पाठ 15 - नीलकंठ, हिंदी, कक्षा - 7
(NCERT Solutions Chapter 15 - Neelkanth, Class 7, Hindi Vasant II)
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न - अभ्यास
प्रश्न 1: मोर-मोरनी के नाम किस आधार पर रखे गए ?
उत्तर: नीलाभ ग्रीवा अर्थात नीली गर्दन के कारण मोर का नाम रखा गया नीलकंठ व मोरनी सदा उसकी छाया के समान उसके साथ-साथ रहती इसलिए उसका नाम राधा रखा गया |
प्रश्न 2: जाली के बड़े घर में पहुँचने पर मोर के बच्चों का किस प्रकार स्वागत हुआ ?
उत्तर: मोर और मोरनी को जब जाली के बड़े घर में पहुँचाया गया तो दोनों का स्वागत ऐसे किया गया जैसे नववधू के आगमन पर किया जाता है | लक्का कबूतर नाचना छोड़ उनके चारों ओर घूम-घूम कर गुटरगूं- गुटरगूं करने लगा, बड़े खरगोश गंभीर रूप से उनका निरीक्षण करने लगे, छोटे खरगोश उनके चारों ओर उछलकूद मचाने लगे, तोते एक आँख बंद करके उनका परीक्षण करने लगे |
प्रश्न 3: लेखिका को नीलकंठ की कौन-कौन सी चेष्टाएँ बहुत भाती थीं ?
उत्तर: नीलकंठ देखने में बहुत सुंदर था वैसे तो उसकी हर चेष्टा ही अपने आप में आकर्षक थी लेकिन लेखिका को निम्न चेष्टाएँ अत्यधिक भाती थीं :-
प्रश्न 4: "इस आनंदोंत्सव की रागिनी में बेमेल स्वर कैसे बज उठा" - वाक्य किस घटना की ओर संकेत कर रहा है ?
उत्तर: "इस आनंदोंत्सव की रागिनी में बेमेल स्वर कैसे बज उठा" - यह इस घटना की ओर संकेत करता है कि नीलकंठ और राधा सदा साथ - साथ रहते थे | घर के सभी जीव-जंतुओं का भी आपस में अनन्य प्रेम था | एक दिन महादेवी वर्मा "नखासकोने" से निकली तो चिड़िया बेचने वाले बड़े मियाँ ने उन्हें एक मोरनी के बारे में बताया जिसका पाँव घायल था | लेखिका उसे सात रूपये में खरीदकर घर ले आयीं और उसकी देख-भाल की | वह कुछ ही दिनों में स्वस्थ हो गयी | उसका नाम कुब्जा रखा गया | वह स्वभाव से मेल-मिलाप वाली न थी | वह नीलकंठ और राधा को साथ-साथ न देख पाती थी | जब भी उन्हें साथ देखती तो राधा को नोंच डालती | वह स्वयं नीलकंठ के साथ रहना चाहती थी | एक बार उसने राधा के अंडे भी तोड़ डाले |
इसी कोलाहल व राधा की दूरी ने नीलकंठ को अप्रसन्न कर दिया जो उसकी मृत्यु का कारण बना |
प्रश्न 5: वसंत ऋतु में नीलकंठ के लिए जालीघर में बंद रहना असहनीय क्यों हो जाता था ?
उत्तर: नीलकंठ को फलों के वृक्षों से भी अधिक पुष्पित व पल्लवित (सुगन्धित व खिले पत्तों वाले )वृक्ष भाते थे| इसीलिये जब वसंत में आम के वृक्ष मंजरियों से लदे जाते और अशोक लाल पत्तों से ढक जाता तो नीलकंठ के लिए जालीघर में रहना असहनीय हो जाता तो उसे छोड़ देना पढ़ता |
प्रश्न 6:जालीघर में रहनेवाले सभी जीव एक-दूसरे के मित्र बन गए थे , पर कुब्जा के साथ ऐसा संभव क्यों नहीं हो पाया ?
उत्तर : जालीघर में रहने वाले सभी जीव एक-दूसरे के मित्र थे | कबूतर,खरगोश,तोते ,मोर ,मोरनी सभी मिल-जुलकर रहते थे |लेकिन कुब्जा का स्वभाव मेल-मिलाप का नहीं था | वह हरदम सबसे झगड़ा करती थी और अपनी चोंच से नोंच डालती थी | यहीं कारण था कि वह किसी की मित्र न बन सकी |
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प्रश्न 7. नीलकंठ ने खरगोश के बच्चे को साँप से किस तरह बचाया? इस घटना के आधार पर नीलकंठ के स्वभाव की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर : एक बार एक साँप पशुओं के जाली के भीतर पहुँच गया। सब जीव-जंतु इधर-उधर भागकर छिप गए, केवल एक शिशु खरगोश साँप की पकड़ में आ गया। निगलने के प्रयास में साँप ने उसका आधा पिछला शरीर मुँह में दबा लिया। नन्हा खरगोश धीरे-धीरे चीं-चीं कर रहा था परन्तु आवाज़ इतना तीव्र नही था की किसी को स्पष्ट सुनाई दे। सोये हुए नीलकंठ ने जब यह मंद स्वर सुना तो वह झट से अपने पंखों को समेटता हुआ झूले से नीचे आ गया। उसने सावधानी से साँप के फन के पास पंजों से दबाया और फिर अपनी चोंच से इतने प्रहार उस पर किए कि वह अधमरा हो गया और फन की पकड़ ढीली होते ही खरगोश का बच्चा मुख से निकल आया। इस प्रकार नीलकंठ ने खरगोश के बच्चे को साँप से बचाया।
इस घटना के आधार पर नीलकंठ के स्वभाव की विशेषताओं निम्नलिखित हैं -
• सतर्कता - जालीघर के ऊँचे झूले पर सोते हुए भी उसे खरगोश की मंद पुकार सुनकर यह शक हो गया कोई प्राणी कष्ट में है और वह झट से झूले से नीचे उतरा।
• साहसी और वीर - अकेले ही उसने साँप से खरगोश के बच्चों को बचाया और साँप के दो खंड कर दिया जिससे उसके साहस और वीरता का पता चलता है।
• रक्षक - खरगोश को मौत के मुँह से बचाकर नीलकंठ ने यह सिद्ध कर दिया कि वह रक्षक है।
• दयालु - वह खरगोश के बच्चे को सारी रात अपने पंखों में छिपाकर ऊष्मा देता रहा जिससे उसके दयालु होने का पता चलता है।
भाषा की बात
प्रश्न 1. 'रूप' शब्द से 'कुरूप', 'स्वरूप', 'बहुरूप' आदि शब्द बनते हैं। इसी प्रकार नीचे लिखे शब्दों से अन्य शब्द बनाओ -
गंध, रंग, फल, ज्ञान
उत्तर : गंध - सुगंध, दुर्गन्ध, गंधक, गंधहीन।
रंग - बदरंग, बेरंग, रंगबिरंगा।
फल - सफल, निष्फल, असफल, विफल।
ज्ञान - विज्ञान, अज्ञान, सद्ज्ञान।
प्रश्न 2. नीचे दिए गए शब्दों के संधि विग्रह कीजिए
संधि | विग्रह |
नील + आभ = | सिंहासन = |
नव + आगंतुक = | मेघाच्छन्न = |
उत्तर :
संधि | विग्रह |
नील + आभ = नीलाभ | सिंहासन = सिंह + आसन |
नव + आगंतुक = नवागंतुक | मेघाच्छन्न = मेघ + आच्छन्न |
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1. What is the book 'नीलकंठ' about? |
2. Who is the author of the book 'नीलकंठ'? |
3. What is the target audience for the book 'नीलकंठ'? |
4. Is the book 'नीलकंठ' a part of a series? |
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