Class 9 Exam  >  Class 9 Notes  >  Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)  >  NCERT Solutions: वैज्ञानिक चेतना के वाहक : चंद्रशेखर वेंकट रामन्

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प्रश्न-अभ्यास 

मौखिक 

निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर एक-दो पंक्तियों  में दीजिए - 

प्रश्न 1: रामन् भावुक प्रकृति प्रेमी के अलावा और क्या थे?
उत्तर: रामन् भावुक प्रकृति प्रेमी होने के साथ-साथ एक जिज्ञासु वैज्ञानिक और कुशल शोधकर्ता भी थे।

प्रश्न 2: समुद्र को देखकर रामन् के मन में कौन-सी दो जिज्ञासाएँ उठीं?
उत्तर: समुद्र को देखकर रामन् के मन में उठने वाली दो जिज्ञासाएँ थीं-

  • समुद्र का रंग नीला क्यों होता है?
  • समुद्र का रंग नीला ही होता है, और कुछ क्यों नहीं ?


प्रश्न 3: रामन् के पिता ने उनमें किन विषयों की सशक्त नींव डाली?
उत्तर: रामन् के पिता ने उनमें गणित और भौतिकी विषयों की सशक्त नींव डाली।

प्रश्न 4: वाद्ययंत्रों की ध्वनियों के अध्ययन के द्वारा रामन् क्या करना चाहते थे?
उत्तर: वाद्ययंत्रों की ध्वनियों के अध्ययन के द्वारा रामन् यह बताना चाहते थे कि भारतीय वीणा, मृदंगम् आदि वाद्ययंत्र विदेशी पियानो आदि की तुलना में घटिया नहीं हैं।

प्रश्न 5: सरकारी नौकरी छोड़ने के पीछे रामन् की क्या भावना थी?
उत्तर: 
सरकारी नौकरी छोड़ने के पीछे भावना यह थी कि वे अध्ययन के साथ-साथ शोध एवं प्रयोगों से अपनी जिज्ञासा शांत करने तथा विज्ञान के प्रचार-प्रसार की थी।

प्रश्न 6: 'रामन् प्रभाव' की खोज के पीछे कौन-सा सवाल हिलोरें ले रहा था?
उत्तर: ‘रामन् प्रभाव’ की खोज के पीछे यह सवाल हिलोरें ले रहा था कि समुद्र का रंग नीला क्यों होता है?

प्रश्न 7: प्रकाश तरंगों के बारे में आइंस्टाइन ने क्या बताया?
उत्तर: प्रकाश तरंगों के बारे में आइंस्टाइन ने बताया कि प्रकाश अति सूक्ष्म कणों की तीव्र धारा के समान है। इन अति सूक्ष्म कणों की तुलना उन्होंने बुलेट से की है।

प्रश्न 8: रामन् की खोज ने किन अध्ययनों को सहज बनाया?
उत्तर: रामन् की खोज ने अणुओं और परमाणुओं की आंतरिक संरचना के अध्ययन को सहज बना दिया।

लिखित

(क) निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए -

प्रश्न 1: कॉलेज के दिनों में रामन् की दिली इच्छा क्या थी?
उत्तर: 
रामन् ने कॉलेज के दिनों से ही शोधकार्यों में रुचि लेना शुरू कर दिया था। उनकी दिली इच्छा थी कि वे अपना सारा जीवन शोधकार्यों को ही समर्पित कर दें।

प्रश्न 2: वाद्ययंत्रों पर की गई खोजों से रामन् ने कौन-सी भ्रांति तोड़ने की कोशिश की?
उत्तर: रामन् ने वाद्ययंत्रों की ध्वनियों पर खोज करके इस भ्रांति को तोड़ा कि विदेशी वाद्ययंत्रों की ध्वनियाँ भारतीय वाद्ययंत्रों की तुलना में अधिक उन्नत हैं और भारतीय वाद्ययंत्र उनसे घटिया हैं।

प्रश्न 3: रामन् के लिए नौकरी संबंधी कौन-सा निर्णय कठिन था?
उत्तर: रामन् से जब आशुतोष मुखर्जी ने उनसे सरकारी नौकरी को छोड़कर कोलकाता विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर का पद लेने के लिए आग्रह किया तो यह उनके लिए कठिन समस्या बन गई। उस समय रामन् जिस सरकारी पद पर थे उसकी हैसियत बहुत अधिक थी और वहां पर सुविधाएं भी बहुत मिलती थीं परंतु कोलकाता विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के पद की ना तो उतनी उस समय हैसियत थी और ना ही इतनी सुविधाएं मिलती थीं, अतः उनके लिए यह बहुत ही कठिन निर्णय था।

प्रश्न 4: सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् को समय-समय पर किन-किन पुरस्कारों से सम्मानित किया गया?
उत्तर: सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् को समय-समय पर निम्नलिखित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है:

  • 1924 में उन्हें रॉयल सोसाइटी की सदस्यता प्रदान की गई।
  • 1920 में उन्हें सर की उपाधि दी गई।
  • 1930 में विश्व का सर्वोच्च पुरस्कार नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।
  • 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
  • रॉयल सोसाइटी का ह्यूज पदक प्रदान किया गया।
  • सोवियत संघ का अंतरराष्ट्रीय लेनिन पुरस्कार मिला।


प्रश्न 5: रामन् को मिलनेवाले पुरस्कारों ने भारतीय-चेतना को जाग्रत किया। ऐसा क्यों कहा गया है?
उत्तर: रामन् को मिलने वाले पुरस्कारों ने भारतीयों के अंदर से अवधारणा को निकाल दिया कि वे अंग्रेजों से किसी मायने में कम है। उन्होंने विज्ञान के प्रति रुचि रखने वाले विद्यार्थियों को भी एक मार्ग दिखाया। रामन् को मिलने वाले पुरस्कारों ने भारतीय चेतना को जागृत किया।

(ख) निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50 -60 शब्दों में) लिखिए -

प्रश्न 1: रामन् के प्रारंभिक शोधकार्य को आधुनिक हठयोग क्यों कहा गया है?
उत्तर: रामन् के प्रारंभिक शोध कार्य को आधुनिक हठ योग इसलिए कहा गया है क्योंकि वे एक सरकारी अफसर थे, इसलिए उनकी दिनचर्या बहुत व्यस्त थी। लेकिन वे जब भी फुर्सत पाते तो इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ़ साइंस की प्रयोगशाला में काम करते। उपकरणों के अभाव में उनकी वैज्ञानिक एवं अनुसंधान रुचि से वंचित नहीं हो सके।

प्रश्न 2: रामन् की खोज 'रामन् प्रभाव' क्या है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: रामन् प्रभाव वह प्रभाव है जो रावण के उस प्रश्न के उत्तर के रूप में आया था जो उनके मस्तिष्क में तब कौन था जब वे समुद्र की यात्रा पर थे किस समुद्र के पानी का रंग नीला ही क्यों होता है? इस प्रभाव के अनुसार प्रकाश एकवर्णीय किरण है यदि वह इसी तरह लिया ठोस रावेदार पदार्थ से गुजरती है तो वह या तो ऊष्मा को ग्रहण करती है या उसका त्याग करती हैं इस प्रकार उसके वर्ण में परिवर्तन आ जाता है।

प्रश्न 3: 'रामन् प्रभाव' की खोज से विज्ञान के क्षेत्र में कौन-कौन से कार्य संभव हो सके?
उत्तर: "रामन् प्रभाव" की खोज से विज्ञान के क्षेत्र में निम्नलिखित कार्य संभव हो सके:

  • विभिन्न पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की आंतरिक संरचना का अध्ययन सहज हो गया।
  • पदार्थों की आंतरिक संरचना जानने के बाद अब उनका प्रयोगशाला में कृत्रिम उत्पादन संभव हो सका।
  • रामन् स्पेक्ट्रोस्कोपी का विकास हुआ जो एक अत्याधुनिक त्रुटि रहित तकनीक है।


प्रश्न 4: देश को वैज्ञानिक दृष्टि और चिंतन प्रदान करने में सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डालिए।
उत्तर: सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् के शोधपत्रों एवं उन्हें मिले पुरस्कारों से भारतीयों में भी विज्ञान के प्रति जिज्ञासा जागी है। अब लोगों को भरोसा हो गया कि भारतीय भी कुछ कर सकते हैं। उनका जीवन विज्ञान के प्रति एक समर्पित कहानी के रूप में उभरा, जिसने कई युवाओं को आकर्षित किया। उन्होंने बेंगलुरु में रामन् रिसर्च इंस्टीट्यूट नामक शोध संस्थान की स्थापना की। भौतिक शास्त्र में अनुसंधान के लिए इंडियन जर्नल ऑफ फिजिक्स नामक शोध पत्र का आरंभ किया। करंट साइंस नामक पत्रिका भी शुरू की। भारत में वैज्ञानिक चेतना और दृष्टिकोण के विकास के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिए।

प्रश्न 5: सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् के जीवन से प्राप्त होने वाले संदेश को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर: सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् के जीवन से हमें यह संदेश प्राप्त होता है कि परिस्थिति चाहे जो भी हो हमें अपने लक्ष्य के प्रति हमेशा सजग रहना चाहिए और पूर्ण मेहनत से उसे प्राप्त करने का उपयोग करना चाहिए।किसी भी सुख सुविधा से बढ़कर हमारे लिए देश हित होना चाहिए। हमें एक उत्कृष्ट दृष्टा होना चाहिए एवं इसके साथ ही एक जिज्ञासु मनुष्य भी होना चाहिए जो अपने आसपास हो रही घटनाओं पर प्रश्न उठा सके।

(ग) निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए।
प्रश्न 1: उनके लिए सरस्वती की साधना सरकारी सुख-सुविधाओं से कहीं अधिक महत्त्वपूर्ण थी।
उत्तर: यह कथन सर वेंकट रामन् के बारे में है, जिसका आशय यह है कि उन्होंने अपनी सारी सुख सुविधाएं छोड़कर बच्चों को विद्यादान देना उचित समझा। जो उनकी विद्या अर्थात माता सरस्वती में आस्था का प्रमाण है।

प्रश्न 2: हमारे पास ऐसी न जाने कितनी ही चीज़ें बिखरी पड़ी हैं, जो अपने पात्र की तलाश में हैं।
उत्तर: सर रामन् ने वाद्य यंत्रों पर शोध किया, उनके पीछे की विज्ञान को उजागर किया एवं जल पर रामन् प्रभाव की खोज कर दुनिया को यह संदेश दिया कि जो भी हमारे आस पास हो रहा है उसके पीछे कोई न कोई विज्ञान अवश्य है। जिसे हमें उजागर करना है और विश्व को एक नया ज्ञान प्रदान करना है।

प्रश्न 3: यह अपने आपमें एक आधुनिक हठयोग का उदाहरण था।
उत्तर: डॉ. रामन् सरकारी नौकरी करते हुए भी बहू बाजार स्थित प्रयोगशाला जाते थे। उस प्रयोगशाला में कामचलाऊ उपकरणों तथा इच्छाशक्ति द्वारा अपने शोध कार्यो को संपन्न करते थे। इससे लेखक ने अपने आपमें एक आधुनिक हठयोग का उदाहरण बताया है।

(घ) उपयुक्त शब्द का चयन करते हुए रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कॉपी, इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ़ इंडिया साइंस, फिलॉसफिकल मैगजीन, भौतिकी ,रामन् रिसर्च इंस्टीट्यूट

प्रश्न 1: रामन् का पहला शोध पत्र ____ में प्रकाशित हुआ था।
उत्तर: 
रामन् का पहला शोध पत्र फिलोसॉफिकल मैगजीन में प्रकाशित हुआ था।

प्रश्न 2: रामन् की खोज ___ के क्षेत्र में क्रांति के समान थी।
उत्तर:
रामन् की खोज भौतिकी के क्षेत्र में एक क्रांति के समान थी।

प्रश्न 3: कोलकाता की मामूली सी प्रयोगशाला का नाम_____ था।
उत्तर:
कोलकाता की मामूली सी प्रयोगशाला का नाम इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ़ साइंस था।

प्रश्न 4: रामन् द्वारा स्थापित शोध संस्थान ____ नाम से जाना जाता है।
उत्तर: 
रामन् द्वारा स्थापित शोध संस्थान रामन् रिसर्च इंस्टीट्यूट नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 5: पहले पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की आंतरिक संरचना का अध्ययन करने के लिए____ का सहारा लिया जाता था।
उत्तर: 
पहले पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की आंतरिक संरचना का अध्ययन करने के लिए इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी का सहारा लिया जाता था।

भाषा अध्यन

प्रश्न 1: नीचे कुछ समानदर्शी शब्द दिए जा रहे हैं जिनका अपने वाक्य में इस प्रकार प्रयोग करें कि उनके अर्थ का अंतर स्पष्ट हो सके।
(क) प्रमाण – .............................
(ख) प्रणाम – .............................
(ग) धारणा – .............................
(घ) धारण – .............................
(ङ) पूर्ववर्ती – .............................
(च) परवर्ती – .............................
(छ) परिवर्तन – .............................
(ज) प्रवर्तन – .............................

उत्तर: 
(क) प्रमाण: प्रत्यक्ष को प्रमाण की क्या आवश्यकता है?
(ख) प्रणाम: अपने से बड़ों को प्रणाम करें।
(ग) धारणा: किसी के विषय में पहले से बनाई गई धारणा हमेशा सच नहीं होती।
(घ) धारण: सन्यासी हमेशा गेरुआ वस्त्र धारण करते हैं।
(ड़) पूर्ववर्ती: भारत के पूर्ववर्ती इलाके संवेदनशील हैं।
(च) परवर्ती: इस अध्यापक के परवर्ती अध्यापक इतने अच्छे नहीं थे।
(छ) परिवर्तन: समाज में परिवर्तन आना उसके विकास के लिए अत्यधिक आवश्यक है।
(ज) प्रवर्तन: सम्राटों ने अपने-अपने समय में मुद्राओं का प्रवर्तन किया।


प्रश्न 2: रेखांकित शब्द के विलोम शब्द का प्रयोग करते हुए रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए −
(क) मोहन के पिता मन से सशक्त होते हुए भी तन से .............. हैं।
(ख) अस्पताल के अस्थायी कर्मचारियों को .............. रुप से नौकरी दे दी गई है।
(ग) रामन् ने अनेक ठोस रवों और ............... पदार्थों पर प्रकाश की किरण के प्रभाव का अध्ययन किया।
(घ) आज बाज़ार में देशी और ................... दोनों प्रकार के खिलौने उपलब्ध हैं।
(ङ) सागर की लहरों का आकर्षण उसके विनाशकारी रुप को देखने के बाद ...........में परिवर्तित हो जाता है।

उत्तर:
(क) मोहन के पिता मन से सशक्त होते हुए भी तन से अशक्त हैं।
(ख) अस्पताल के अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी रुप से नौकरी दे दी गई है।
(ग) रामन् ने अनेक ठोस रवों और तरल पदार्थों पर प्रकाश की किरण के प्रभाव का अध्ययन किया।
(घ) आज बाज़ार में देशी और विदेशी दोनों प्रकार के खिलौने उपलब्ध हैं।
(ङ) सागर की लहरों का आकर्षण उसके विनाशकारी रुप को देखने के बाद विकर्षण में परिवर्तित हो जाता है।

प्रश्न 3: नीचे दिए उदाहरण में रेखांकित अंश में शब्द-युग्म का प्रयोग हुआ है −
उदाहरण : चाऊतान को गाने-बजानेमें आनंद आता है।
उदाहरण के अनुसार निम्नलिखित शब्द-युग्मों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए −
सुख-सुविधा .............................
अच्छा-खासा .............................
प्रचार-प्रसार ............................
आस-पास ............................

उत्तर:
सुख-सुविधा: माँ अपने बच्चे की सुख-सुविधा का ध्यान रखती हैं ।
अच्छा-खासा: नेताजी का विश्व-भर में अच्छा-खासा प्रभाव था।
प्रचार-प्रसार: विज्ञापन प्रचार-प्रसार का सशक्त माध्यम है।
आस-पास: हमें आस-पास की घटनाओं से परिचित होना चाहिए।

प्रश्न 4: प्रस्तुत पाठ में आए अनुस्वार और अनुनासिक शब्दों को निम्न तालिका में लिखिए −
वैज्ञानिक चेतना के वाहक : चंद्रशेखर वेंकट रामन् NCERT Solutions | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)उत्तर:
वैज्ञानिक चेतना के वाहक : चंद्रशेखर वेंकट रामन् NCERT Solutions | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)

 

प्रश्न 5: पाठ में निम्नलिखित विशिष्ट भाषा प्रयोग आए हैं। सामान्य शब्दों में इनका आशय स्पष्ट कीजिए −
घंटों खोए रहते, स्वाभाविक रुझान बनाए रखना, अच्छा-खासा काम किया, हिम्मत का काम था, सटीक जानकारी, काफ़ी ऊँचे अंक हासिल किए, कड़ी मेहनत के बाद खड़ा किया था, मोटी तनख्वाह
उत्तर:

  1. घंटों खोए रहते: बहुत देर तक ध्यान में लीन रहते।
  2. स्वाभाविक रुझान बनाए रखना: सहज रूप से रुचि बनाए रखना।
  3. अच्छा खासा काम किया: अच्छी मात्रा में ढेर सारा काम किया।
  4. हिम्मत का काम था: कठिन काम था।
  5. सटीक जानकारी: बिल्कुल सही और प्रामाणिक जानकारी।
  6. काफ़ी ऊँचे अंक हासिल किए: बहुत अच्छे अंक पाए।
  7. कड़ी मेहनत के बाद खड़ा किया था: बहुत मेहनत करने के बाद शोध संस्थान की स्थापना की थी।
  8. मोटी तनख्वाह: बहुत अधिक आय या वेतन।


प्रश्न 6: पाठ के आधार पर मिलान कीजिए −
वैज्ञानिक चेतना के वाहक : चंद्रशेखर वेंकट रामन् NCERT Solutions | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)

उत्तर:
वैज्ञानिक चेतना के वाहक : चंद्रशेखर वेंकट रामन् NCERT Solutions | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)


प्रश्न 7: पाठ में आए रंगों की सूची बनाइए। इनके अतिरिक्त दस रंगों के नाम और लिखिए।
उत्तर: पाठ में आए रंग: बैंजनी, नीला, आसमानी, हरा, पीला, नारंगी, लाल
दस रंगों के नाम: काला, सफेद, गुलाबी, कत्थई, फिरोजी, भूरा, लाल, खाकी, मोंगिया, स्लेटी

प्रश्न 8: नीचे दिए गए उदाहरण 'ही' का प्रयोग करते हुए पाँच वाक्य बनाइए।
उदाहरण: उनके ज्ञान की सशक्त नींव उनके पिता ने ही तैयार की थी।
उत्तर:
1. राम के कारण ही यह कार्य संभव हो सका।
2. तुम ही जाकर ले आओ।
3. उस छात्र ने ही मोहन को मारा।
4. गीता ही अकेली जा रही है।
5. केवल वह ही जाएगा।

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योग्यता विस्तार

प्रश्न 1: विज्ञान को मानव विकास में योगदान’ विषय पर कक्षा में चर्चा कीजिए।
उत्तर: छात्र कक्षा में चर्चा करें:

  • कि विज्ञान के बिना मानव जीवन कैसा था?
  • बिना आग और बिजली के जीवन कैसा था?
  • बिना सड़कों और पुलों के जीवन कैसा था?
  • बिना स्वचालित वाहनों और मोटरकारों के जीवन कैसा था?
  • बिना समाचार पत्र, रेडियो, टी.वी. के जीवन कैसा था?
  • बिना वायुयान, टेलीफोन और मोबाइल के जीवन कैसा था?


प्रश्न 2: भारत के किन-किन वैज्ञानिकों को नोबेल पुरस्कार मिला है? पता लगाइए और लिखिए।
उत्तर:

1. सर चंद्रशेखर वेंकटरमने  - भौतिकी में
2. वेंकटरमन रामकृष्ण - रसायनशास्त्र में
3. डॉ. हरगोविंद खुराना  -  चिकित्साशास्त्र में
4. डॉ. चंद्रशेखर सुब्रह्मण्यम  - भौतिकी में
5. सर रोनाल्ड रॉस - फिजियोलोजी में

प्रश्न 3: न्यूटन के आविष्कार के विषय में जानकारी प्राप्त कीजिए।
उत्तर: 
न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत के बारे में सारी दुनिया जानती है। हालांकि उनकी सबसे पहली खोज परावर्तक दूरबीन के बारे में थी। उनकी दूरबीन केवल 6 इंच लंबी थी किंतु यह 30 इंच लंबी सामान्य दूरबीन से भी अधिक दूर तथा सुस्पष्ट देख सकती थी। उनकी दूरबीन का मॉडल आज भी प्रयोग में लाया जाता है। न्यूटन ने गणित के क्षेत्र में कैलकुलस नामक गणन विधि भी विकसित की।

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परियोजना कार्य

प्रश्न 1: भारत के प्रमुख वैज्ञानिकों की सूची उनके कार्यों/योगदानों के साथ बनाइए।
उत्तर:

  1. सर चंद्रशेखर वेंकटरमन – ठोस और तरल पदार्थों पर प्रकाश की किरणों के प्रभाव का अध्ययन किया।
  2. होमी जहाँगीर भाभा – परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग की दिशा में काम किया। 'टाटा इंस्टिट्यूट' और 'भाभा रिसर्च सेंटर' की स्थापना की।
  3. जगदीशचंद्र बोस – सिद्ध किया कि पौधों में भी संवेदना होती है। पौधों की धड़कन रिकॉर्ड करने के लिए यंत्र बनाया।
  4. मेघनाद साहा – नाभिकीय भौतिकी और आयोनाइजेशन सूत्र पर कार्य किया।
  5. मोक्षागुंडम विश्वश्वरैया – प्रबुद्ध इंजीनियर, जिन्होंने कृष्णराजा सागर बाँध का डिज़ाइन बनाया और सिंचाई के नए तरीके खोजे। भद्रावती आयरन एंड स्टील वर्क्स जैसे कई उद्योग विकसित किए।
  6. सत्येंद्र नाथ बोस – भारतीय भौतिकविद्, जो आइंस्टाइन के सिद्धांतों के लिए प्रसिद्ध हैं। एक परमाणु के छोटे भाग का नाम ‘बोसोन’ उनके नाम पर रखा गया।
  7. सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर – भौतिकी और एप्लाइड गणित में कार्य किया। उनकी खोजें तारों की उत्पत्ति समझने में मददगार हैं।
  8. विक्रम साराभाई – अंतरिक्ष विज्ञान में कार्य किया, जिन्हें भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक माना जाता है। 'थुम्बा' में पहला राकेट लॉन्चिंग स्टेशन शुरू किया। उनके प्रयास से स्पूतनिक लॉन्च किया गया।
  9. श्री निवास रामानुजम – महान गणितज्ञ, जिन्होंने संख्यात्मक सिद्धांत दिए।
  10. डॉ. शांतिस्वरूप भटनागर – भारत में 12 राष्ट्रीय प्रयोगशालाएँ स्थापित कीं और खाद्य पदार्थों के संसाधन पर काम किया।
  11. हरगोविंद खुराना – चिकित्सा और शरीर विज्ञान के क्षेत्र में कार्य किया। प्रोटीन निर्माण आनुवांशिकी पर शोध किया।


प्रश्न 2: भारत के मानचित्र में तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली और कलकत्ता (कोलकाता) की स्थिति दर्शाएँ।
उत्तर:

वैज्ञानिक चेतना के वाहक : चंद्रशेखर वेंकट रामन् NCERT Solutions | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)


प्रश्न 3: पिछले बीस-पच्चीस वर्षों में हुए उन वैज्ञानिक खोजों, उपकरणों की सूची बनाइए, जिसने मानव जीवन बदल दिया हैं।
उत्तर: 
पिछले बीस-पच्चीस वर्षों में इतनी वैज्ञानिक खोजें और जीवन को सुखमय बनाने वाले उपकरण हमारे सामने आए हैं, जिन्होंने मनुष्य के रहन-सहन का ढंग ही बदल दिया है। मोबाइल फ़ोन इनमें से एक है। इसके अलावा कंप्यूटर, इंटरनेट, ई-मेल, डी.वी.डी, एल.ई.डी. टेलीविजन, वातानुकूलित आवागमन के साधन, चिकित्सा उपकरण आदि हैं।

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FAQs on वैज्ञानिक चेतना के वाहक : चंद्रशेखर वेंकट रामन् NCERT Solutions - Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)

1. चंद्रशेखर वेंकट रामन् का योगदान क्या है ?
Ans. चंद्रशेखर वेंकट रामन् ने भौतिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने 'रामन् प्रभाव' की खोज की, जो कि प्रकाश के एक तरंग दैर्ध्य में परिवर्तन के कारण अणुओं के ऊर्जा स्तरों में बदलाव को दर्शाता है। इस खोज के लिए उन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार मिला।
2. रामन् प्रभाव क्या है और इसका महत्व क्या है ?
Ans. रामन् प्रभाव वह प्रक्रिया है जिसमें प्रकाश का एक भाग अणुओं से टकराकर अपनी ऊर्जा के स्तर में बदलाव करता है। यह प्रभाव विभिन्न सामग्रियों की संरचना और गुणों को समझने में मदद करता है और यह रासायनिक विश्लेषण में एक महत्वपूर्ण उपकरण है।
3. चंद्रशेखर वेंकट रामन् के जीवन के प्रमुख चरण कौन से थे ?
Ans. चंद्रशेखर वेंकट रामन् का जन्म 7 नवंबर 1888 को तिरुचिरापल्ली, भारत में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मद्रास विश्वविद्यालय से प्राप्त की और बाद में इंग्लैंड में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से भौतिकी में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की। उनका करियर भारतीय विज्ञान संस्थान में रहा, जहां उन्होंने अपनी प्रमुख खोजें कीं।
4. चंद्रशेखर वेंकट रामन् को किस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था ?
Ans. चंद्रशेखर वेंकट रामन् को 1930 में भौतिकी के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें रामन् प्रभाव की खोज के लिए दिया गया था।
5. चंद्रशेखर वेंकट रामन् की वैज्ञानिक चेतना का क्या महत्व है ?
Ans. चंद्रशेखर वेंकट रामन् की वैज्ञानिक चेतना ने भारतीय विज्ञान को वैश्विक मंच पर स्थापित किया। उन्होंने न केवल भौतिकी में महत्वपूर्ण खोजें कीं, बल्कि युवा वैज्ञानिकों को प्रेरित करने और विज्ञान के प्रति जागरूकता फैलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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