Table of contents |
|
बातचीत के लिए |
|
सोचिए और लिखिए |
|
अनुमान और कल्पना |
|
भाषा की बात |
|
पाठ से आगे |
|
पुस्तकालय एवं अन्य स्रोत |
|
मैं भी सिद्धार्थ |
|
मेरा पक्षी |
|
1. जब शाम होती है तो आपको प्रकृति में क्या-क्या परिवर्तन दिखाई देते हैं ?
उत्तर: जब शाम होती है तो प्रकृति में अनेक परिवर्तन दिखाई देते हैं, जैसे: धूप कम हो जाती है, छाया बढ़ जाती है, ठंडी हवा चलने लगती है, वातावरण शांत हो जाता है, पक्षी अपने घोंसलों में लौटने लगते हैं।
2. क्या आपने कभी किसी पशु-पक्षी को बचाया है? उनसे जुड़ा कोई अनुभव साझा कीजिए ।
उत्तर: हाँ, एक बार मैंने एक घायल गौरैया को बचाया था। वह मेरे घर के पास गिरी थी। मैंने उसे उठाया, पानी पिलाया और एक डिब्बे में रखकर उसकी देखभाल की। कुछ दिन बाद वह ठीक होकर उड़ गई। मुझे बहुत खुशी हुई।
3. यदि आप मंत्री के स्थान पर होते तो न्याय कैसे करते ?
उत्तर: यदि मैं मंत्री के स्थान पर होता, तो सबसे पहले दोनों का पक्ष सुनता तथा इस बात पर निर्णय लेता कि मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है। सिद्धार्थ ने निर्दोष हंस के प्राणों की रक्षा की थी, इसलिए मैं हंस उसे दे देता।
4. इस नाटक में सभी पात्र पुरुष हैं। यदि किन्हीं दो पात्रों को महिला पात्र के रूप में प्रस्तुत करना हो तो आप किन्हें बदलकर प्रस्तुत करना चाहेंगे और क्यों ?
उत्तर: मैं सखा और प्रतिहारी को महिला पात्र के रूप में प्रस्तुत करना चाहूँगा। सखा को इसलिए क्योंकि वह सिद्धार्थ का बहुत अच्छा दोस्त है और दयालु है, जो एक महिला पात्र के रूप में भी अच्छा लगेगा। प्रतिहारी को इसलिए क्योंकि वह महाराज की मदद करती है और यह भूमिका एक महिला भी बखूबी निभा सकती है।
1. हंस को घायल देखकर सिद्धार्थ ने क्या किया?
उत्तर: हंस को घायल देखकर सिद्धार्थ ने उसे अपनी गोद में लिया, उसके शरीर से तीर निकाला और स्नेह से उसकी देखभाल की। उन्होंने अपने सखा को राजवैद्य से मरहम लाने को भी कहा।
2. अंततः हंस सिद्धार्थ को ही क्यों मिला?
उत्तर: अंततः हंस सिद्धार्थ को इसलिए मिला क्योंकि उसने घायल हंस पर दया और करुणा दिखाकर उसकी देखभाल की तथा उसके प्राणों की रक्षा की। ‘मारने वाले से बड़ा बचाने वाला होता है’ यह कथन सिद्धार्थ की हंस के प्रति सहृदयता को दर्शाता है। उसकी दयालुता के कारण ही हंस बच गया था। अतः सत्य और न्याय के कारण हंस सिद्धार्थ को मिला।
3. कहानी को अपने ढंग से प्रवाह चार्ट के रूप में लिखिए-उत्तर:
1. जिस समय आकाश में हंस को तीर लगा उस समय उसके अन्य साथियों ने आपस में क्या बातें की होंगी?
उत्तर: जिस समय आकाश में हंस को तीर लगा उस समय उसके अन्य साथी आपस में इस प्रकार की बातें कर रहे होंगे -
2. हंस देवदत्त के पास उड़कर क्यों नहीं गया?
उत्तर: हंस देवदत्त के पास इसलिए नहीं गया क्योंकि देवदत्त ने उसे तीर मारकर घायल किया था। हंस उससे डर गया था और उसे सिद्धार्थ पर भरोसा था, क्योंकि सिद्धार्थ ने उसकी जान बचाई थी।
3. राजा शुद्धोदन ने निर्णय के बाद सिद्धार्थ से क्या कहा होगा ?
उत्तर: राजा शुद्धोदन ने शायद सिद्धार्थ से कहा होगा, "सिद्धार्थ, मुझे तुम पर गर्व है। तुमने दया और करुणा से हंस की जान बचाई। तुमने सही न्याय दिखाया।"
4. एक रात सिद्धार्थ मीठी नींद सो रहे हैं। उनके सपने में हंस आता है और सिद्धार्थ के साथ न्याय वाले दिन का अपना अनुभव सुनाता है। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि हंस ने सिद्धार्थ से क्या-क्या बातें की होंगी?उत्तर:
1. पाठ में हंस और हँस शब्द आए हैं। हंस में अनुस्वार का प्रयोग हुआ है और हँस में चंद्रबिंदु
का प्रयोग हुआ है। अब आप इस पाठ में आए अनुस्वार एवं चंद्रबिंदु वाले शब्दों को खोजिए और अपनी लेखन – पुस्तिका में लिखिए। उनका वाक्यों में भी प्रयोग कीजिए ।
उत्तर:
अनुस्वार वाले शब्द: हंस, संध्या, संन्यासी, मंत्र
वाक्य:
चंद्रबिंदु वाले शब्द: हँस, हँसकर
वाक्य:
2. रेखांकित शब्दों के विपरीत अर्थ वाले शब्दों से रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
उत्तर:
3. नीचे दिए गए चित्रों और शब्दों को जोड़कर मुहावरे / लोकोक्ति बनाइए । अपनी रुचि के किन्हीं पाँच मुहावरों और लोकोक्तियों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
उत्तर: मुहावरे/लोकोक्तियाँ:
(क) मगरमच्छ के आँसू बहाना।
(ख) आँख मिचौनी खेलना।
(ग) एक और एक ग्यारह।
(घ) अक्ल बड़ी या भैंस।
(ङ) बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद !
(च) नौ-दो ग्यारह होना।
(छ) लाल-पीला होना।
(ज) दाँतों तले उँगली दबाना।
(झ) पेट में चूहे दौड़ना।
(ञ) सूरज को दीया दिखाना।
पाँच मुहावरों और लोकोक्तियों का वाक्यों में प्रयोग:
1. ‘हंस वाली घटना के बाद सिद्धार्थ, देवदत्त को एक संदेश देना चाहते हैं। आपके अनुसार सिद्धार्थ ने देवदत्त को क्या संदेश लिखकर भेजा होगा-
उत्तर:
2. बगीचे में सुंदर-सुंदर गुलाब के फूल लगे हैं। प्रमोद को ये फूल बहुत सुंदर लगते हैं। वह उन फूलों को तोड़कर अपने पास रख लेता है। करुणा को भी फूल बहुत पसंद हैं। वह प्रतिदिन फूलों को खाद-पानी देकर उनकी देखभाल करने का निर्णय लेती है। आप इन फूलों से अपना प्रेम कैसे दर्शाएँगे एवं क्यों? अपनी कक्षा के साथियों के साथ चर्चा कर अपनी लेखन – पुस्तिका में लिखिए।
उत्तर: मैं करुणा की तरह फूलों की देखभाल करूँगा। मैं उन्हें रोज पानी दूँगा, खाद डालूँगा और उनकी रक्षा करूँगा। फूलों को तोड़ने से वे मुरझा जाते हैं, लेकिन उनकी देखभाल करने से वे लंबे समय तक सुंदर रहते हैं। इससे प्रकृति भी खुश रहती है और बगीचा सुंदर दिखता है।
3. कुछ पक्षियों की संख्या निरंतर कम होती जा रही है। कई पक्षी तो ऐसे हैं जो विलुप्त होने की स्थिति में आ गए हैं, उदाहरण के लिए गौरैया। चित्रों के माध्यम से नीचे कुछ ऐसे संकेत दिए गए हैं जो पक्षियों की दिन-प्रतिदिन कम होती संख्या के लिए उत्तरदायी हैं। चित्रों को देखकर अपने सहपाठियों के साथ इन कारणों पर चर्चा कीजिए। यह भी पता लगाइए कि पक्षियों के बचाव और उनकी संख्या में वृद्धि के लिए कैसे योगदान दे सकते हैं।उत्तर:
कारण:
पक्षियों के बचाव और उनकी संख्या में वृद्धि के लिए हम निम्न प्रकार से योगदान दे सकते हैं:
1. अपने सहपाठियों के साथ पुस्तकालय में जाइए और गौतम बुद्ध से संबंधित जातक कथाओं को पढ़िए।
उत्तर: हम पुस्तकालय में गए और गौतम बुद्ध की जातक कथाएँ पढ़ीं। इन कथाओं में बुद्ध के पिछले जन्मों की कहानियाँ हैं, जो दया, करुणा और नैतिकता सिखाती हैं। जैसे, एक कथा में बुद्ध एक हिरण के रूप में दूसरों की जान बचाते हैं।
2. राजा विक्रमादित्य भी अपने न्याय के लिए प्रसिद्ध थे। राजा विक्रमादित्य के न्याय से जुड़ी कथाओं को पुस्तकालय सहायक एवं सहपाठियों की सहायता से ढूंढ़िए और उन्हें पढ़कर आपस में इन कथाओं पर बातचीत कीजिए।
उत्तर: हमने पुस्तकालय में विक्रमादित्य की कहानियाँ पढ़ीं। एक कहानी में उन्होंने एक गरीब और अमीर के बीच सही फैसला किया, जिससे दोनों को न्याय मिला। हमने कक्षा में चर्चा की कि उनका न्याय निष्पक्ष और बुद्धिमानी भरा था।
3. आपके घर अथवा आसपास ऐसे कौन-से व्यक्ति हैं जिनके पास लोग अपनी समस्याओं को सुलझाने हेतु सहायता के लिए जाते हैं? उनके बारे में अभिभावकों से पूछिए और कक्षा में साझा कीजिए।
उत्तर: मेरे गाँव में एक बुजुर्ग दादाजी हैं, जिनके पास लोग अपनी समस्याएँ लेकर जाते हैं। वे शांत मन से सबकी बात सुनते हैं और सही सलाह देते हैं। लोग उनकी बुद्धिमानी और दयालुता के कारण उन पर भरोसा करते हैं।
1. नीचे कुछ चित्र दिए गए हैं जो सहायता, समझदारी और करुणा से संबंधित हैं। कक्षा में अपने समूह में इन पर संवाद कीजिए एवं किसी एक चित्र पर कुछ पंक्तियाँ भी लिखिए।
उत्तर: चित्र 1 में गर्मियों में घर की छत की मुँडेर पर पक्षियों के लिए एक पात्र में पानी भरकर रखा है। ऐसा करने से पक्षियों को पीने के लिए पानी मिल जाता है, जिससे उसकी जान बचती है। तेज गरमी में जब नदियों, तालाबों और गड्ढों में पानी सूख जाता है तब पक्षियों के पास पानी की कमी हो जाती है, वे प्यास से तड़पते हैं, यहाँ तक कि मर भी जाते हैं। ऐसे में पक्षियों के लिए पानी भरकर रखना एक छोटा लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण और करुणामय कार्य है। यह कार्य हमें संवेदनशील और ज़िम्मेदार बनाता है।
2. नाटक के प्रथम दृश्य में सिद्धार्थ और उनका सखा राज उद्यान के सौंदर्य का देख-सुनकर आनंद ले रहे हैं। यदि उनका कोई सखा देखने-सुनने में असमर्थ होता तो सिद्धार्थ उसे इस आनंद का अनुभव कैसे करवाते? कक्षा में चर्चा कीजिए।
उत्तर: सिद्धार्थ अपने सखा को उद्यान का अनुभव करवाने के लिए उसे फूलों की खुशबू सूँघने को कहते। वे हवा की ठंडक और पक्षियों की आवाज़ का वर्णन करते। शायद वे सखा का हाथ पकड़कर उसे पेड़ों और फूलों को छूने देते ताकि वह प्रकृति को महसूस कर सके।
अपने अभिभावक और शिक्षक की सहायता से निम्न चित्रों को देखते हुए अपने लिए कागज का एक पक्षी बनाइए-
उत्तर:
5 videos|109 docs|12 tests
|
1. "न्याय" पाठ में न्याय का क्या अर्थ है? | ![]() |
2. "मैं भी सिद्धार्थ" पाठ में सिद्धार्थ की कहानी का मुख्य संदेश क्या है? | ![]() |
3. पुस्तकालय का महत्व क्या है, विशेषकर विद्यार्थियों के लिए? | ![]() |
4. "भाषा की बात" पाठ में भाषा का विकास कैसे होता है? | ![]() |
5. "अनुमान और कल्पना" पाठ में कल्पना का महत्व क्या है? | ![]() |