Class 9 Exam  >  Class 9 Notes  >  Hindi Class 9 (Kritika and Kshitij)  >  NCERT Solutions: रीढ़ की हड्डी

रीढ़ की हड्डी NCERT Solutions | Hindi Class 9 (Kritika and Kshitij) PDF Download

प्रश्न-अभ्यास

प्रश्न 1: रामस्वरूप और रामगोपाल प्रसाद बात-बात पर "एक हमारा जमाना था .... " कहकर अपने समय की तुलना वर्तमान समय से करते हैं । इस प्रकार की तुलना कहाँ तक तर्क संगत है ?
उत्तर: इस तरह की तुलना करना बिल्कुल तर्कसंगत नहीं होता। क्योंकि समय के साथ समाज में, जलवायु में, खान-पान में सब में परिवर्तन होता रहता है। जैसे - उस वक्त की वस्तुओं की गुणवत्ता हमें आज प्राप्त नहीं होती। उस समय का स्वच्छ वातावरण या जलवायु हमें आज प्राप्त नहीं होता, तो हम कैसे कल की तुलना आज से कर सकते हैं? समय परिवर्तनशील है वह सदैव एक सा नहीं रहता समय के साथ हुए बदलाव को स्वीकार करने में ही भलाई है न कि उसकी तुलना बीते हुए कल से करने में।

प्रश्न 2: रामस्वरूप का अपनी बेटी को उच्च शिक्षा दिलवाना और विवाह के लिए छिपाना, यह विरोधाभास उनकी किस विवशता को उजागर करता है?
उत्तर: रामस्वरूप का अपनी बेटी को उच्च शिक्षा दिलवाना और विवाह के लिए छिपाना, यह विरोधाभास उनकी इस विवशता को उजागर करता है कि आधुनिक समाज में सभ्य नागरिक होने के बावजूद उन्हें अपनी बेटी के भविष्य की खातिर रूढ़िवादी लोगों के दबाव में झुकाना पड़ रहा था।

प्रश्न 3: अपनी बेटी का रिश्ता तय करने के लिए रामस्वरूप उमा से जिस प्रकार के व्यवहार की अपेक्षा कर रहे हैं, उचित क्यों नहीं है ?
उत्तर: अपनी बेटी का रिश्ता तय करने के लिए रामस्वरूप उमा से जिस प्रकार के व्यवहार की अपेक्षा कर रहे हैं, सरासर गलत है। वे अपनी पढ़ी-लिखी लड़की को कम पढ़ा-लिखा साबित कर रहे हैं और उसे सुंदरता को और बढ़ाने के लिए नकली प्रसाधन सामग्री का उपयोग करने के लिए कहते हैं, जो अनुचित है। साथ ही वे यह भी चाहते हैं कि उमा वैसा ही आचरण करे जैसा लड़के वाले चाहते हैं। परन्तु वे यह क्यों भूल रहे हैं कि जिस प्रकार लड़के की अपेक्षाएँ होती हैं, ठीक उसी प्रकार लड़की की पसंद-नापसंद का भी ख्याल रखना चाहिए। क्योंकि आज समाज में लड़का तथा लड़की को समान दर्जा प्राप्त है।

प्रश्न 4: गोपाल प्रसाद विवाह को 'बिजनेस' मानते हैं और रामस्वरूप अपनी बेटी की उच्च शिक्षा छिपाते हैं क्या आप मानते हैं कि दोनों ही समान रूप से अपराधी हैं? अपने विचार लिखिए।
उत्तर: दोनों ही समान रूप से अपराधी हैं। गोपाल प्रसाद जी के लिए विवाह बिज़नेस (व्यापार-धंधे) कि तरह है। विवाह की पवित्रता और उसका मूल्य उनके लिए सौदे से कम नहीं था। वह अपने बेटे का विवाह करवा कर एक ऐसी पुत्रवधू लाना चाहते थे जो उनके इशारों पर चले। वे सौदा करने से पहले उसकी जाँच पड़ताल कर तसल्ली कर लेना चाहते थे कि सौदा सही भी है या नहीं। उनके लिए वस्तु और लड़की में कोई अंतर नहीं था।
दूसरी तरफ़ रामस्वरूप जी अपनी पुत्री को उच्च शिक्षा प्राप्त करवाते हैं। उन्हें इस बात से गर्व भी है, परन्तु उसके विवाह के लिए उसकी शिक्षा को छुपाने की कोशिश करते हैं। माना इन सब में उनकी मजबूरी है परन्तु ये तर्कसंगत नहीं लगता कि ऐसे घर में अपनी शिक्षित लड़की का हाथ सौंपने को तैयार हो गए जहाँ उनकी पुत्री व उसकी शिक्षा का मोल ही न हो। इस तरह से स्वयं समाज को बदलना और बाद में अपने स्वार्थ हित या मजबूरी से उसकी संकीर्णता में शामिल होना पूर्णरूप से गलत है और उस पर झूठ बोलना बिल्कुल तर्कसंगत नहीं लगता।

प्रश्न 5: "....आपके लाड़ले बेटे के की रीढ़ की हड्डी भी है या नहीं ...." उमा इस कथन के माध्यम से शंकर की किन कमियों की ओर संकेत करना चाहती है?
उत्तर: उमा गोपाल प्रसाद जी के विचारों से पहले से ही खिन्न थी। परन्तु उनके द्वारा अनगिनत सवालों ने उसे क्रोधित कर दिया था। आखिर उसे अपनी चुप्पी को तोड़कर गोपाल प्रसाद को उनके पुत्र के विषय में अवगत करना पड़ा।

  • शंकर एक चरित्रहीन व्यक्ति था। जो हमेशा लड़कियों का पीछा करते हुए होस्टल तक पहुँच जाता था। इस कारण उसे शर्मिंदा भी होना पड़ा था।
  • दूसरी तरफ़ उसकी पीठ की तरफ़ इशारा कर वह गोपाल जी को उनके लड़के के स्वास्थ्य की ओर संकेत करती है। जिसके कारण वह बीमार रहता है तथा सीधी तरह बैठ नहीं पाता।
  • शंकर अपने पिता पर पूरी तरह आश्रित है। उसकी रीढ़ की हड्डी नहीं है अर्थात् उसकी अपनी कोई मर्ज़ी नहीं है।


प्रश्न 6: शंकर जैसे लड़के या उमा जैसी लड़की - समाज को कैसे व्यक्तित्व की जरूरत है? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर: उमा जैसी लड़की ही समाज के लिए सही व्यक्तित्व है। वह निडर है, साहसी भी है। जहाँ एक ओर माता-पिता का सम्मान रखते हुए वह गोपाल प्रसाद जी व उनके लड़के शंकर के सम्मुख खड़ी हो जाती है, उनके कहने पर वह गीत भी गाती है तो दूसरी तरफ़ निर्भयता पूर्वक गोपाल जी को उनकी कमियों का एहसास कराते हुए तनिक भी नहीं हिचकती। उसमें आत्मसम्मान की भावना है। उसी आत्मसम्मान के लिए वह अपना मुँह भी खोलती है।

प्रश्न 7: 'रीढ़ की हड्डी' शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: जिस प्रकार मनुष्य में रीढ़ की हड्डी का महत्व है, उसी प्रकार समाज में लड़के और लड़कियों का महत्व है। यदि मानव शरीर में रीढ़ की हड्डी का कोई भाग स्वस्थ ना हो तो मानव शरीर का खड़े रह पाना संभव नहीं है। उसी प्रकार यदि समाज की रीढ़ पुरुष और नारी में से यदि किसी एक का शोषण हो, उसे दबाया जाए, समान अधिकार न दिया जाए तो समाज का भी कल्याण असंभव है। अतः "रीढ़ की हड्डी" पाठ का एक उपयुक्त शीर्षक है।

प्रश्न 8: कथावस्तु के आधार पर आप किसे एकांकी का मुख्य पात्र मानते हैं और क्यों ?
उत्तर: कथावस्तु के आधार पर मैं निश्चित रूप से एकांकी का मुख्य पात्र उमा को ही मानता हूँ क्योंकि एकांकी की सारी कथावस्तु उसी के इर्द-गिर्द घूमती रहती है। एकांकी के मुख्य पुरुष पात्र शंकर पर वह चारित्रिक, शारीरिक और तार्किक कौशल में भारी पड़ती है। उमा उच्च शिक्षित होने के साथ-साथ कला एवं संगीत में भी निपुण है। एकांकी में एक बार जब उसकी एंट्री होती है तो वह मंच पर अंत तक बनी रहती है। वह अपनी निपुणता से गोपाल प्रसाद और शंकर के निरुत्तर ही नहीं करती है बल्कि उनकी आँखें भी खोलकर रख देती है। एकांकी का समापन भी उमा के माध्यम से होता है। अतः उमा एकांकी की मुख्य पात्र है।

प्रश्न 9: एकांकी के आधार पर रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद की चारित्रिक विशेषताएँ बताइए।
उत्तर: रामस्वरूप जी और गोपाल प्रसाद जी की चारित्रिक विशेषताएँ इस प्रकार हैं:

  • रामस्वरूप: रामस्वरूप एक स्वतंत्रता प्रिय व्यक्ति हैं। वे औरतों की शिक्षा के पक्षधर हैं। इसलिए अपनी पुत्री को भी पुत्र के समान ही उच्च शिक्षा दिलवाते हैं। वे एक स्नेही पिता हैं। रामस्वरूप जी अपनी पुत्री से बड़ा स्नेह करते हैं। इसलिए उसके भविष्य की चिंता उन्हें सताती रहती है और इसी कारणवश वह अपनी पुत्री की शिक्षा भी लड़के वालों के आगे छिपा जाते हैं। रामस्वरूप जी समझदार व्यक्ति हैं। वे कई जगह गोपाल प्रसाद जी की गलत बातों का जवाब भी समझदारी पूर्वक देते हैं।
  • गोपाल प्रसाद: गोपाल प्रसाद एक रोबदार व्यक्तित्व के स्वामी हैं। वकालत में होने के कारण अभिमान उनके व्यक्तित्व से टपकता है। गोपाल जी एक हँसमुख प्रवृत्ति के इंसान हैं। बात-बात पर मज़ाक करना उनका स्वभाव है। गोपाल प्रसाद जी एक चतुर व्यक्ति हैं। इसलिए अपने बीमार व चरित्रहीन बेटे के लिए एक कम पढ़ी-लिखी लड़की चाहते हैं ताकि वो कभी उसके सम्मुख आवाज़ न उठा सके।


प्रश्न 10: इस एकांकी का क्या उद्देश्य है? लिखिए।
उत्तर: ‘रीढ़ की हड्डी’ एकांकी का उद्देश्य है-समाज के लोगों की दोहरी मानसिकता सबके सामने लाना, लड़कियों के विवाह में आनेवाली समस्याओं की ओर समाज का ध्यान खींचना तथा युवाओं द्वारा अपनी शिक्षा और चरित्र की मजबूती पर ध्यान न रखना। एकांकी में गोपाल प्रसाद और उनका बेटा शंकर जैसे लोग हैं जो उच्च शिक्षित होकर भी कम पढ़ी-लिखी बहू चाहते हैं और स्त्रियों को समानता का दर्जा नहीं देना चाहते हैं। उमा को देखने आए लड़के वाले उसे वस्तु की तरह देखते हैं और अप्रत्यक्ष रूप से दहेज की माँग करते हैं। इसके अलावा शंकर जैसे युवा का अपनी पढ़ाई पर ध्यान न देना तथा उसकी चारित्रिक दुर्बलता की ओर ध्यान आकर्षित करना इस एकांकी का उद्देश्य है।

प्रश्न 11: समाज में महिलाओं को उचित गरिमा दिलाने हेतु आप कौन-कौन से प्रयास कर सकते हैं?
उत्तर: समाज में महिलाओं को उचित गरिमा दिलाने हेतु हम निम्नलिखित प्रयास कर सकते हैं:

  • उनकी शिक्षा हेतु कार्य कर सकते हैं ताकि समाज में वह सर उठा कर अपना जीवन व्यतीत कर सकें।
  • समाज में अपने समय की महान और विदुषी स्त्रियों के उदाहरण प्रस्तुत करने चाहिए।
  • महिलाओं को उचित सम्मान देना चाहिए।
  • महिलाओं को अपनी इच्छानुसार सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
  • समाज में महिलाओं की समानता और अधिकारों के लिए संघर्ष कर सकते हैं।
  • लड़कियों का विवाह बिना दहेज लिए या दिए जाने के विषय पर कार्य कर सकते हैं।
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FAQs on रीढ़ की हड्डी NCERT Solutions - Hindi Class 9 (Kritika and Kshitij)

1. रीढ़ की हड्डी क्या है और इसका क्या कार्य है?
Ans. रीढ़ की हड्डी मानव शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो कशेरुकाओं (vertebrae) से बनी होती है। इसका मुख्य कार्य शरीर को सहारा देना, मस्तिष्क और शरीर के अन्य भागों के बीच संदेशों का संचार करना और शरीर की संरचना को बनाए रखना है। यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र का हिस्सा है और यह विभिन्न अंगों और मांसपेशियों को जोड़ता है।
2. रीढ़ की हड्डी में कितने कशेरुकाएं होती हैं?
Ans. मानव रीढ़ की हड्डी में कुल 33 कशेरुकाएं होती हैं। इनमें से 7 ग्रीवा (cervical), 12 थोरैसिक (thoracic), 5 लम्बर (lumbar), 5 सैक्रल (sacral) और 4 कॉकसिज (coccygeal) कशेरुकाएं होती हैं। ये कशेरुकाएं एक दूसरे के साथ मिलकर रीढ़ की संरचना को बनाती हैं।
3. रीढ़ की हड्डी में चोट लगने के क्या कारण हो सकते हैं?
Ans. रीढ़ की हड्डी में चोट लगने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि सड़क दुर्घटनाएं, गिरना, खेल के दौरान चोट लगना, या किसी प्रकार का अत्यधिक दबाव। इन चोटों के कारण रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर, डिस्लोकेशन या अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, जो व्यक्ति की गतिशीलता को प्रभावित कर सकती हैं।
4. रीढ़ की हड्डी के स्वास्थ्य को कैसे बनाए रखा जाए?
Ans. रीढ़ की हड्डी के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए नियमित व्यायाम, सही पोषण, सही मुद्रा (posture) बनाए रखना और भारी सामान उठाते समय सावधानी बरतना आवश्यक है। इसके अलावा, योग और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज भी रीढ़ की हड्डी की लचीलापन और मजबूती के लिए फायदेमंद होते हैं।
5. रीढ़ की हड्डी से संबंधित सामान्य बीमारियाँ कौन सी हैं?
Ans. रीढ़ की हड्डी से संबंधित सामान्य बीमारियों में डिस्क हर्नियेशन, स्पॉन्डिलाइटिस, स्कोलियोसिस और ऑस्टियोआर्थराइटिस शामिल हैं। ये बीमारियाँ रीढ़ की हड्डी के प्राकृतिक कार्य को प्रभावित कर सकती हैं और दर्द या असुविधा का कारण बन सकती हैं। इनसे बचाव और उपचार के लिए चिकित्सकीय परामर्श और सही जीवनशैली अपनाना महत्वपूर्ण है।
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