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मत बाँधो NCERT Solutions | Hindi मल्हार Class 8 - New NCERT PDF Download

पाठ से

मेरी समझ से

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उपयुक्त उत्तर के सम्मुख तारा (*) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।

1. आप इनमें से कविता का मुख्य भाव किसे समझते हैं?

  • सपने मात्र कल्पनाएँ हैं
  • सपनों को भूल जाना चाहिए
  • सपनों की स्वतंत्रता बनी रहनी चाहिए *
  • सपने देखना अच्छी बात है *

उत्तर: सपनों की स्वतंत्रता बनी रहनी चाहिए, सपने देखना अच्छी बात है
कविता "मत बाँधो" का मुख्य भाव यह है कि सपनों को आज़ाद छोड़ना चाहिए ताकि वे हमें नई प्रेरणा और ऊँचाइयों तक ले जाएँ। सपने केवल कल्पनाएँ नहीं हैं, बल्कि वे हमें कुछ नया करने की ताकत देते हैं। कविता कहती है कि सपनों को रोकना नहीं चाहिए, इसलिए "सपनों की स्वतंत्रता बनी रहनी चाहिए" और "सपने देखना अच्छी बात है" सही उत्तर हैं।

2. 'मत बाँधो' कविता किसकी स्वतंत्रता की बात करती है?

  • प्रेम की
  • शिक्षा की
  • सपनों की *
  • अधिकारों की

उत्तर: सपनों की
कविता में महादेवी वर्मा बार-बार सपनों की आज़ादी की बात करती हैं। वे कहती हैं कि सपनों के पंख न काटो और उनकी गति न रोकें। इसलिए सही उत्तर है "सपनों की"।

3. "इन सपनों के पंख न काटो" पंक्ति में सपनों के 'पंख' होने की कल्पना क्यों की गई है?

  • सपने जीवन में कुछ नया करने की प्रेरणा देते हैं
  • सपने सफलता की ऊँचाइयों तक ले जाते हैं
  • सपने पंखों की तरह उड़ान भर भ्रमण करवाते हैं
  • सपने पंखों की तरह कोमल और अनेक प्रकार के होते हैं

उत्तर: सपने जीवन में कुछ नया करने की प्रेरणा देते हैं, सपने सफलता की ऊँचाइयों तक ले जाते हैं, सपने पंखों की तरह उड़ान भर भ्रमण करवाते हैं
सपनों को पंखों से जोड़ा गया है क्योंकि पंख पक्षियों को उड़ने में मदद करते हैं। ठीक वैसे ही, सपने हमें जीवन में ऊँचा उठने, नई प्रेरणा लेने और नई जगहों तक पहुँचने में मदद करते हैं। सपने हमें कुछ नया करने की ताकत देते हैं और सफलता की ऊँचाइयों तक ले जाते हैं। 

4. "स्वर्ग बनाने का फिर कोई शिल्प" पंक्ति में 'स्वर्ग' से आप क्या समझते हैं?

  • जहाँ किसी प्रकार का शारीरिक कष्ट न हो
  • जहाँ अतुलनीय धन संपत्ति हो
  • जहाँ परस्पर सहयोग एवं स‌द्भाव हो *
  • जहाँ सभी प्राणी एक-दूसरे के प्रति संवेदनशील हों *

उत्तर: जहाँ परस्पर सहयोग एवं स‌द्भाव हो, जहाँ सभी प्राणी एक-दूसरे के प्रति संवेदनशील हों
कविता में "स्वर्ग" का मतलब है एक ऐसी जगह जहाँ लोग एक-दूसरे के साथ प्यार, सहयोग और अच्छे भाव से रहें। सपने हमें ऐसी दुनिया बनाने की प्रेरणा देते हैं जहाँ सभी एक-दूसरे की मदद करें और संवेदनशील हों।

5. यदि बीज धूल में गिर जाए तो क्या हो सकता है?

  • वह बहुत तेजी से उड़ सकता है
  • वह और गहरा हो सकता है
  • उसकी उड़ान रुक सकती है
  • वह बढ़कर पौधा बन सकता है *

उत्तर: वह बढ़कर पौधा बन सकता है
कविता में कहा गया है कि अगर बीज को मिट्टी में गिरने से रोका जाए, तो वह पेड़ नहीं बन सकता। बीज जब धूल (मिट्टी) में गिरता है, तो वह पौधा बनकर बड़ा हो सकता है। इसलिए सही उत्तर है "वह बढ़कर पौधा बन सकता है"।

(ख) हो सकता है कि आपके समूह के साथियों ने अलग-अलग उत्तर चुने हों। अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?
उत्तर: हमने अपने दोस्तों के साथ चर्चा की और पाया कि हमने जो उत्तर चुने हैं, वे इन कारणों से सही हैं:

  • सपनों की स्वतंत्रता बनी रहनी चाहिए इसलिए सही है क्योंकि कविता "मत बाँधो" कहती है कि सपनों को रोकने से उनकी सुंदरता और शक्ति खत्म हो जाती है। सपनों को आज़ाद छोड़ने से वे हमें प्रेरणा देते हैं और जीवन को बेहतर बनाते हैं।
  • सपने देखना अच्छी बात है इसलिए सही है क्योंकि सपने हमें नई उम्मीद और कुछ नया करने की ताकत देते हैं, जैसा कि कविता में बताया गया है।
  • सपनों की स्वतंत्रता इसलिए सही है क्योंकि कविता बार-बार कहती है कि सपनों के पंख न काटो और उनकी गति न रोकें, ताकि वे ऊँचाइयों तक उड़ सकें।
  • सपने जीवन में कुछ नया करने की प्रेरणा देते हैं, सफलता की ऊँचाइयों तक ले जाते हैं, और पंखों की तरह उड़ान भर भ्रमण करवाते हैं इसलिए सही हैं क्योंकि कविता में सपनों को पंखों से जोड़ा गया है, जो हमें ऊँचा उठने और नई राह दिखाने का प्रतीक है।
  • जहाँ परस्पर सहयोग एवं स‌द्भाव हो और जहाँ सभी प्राणी एक-दूसरे के प्रति संवेदनशील हों इसलिए सही है क्योंकि कविता में "स्वर्ग" का मतलब ऐसी दुनिया है जहाँ लोग एक-दूसरे की मदद करें और प्यार से रहें।
  • बीज धूल में गिरकर पौधा बन सकता है इसलिए सही है क्योंकि कविता कहती है कि अगर बीज को मिट्टी में गिरने से रोका जाए, तो वह पेड़ नहीं बन सकता। बीज को आज़ादी देने से ही वह बड़ा हो सकता है, जैसे सपनों को।

पंक्तियों पर चर्चा

कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यानपूर्वक पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए।

(क) "सौरभ उड़ जाता है नभ में
फिर वह लौट कहाँ आता है? 
बीज धूलि में गिर जाता जो 
वह नभ में कब उड़ पाता है?"

उत्तर: इस पंक्ति का मतलब है कि खुशबू हवा में उड़ जाती है और वापस नहीं आती। बीज अगर मिट्टी में गिरता है तभी वह बड़ा पेड़ बन सकता है। यानी कुछ चीजें अपनी जगह पर रहकर ही सही काम कर पाती हैं। सपनों को भी अपनी जगह और आज़ादी चाहिए ताकि वे सफल हो सकें।

(ख) “मुक्त गगन में विचरण कर यह 
तारों में फिर मिल जायेगा, 
मेघों से रंग औ' किरणों से 
दीप्ति लिए भू पर आयेगा।"
उत्तर: इस पंक्ति का मतलब है कि सपने खुला आसमान में उड़ते हैं, बादलों और तारों के बीच घूमते हैं। वे बादलों से रंग और सूरज की किरणों से चमक लेकर फिर धरती पर लौटते हैं। यानी सपने हमें नई ऊर्जा और सुंदरता देते हैं जो हमारे जीवन को रोशन करते हैं।

मिलकर करें मिलान

कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ स्तंभ 1 में दी गई हैं। उन पंक्तियों के भाव या संदर्भ स्तंभ 2 में दिए गए हैं। पंक्तियों को उनके सही भाव अथवा संदर्भ से मिलाइए।
मत बाँधो NCERT Solutions | Hindi मल्हार Class 8 - New NCERTउत्तर:
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सोच-विचार के लिए

कविता को पुनः पढ़िए, पता लगाइए और लिखिए-

(क) कविता में 'मत बाँधो', 'पंख न काटो' आदि संबोधन किसके लिए किए गए होंगे?
उत्तर: ये संबोधन सपनों के लिए किए गए हैं। कवयित्री महादेवी वर्मा हमें कह रही हैं कि अपने या दूसरों के सपनों को रोकना या सीमित नहीं करना चाहिए। जैसे कोई व्यक्ति अपने सपनों को डर या बाधाओं से बाँध देता है, तो वे पूरे नहीं हो पाते। उदाहरण के लिए, अगर कोई बच्चा बड़ा वैज्ञानिक बनना चाहता है, तो हम उसके सपनों के पंख नहीं काटने चाहिए, बल्कि उसे आज़ादी देनी चाहिए। ये शब्द हमें याद दिलाते हैं कि सपने आज़ाद रहकर ही फलते-फूलते हैं।

(ख) कविता में सपनों की गति न बाँधने की बात क्यों कही गई होगी?
उत्तर: सपनों की गति न बाँधने की बात इसलिए कही गई होगी क्योंकि अगर हम सपनों को रोकते हैं, तो वे अपनी पूरी ताकत नहीं दिखा पाते। कवयित्री कहती हैं कि सपने जैसे पक्षी हैं, जिन्हें उड़ने की आज़ादी चाहिए। अगर हम उन्हें बाँध दें, तो वे हमें नई प्रेरणा, सुंदरता या सफलता नहीं दे पाएंगे। जैसे बीज को मिट्टी में गिरने से रोकने पर वह पेड़ नहीं बनता, वैसे ही सपनों को बाँधने से जीवन में कुछ नया नहीं होता। इससे हमारा जीवन सीमित और बोरिंग रह जाता है। कविता हमें सिखाती है कि सपनों की गति रोकने से उनकी चमक और महत्व खत्म हो जाता है, इसलिए उन्हें खुलकर जीने दें।

(ग) कविता में सौरभ, बीज, धुआँ, अग्नि जैसे उदाहरणों के माध्यम से सपनों को इनसे भिन्न बताते हुए उसे विशेष बताया गया है। आपकी दृष्टि में इन सबसे अलग सपनों की और कौन-सी विशेषताएँ हो सकती हैं?
उत्तर: कविता में सौरभ (खुशबू), बीज, धुआँ और अग्नि के उदाहरण से सपनों को अलग बताकर उनकी विशेषता दिखाई गई है, क्योंकि सपने इनसे ज्यादा जीवंत और रचनात्मक होते हैं। 
मेरी दृष्टि में सपनों की और विशेषताएँ ये हो सकती हैं:

  • व्यक्तिगत और अनोखे: सपने हर इंसान के अपने होते हैं, जैसे कोई दो खुशबू या बीज एक जैसे नहीं, लेकिन सपने हमारी सोच और भावनाओं से बनते हैं।
  • बदलने वाले: सपने समय के साथ बदल सकते हैं या बड़े हो सकते हैं, जबकि धुआँ या अग्नि एक बार जलकर खत्म हो जाते हैं।
  • प्रेरणा देने वाले: सपने हमें मेहनत करने की ताकत देते हैं और जीवन को नई दिशा दिखाते हैं, जो सौरभ या बीज जैसी चीजों में नहीं होती।
  • असीमित: सपने किसी सीमा में नहीं बंधे, वे कल्पना से शुरू होकर वास्तविकता बन सकते हैं, जैसे कोई व्यक्ति चाँद पर जाने का सपना देखता है और वैज्ञानिक बनकर उसे पूरा करता है।

ये विशेषताएँ सपनों को इन उदाहरणों से अलग बनाती हैं, क्योंकि सपने हमारे मन की रचना हैं और हमें बेहतर इंसान बनाती हैं।

(घ) कविता में 'आरोहण' और 'अवरोहण' दोनों के महत्व की बात की गई है। उदाहरण देकर बताइए कि आपने 'आरोहण' और 'अवरोहण' को कब-कब सार्थक होते देखा?
उत्तर: कविता में 'आरोहण' (ऊपर उठना) और 'अवरोहण' (नीचे आना) दोनों को महत्वपूर्ण बताया गया है, क्योंकि सपनों में उतार-चढ़ाव ही उन्हें सच्चा बनाते हैं। आरोहण से मतलब है ऊँचाई की ओर जाना और अवरोहण से नीचे आकर वास्तविकता से जुड़ना। 
मैंने इन्हें सार्थक होते देखा है:

  • आरोहण का उदाहरण: मैंने एक दोस्त को देखा जो डॉक्टर बनने का सपना देखता था। उसने मेहनत की और मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया – यह आरोहण था, जहाँ उसका सपना ऊँचा उठा और उसे प्रेरणा मिली। इससे उसकी जिंदगी में नई उम्मीद आई।
  • अवरोहण का उदाहरण: वही दोस्त पढ़ाई के दौरान असफलताओं से गुजरा, जैसे परीक्षा में कम नंबर आना। लेकिन वह नीचे आकर (अवरोहण) फिर से मेहनत करता और सीखता। इससे उसका सपना मजबूत हुआ और आज वह डॉक्टर है।

(ङ) "सपनों में दोनों ही गति है/ उड़कर आँखों में आता है!" क्या आप सहमत हैं कि सपने 'आँखों में लौटकर' वास्तविकता बन जाते हैं? अपने अनुभव या आस-पास के अनुभवों से कोई उदाहरण दीजिए।
उत्तर: हाँ, मैं पूरी तरह सहमत हूँ कि सपने दोनों गतियाँ (ऊपर-नीचे) रखते हैं और उड़कर 'आँखों में लौटकर' यानी हमारी सोच और नजर में वास्तविकता बन जाते हैं। सपने पहले कल्पना में उड़ते हैं, फिर मेहनत से हकीकत बनते हैं और हमें नई चमक देते हैं।
मेरा अनुभव का उदाहरण: मेरे एक पड़ोसी अंकल ने सपना देखा था कि वे अपना छोटा सा बिजनेस शुरू करेंगे। शुरू में सपना ऊँचा उड़ा (कल्पना में), लेकिन पैसे की कमी से नीचे आया। फिर उन्होंने मेहनत की, लोन लिया और दुकान खोली। आज वह सफल हैं और कहते हैं कि सपना उनकी आँखों में चमक बनकर लौटा, क्योंकि अब वे रोज़ अपनी दुकान देखकर खुश होते हैं। इससे उनका जीवन वास्तविकता में सुंदर हो गया।

शीर्षक

कविता का शीर्षक है 'मत बाँधो'। यदि आपको इस कविता को कोई अन्य नाम देना हो तो क्या नाम देंगे? आपने यह नाम क्यों सोचा? यह भी लिखिए।
उत्तर: 
मेरा नया शीर्षक: मैं इस कविता का नाम 'सपनों की उड़ान' रखूँगा।
क्यों सोचा: मैंने यह नाम इसलिए सोचा क्योंकि कविता में बार-बार सपनों को आज़ाद छोड़ने और उनकी उड़ान को रोकने से मना किया गया है। जैसे "इन सपनों के पंख न काटो" और "मुक्त गगन में विचरण कर" जैसी पंक्तियाँ हैं, जो बताती हैं कि सपने ऊँचा उड़कर हमें नई प्रेरणा और सुंदरता देते हैं। 'सपनों की उड़ान' शीर्षक से यह साफ हो जाता है कि कविता सपनों की आज़ादी और उनकी ताकत की बात करती है। यह नाम आसान और कविता के भाव को अच्छे से दर्शाता है।

अनुमान और कल्पना से

(क) मान लीजिए आप एक नया संसार बनाना चाहते हैं। उस संसार में आप क्या-क्या रखना चाहेंगे और क्या-क्या नहीं? अपने उत्तर का कारण भी बताइए।
उत्तर: 

  • ​रखना चाहूँगा: मैं अपने संसार में पेड़-पौधे, साफ हवा, स्कूल, अस्पताल और दोस्तों को रखूँगा। कारण यह है कि पेड़ हमें ऑक्सीजन देंगे, साफ हवा से हम स्वस्थ रहेंगे, स्कूल से पढ़ाई होगी, अस्पताल से बीमारी ठीक होगी और दोस्तों से खुशी मिलेगी।
  • नहीं रखना चाहूँगा: मैं प्रदूषण, लड़ाई-झगड़ा और गरीबी को नहीं रखूँगा। कारण यह है कि प्रदूषण से बीमारी होगी, लड़ाई से दुख होगा और गरीबी से लोग परेशान रहेंगे। मैं चाहता हूँ कि मेरा संसार खुशहाल हो।

(ख) कविता में शिल्प और कला के महत्व की बात की गई है। कलाएँ हमारे आस-पास की दुनिया को सुंदर बनाती हैं। आप अपने जीवन को सुंदर बनाने के लिए कौन-सी कला सीखना चाहेंगे? उससे आपका जीवन कैसे सुंदर बनेगा? अनुमान करके बताइए।
उत्तर: 

  • कौन-सी कला: मैं चित्रकला सीखना चाहूँगा।
  • कैसे सुंदर बनेगा: चित्रकला से मैं अपनी भावनाएँ और सपने रंगों में दिखा सकूँगा। जब मैं सुंदर चित्र बनाऊँगा, तो मेरी खुशी बढ़ेगी और लोग मेरी तारीफ करेंगे। इससे मेरा मन शांत और जीवन रंगीन होगा। मैं सोचता हूँ कि यह मुझे नई सोच और दोस्तों से प्यार भी देगा।

(ग) “सौरभ उड़ जाता है नभ में/ फिर वह लौट कहाँ आता है?" यदि आपके पास अपने बीते हुए समय में लौटने का अवसर मिले तो आप बीते हुए समय में क्या-क्या परिवर्तन करना चाहेंगे?
उत्तर: 

  • ​परिवर्तन: अगर मुझे बीते समय में लौटने का मौका मिले, तो मैं अपनी पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान दूँगा और गलतियों को कम करूँगा। मैं अपने माता-पिता से ज्यादा बात करूँगा ताकि उन्हें दुख न हो। मैं खेल-कूद में भी समय बचाऊँगा ताकि स्वस्थ रहूँ।
  • क्यों: मैं सोचता हूँ कि पढ़ाई में मेहनत से मेरा भविष्य बेहतर होगा। माता-पिता से प्यार से रिश्ते अच्छे रहेंगे और खेल से सेहत बनी रहेगी। इससे मेरा जीवन पहले से खुशहाल होगा।

(घ) “बीज धूलि में गिर जाता जो वह नभ में कब उड़ पाता है?" यदि सपने बीज की तरह हों तो उन्हें उगने के लिए किन चीजों की आवश्यकता होगी? (संकेत- धूप अर्थात मेहनत, पानी अर्थात लगन आदि।)
उत्तर: 

  • ​ज़रूरी चीजें: अगर सपने बीज की तरह हैं, तो उन्हें उगने के लिए मेहनत (धूप), लगन (पानी), धैर्य (हवा) और सही मार्गदर्शन (मिट्टी) की ज़रूरत होगी।
  • क्यों: मेहनत से सपने पूरे होते हैं, लगन से हम लगातार कोशिश करते हैं, धैर्य से मुश्किलों को सहते हैं और मार्गदर्शन से सही दिशा मिलती है। जैसे बीज इनसे पेड़ बनता है, वैसे ही सपने हकीकत बनते हैं।

(ङ) “स्वर्ग बनाने का फिर कोई शिल्प/भूमि को सिखलायेगा!" यदि अच्छे सपनों या विचारों से स्वर्ग बनाया जा सकता है तो बुरे सपनों अथवा विचारों से क्या होता होगा? बुरे सपनों या विचारों से कैसे बचा जा सकता है?
उत्तर: 

  • ​बुरे सपनों का असर: बुरे सपनों या विचारों से नरक जैसी स्थिति बन सकती है। इससे लड़ाई-झगड़ा, दुख और गलत काम बढ़ सकते हैं। जैसे अच्छे सपने हमें प्रेरणा देते हैं, वैसे बुरे सपने हमें गलत राह पर ले जा सकते हैं।
  • बचने का तरीका: बुरे सपनों से बचने के लिए हमें अच्छी किताबें पढ़नी चाहिए, अच्छे दोस्तों के साथ रहना चाहिए और अपने मन को शांत रखने के लिए प्रार्थना या खेल करना चाहिए। इससे हम सकारात्मक सोच अपनाएंगे और बुरे विचारों से दूर रहेंगे।

(च) “इन सपनों के पंख न काटो इन सपनों की गति मत बाँधो!" कल्पना कीजिए कि हर किसी को सपने देखने और उन्हें पूरा करने की पूरी स्वतंत्रता मिल जाए, तब दुनिया कैसी होगी? आपके अनुसार उस दुनिया में कौन-सी बातें महत्वपूर्ण होंगी?
उत्तर: 

  • दुनिया कैसी होगी: अगर हर किसी को सपने देखने और पूरा करने की आज़ादी मिले, तो दुनिया बहुत खुशहाल और रंगीन होगी। लोग वैज्ञानिक, कलाकार, डॉक्टर बनेंगे और नई चीजें बनाएंगे। कोई दुख या गरीबी नहीं होगी, सब एक-दूसरे की मदद करेंगे।
  • महत्वपूर्ण बातें: उस दुनिया में मेहनत, प्यार, सहयोग और शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण होंगे। मेहनत से सपने पूरे होंगे, प्यार से रिश्ते मजबूत होंगे, सहयोग से सबकी मदद होगी और शिक्षा से नई सोच आएगी।

(छ) "इन सपनों के पंख न काटो /इन सपनों की गति मत बाँधो!" आपके विचार से यह सुझाव है? आदेश है? प्रार्थना है? या कुछ और है? यह बात किससे कही जा रही है?
उत्तर: 

  • ​यह क्या है: मेरे विचार से यह एक सुझाव और थोड़ा-सा आदेश दोनों है। कवयित्री हमें सलाह दे रही हैं कि सपनों को आज़ाद रखें, लेकिन "मत बाँधो" और "न काटो" शब्दों से यह भी लगता है कि हमें इसे गंभीरता से मानना चाहिए।
  • किससे कही जा रही है: यह बात हम सब लोगों से कही जा रही है – माता-पिता, शिक्षक, दोस्त और खुद से भी। इसका मतलब है कि हमें अपने और दूसरों के सपनों को रोकने से बचना चाहिए ताकि हर कोई अपने सपनों को उड़ा सके।

कविता की रचना

  • "सौरभ उड़ जाता है नभ में..."
  • "बीज धूलि में गिर जाता जो..."
  • "अग्नि सदा धरती पर जलती..."

उपर्युक्त पंक्तियों पर ध्यान दीजिए। इन पंक्तियों को पढ़ते समय हमारी आँखों के सामने कुछ चित्र उभर आते हैं। कई बार कवि अपनी बात अथवा मुख्य भाव को समझाने या बताने के लिए उदाहरणों के माध्यम से शब्द-चित्रों की लड़ी-सी लगा देता है जिससे कविता में विशेष प्रभाव उत्पन्न हो जाता है। इस कविता में भी ऐसी अनेक विशेषताएँ छिपी हैं।
(क) अपने समूह के साथ मिलकर इन विशेषताओं की सूची बनाइए। अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए।
उत्तर: 
हमने अपने समूह के साथ कविता "मत बाँधो" की विशेषताओं पर चर्चा की और ये सूची बनाई:

  • प्रकृति के उदाहरण: कविता में सौरभ (खुशबू), बीज, अग्नि और धुआँ जैसे प्रकृति के उदाहरण हैं, जो सपनों को समझाने में मदद करते हैं। जैसे "सौरभ उड़ जाता है नभ में" से हम खुशबू की उड़ान का चित्र देखते हैं।
  • सपनों की आज़ादी: कविता बार-बार सपनों को रोकने से मना करती है, जैसे "इन सपनों के पंख न काटो", जो सपनों की स्वतंत्रता दिखाती है।
  • शब्द-चित्र: पंक्तियाँ जैसे "बीज धूलि में गिर जाता जो" से हम बीज के पेड़ बनने का दृश्य सोच सकते हैं, जो कविता को खूबसूरत बनाता है।
  • प्रश्नात्मक शैली: "फिर वह लौट कहाँ आता है?" जैसे सवाल पूछकर कवयित्री हमें सोचने के लिए मजबूर करती हैं।
  • उत्साह और प्रेरणा: "स्वर्ग बनाने का शिल्प" जैसे शब्द हमें नई ऊर्जा और अच्छे काम करने की प्रेरणा देते हैं।

हमने अपनी सूची कक्षा में साझा की। दूसरे समूहों ने भी अपनी बातें बताई, जैसे कुछ ने कहा कि कविता में भावनाएँ भी खूबसूरती से दिखती हैं। इससे हमारी समझ और बढ़ी।

(ख) नीचे इस कविता की कुछ विशेषताएँ और वे पंक्तियाँ दी गई हैं जिनमें ये विशेषताएँ समाहित हैं। विशेषताओं का सही पंक्तियों से मिलान कीजिए।
मत बाँधो NCERT Solutions | Hindi मल्हार Class 8 - New NCERTउत्तर: 
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शब्दों की बात

"इसका आरोहण मत रोको 
इसका अवरोहण मत बाँधो!"
उपर्युक्त पंक्तियों में रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए। 'आरोहण' और 'अवरोहण' दोनों एक-दूसरे के विपरीतार्थक शब्द हैं। आरोहण का अर्थ है- नीचे से ऊपर की ओर जाना या चढ़ना और अवरोहण का अर्थ है- ऊपर से नीचे की ओर आना या उतरना।

(क) नीचे दिए रिक्त स्थान में 'आरोहण' और 'अवरोहण' का उपयुक्त प्रयोग करके वाक्यों को पूरा कीजिए।

  • पर्वतारोहियों ने बीस दिन तक पर्वत पर _____ कर विजय प्राप्त की।
  • नदियाँ विशाल पर्वतों से _____  करते हुए सागर में मिल जाती हैं।
  • अंकगणित में बड़ी संख्या से छोटी संख्या की ओर लिखने की प्रक्रिया ____ क्रम कहलाती है।

इसी प्रकार से 'आरोहण' और 'अवरोहण' शब्दों के प्रयोग को देखते हुए आप भी कुछ सार्थक वाक्य बनाइए।
उत्तर: 

  • पर्वतारोहियों ने बीस दिन तक पर्वत पर आरोहण कर विजय प्राप्त की।
  • नदियाँ विशाल पर्वतों से अवरोहण करते हुए सागर में मिल जाती हैं।
  • अंकगणित में बड़ी संख्या से छोटी संख्या की ओर लिखने की प्रक्रिया अवरोहण क्रम कहलाती है।

अपने सार्थक वाक्य:

  • मैंने पहाड़ पर आरोहण किया और ऊपर से बहुत सुंदर दृश्य देखा।
  • सूरज की किरणें आकाश से अवरोहण करती हैं और धरती को रोशन करती हैं।
  • मेरे दोस्त ने सीढ़ियों से आरोहण करके छत पर झंडा फहराया।

(ख) नीचे दी गई कविता की पंक्तियों के रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए-
"वह नभ में कब उड़ पाता है?"
"धूम गगन में मँडराता है।"
'नभ' और 'गगन' समान अर्थ वाले शब्द हैं। रेखांकित शब्दों के समानार्थी शब्दों का प्रयोग करते हुए कुछ नई पंक्तियों की रचना कीजिए और देखिए कि पंक्तियों में लय बनाए रखने के लिए और किन परिवर्तनों की आवश्यकता पड़ती है?

उत्तर: समानार्थी शब्द: आकाश, व्योम
नई पंक्तियाँ:

  • वह आकाश में कब उड़ पाता है?
    (यहाँ "नभ" को "आकाश" से बदला, लय वैसी ही बनी रही।)
  • धूम व्योम में मँडराता है।
    (यहाँ "गगन" को "व्योम" से बदला, लेकिन "मँडराता है" की लय के लिए "धूम" को यथावत रखा।)

परिवर्तन की ज़रूरत: लय बनाए रखने के लिए शब्दों की लंबाई और ध्वनि पर ध्यान देना पड़ा। जैसे "आकाश" और "व्योम" को "नभ" और "गगन" के साथ जोड़ा, लेकिन अगर पंक्ति लंबी लगे तो बीच में "और" या "जैसे" जैसे शब्द जोड़ सकते हैं, जैसे - "वह आकाश में और उड़ पाता है?" (लेकिन यहाँ मूल लय को बनाए रखा गया)।

(ग) कविता में 'मत' शब्द के साथ 'बाँधो', 'काटो' क्रिया लगाई गई है। आप 'मत' के साथ कौन-कौन सी क्रियाएँ लगाना चाहेंगे? लिखिए। (संकेत- 'मत डरो')
उत्तर: क्रियाएँ:

  • मत डरो
  • मत रुको
  • मत छोड़ो
  • मत हारो
  • मत भूलो

क्यों: ये सभी क्रियाएँ हमें सकारात्मक सोच और मेहनत की प्रेरणा देती हैं। जैसे "मत डरो" से डर छोड़ने का हौसला मिलता है और "मत रुको" से आगे बढ़ने की ताकत मिलती है, जो कविता के सपनों को आज़ाद रखने के भाव से मेल खाती है।

(घ) आपकी भाषा में 'बाँधने' के लिए और कौन-कौन सी क्रियाएँ हैं? अपने समूह में चर्चा करके लिखिए और उनसे वाक्य बनाइए। (संकेत- जोड़ना)
उत्तर: 
क्रियाएँ: बाँधना, जोड़ना, रस्सी से बाँधना, कसना, टाई करना
(हमने समूह में चर्चा की और ये शब्द चुने।)
वाक्य:

  • मैंने गाय को रस्सी से बाँधा ताकि वह न भागे।
  • उसने दो डोरियाँ जोड़कर एक लंबी रस्सी बनाई।
  • पेड़ की डाल को कसकर बाँधा गया ताकि वह टूटे नहीं।
  • मेरे भाई ने अपनी जूतों की डोर टाई की।
  • हमने तंबू को पत्थरों से बाँधा ताकि हवा उसे उड़ा न ले।

(ङ) 'मत' शब्द को उलट कर लिखने से शब्द बनता है 'तम' जिसका अर्थ है 'अँधेरा'। कविता में से कुछ ऐसे और शब्द छाँटिए जिन्हें उलट कर लिखने से अर्थ देने वाले शब्द बनते हैं।
उत्तर: कविता से शब्द और उनके उलटे:

  • धरती → उलट कर तिरध (लेकिन अर्थ नहीं बनता, इसलिए सही नहीं)
  • नभ → उलट कर भन (अर्थ नहीं बनता)
  • पंख → उलट कर खनप (अर्थ नहीं बनता)
  • सौरभ → उलट कर भरउस (अर्थ नहीं बनता)

निष्कर्ष: कविता में ज्यादा शब्द ऐसे नहीं मिले जो उलटने से अर्थ दें। 'मत' और 'तम' एकमात्र उदाहरण है। समूह में चर्चा से पता चला कि हिंदी में उलटने से अर्थ देने वाले शब्द कम होते हैं, जैसे 'राम' → 'मार' (अर्थ: मारना), लेकिन कविता में यह लागू नहीं होता।

काल परिवर्तन

"सौरभ उड़ जाता है नभ में"
उपर्युक्त पंक्ति को ध्यान से देखिए। इस पंक्ति की क्रिया 'जाता है' से पता चलता है कि यह वर्तमान काल में लिखी गई है। यदि हम इसी पंक्ति को भूतकाल और भविष्य काल में लिखें तो यह निम्नलिखित प्रकार से लिखी जाएगी-
भूतकाल - सौरभ उड़ गया है नभ में
भविष्य काल - सौरभ उड़ जाएगा नभ में
कविता में वर्तमान काल में लिखी गई ऐसी अनेक पंक्तियाँ आई हैं। उन पंक्तियों को कविता में से ढूँढ़कर भूतकाल और भविष्य काल में लिखिए।

उत्तर: हमने कविता "मत बाँधो" को ध्यान से पढ़ा और वर्तमान काल में लिखी गई पंक्तियों को ढूँढा। इन पंक्तियों को भूतकाल और भविष्य काल में बदला है। नीचे दिए गए हैं:

1. मूल पंक्ति (वर्तमान काल): "सौरभ उड़ जाता है नभ में"

  • भूतकाल: सौरभ उड़ गया है नभ में
  • भविष्य काल: सौरभ उड़ जाएगा नभ में

2. मूल पंक्ति (वर्तमान काल): "बीज धूलि में गिर जाता जो"

  • भूतकाल: बीज धूलि में गिर गया जो
  • भविष्य काल: बीज धूलि में गिर जाएगा जो

3. मूल पंक्ति (वर्तमान काल): "अग्नि सदा धरती पर जलती"

  • भूतकाल: अग्नि सदा धरती पर जली
  • भविष्य काल: अग्नि सदा धरती पर जलेगी

4. मूल पंक्ति (वर्तमान काल): "धूम गगन में मँडराता है"

  • भूतकाल: धूम गगन में मँडराया है
  • भविष्य काल: धूम गगन में मँडराएगा

5. मूल पंक्ति (वर्तमान काल): "मुक्त गगन में विचरण कर यह तारों में फिर मिल जायेगा"

  • भूतकाल: मुक्त गगन में विचरण कर यह तारों में फिर मिल गया
  • भविष्य काल: मुक्त गगन में विचरण कर यह तारों में फिर मिलेगा

6. मूल पंक्ति (वर्तमान काल): "मेघों से रंग औ' किरणों से दीप्ति लिए भू पर आयेगा"

  • भूतकाल: मेघों से रंग औ' किरणों से दीप्ति लिए भू पर आया
  • भविष्य काल: मेघों से रंग औ' किरणों से दीप्ति लिए भू पर आएगा

Note: हमने कविता से वर्तमान काल की पंक्तियाँ चुनीं, जहाँ क्रिया जैसे "जाता है", "गिर जाता जो", "जलती", "मँडराता है" आदि हैं। इन्हें भूतकाल में "गया", "गिर गया", "जली" और भविष्य काल में "जाएगा", "गिर जाएगा", "जलेघी" जैसे रूपों में बदला। इससे कविता का समय बदल गया, लेकिन भाव वही रहा। हमने ध्यान रखा कि शब्दों की लय बनी रहे।

शब्दकोश से

"स्वर्ग बनाने का फिर कोई शिल्प"
शब्दकोश के अनुसार 'शिल्प' शब्द के निम्नलिखित अर्थ हैं- 1. हाथ से कोई चीज बनाकर तैयार करने का काम - दस्तकारी, कारीगरी या हुनर, जैसे- बरतन बनाना, कपड़े सिलना, गहने गढ़ना आदि। 2. कला संबंधी व्यवसाय। 3. दक्षता, कौशला 4. निर्माण, सर्जन, सृष्टि, रचना। 5. आकार, आवृत्ति। 6. अनुष्ठान, क्रिया, धार्मिक कृत्य।
अब शब्दकोश से 'शिल्प' शब्द से जुड़े निम्नलिखित शब्दों के अर्थ खोजकर लिखिए-
1. शिल्पकार, शिल्पी, शिल्पजीवी, शिल्पकारक, शिल्पिक या शिल्पकारी
2. शिल्पकला
3. शिल्पकौशल
4. शिल्पगृह या शिल्पगेह
5. शिल्पविद्या
6. शिल्पशाला या शिल्पालय

उत्तर: ‘शिल्प’ शब्द से जुड़े शब्दों के अर्थ:

  1. शिल्पकार, शिल्पी, शिल्पजीवी, शिल्पकारक, शिल्पिक या शिल्पकारी
    • अर्थ: वह व्यक्ति जो कारीगरी, हुनर या कला का काम करता हो। जैसे- मूर्ति बनाने वाला, बर्तन बनाने वाला, चित्रकार या कोई भी कारीगर।
    • उदाहरण: मूर्तिकार एक शिल्पकार है जो पत्थर से सुंदर मूर्तियाँ बनाता है।
  2. शिल्पकला
    • अर्थ: वह कला जिसमें हाथ से सुंदर और उपयोगी चीजें बनाई जाती हैं। जैसे- मूर्तिकला, चित्रकला, बुनाई या कढ़ाई।
    • उदाहरण: शिल्पकला में मिट्टी के बर्तन बनाना एक सुंदर कला है।
  3. शिल्पकौशल
    • अर्थ: किसी कला या काम में विशेष निपुणता, दक्षता या कौशल।
    • उदाहरण: कारीगर का शिल्पकौशल देखकर लोग उसकी तारीफ करते हैं।
  4. शिल्पगृह या शिल्पगेह
    • अर्थ: वह स्थान या घर जहाँ शिल्प का काम होता हो, जैसे- कारीगर का कार्यस्थल।
    • उदाहरण: शिल्पगृह में कारीगर मिट्टी के दीये बनाते हैं।
  5. शिल्पविद्या
    • अर्थ: शिल्प या कला से संबंधित ज्ञान या शिक्षा।
    • उदाहरण: शिल्पविद्या सीखने के लिए उसने कला स्कूल में दाखिला लिया।
  6. शिल्पशाला या शिल्पालय
    • अर्थ: वह जगह जहाँ शिल्प का काम सिखाया या किया जाता हो, जैसे- कार्यशाला।
    • उदाहरण: शिल्पशाला में लोग मूर्तियाँ और हस्तकला की चीजें बनाना सीखते हैं।

पाठ से आगे

आपकी बात

(क) कविता में गति को न बाँधने की बात कही गई है। आप 'बाँधने' का प्रयोग किन-किन स्थितियों या वस्तुओं के लिए करते हैं? बताइए। (संकेत- गाँठ बाँधना)
उत्तर: 
'बाँधने' का प्रयोग हम निम्नलिखित स्थितियों या वस्तुओं के लिए करते हैं:

  • गाँठ बाँधना: जैसे- रस्सी में गाँठ बाँधना या कपड़े को बाँधना।
  • पशुओं को बाँधना: जैसे- गाय या बकरी को रस्सी से खूँटे से बाँधना।
  • बाल बाँधना: जैसे- चोटी या जूड़ा बाँधना।
  • राखी बाँधना: जैसे- भाई के कलाई पर राखी बाँधना।
  • पट्टी बाँधना: जैसे- चोट पर पट्टी बाँधना।
  • सपनों को बाँधना: जैसे- किसी की इच्छाओं या सपनों को रोकना।

(ख) 'स्वर्ग' शब्द से आशय है 'सुखद स्थान'। अर्थात वह स्थान जहाँ सुख, शांति, समृद्धि और आनंद की अनुभूति हो। अपने घर, आस-पड़ोस और विद्यालय को सुखद स्थान बनाने के लिए आप क्या-क्या प्रयास करेंगे? सूची बनाइए और घर के सदस्यों के साथ साझा कीजिए।
उत्तर: 
अपने घर, आस-पड़ोस और विद्यालय को सुखद स्थान बनाने के लिए मैं निम्नलिखित प्रयास करूँगा:

  • घर के लिए:
    1. घर को साफ-सुथरा रखना।
    2. परिवार के साथ मिलकर समय बिताना और हँसी-खुशी का माहौल बनाना।
    3. छोटे-छोटे पौधे लगाकर घर को हरा-भरा करना।
    4. सभी के साथ प्यार और सम्मान से बात करना।
  • आस-पड़ोस के लिए:
    1. पड़ोसियों की मदद करना, जैसे- जरूरत पड़ने पर सामान लाना।
    2. मोहल्ले में साफ-सफाई के लिए सबको प्रेरित करना।
    3. त्योहारों पर एक-दूसरे के साथ खुशियाँ बाँटना।
    4. झगड़े से बचना और शांति बनाए रखना।
  • विद्यालय के लिए:
    1. स्कूल में साफ-सफाई रखना और कूड़ा न फैलाना।
    2. दोस्तों और शिक्षकों के साथ अच्छा व्यवहार करना।
    3. स्कूल में पेड़-पौधे लगाने में मदद करना।
    4. सभी को मिलकर खेलने और पढ़ने का मौका देना।

(ग) कविता में सपनों की बात की गई है। आपका कौन-सा सपना ऐसा है जो यदि सच हो जाए तो वह दूसरों की सहायता कर सकता है? उसके विषय में बताइए।
उत्तर: मेरा सपना है कि मैं एक डॉक्टर बनूँ। अगर यह सपना सच हो गया, तो मैं गरीब और जरूरतमंद लोगों का मुफ्त में इलाज करूँगा। मैं गाँवों में मेडिकल कैंप लगाऊँगा, जहाँ लोगों को मुफ्त दवाइयाँ और स्वास्थ्य जाँच की सुविधा मिलेगी। इससे कई लोगों को बेहतर स्वास्थ्य और खुशी मिलेगी।

चर्चा-परिचर्चा

"सपनों में दोनों ही गति है/ उड़कर आँखों में आता है।" किसी एक के द्वारा देखा गया सपना बहुत से लोगों का सपना भी बन जाता है। साथियों से चर्चा कीजिए कि आपके कौन-से ऐसे सपने हैं जिन्हें पूरा करने के लिए आप अन्य लोगों को भी जोड़ना चाहेंगे।
उत्तर: मेरे कुछ ऐसे सपने हैं जिन्हें पूरा करने के लिए मैं दूसरों को जोड़ना चाहूँगा:

  • स्वच्छ भारत का सपना: मैं चाहता हूँ कि मेरा गाँव या शहर पूरी तरह साफ और हरा-भरा हो। इसके लिए मैं अपने दोस्तों, पड़ोसियों और स्कूल के साथियों को जोड़कर साफ-सफाई अभियान चलाऊँगा। हम मिलकर कूड़ा हटाएँगे और पेड़ लगाएँगे।
  • शिक्षा का सपना: मैं चाहता हूँ कि हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिले। इसके लिए मैं अपने दोस्तों और शिक्षकों के साथ मिलकर गरीब बच्चों को मुफ्त किताबें और पढ़ाई की सुविधा देने का काम करूँगा।
  • गरीबी हटाने का सपना: मैं चाहता हूँ कि कोई भूखा न रहे। इसके लिए मैं अपने साथियों के साथ मिलकर जरूरतमंद लोगों को खाना और कपड़े बाँटने का काम करूँगा।

इन सपनों को पूरा करने के लिए मैं अपने दोस्तों, परिवार और समाज के लोगों को प्रेरित करूँगा ताकि हम सब मिलकर एक बेहतर समाज बना सकें।

सृजन

(क) विराम चिह्न का फेरबदल-
रोको मत, जाने दो
रोको, मत जाने दो
लेखन में विराम चिह्नों का विशेष महत्व होता है। विराम चिह्नों के प्रयोग से वाक्य या पंक्ति का अर्थ स्पष्ट हो जाता है और परिवर्तित भी हो जाता है, जैसे- 'रोको मत, जाने दो' में रोको मत के बाद अल्पविराम चिह्न (,) का प्रयोग किया गया है, जिसका अर्थ है कि बिना रोके जाने दिया जाए। वहीं 'रोको, मत जाने दो' में रोको के बाद अल्पविराम (,) का प्रयोग किया गया है, जिसका अर्थ है कि जाने से रोका जाए। नीचे कुछ चित्र दिए गए हैं। आप किन चित्रों के लिए 'रोको मत, जाने दो' या 'रोको, मत जाने दो' का प्रयोग करेंगे? दिए गए रिक्त स्थान में लिखिए और इन चित्रों को शीर्षक भी दीजिए।

मत बाँधो NCERT Solutions | Hindi मल्हार Class 8 - New NCERT

मत बाँधो NCERT Solutions | Hindi मल्हार Class 8 - New NCERT

उत्तर: 

  1. बच्चे सड़क पार कर रहे हैं, कार रुकी हुई है
    शीर्षक: "रुको मत, जाने दो"
    विराम चिह्न: यहाँ ‘रुको मत’ के बाद कोई अल्पविराम नहीं होगा क्योंकि यहाँ रोकने का आदेश नहीं है। इसका अर्थ है बिना रोके आगे बढ़ो।
  2. आदमी एक बोर्ड पढ़ रहा है जिसमें लिखा है "यह क्षेत्र वि..."
    शीर्षक: "रुको, मत जाने दो"
    विराम चिह्न: यहाँ ‘रुको’ के बाद अल्पविराम (,) लगाया जाएगा क्योंकि यहाँ रोकने का आदेश दिया गया है, यानी उसे रुका जाना चाहिए।
  3. परिवार सैनिक का स्वागत कर रहा है
    शीर्षक: "रुको, मत जाने दो"
    विराम चिह्न: ‘रुको’ के बाद अल्पविराम (,) लगाया जाएगा क्योंकि यहाँ रोकने का आदेश है, जो सैनिक परिवार से जुड़ा भाव दर्शाता है।
  4. मतदान केंद्र के बाहर लोग खड़े हैं
    शीर्षक: "रुको मत, जाने दो"
    विराम चिह्न: यहाँ ‘रुको मत’ एक साथ है, मतलब मत रुको और आगे बढ़ो। इसलिए कोई अल्पविराम नहीं।
  5. ट्रैफिक पुलिस गाड़ी को रोक रहा है
    शीर्षक: "रुको, मत जाने दो"
    विराम चिह्न: ‘रुको’ के बाद अल्पविराम (,) क्योंकि ट्रैफिक पुलिस गाड़ी को रोक रहा है।
  6. अंधा व्यक्ति बच्चे के साथ सड़क पार कर रहा है
    शीर्षक: "रुको मत, जाने दो"
    विराम चिह्न: ‘रुको मत’ साथ में है, मतलब रोको मत और आगे बढ़ने दो, इसलिए कोई अल्पविराम नहीं।

(ख) कविता आगे बढ़ाएँ
नीचे दी गई पंक्तियों को आगे बढ़ाते हुए अपनी एक कविता तैयार कीजिए।
इन सपनों के पंख न काटो
इन सपनों की गति मत बाँधो।

उत्तर: इन सपनों के पंख न काटो
इन सपनों की गति मत बाँधो।
जैसे नदिया बहती है मुक्त
सागर तक पहुँचने को रुक।
सपने भी तो हैं नदिया जैसे
उड़ते हैं मन के आकाश में ऐसे।

रोक न इनकी राह सुहानी
इनमें बस्ती है जिंदगानी।
हर सपना लाता है रंग नया
दिल में जगाता है उमंग नया।
छू लेगा यह तारों का मेला
जब उड़ेगा खुला सा झमेला।

इन सपनों को दे दो उड़ान
बन जाएँ ये जीवन का सम्मान।
धरती से उठकर गगन तक जाए
हर दिल में नई रोशनी लाए।
इन सपनों के पंख न काटो
इन सपनों की गति मत बाँधो।

(ग) खोया-पाया
मान लीजिए आपका सपना कहीं खो गया है। उसके खो जाने की रिपोर्ट तैयार करें। आपको स्कूल प्रशासन को यह रिपोर्ट भेजनी है। इसके लिए स्कूल प्रशासन के नाम एक पत्र लिखिए।

उत्तर: प्रति,
प्रधानाचार्य महोदय,
[स्कूल का नाम],
[स्कूल का पता]
विषय: खोए हुए सपने की रिपोर्ट
माननीय महोदय,
सादर नमस्ते! मैं [आपका नाम], कक्षा [आपकी कक्षा] का विद्यार्थी हूँ। मैं आपको सूचित करना चाहता हूँ कि मेरा एक बहुत महत्वपूर्ण सपना खो गया है। यह सपना था कि मैं एक डॉक्टर बनकर गरीब लोगों की मुफ्त में मदद करूँ।
सपने का विवरण:

  • क्या खोया: मेरा सपना (डॉक्टर बनने का)
  • कब खोया: पिछले कुछ दिनों से मुझे लग रहा है कि यह सपना मेरे मन से कहीं खो गया है।
  • कहाँ खोया: शायद स्कूल के खेल के मैदान, पुस्तकालय या कक्षा में, जहाँ मैं अक्सर समय बिताता हूँ।
  • विशेष जानकारी: यह सपना मेरे लिए बहुत खास था। यह मुझे हमेशा प्रेरणा देता था कि मैं मेहनत करूँ और दूसरों की मदद करूँ।

मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि इस सपने को ढूँढने में मेरी मदद करें। अगर किसी को यह सपना मिले, तो कृपया मुझे या स्कूल कार्यालय को सूचित करें। मैं अपने सपने को फिर से पाने के लिए बहुत उत्सुक हूँ।
आपका सहयोग मेरे लिए बहुत मायने रखता है। धन्यवाद।
दिनांक: 13 अगस्त, 2025
आपका आज्ञाकारी,
[आपका नाम]
[कक्षा और अनुक्रमांक]

वाद-विवाद

(क) कक्षा में पाँच-पाँच विद्यार्थियों के समूह बनाकर एक वाद-विवाद गतिविधि का आयोजन कीजिए। इसके लिए विषय है- "व्यक्ति को बाँध सकते हैं उसकी कल्पना और विचारों को नहीं।"
एक समूह विषय के विपक्ष में और दूसरा समूह विषय के पक्ष में अपना तर्क देगा। जैसे-
समूह 1- व्यक्ति की कल्पना और विचारों पर नियंत्रण आवश्यक है।
समूह 2- स्वतंत्र विचार और कल्पना प्रगति के लिए महत्वपूर्ण हैं।

उत्तर: वाद-विवाद गतिविधि का आयोजन
विषय: "व्यक्ति को बाँध सकते हैं उसकी कल्पना और विचारों को नहीं।"
आयोजन का तरीका:

  1. कक्षा में 8 विद्यार्थियों को दो समूहों में बाँटें (प्रत्येक समूह में 5 विद्यार्थी)।
    • समूह 1: विषय के विपक्ष में (व्यक्ति की कल्पना और विचारों पर नियंत्रण आवश्यक है)।
    • समूह 2: विषय के पक्ष में (स्वतंत्र विचार और कल्पना प्रगति के लिए महत्वपूर्ण हैं)।
  2. प्रत्येक समूह को 5 मिनट का समय दें ताकि वे अपने तर्क तैयार करें।
  3. वाद-विवाद की शुरुआत समूह 1 से हो, फिर समूह 2 बोले। दोनों समूह बारी-बारी से अपने तर्क देंगे।
  4. प्रत्येक विद्यार्थी को 1-2 मिनट बोलने का मौका दें।
  5. शिक्षक या एक तटस्थ विद्यार्थी निर्णायक की भूमिका निभाए और अंत में विजेता समूह की घोषणा करे।
  6. समय सीमा: पूरी गतिविधि 20-25 मिनट में पूरी हो।

समूह 1 (विपक्ष) के तर्क:

  • व्यक्ति की कल्पना और विचारों पर नियंत्रण जरूरी है क्योंकि गलत विचार समाज में अशांति फैला सकते हैं।
  • बिना नियंत्रण के लोग गलत कामों के बारे में सोच सकते हैं, जैसे चोरी या हिंसा।
  • स्कूल और परिवार में बच्चों के विचारों को सही दिशा देना जरूरी है।
  • अगर हर कोई अपनी मर्जी से सोचे, तो समाज में एकता नहीं रहेगी।
  • नियंत्रण से ही व्यक्ति सही और गलत का अंतर समझ पाता है।

समूह 2 (पक्ष) के तर्क:

  • कल्पना और विचारों को बाँधना गलत है क्योंकि इससे नई खोजें और प्रगति रुक जाएगी।
  • स्वतंत्र विचारों से ही वैज्ञानिकों ने आविष्कार किए, जैसे बिजली या इंटरनेट।
  • हर व्यक्ति की कल्पना उसे खास बनाती है और उसे रोकना उसकी आजादी छीनना है।
  • सपने और विचार हमें बेहतर इंसान बनाते हैं, जैसे महादेवी वर्मा ने कविता में कहा।
  • स्वतंत्र विचार समाज को नई दिशा देते हैं और सुखद भविष्य बनाते हैं।

(ख) विद्यार्थी वाद-विवाद के अनुभवों पर एक अनुच्छेद भी लिख सकते हैं।
उत्तर: वाद-विवाद का अनुभव
आज हमारी कक्षा में "व्यक्ति को बाँध सकते हैं उसकी कल्पना और विचारों को नहीं" विषय पर वाद-विवाद हुआ। यह बहुत मजेदार और ज्ञानवर्धक अनुभव था। मैं समूह 2 में था, जो विषय के पक्ष में बोला। हमने तर्क दिया कि स्वतंत्र विचार और कल्पना से ही समाज में प्रगति होती है। दूसरा समूह विपक्ष में था और उसने कहा कि विचारों पर नियंत्रण जरूरी है ताकि गलत काम न हों। दोनों समूहों ने जोरदार तर्क दिए। मुझे अपने विचार रखने में बहुत मजा आया और मैंने सीखा कि कैसे अपनी बात को स्पष्ट और आत्मविश्वास से कहना चाहिए। इस गतिविधि से हमें एक-दूसरे के विचार समझने का मौका मिला और यह भी पता चला कि सपनों और विचारों की आजादी कितनी जरूरी है। मैं भविष्य में भी ऐसी गतिविधियों में हिस्सा लेना चाहूँगा।

देखना-सुनना-समझना...

(क) “धूम गगन में मॅडराता है।"
सुगंध का अनुभव सूंघकर किया जाता है। धुएँ को देखा जा सकता है। वायु का अनुभव स्पर्श द्वारा किया जा सकता है और अनुभवों को बोलकर भी कहा या बताया जा सकता है जैसे कि कोई कमेंट्री कर रहा हो।
जो व्यक्ति देख पाने में सक्षम नहीं है, आप उन्हें निम्नलिखित स्थितियों का अनुभव कैसे करवा सकते हैं-

  • वर्षा की बूँदों का
  • धुएँ के उड़ने का
  • खेल के रोमांच का

उत्तर: ​​​​

  • वर्षा की बूँदों का अनुभव:
    • मैं उन्हें बाहर ले जाऊँगा और बारिश की बूँदों को उनके हाथों या चेहरे पर छूने दूँगा।
    • बारिश की आवाज सुनवाऊँगा, जैसे छत पर टप-टप की ध्वनि।
    • मैं बोलकर बताऊँगा कि बारिश कैसे ठंडी और ताज़ा लगती है, जैसे- “बूँदें छोटी-छोटी और ठंडी हैं, जैसे पानी के छोटे मोती।”
  • धुएँ के उड़ने का अनुभव:
    • मैं उन्हें धुएँ की गंध सूँघने दूँगा, जैसे अगरबत्ती या लकड़ी जलने की गंध।
    • हवा में धुएँ की हल्की गर्मी को उनके हाथों से छूने दूँगा।
    • मैं बताऊँगा कि धुआँ हल्का और हवा में ऊपर उठता हुआ लगता है, जैसे बादल।
  • खेल के रोमांच का अनुभव:
    • मैं उन्हें खेल की आवाजें सुनवाऊँगा, जैसे दर्शकों की तालियाँ या खिलाड़ियों की चीख-पुकार।
    • खेल के दौरान हवा में गेंद की गति को छूने दूँगा, जैसे फुटबॉल को हल्के से छूना।
    • मैं बोलकर खेल का रोमांच बताऊँगा, जैसे- “गेंद तेजी से जा रही है, और सभी जोर से चिल्ला रहे हैं!”

(ख) मूक अभिनय द्वारा कविता का भाव
विद्यार्थियों के बराबर-बराबर की संख्या में दो दल (टीम) बनाइए। दलों के नाम रखें- कल्पना और आकांक्षा।
'कल्पना' दल से एक प्रतिभागी आगे आए और मूक अभिनय (हाव-भाव या संकेत) के माध्यम से इस कविता की किसी भी पंक्ति का भाव प्रस्तुत करें। 'आकांक्षा' दल के प्रतिभागियों को पहचानकर बताना होगा कि अभिनय में किस पंक्ति की बात की जा रही है। पहचानने की समय सीमा भी निर्धारित की जाए। निर्धारित समय सीमा पर सही उत्तर बताने वाले दल को अंक भी दिए जा सकते हैं। इस तरह से खेल को आगे बढ़ाया जाए।

उत्तर: 
खेल का तरीका:

  1. कक्षा में विद्यार्थियों को दो दलों में बाँटें: कल्पना और आकांक्षा। प्रत्येक दल में बराबर विद्यार्थी हों।
  2. कल्पना दलसे एक विद्यार्थी आएगा और कविता “मत बाँधो” की किसी पंक्ति का भाव मूक अभिनय (हाव-भाव, इशारों) से दिखाएगा। उदाहरण:
    • पंक्ति: “इन सपनों के पंख न काटो”
      अभिनय: विद्यार्थी पक्षी की तरह हाथ फड़फड़ाएगा और फिर कैंची से काटने का इशारा करेगा।
  3. आकांक्षा दल को 30 सेकंड में यह पहचानना होगा कि कौन सी पंक्ति दिखाई जा रही है।
  4. सही उत्तर देने पर आकांक्षा दल को 1 अंक मिलेगा। गलत होने पर कल्पना दल को मौका मिलेगा।
  5. फिर आकांक्षा दल से एक विद्यार्थी अभिनय करेगा और कल्पना दल पहचानेगा।
  6. खेल को 5-6 बार दोहराएँ और सबसे ज्यादा अंक पाने वाला दल जीतेगा।

आपदा प्रबंधन

"अग्नि सदा धरती पर जलती / धूम गगन में मँडराता है!"
आग, बाढ़, भूकंप जैसी आपदाएँ अचानक आ जाती हैं। सही जानकारी से आपदाओं की स्थिति में बचाव संभव हो जाता है।

(क) कक्षा में अपने शिक्षकों के साथ चर्चा कीजिए कि क्या-क्या करेंगे यदि-

  • कहीं अचानक आग लग जाए
  • आपके क्षेत्र में बाढ़ आ जाए
  • भूकंप आ जाए

उत्तर: 

  • अचानक आग लग जाए:
    • तुरंत नजदीकी निकास द्वार की ओर जाएँ।
    • नीचे झुककर चलें ताकि धुआँ साँस में न जाए।
    • गीला कपड़ा मुँह पर रखें।
    • चिल्लाकर दूसरों को सावधान करें और शिक्षक की मदद लें।
    • अग्निशामक यंत्र (फायर एक्सटिंग्विशर) का इस्तेमाल करें, अगर जानते हों।
  • क्षेत्र में बाढ़ आ जाए:
    • ऊँचे स्थान पर चले जाएँ, जैसे छत या पहाड़ी।
    • बिजली के उपकरणों से दूर रहें।
    • जरूरी सामान (खाना, पानी, कपड़े) साथ रखें।
    • रेडियो या फोन से समाचार सुनें और बचाव दल की मदद लें।
    • बाढ़ के पानी में न चलें, क्योंकि वह खतरनाक हो सकता है।
  • भूकंप आ जाए:
    • तुरंत मेज या मजबूत फर्नीचर के नीचे छिप जाएँ।
    • सिर को हाथों से ढकें।
    • खिड़कियों और भारी सामान से दूर रहें।
    • भूकंप रुकने तक बाहर न निकलें।
    • खुले मैदान में जाएँ, अगर इमारत से बाहर निकलना सुरक्षित हो।

(ख) “मैं आपदा के समय क्या करूँगा या करूँगी?" एक सूची या चित्र आधारित योजना बनाइए।
उत्तर: सूची आधारित योजना:

  • भूकंप आने पर
    • घबराऊँगा/घबराऊँगी नहीं।
    • तुरंत किसी मज़बूत मेज़ या टेबल के नीचे बैठ जाऊँगा/जाऊँगी।
    • खिड़की, शीशे और ऊँची अलमारियों से दूर रहूँगा/रहूँगी।
    • झटके रुकने तक सुरक्षित स्थान पर ही रहूँगा/रहूँगी।
  • आग लगने पर
    • तुरंत पास के बड़ों या शिक्षकों को बताऊँगा/बताऊँगी।
    • फायर ब्रिगेड (101) पर कॉल करूँगा/करूँगी।
    • धुएँ से बचने के लिए रूमाल या कपड़े से नाक ढकूँगा/ढकूँगी।
    • लिफ्ट का इस्तेमाल नहीं करूँगा/करूँगी, सीढ़ियों से बाहर निकलूँगा/निकलूँगी।
  • बाढ़ आने पर
    • ऊँचे स्थान पर चला जाऊँगा/जाऊँगी।
    • बिजली के उपकरण और स्विच से दूर रहूँगा/रहूँगी।
    • पानी में चलने से बचूँगा/बचूँगी, जब तक बहुत ज़रूरी न हो।
  • तूफ़ान या चक्रवात आने पर
    • घर के अंदर सुरक्षित स्थान पर रहूँगा/रहूँगी।
    • दरवाज़े और खिड़कियाँ बंद रखूँगा/रखूँगी।
    • बैटरी वाला टॉर्च और रेडियो पास में रखूँगा/रखूँगी।

चित्र आधारित योजना

  • ज़रूरी नंबर पर कॉल करो
    मत बाँधो NCERT Solutions | Hindi मल्हार Class 8 - New NCERT
  • खिड़कियों से दूर रहो
    मत बाँधो NCERT Solutions | Hindi मल्हार Class 8 - New NCERT
  • सीढ़ियों से बाहर निकलो, लिफ्ट मत लो
    मत बाँधो NCERT Solutions | Hindi मल्हार Class 8 - New NCERT
  •  टॉर्च और ज़रूरी सामान पास रखो
    मत बाँधो NCERT Solutions | Hindi मल्हार Class 8 - New NCERT

शिल्प

"स्वर्ग बनाने का फिर कोई शिल्प
भूमि को सिखलायेगा!"
हमारे देश में हजारों वर्षों से अनगिनत शिल्प प्रचलित हैं। उनमें से कुछ के बारे में आप पहले से जानते होंगे। इनके बारे में कक्षा में चर्चा कीजिए।

(क) अपने समूह के साथ मिलकर नीचे दिए गए शिल्प-कार्यों को उनके सही अर्थों या व्याख्या से मिलाइए-
मत बाँधो NCERT Solutions | Hindi मल्हार Class 8 - New NCERTउत्तर: 
मत बाँधो NCERT Solutions | Hindi मल्हार Class 8 - New NCERT

(ख) अपने विद्यालय या परिवार के साथ हस्तशिल्प से जुड़े किसी स्थान या कार्यशाला का भ्रमण कीजिए और उस हस्तशिल्प के बारे में एक रिपोर्ट बनाइए।
अथवा
राष्ट्रीय हस्तशिल्प संग्रहालय की नीचे दी गई वेबसाइट में आपको कौन-सा हस्तशिल्प या कलाकृति सबसे अच्छी लगी और क्यों, उसके विषय में लिखिए।
https://nationalcraftsmuseum.nic.in/

उत्तर: हस्तशिल्प कार्यशाला की रिपोर्ट
रिपोर्ट: 
मैंने अपने परिवार के साथ पास के एक हस्तशिल्प कार्यशाला का भ्रमण किया, जहाँ मिट्टी के बर्तन बनाए जाते हैं। यह कार्यशाला बहुत सुंदर थी। वहाँ कारीगर मिट्टी को चाक पर घुमाकर बर्तन, दीये और मूर्तियाँ बना रहे थे। मैंने देखा कि वे मिट्टी को गीला करके उसे नरम करते हैं, फिर चाक पर आकार देते हैं। एक कारीगर ने मुझे चाक चलाना भी सिखाया। यह बहुत मजेदार था, लेकिन मुश्किल भी। मैंने सीखा कि मिट्टी के बर्तन बनाने में धैर्य और कौशल चाहिए। कारीगरों ने बताया कि यह शिल्प कई पीढ़ियों से चला आ रहा है। मैंने वहाँ से एक छोटा मिट्टी का दीया खरीदा। यह अनुभव मुझे हमेशा याद रहेगा।
अथवा
राष्ट्रीय हस्तशिल्प संग्रहालय
रिपोर्ट: 
मैंने राष्ट्रीय हस्तशिल्प संग्रहालय की वेबसाइट देखी। मुझे मधुबनी चित्रकला सबसे अच्छी लगी। ये चित्र रंग-बिरंगे और बहुत सुंदर हैं। इनमें प्रकृति, जानवर और गाँव की जिंदगी को दिखाया जाता है। मुझे एक चित्र में सूरज और पक्षियों का डिज़ाइन बहुत पसंद आया, क्योंकि यह रंगों से भरा था और देखकर खुशी हुई। मधुबनी कला बिहार की है और इसे बनाने में बहुत मेहनत लगती है। यह कला हमारी संस्कृति को दिखाती है और मुझे गर्व महसूस हुआ।

झरोखे से

अभी आपने जो कविता पढ़ी उसे लिखा है महादेवी वर्मा ने। अब पढ़िए इन्हीं के द्वारा लिखी एक कहानी गिल्लू' का अंश-
मत बाँधो NCERT Solutions | Hindi मल्हार Class 8 - New NCERT

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं पढ़ने का प्रयास करें।

साझी समझ

'गिल्लू' कहानी को पुस्तकालय से ढूँढ़कर पूरी पढ़िए और अपने साथियों के साथ मिलकर चर्चा कीजिए।
उत्तर: 
मैंने पुस्तकालय से ‘गिल्लू’ कहानी पढ़ी। यह एक छोटे गिलहरी (गिल्लू) की कहानी है, जिसे महादेवी वर्मा ने पाला। गिल्लू बहुत चंचल और प्यारा था। वह महादेवी जी की थाली से चावल खाता था और काजू उसका पसंदीदा खाना था। मेरे दोस्तों के साथ चर्चा में हमने बताया कि यह कहानी हमें पशु-पक्षियों से प्यार करना सिखाती है। गिल्लू का महादेवी जी के साथ लगाव हमें यह भी सिखाता है कि जानवर भी परिवार की तरह हो सकते हैं। हम सभी को यह कहानी बहुत पसंद आई।

खोजबीन के लिए

नीचे दी गई इंटरनेट कड़ियों के माध्यम से आप महादेवी वर्मा और उनकी रचनाओं के विषय में जान, समझ सकते हैं-

  • महादेवी वर्मा कवचित्री जीवन और लेखन हिंदी | भाग - 1
    https://www.youtube.com/watch?v=stQL9KgVZHg
  • महादेवी वर्मा कवयित्री जीवन और लेखन हिंदी | भाग - 2
    https://www.youtube.com/watch?v=_uqB5M9ZX60
  • कविता मंजरी, बारहमासा
    https://www.youtube.com/watch?v=bjgVp0W-Muw
  • गिल्लू - महादेवी वर्मा
    https://www.youtube.com/watch?v=uxpOlfd05K8
  • महादेवी वर्मा, भारतीय कवयित्री
    https://www.youtube.com/watch?v=mWwpjfSYNT4

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं दिए गए यूट्यूब लिंक का उपयोग कर आप महादेवी वर्मा और उनकी रचनाओं के बारे में और जान सकते हैं।

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FAQs on मत बाँधो NCERT Solutions - Hindi मल्हार Class 8 - New NCERT

1. "मत बाँधो" पाठ का मुख्य संदेश क्या है ?
Ans."मत बाँधो" पाठ का मुख्य संदेश यह है कि हमें अपने विचारों और भावनाओं को खुलकर व्यक्त करना चाहिए, और दूसरों की राय का सम्मान करना चाहिए। यह पाठ हमें सिखाता है कि विचारों का आदान-प्रदान समाज में समझ और सामंजस्य बढ़ाता है।
2. पाठ में किस प्रकार के उदाहरण दिए गए हैं जो हमें मतभेदों को समझने में मदद करते हैं ?
Ans. पाठ में विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक उदाहरण दिए गए हैं, जैसे कि अलग-अलग परंपराओं का सम्मान और विभिन्न दृष्टिकोणों को समझना। ये उदाहरण यह दिखाते हैं कि कैसे मतभेदों को स्वीकार करना और समझना हमें एकजुटता और सहयोग की ओर ले जाता है।
3. "मत बाँधो" पाठ में संवाद का महत्व क्यों बताया गया है ?
Ans. पाठ में संवाद का महत्व इसलिये बताया गया है क्योंकि संवाद के माध्यम से हम अपने विचारों को साझा कर सकते हैं और दूसरे की भावनाओं को समझ सकते हैं। संवाद से न केवल मतभेदों को दूर किया जा सकता है, बल्कि यह आपसी समझ और सहयोग को भी बढ़ावा देता है।
4. पाठ में किन तरीकों से आपसी मतभेदों को सुलझाने के सुझाव दिए गए हैं ?
Ans. पाठ में आपसी मतभेदों को सुलझाने के लिए कई सुझाव दिए गए हैं, जैसे कि खुला संवाद, सहानुभूति, और एक-दूसरे की बातों को ध्यान से सुनना। इन तरीकों से हम मतभेदों को समझ सकते हैं और उन्हें सुलझाने में मदद मिलती है।
5. "मत बाँधो" पाठ का समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
Ans. "मत बाँधो" पाठ का समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है क्योंकि यह लोगों को एक साथ लाने, आपसी समझ को बढ़ावा देने, और सहिष्णुता को बढ़ाने में मदद करता है। यह पाठ समाज में सामंजस्य और सहयोग की भावना को मजबूत करता है।
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