निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए -
प्रश्न 1: महादेव भाई अपना परिचय किस रूप में देते थे?
उत्तर: महादेव भाई अपना परिचय गांधीजी के 'हम्माल' और 'पीर-बावर्ची-खर' के रूप में देते थे।
प्रश्न 2: 'यंग इंडिया' साप्ताहिक में लेखों की कमी क्यों रहने लगी थी?
उत्तर: अंग्रेजी संपादक हार्नीमैन 'यंग इंडिया' के लिए लिखते थे, जिन्हें देश निकाले की सजा देकर इंग्लैंड भेज दिया गया था। इस कारण 'यंग इंडिया' साप्ताहिक में लेखों की कमी रहने लगी।
प्रश्न 3: गांधीजी ने 'यंग इंडिया' प्रकाशित करने के विषय में क्या निश्चय किया?
उत्तर: गाँधीजी ने 'यंग इंडिया' को सप्ताह में दो बार छापने का निश्चय किया क्योंकि सत्याग्रह आंदोलन में व्यस्त रहने के कारण उनके कार्य बहुत बढ़ गए थे।
प्रश्न 4: गांधीजी से मिलने से पहले महादेव भाई कहाँ नौकरी करते थे?
उत्तर: गाँधीजी से मिलने से पहले महादेव भाई सरकार के अनुवाद विभाग में नौकरी करते थे।
प्रश्न 5: महादेव भाई के झोलों में क्या भरा रहता था?
उत्तर: महादेव भाई के झोलों में ताजे राजनीतिक घटनाओं, जानकारियों, चर्चाओं से संबंधित पुस्तकें, समाचार पत्र, मासिक पत्र आदि भरे रहते थे।
प्रश्न 6: महादेव भाई ने गांधीजी की कौन-सी प्रसिद्ध पुस्तक का अनुवाद किया था?
उत्तर: महादेव भाई ने गांधी जी की आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ का अंग्रेजी अनुवाद किया।
प्रश्न 7: अहमदाबाद से कौन-से दो साप्ताहिक निकलते थे?
उत्तर: अहमदाबाद से निकलने वाले साप्ताहिक पत्र थे - 'यंग इंडिया' तथा 'नव जीवन'।
प्रश्न 8: महादेव भाई दिन में कितनी देर काम करते थे?
उत्तर: महादेव भाई दिन में 17-18 घंटे काम करते थे।
प्रश्न 9: महादेव भाई से गांधीजी की निकटता किस वाक्य से सिद्ध होती है?
उत्तर: महादेव भाई से गांधीजी की निकटता इस वाक्य से सिद्ध होती है - 'ए रे जखम जोगे नहि जशे' – यह घाव कभी योग से भरेगा नहीं।
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
प्रश्न 1: गांधीजी ने महादेव को अपना वारिस कब कहा था?
उत्तर: महादेव भाई 1917 में गांधी के पास पहुँचे। गांधी जी ने उन्हें पहचानकर उत्तराधिकारी का पद सौंपा। 1919 में जलियाँबाग कांड के दौरान जब गांधी जी पंजाब जा रहे थे तब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने उसी समय महादेव भाई को अपना वारिस कहा था।
प्रश्न 2: गांधीजी से मिलने आनेवालों के लिए महादेव भाई क्या करते थे?
उत्तर: महादेव भाई सबसे पहले मिलनेवालों से मिलते थे, उनकी समस्याएँ सुनते थे और फिर उनकी समस्याओं की संक्षिप्त टिप्पणी तैयार कर गांधीजी को दिखाते थे। इसके बाद वह आने वालों से गांधीजी की मुलाकात करवाते थे।
प्रश्न 3: महादेव भाई की साहित्यिक देन क्या है?
उत्तर: महादेव भाई देश-विदेश के अग्रगण्य समाचार-पत्र में गांधी जी की प्रतिदिन की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी करते रहते थे। उन्होंने ‘सत्य का प्रयोग’ का अंग्रेज़ी अनुवाद किया जो कि गांधीजी की आत्मकथा थी। वे प्रतिदिन डायरी लिखते थे यह साहित्यक देन डायरी और अनगिनत अभ्यास पुस्तकें आज भी मौजूद हैं। शरद बाबू, टैगोर आदि की कहानियों का भी अनुवाद किया, ‘यंग इंडिया’ में लेख लिखे।
प्रश्न 4: महादेव भाई की अकाल मृत्यु का कारण क्या था?
उत्तर: महादेव भाई बेहद गर्मी में वर्धा से पैदल चलकर सेवाग्राम आते थे और वापस भी जाते थे। 11 मील रोज गर्मी में पैदल चलने से उनके स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा और इसके कारण उनकी अकाल मृत्यु हो गई।
प्रश्न 5: महादेव भाई के लिखे नोट के विषय में गांधीजी क्या कहते थे?
उत्तर: महादेव भाई के द्वारा लिखित नोट बहुत ही सुंदर और इतने शुद्ध होते थे कि उनमें कॉमी और मात्रा की भूल और छोटी गलती भी नहीं होती थी। गांधी जी दूसरों से कहते कि अपने नोट महादेव भाई के लिखे नोट से ज़रूर मिला लेना।
(ख) निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60) शब्दों लिखिए -
प्रश्न 1: पंजाब में फ़ौजी शासन ने क्या कहर बरसाया?
उत्तर: पंजाब में फ़ौजी शासन ने काफी आतंक मचाया। पंजाब के अधिकतर नेताओं को गिरफ्तार किया गया। उन्हें उम्र कैद की सज़ा देकर काला पानी भेज दिया गया। 1919 में जलियाँवाला बाग में सैकड़ों निर्दोष लोगों को गोलियों से भून दिया गया। ‘ट्रिब्यून’ के संपादक श्री कालीनाथ राय को 10 साल की जेल की सज़ा दी गई।
प्रश्न 2: महादेव जी के किन गुणों ने उन्हें सबका लाड़ला बना दिया था?
उत्तर: महादेव भाई गांधी जी के लिए पुत्र के समान थे। वे गांधी का हर काम करने में रुचि लेते थे। गांधी जी के साथ देश भ्रमण तथा विभिन्न गतिविधियों में हिस्सा लेते थे। वे गांधी जी की गतिविधियों पर टिप्पणी करते थे। महादेव जी की लिखावट बहुत सुंदर, स्पष्ट थी। वे इतना शुद्ध लिखते थे कि उसमें मात्रा और कॉमा की भी अशुधि नहीं होती थी। वे पत्रों का जवाब जितनी शिष्टता से देते थे, उतनी ही विनम्रता से लोगों से मिलते थे। वे विरोधियों के साथ भी उदार व्यवहार करते थे। उनके इन्हीं गुणों ने उन्हें सभी का लाडला बना दिया।
प्रश्न 3: महादेव जी की लिखावट की क्या विशेषताएँ थीं ?
उत्तर: महादेव जी की लिखावट बहुत सुंदर थी। उनके अक्षरों का कोई सानी नहीं था। उनके लिखे नोटों में कॉमा- हलंत तक की गलती नही होती थी। वाइसराय को जाने वाले पत्र गांधीजी हमेशा महादेव जी से ही लिखाते थे। उनका लेखन सबको मंत्रमुग्ध कर देता था। बड़े-बड़े सिविलियन और गवर्नर कहा करते थे कि सारी ब्रिटिश सर्विसों में उनके समान अक्षर लिखने वाला कोई नहीं था।
(ग) निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए −
प्रश्न 1: 'अपना परिचय उनके 'पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर' के रूप में देने में वे गौरवान्वित महसूस करते थे।'
उत्तर: लेखक गांधीजी के निजी सचिव की निष्ठा, समर्पण और उनकी प्रतिभा का वर्णन करते हुए कहते हैं कि वे स्वयं को गाँधीजी का निजी सचिव ही नहीं बल्कि एक ऐसा सहयोगी, ऐसा मित्र मानते थे जो सदा उनके साथ परछाई की तरह रहे। वे गांधीजी की हर गतिविधि में उनका साथ देते थे। उन पर टीका टिप्पणी भी करते थे। यहां तक कि गांधीजी अपने हर पत्र जो कि वायसराय को भेजे जाने होते थे, उन्हें महादेव से ही लिखवाना पसंद करते थे। इस कारण महादेव स्वयं को गांधीजी के ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ कहते थे, उनमें गौरव का अनुभव था।
प्रश्न 2: इस पेशे में आमतौर पर स्याह को सफ़ेद और सफ़ेद को स्याह करना होता था।
उत्तर: लेखक का तात्पर्य सफ़ेद से अच्छे कार्यों से है व स्याह से बुरे कार्यों से है। एक वकील के पेशे में उसका काम गलत को सही और सही को गलत साबित करना होता है। बुरे कामों को भी सही करार दे दिया जाता है तथा सही को भी तमाम सबूतों और गवाहों के माध्यम से गलत साबित किया कर दिया जाता है। इस पेशे में पूरी तरह सच्चाई से काम नहीं होता। मकसद केवल जीत होती है इसलिए गाँधीजी ने इस पेशे को छोड़ दिया था।
प्रश्न 3: देश और दुनिया को मुग्ध करके शुक्रतारे की तरह ही अचानक अस्त हो गए।
उत्तर: महादेव जी को एक शुक्रतारे की तरह माना गया है। जिस प्रकार शुक्रतारे की आयु लघु होती है, उसी प्रकार महादेव जी भी अकाल ही मृत्यु को प्राप्त हो गए थे पर शुक्रतारे की ही भाँति वे अपने लघु जीवन की छाप हर दिल पर छोड़ गए। उन्होंने ऐसे-ऐसे कार्य किए जिससे लोग उनके जाने के बाद भी उन्हें याद करते रहे।
प्रश्न 4: उन पत्रों को देख देखकर दिल्ली और शिमला में बैठे वाइसराय लंबी साँस उसाँस लेते रहते थे।
उत्तर: महादेव जी द्वारा लिखे पत्र बेहद अद्वितीय व अद्भुत होते थे। उनकी लिखावट बहुत ही सुन्दर थी व उनके लेखन में अल्पविराम तक की गलती नहीं होती थी। गाँधीजी जो भी पत्र वाइसराय को उनसे लिखवाकर भेजते थे तो वे सभी इतने प्रभावित होते थे कि लम्बी साँसे लेने लगते थे।
प्रश्न 1: ‘इक’ प्रत्यय लगाकर शब्दों का निर्माण कीजिए–
उत्तर:
प्रश्न 2: नीचे दिए गए उपसर्गों का उपयुक्त प्रयोग करते हुए शब्द बनाइए −
अ, नि, अन, दुर, वि, कु, पर, सु, अधि
उत्तर:
प्रश्न 3: निम्नलिखित मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए −
उत्तर:
प्रश्न 4: निम्नलिखित शब्दों के पर्याय लिखिए −
उत्तर:
प्रश्न 5: उदाहरण के अनुसार वाक्य बदलिए −
उदाहरण: गाँधीजी ने महादेव भाई को अपना वारिस कहा था।
गाँधीजी महादेव भाई को अपना वारिस कहा करते थे।
उत्तर:
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NCERT Solutions: शुक्रतारे के समान
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प्रश्न 1: गांधी जी की आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ को पुस्तकालय से लेकर पढ़िए।
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न 2: जलियाँवाला बाग में कौन-सी घटना हुई थी? जानकारी एकत्रित कीजिए।
उत्तर: देश को स्वतंत्रता दिलाने के प्रयास में जलियाँवाला बाग में एक आम सभा आयोजित की गई थी। इसमें हजारों लोग शामिल हुए। इस सभा में बच्चे, बूढ़े, नवयुवक, स्त्री-पुरुष ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। लोग शांतिपूर्वक सभा कर रहे थे, तभी जनरल डायर ने उपस्थित जनसमूह पर गोली चलाने का निर्देश दे दिया। इस नरसंहार में हजारों लोग मारे गए। इस दिन को भारतीय स्वतंत्रता के इतिहास में काले दिन के रूप में जाना जाता है। इससे देश में अंग्रेजों के प्रति घृणा तथा स्वतंत्रता प्राप्ति की ललक और प्रगाढ़ हो उठी।
प्रश्न 3: अहमदाबाद में बापू के आश्रम के विषय में चित्रात्मक जानकारी एकत्र कीजिए।
उत्तर: छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 4: सूर्योदय के 2-3 घंटे पहले पूर्व दिशा में या सूर्यास्त के 2-3 घंटे बाद पश्चिम दिशा में एक खूब चमकाता हुआ ग्रह दिखाई देता है, वह शुक्र ग्रह है। छोटी दूरबीन से इसकी बदलती हुई कलाएँ देखी जा सकती हैं, जैसे चंद्रमा की कलाएँ।
उत्तर: छात्र शुक्र ग्रह को देखकर इसकी कलाएँ स्वयं देखें।
प्रश्न 5: वीराने में जहाँ बत्तियाँ न हों वहाँ अँधेरी रात में जब आकाश में चाँद भी दिखाई न दे रहा हो तब शुक्र ग्रह (जिसे हम शुक्र तारा भी कहते हैं) के प्रकाश से अपने साए को चलते हुए देखा जा सकता है। कभी अवसर मिले तो इसे स्वयं अनुभव करके देखिए।
उत्तर: छात्र स्वयं ऐसा अनूठा अनुभव करें।
प्रश्न 1: सूर्यमंडल में नौ ग्रह हैं। शुक्र सूर्य से क्रमशः दूरी के अनुसार दूसरा ग्रह है और पृथ्वी तीसरा। चित्र सहित परियोजना पुस्तिका में अन्य ग्रहों के क्रम लिखिए।
उत्तर: छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 2: ‘स्वतंत्रता आंदोलन में गांधी जी का योगदान’ विषय पर कक्षा में परिचर्चा आयोजित कीजिए।
उत्तर: छात्र उक्त विषय पर स्वयं परिचर्चा का आयोजन करें।
प्रश्न 3: भारत के मानचित्र पर निम्न स्थानों को दर्शाएँ-
अहमदाबाद, जलियाँवाला बाग (अमृतसर), कालापानी (अंडमान), दिल्ली, शिमला, बिहार, उत्तर प्रदेश।
उत्तर:
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1. शुक्रतारे के समान पाठ का मुख्य संदेश क्या है? | ![]() |
2. इस पाठ में मुख्य पात्र कौन है और उसकी विशेषताएँ क्या हैं? | ![]() |
3. पाठ में दी गई शिक्षाओं का हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ सकता है? | ![]() |
4. 'शुक्रतारे के समान' शीर्षक का क्या अर्थ है? | ![]() |
5. पाठ में प्रस्तुत किए गए विचारों को कैसे व्यवहार में लाया जा सकता है? | ![]() |