैं उनके पास इसलिए जाता हूँ क्योंकि वे समझदार हैं, मुझे सही सलाह देते हैं और मेरी मदद करते हैं। वे मेरे साथ ईमानदारी और प्यार से पेश आते हैं, जिससे मुझे भरोसा होता है कि मेरी समस्या का सही समाधान मिलेगा।
2. क्या कभी ऐसा हुआ है कि किसी ने आपके साथ अन्याय किया हो? आपने उस स्थिति का सामना कैसे किया?
उत्तर: हाँ, एक बार मेरे साथ ऐसा हुआ जब एक सहपाठी ने मुझ पर झूठा आरोप लगाया कि मैंने उसकी किताब चुरा ली है। मुझे बहुत बुरा लगा, लेकिन मैंने धैर्य नहीं खोया। मैंने शांति से अपने शिक्षक को सारी सच्चाई बताई। जब शिक्षक ने सभी से बात की, तो पता चला कि वह किताब उसी सहपाठी के बैग में थी। उस दिन मुझे समझ आया कि सच्चाई और धैर्य से ही किसी भी अन्याय का सामना किया जा सकता है।
आपने जो कहानी पढ़ी, वह हमारे देश की सैकड़ों वर्ष पुरानी एक पुस्तक पर आधारित है। उस पुस्तक का नाम है सिंहासन बत्तीसी।
इस पुस्तक में राजा भोज को भूमि में गड़ा राजा विक्रमादित्य का सिंहासन मिलता है जिसमें बत्तीस मूर्तियाँ जड़ी होती हैं। प्रत्येक मूर्ति राजा भोज को राजा विक्रमादित्य की एक कहानी सुनाती है। इस पुस्तक की प्रत्येक कहानी बहुत रोचक है।
उत्तर: विद्यार्थी यह कार्य स्वयं करें और पुस्तकालय से पुस्तकें ढूँढ़कर पढ़ें। अपनी पसंदीदा कहानी कक्षा में ज़रूर सुनाएँ।
"राजा ने आज्ञा दी कि सिंहासन को ले जाकर राजदरबार में रख दिया जाए।"
सिंहासन एक विशेष प्रकार की भव्य कुर्सी हुआ करती थी जिस पर राजा-महाराजा बैठा करते थे। आज भी हम बैठने के लिए अनेक प्रकार की वस्तुओं का उपयोग करते हैं। इनमें से कुछ वस्तुओं के चित्र दिए गए हैं। इनका वर्णन कीजिए और यह भी लिखिए कि आपकी भाषा में इन्हें क्या कहते हैं।
उत्तर:
Tip: "आपकी भाषा में नाम" कॉलम में आप अपनी क्षेत्रीय भाषा जैसे भोजपुरी, अवधी, मैथिली, पंजाबी, तमिल आदि में जो बोला जाता है, वह लिख सकते हैं।
नीचे दी गई पहेलियों के जवाब दिए गए हैं। ये पहेलियाँ भारत की अलग-अलग भाषाओं से हैं और बहुत रोचक हैं। प्रत्येक पहेली को ध्यान से पढ़कर उसका जवाब समझाया गया है।
गोंड पहेली
न तो खाय न तो पीवैह,
संग मा रेंगत है।
(न खाती है, न पीती है,
संग-संग चलती है)
उत्तर: छाया
मालबी पहेली
एक जानवर ऐसो,
जिकी दूम पे पैसो।
(एक जानवर ऐसा,
जिसकी दुम पर पैसा)
उत्तर: मोर
निमाड़ी पहेली
हरो माथणो, लाल पेट,
रस पी लेव भर-भर पेट।
(हरे मटके का लाल पेट,
रस पी लो भर-भर पेट)
उत्तर: तरबूज
बुंदेली पहेली
एक लकड़ी की ऐसी कहानी,
ऊमें लुको है मीठो पानी।
(एक लकड़ी की ऐसी कहानी,
उसमें छिपा है मीठा पानी)
उत्तर: गन्ना
बघेली पहेली
एक दिया
सबतर उंजियार।
(एक दीपक से
चारों ओर उजियारा)
उत्तर: सूरज
उत्तर: समस्या 1: दो बच्चों के बीच एक किताब को लेकर झगड़ा।
समस्या 2: किसी ने दूसरों के लंच बॉक्स से खाना चुरा लिया।
उत्तर: समूह 1: किताब के झगड़े का नाटक करेगा।
समूह 2: लंच बॉक्स चोरी की समस्या का नाटक करेगा।
उत्तर: समूह 1: वे सोचेंगे कि किताब को बारी-बारी से कैसे बाँटें और झगड़ा कैसे सुलझे।
समूह 2: वे सोचेंगे कि चोर को कैसे पकड़ें और उसे सही सलाह कैसे दें।
उत्तर: समूह 1: एक नाटक करेगा जिसमें दो बच्चे किताब के लिए लड़ते हैं, फिर एक समझदार दोस्त आकर बारी-बारी से पढ़ने का फैसला सुनाएगा।
समूह 2: एक नाटक करेगा जिसमें चोर पकड़ा जाता है, और सभी मिलकर उसे माफी माँगने और भविष्य में ऐसा न करने की सलाह देंगे।
उत्तर: दर्शक समूह अपनी राय देगा कि नाटक कैसे था और समस्या का समाधान सही था या नहीं।
उत्तर:
शिक्षण-संकेत: शिक्षक बच्चों को समस्याओं का चुनाव करने, संवाद लिखने, नाटक करने और समूह बनाने में मदद करें। यह भी ध्यान रखें कि हर बच्चा इस गतिविधि में हिस्सा ले सके।
अतिरिक्त सुझाव:
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1. "न्याय की कुर्सी" पाठ का मुख्य उद्देश्य क्या है? | ![]() |
2. पाठ में किस तरह के उदाहरण दिए गए हैं जिससे बच्चों को न्याय का महत्व समझ में आए? | ![]() |
3. "न्याय की कुर्सी" पाठ में वर्णित न्याय के सिद्धांत क्या हैं? | ![]() |
4. इस पाठ से बच्चों को क्या नैतिक शिक्षा मिलती है? | ![]() |
5. क्या "न्याय की कुर्सी" पाठ में समाज के विभिन्न वर्गों का उल्लेख किया गया है? | ![]() |