(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उपयुक्त उत्तर के सम्मुख तारा (*) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।
1. आप इनमें से कविता का मुख्य भाव किसे समझते हैं?
उत्तर: सपनों की स्वतंत्रता बनी रहनी चाहिए, सपने देखना अच्छी बात है
कविता "मत बाँधो" का मुख्य भाव यह है कि सपनों को आज़ाद छोड़ना चाहिए ताकि वे हमें नई प्रेरणा और ऊँचाइयों तक ले जाएँ। सपने केवल कल्पनाएँ नहीं हैं, बल्कि वे हमें कुछ नया करने की ताकत देते हैं। कविता कहती है कि सपनों को रोकना नहीं चाहिए, इसलिए "सपनों की स्वतंत्रता बनी रहनी चाहिए" और "सपने देखना अच्छी बात है" सही उत्तर हैं।
2. 'मत बाँधो' कविता किसकी स्वतंत्रता की बात करती है?
उत्तर: सपनों की
कविता में महादेवी वर्मा बार-बार सपनों की आज़ादी की बात करती हैं। वे कहती हैं कि सपनों के पंख न काटो और उनकी गति न रोकें। इसलिए सही उत्तर है "सपनों की"।
3. "इन सपनों के पंख न काटो" पंक्ति में सपनों के 'पंख' होने की कल्पना क्यों की गई है?
उत्तर: सपने जीवन में कुछ नया करने की प्रेरणा देते हैं, सपने सफलता की ऊँचाइयों तक ले जाते हैं, सपने पंखों की तरह उड़ान भर भ्रमण करवाते हैं
सपनों को पंखों से जोड़ा गया है क्योंकि पंख पक्षियों को उड़ने में मदद करते हैं। ठीक वैसे ही, सपने हमें जीवन में ऊँचा उठने, नई प्रेरणा लेने और नई जगहों तक पहुँचने में मदद करते हैं। सपने हमें कुछ नया करने की ताकत देते हैं और सफलता की ऊँचाइयों तक ले जाते हैं।
4. "स्वर्ग बनाने का फिर कोई शिल्प" पंक्ति में 'स्वर्ग' से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: जहाँ परस्पर सहयोग एवं सद्भाव हो, जहाँ सभी प्राणी एक-दूसरे के प्रति संवेदनशील हों
कविता में "स्वर्ग" का मतलब है एक ऐसी जगह जहाँ लोग एक-दूसरे के साथ प्यार, सहयोग और अच्छे भाव से रहें। सपने हमें ऐसी दुनिया बनाने की प्रेरणा देते हैं जहाँ सभी एक-दूसरे की मदद करें और संवेदनशील हों।
5. यदि बीज धूल में गिर जाए तो क्या हो सकता है?
उत्तर: वह बढ़कर पौधा बन सकता है
कविता में कहा गया है कि अगर बीज को मिट्टी में गिरने से रोका जाए, तो वह पेड़ नहीं बन सकता। बीज जब धूल (मिट्टी) में गिरता है, तो वह पौधा बनकर बड़ा हो सकता है। इसलिए सही उत्तर है "वह बढ़कर पौधा बन सकता है"।
(ख) हो सकता है कि आपके समूह के साथियों ने अलग-अलग उत्तर चुने हों। अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?
उत्तर: हमने अपने दोस्तों के साथ चर्चा की और पाया कि हमने जो उत्तर चुने हैं, वे इन कारणों से सही हैं:
कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यानपूर्वक पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए।
(क) "सौरभ उड़ जाता है नभ में
फिर वह लौट कहाँ आता है?
बीज धूलि में गिर जाता जो
वह नभ में कब उड़ पाता है?"
उत्तर: इस पंक्ति का मतलब है कि खुशबू हवा में उड़ जाती है और वापस नहीं आती। बीज अगर मिट्टी में गिरता है तभी वह बड़ा पेड़ बन सकता है। यानी कुछ चीजें अपनी जगह पर रहकर ही सही काम कर पाती हैं। सपनों को भी अपनी जगह और आज़ादी चाहिए ताकि वे सफल हो सकें।
(ख) “मुक्त गगन में विचरण कर यह
तारों में फिर मिल जायेगा,
मेघों से रंग औ' किरणों से
दीप्ति लिए भू पर आयेगा।"
उत्तर: इस पंक्ति का मतलब है कि सपने खुला आसमान में उड़ते हैं, बादलों और तारों के बीच घूमते हैं। वे बादलों से रंग और सूरज की किरणों से चमक लेकर फिर धरती पर लौटते हैं। यानी सपने हमें नई ऊर्जा और सुंदरता देते हैं जो हमारे जीवन को रोशन करते हैं।
कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ स्तंभ 1 में दी गई हैं। उन पंक्तियों के भाव या संदर्भ स्तंभ 2 में दिए गए हैं। पंक्तियों को उनके सही भाव अथवा संदर्भ से मिलाइए।उत्तर:
कविता को पुनः पढ़िए, पता लगाइए और लिखिए-
(क) कविता में 'मत बाँधो', 'पंख न काटो' आदि संबोधन किसके लिए किए गए होंगे?
उत्तर: ये संबोधन सपनों के लिए किए गए हैं। कवयित्री महादेवी वर्मा हमें कह रही हैं कि अपने या दूसरों के सपनों को रोकना या सीमित नहीं करना चाहिए। जैसे कोई व्यक्ति अपने सपनों को डर या बाधाओं से बाँध देता है, तो वे पूरे नहीं हो पाते। उदाहरण के लिए, अगर कोई बच्चा बड़ा वैज्ञानिक बनना चाहता है, तो हम उसके सपनों के पंख नहीं काटने चाहिए, बल्कि उसे आज़ादी देनी चाहिए। ये शब्द हमें याद दिलाते हैं कि सपने आज़ाद रहकर ही फलते-फूलते हैं।
(ख) कविता में सपनों की गति न बाँधने की बात क्यों कही गई होगी?
उत्तर: सपनों की गति न बाँधने की बात इसलिए कही गई होगी क्योंकि अगर हम सपनों को रोकते हैं, तो वे अपनी पूरी ताकत नहीं दिखा पाते। कवयित्री कहती हैं कि सपने जैसे पक्षी हैं, जिन्हें उड़ने की आज़ादी चाहिए। अगर हम उन्हें बाँध दें, तो वे हमें नई प्रेरणा, सुंदरता या सफलता नहीं दे पाएंगे। जैसे बीज को मिट्टी में गिरने से रोकने पर वह पेड़ नहीं बनता, वैसे ही सपनों को बाँधने से जीवन में कुछ नया नहीं होता। इससे हमारा जीवन सीमित और बोरिंग रह जाता है। कविता हमें सिखाती है कि सपनों की गति रोकने से उनकी चमक और महत्व खत्म हो जाता है, इसलिए उन्हें खुलकर जीने दें।
(ग) कविता में सौरभ, बीज, धुआँ, अग्नि जैसे उदाहरणों के माध्यम से सपनों को इनसे भिन्न बताते हुए उसे विशेष बताया गया है। आपकी दृष्टि में इन सबसे अलग सपनों की और कौन-सी विशेषताएँ हो सकती हैं?
उत्तर: कविता में सौरभ (खुशबू), बीज, धुआँ और अग्नि के उदाहरण से सपनों को अलग बताकर उनकी विशेषता दिखाई गई है, क्योंकि सपने इनसे ज्यादा जीवंत और रचनात्मक होते हैं।
मेरी दृष्टि में सपनों की और विशेषताएँ ये हो सकती हैं:
ये विशेषताएँ सपनों को इन उदाहरणों से अलग बनाती हैं, क्योंकि सपने हमारे मन की रचना हैं और हमें बेहतर इंसान बनाती हैं।
(घ) कविता में 'आरोहण' और 'अवरोहण' दोनों के महत्व की बात की गई है। उदाहरण देकर बताइए कि आपने 'आरोहण' और 'अवरोहण' को कब-कब सार्थक होते देखा?
उत्तर: कविता में 'आरोहण' (ऊपर उठना) और 'अवरोहण' (नीचे आना) दोनों को महत्वपूर्ण बताया गया है, क्योंकि सपनों में उतार-चढ़ाव ही उन्हें सच्चा बनाते हैं। आरोहण से मतलब है ऊँचाई की ओर जाना और अवरोहण से नीचे आकर वास्तविकता से जुड़ना।
मैंने इन्हें सार्थक होते देखा है:
(ङ) "सपनों में दोनों ही गति है/ उड़कर आँखों में आता है!" क्या आप सहमत हैं कि सपने 'आँखों में लौटकर' वास्तविकता बन जाते हैं? अपने अनुभव या आस-पास के अनुभवों से कोई उदाहरण दीजिए।
उत्तर: हाँ, मैं पूरी तरह सहमत हूँ कि सपने दोनों गतियाँ (ऊपर-नीचे) रखते हैं और उड़कर 'आँखों में लौटकर' यानी हमारी सोच और नजर में वास्तविकता बन जाते हैं। सपने पहले कल्पना में उड़ते हैं, फिर मेहनत से हकीकत बनते हैं और हमें नई चमक देते हैं।
मेरा अनुभव का उदाहरण: मेरे एक पड़ोसी अंकल ने सपना देखा था कि वे अपना छोटा सा बिजनेस शुरू करेंगे। शुरू में सपना ऊँचा उड़ा (कल्पना में), लेकिन पैसे की कमी से नीचे आया। फिर उन्होंने मेहनत की, लोन लिया और दुकान खोली। आज वह सफल हैं और कहते हैं कि सपना उनकी आँखों में चमक बनकर लौटा, क्योंकि अब वे रोज़ अपनी दुकान देखकर खुश होते हैं। इससे उनका जीवन वास्तविकता में सुंदर हो गया।
कविता का शीर्षक है 'मत बाँधो'। यदि आपको इस कविता को कोई अन्य नाम देना हो तो क्या नाम देंगे? आपने यह नाम क्यों सोचा? यह भी लिखिए।
उत्तर:
मेरा नया शीर्षक: मैं इस कविता का नाम 'सपनों की उड़ान' रखूँगा।
क्यों सोचा: मैंने यह नाम इसलिए सोचा क्योंकि कविता में बार-बार सपनों को आज़ाद छोड़ने और उनकी उड़ान को रोकने से मना किया गया है। जैसे "इन सपनों के पंख न काटो" और "मुक्त गगन में विचरण कर" जैसी पंक्तियाँ हैं, जो बताती हैं कि सपने ऊँचा उड़कर हमें नई प्रेरणा और सुंदरता देते हैं। 'सपनों की उड़ान' शीर्षक से यह साफ हो जाता है कि कविता सपनों की आज़ादी और उनकी ताकत की बात करती है। यह नाम आसान और कविता के भाव को अच्छे से दर्शाता है।
(क) मान लीजिए आप एक नया संसार बनाना चाहते हैं। उस संसार में आप क्या-क्या रखना चाहेंगे और क्या-क्या नहीं? अपने उत्तर का कारण भी बताइए।
उत्तर:
(ख) कविता में शिल्प और कला के महत्व की बात की गई है। कलाएँ हमारे आस-पास की दुनिया को सुंदर बनाती हैं। आप अपने जीवन को सुंदर बनाने के लिए कौन-सी कला सीखना चाहेंगे? उससे आपका जीवन कैसे सुंदर बनेगा? अनुमान करके बताइए।
उत्तर:
(ग) “सौरभ उड़ जाता है नभ में/ फिर वह लौट कहाँ आता है?" यदि आपके पास अपने बीते हुए समय में लौटने का अवसर मिले तो आप बीते हुए समय में क्या-क्या परिवर्तन करना चाहेंगे?
उत्तर:
(घ) “बीज धूलि में गिर जाता जो वह नभ में कब उड़ पाता है?" यदि सपने बीज की तरह हों तो उन्हें उगने के लिए किन चीजों की आवश्यकता होगी? (संकेत- धूप अर्थात मेहनत, पानी अर्थात लगन आदि।)
उत्तर:
(ङ) “स्वर्ग बनाने का फिर कोई शिल्प/भूमि को सिखलायेगा!" यदि अच्छे सपनों या विचारों से स्वर्ग बनाया जा सकता है तो बुरे सपनों अथवा विचारों से क्या होता होगा? बुरे सपनों या विचारों से कैसे बचा जा सकता है?
उत्तर:
(च) “इन सपनों के पंख न काटो इन सपनों की गति मत बाँधो!" कल्पना कीजिए कि हर किसी को सपने देखने और उन्हें पूरा करने की पूरी स्वतंत्रता मिल जाए, तब दुनिया कैसी होगी? आपके अनुसार उस दुनिया में कौन-सी बातें महत्वपूर्ण होंगी?
उत्तर:
(छ) "इन सपनों के पंख न काटो /इन सपनों की गति मत बाँधो!" आपके विचार से यह सुझाव है? आदेश है? प्रार्थना है? या कुछ और है? यह बात किससे कही जा रही है?
उत्तर:
उपर्युक्त पंक्तियों पर ध्यान दीजिए। इन पंक्तियों को पढ़ते समय हमारी आँखों के सामने कुछ चित्र उभर आते हैं। कई बार कवि अपनी बात अथवा मुख्य भाव को समझाने या बताने के लिए उदाहरणों के माध्यम से शब्द-चित्रों की लड़ी-सी लगा देता है जिससे कविता में विशेष प्रभाव उत्पन्न हो जाता है। इस कविता में भी ऐसी अनेक विशेषताएँ छिपी हैं।
(क) अपने समूह के साथ मिलकर इन विशेषताओं की सूची बनाइए। अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए।
उत्तर: हमने अपने समूह के साथ कविता "मत बाँधो" की विशेषताओं पर चर्चा की और ये सूची बनाई:
हमने अपनी सूची कक्षा में साझा की। दूसरे समूहों ने भी अपनी बातें बताई, जैसे कुछ ने कहा कि कविता में भावनाएँ भी खूबसूरती से दिखती हैं। इससे हमारी समझ और बढ़ी।
(ख) नीचे इस कविता की कुछ विशेषताएँ और वे पंक्तियाँ दी गई हैं जिनमें ये विशेषताएँ समाहित हैं। विशेषताओं का सही पंक्तियों से मिलान कीजिए।उत्तर:
"इसका आरोहण मत रोको
इसका अवरोहण मत बाँधो!"
उपर्युक्त पंक्तियों में रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए। 'आरोहण' और 'अवरोहण' दोनों एक-दूसरे के विपरीतार्थक शब्द हैं। आरोहण का अर्थ है- नीचे से ऊपर की ओर जाना या चढ़ना और अवरोहण का अर्थ है- ऊपर से नीचे की ओर आना या उतरना।
(क) नीचे दिए रिक्त स्थान में 'आरोहण' और 'अवरोहण' का उपयुक्त प्रयोग करके वाक्यों को पूरा कीजिए।
इसी प्रकार से 'आरोहण' और 'अवरोहण' शब्दों के प्रयोग को देखते हुए आप भी कुछ सार्थक वाक्य बनाइए।
उत्तर:
अपने सार्थक वाक्य:
(ख) नीचे दी गई कविता की पंक्तियों के रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए-
"वह नभ में कब उड़ पाता है?"
"धूम गगन में मँडराता है।"
'नभ' और 'गगन' समान अर्थ वाले शब्द हैं। रेखांकित शब्दों के समानार्थी शब्दों का प्रयोग करते हुए कुछ नई पंक्तियों की रचना कीजिए और देखिए कि पंक्तियों में लय बनाए रखने के लिए और किन परिवर्तनों की आवश्यकता पड़ती है?
उत्तर: समानार्थी शब्द: आकाश, व्योम
नई पंक्तियाँ:
परिवर्तन की ज़रूरत: लय बनाए रखने के लिए शब्दों की लंबाई और ध्वनि पर ध्यान देना पड़ा। जैसे "आकाश" और "व्योम" को "नभ" और "गगन" के साथ जोड़ा, लेकिन अगर पंक्ति लंबी लगे तो बीच में "और" या "जैसे" जैसे शब्द जोड़ सकते हैं, जैसे - "वह आकाश में और उड़ पाता है?" (लेकिन यहाँ मूल लय को बनाए रखा गया)।
(ग) कविता में 'मत' शब्द के साथ 'बाँधो', 'काटो' क्रिया लगाई गई है। आप 'मत' के साथ कौन-कौन सी क्रियाएँ लगाना चाहेंगे? लिखिए। (संकेत- 'मत डरो')
उत्तर: क्रियाएँ:
क्यों: ये सभी क्रियाएँ हमें सकारात्मक सोच और मेहनत की प्रेरणा देती हैं। जैसे "मत डरो" से डर छोड़ने का हौसला मिलता है और "मत रुको" से आगे बढ़ने की ताकत मिलती है, जो कविता के सपनों को आज़ाद रखने के भाव से मेल खाती है।
(घ) आपकी भाषा में 'बाँधने' के लिए और कौन-कौन सी क्रियाएँ हैं? अपने समूह में चर्चा करके लिखिए और उनसे वाक्य बनाइए। (संकेत- जोड़ना)
उत्तर: क्रियाएँ: बाँधना, जोड़ना, रस्सी से बाँधना, कसना, टाई करना
(हमने समूह में चर्चा की और ये शब्द चुने।)
वाक्य:
(ङ) 'मत' शब्द को उलट कर लिखने से शब्द बनता है 'तम' जिसका अर्थ है 'अँधेरा'। कविता में से कुछ ऐसे और शब्द छाँटिए जिन्हें उलट कर लिखने से अर्थ देने वाले शब्द बनते हैं।
उत्तर: कविता से शब्द और उनके उलटे:
निष्कर्ष: कविता में ज्यादा शब्द ऐसे नहीं मिले जो उलटने से अर्थ दें। 'मत' और 'तम' एकमात्र उदाहरण है। समूह में चर्चा से पता चला कि हिंदी में उलटने से अर्थ देने वाले शब्द कम होते हैं, जैसे 'राम' → 'मार' (अर्थ: मारना), लेकिन कविता में यह लागू नहीं होता।
"सौरभ उड़ जाता है नभ में"
उपर्युक्त पंक्ति को ध्यान से देखिए। इस पंक्ति की क्रिया 'जाता है' से पता चलता है कि यह वर्तमान काल में लिखी गई है। यदि हम इसी पंक्ति को भूतकाल और भविष्य काल में लिखें तो यह निम्नलिखित प्रकार से लिखी जाएगी-
भूतकाल - सौरभ उड़ गया है नभ में
भविष्य काल - सौरभ उड़ जाएगा नभ में
कविता में वर्तमान काल में लिखी गई ऐसी अनेक पंक्तियाँ आई हैं। उन पंक्तियों को कविता में से ढूँढ़कर भूतकाल और भविष्य काल में लिखिए।
उत्तर: हमने कविता "मत बाँधो" को ध्यान से पढ़ा और वर्तमान काल में लिखी गई पंक्तियों को ढूँढा। इन पंक्तियों को भूतकाल और भविष्य काल में बदला है। नीचे दिए गए हैं:
1. मूल पंक्ति (वर्तमान काल): "सौरभ उड़ जाता है नभ में"
2. मूल पंक्ति (वर्तमान काल): "बीज धूलि में गिर जाता जो"
3. मूल पंक्ति (वर्तमान काल): "अग्नि सदा धरती पर जलती"
4. मूल पंक्ति (वर्तमान काल): "धूम गगन में मँडराता है"
5. मूल पंक्ति (वर्तमान काल): "मुक्त गगन में विचरण कर यह तारों में फिर मिल जायेगा"
6. मूल पंक्ति (वर्तमान काल): "मेघों से रंग औ' किरणों से दीप्ति लिए भू पर आयेगा"
Note: हमने कविता से वर्तमान काल की पंक्तियाँ चुनीं, जहाँ क्रिया जैसे "जाता है", "गिर जाता जो", "जलती", "मँडराता है" आदि हैं। इन्हें भूतकाल में "गया", "गिर गया", "जली" और भविष्य काल में "जाएगा", "गिर जाएगा", "जलेघी" जैसे रूपों में बदला। इससे कविता का समय बदल गया, लेकिन भाव वही रहा। हमने ध्यान रखा कि शब्दों की लय बनी रहे।
"स्वर्ग बनाने का फिर कोई शिल्प"
शब्दकोश के अनुसार 'शिल्प' शब्द के निम्नलिखित अर्थ हैं- 1. हाथ से कोई चीज बनाकर तैयार करने का काम - दस्तकारी, कारीगरी या हुनर, जैसे- बरतन बनाना, कपड़े सिलना, गहने गढ़ना आदि। 2. कला संबंधी व्यवसाय। 3. दक्षता, कौशला 4. निर्माण, सर्जन, सृष्टि, रचना। 5. आकार, आवृत्ति। 6. अनुष्ठान, क्रिया, धार्मिक कृत्य।
अब शब्दकोश से 'शिल्प' शब्द से जुड़े निम्नलिखित शब्दों के अर्थ खोजकर लिखिए-
1. शिल्पकार, शिल्पी, शिल्पजीवी, शिल्पकारक, शिल्पिक या शिल्पकारी
2. शिल्पकला
3. शिल्पकौशल
4. शिल्पगृह या शिल्पगेह
5. शिल्पविद्या
6. शिल्पशाला या शिल्पालय
उत्तर: ‘शिल्प’ शब्द से जुड़े शब्दों के अर्थ:
(क) कविता में गति को न बाँधने की बात कही गई है। आप 'बाँधने' का प्रयोग किन-किन स्थितियों या वस्तुओं के लिए करते हैं? बताइए। (संकेत- गाँठ बाँधना)
उत्तर: 'बाँधने' का प्रयोग हम निम्नलिखित स्थितियों या वस्तुओं के लिए करते हैं:
(ख) 'स्वर्ग' शब्द से आशय है 'सुखद स्थान'। अर्थात वह स्थान जहाँ सुख, शांति, समृद्धि और आनंद की अनुभूति हो। अपने घर, आस-पड़ोस और विद्यालय को सुखद स्थान बनाने के लिए आप क्या-क्या प्रयास करेंगे? सूची बनाइए और घर के सदस्यों के साथ साझा कीजिए।
उत्तर: अपने घर, आस-पड़ोस और विद्यालय को सुखद स्थान बनाने के लिए मैं निम्नलिखित प्रयास करूँगा:
(ग) कविता में सपनों की बात की गई है। आपका कौन-सा सपना ऐसा है जो यदि सच हो जाए तो वह दूसरों की सहायता कर सकता है? उसके विषय में बताइए।
उत्तर: मेरा सपना है कि मैं एक डॉक्टर बनूँ। अगर यह सपना सच हो गया, तो मैं गरीब और जरूरतमंद लोगों का मुफ्त में इलाज करूँगा। मैं गाँवों में मेडिकल कैंप लगाऊँगा, जहाँ लोगों को मुफ्त दवाइयाँ और स्वास्थ्य जाँच की सुविधा मिलेगी। इससे कई लोगों को बेहतर स्वास्थ्य और खुशी मिलेगी।
"सपनों में दोनों ही गति है/ उड़कर आँखों में आता है।" किसी एक के द्वारा देखा गया सपना बहुत से लोगों का सपना भी बन जाता है। साथियों से चर्चा कीजिए कि आपके कौन-से ऐसे सपने हैं जिन्हें पूरा करने के लिए आप अन्य लोगों को भी जोड़ना चाहेंगे।
उत्तर: मेरे कुछ ऐसे सपने हैं जिन्हें पूरा करने के लिए मैं दूसरों को जोड़ना चाहूँगा:
इन सपनों को पूरा करने के लिए मैं अपने दोस्तों, परिवार और समाज के लोगों को प्रेरित करूँगा ताकि हम सब मिलकर एक बेहतर समाज बना सकें।
(क) विराम चिह्न का फेरबदल-
रोको मत, जाने दो
रोको, मत जाने दो
लेखन में विराम चिह्नों का विशेष महत्व होता है। विराम चिह्नों के प्रयोग से वाक्य या पंक्ति का अर्थ स्पष्ट हो जाता है और परिवर्तित भी हो जाता है, जैसे- 'रोको मत, जाने दो' में रोको मत के बाद अल्पविराम चिह्न (,) का प्रयोग किया गया है, जिसका अर्थ है कि बिना रोके जाने दिया जाए। वहीं 'रोको, मत जाने दो' में रोको के बाद अल्पविराम (,) का प्रयोग किया गया है, जिसका अर्थ है कि जाने से रोका जाए। नीचे कुछ चित्र दिए गए हैं। आप किन चित्रों के लिए 'रोको मत, जाने दो' या 'रोको, मत जाने दो' का प्रयोग करेंगे? दिए गए रिक्त स्थान में लिखिए और इन चित्रों को शीर्षक भी दीजिए।
उत्तर:
(ख) कविता आगे बढ़ाएँ
नीचे दी गई पंक्तियों को आगे बढ़ाते हुए अपनी एक कविता तैयार कीजिए।
इन सपनों के पंख न काटो
इन सपनों की गति मत बाँधो।
उत्तर: इन सपनों के पंख न काटो
इन सपनों की गति मत बाँधो।
जैसे नदिया बहती है मुक्त
सागर तक पहुँचने को रुक।
सपने भी तो हैं नदिया जैसे
उड़ते हैं मन के आकाश में ऐसे।
रोक न इनकी राह सुहानी
इनमें बस्ती है जिंदगानी।
हर सपना लाता है रंग नया
दिल में जगाता है उमंग नया।
छू लेगा यह तारों का मेला
जब उड़ेगा खुला सा झमेला।
इन सपनों को दे दो उड़ान
बन जाएँ ये जीवन का सम्मान।
धरती से उठकर गगन तक जाए
हर दिल में नई रोशनी लाए।
इन सपनों के पंख न काटो
इन सपनों की गति मत बाँधो।
(ग) खोया-पाया
मान लीजिए आपका सपना कहीं खो गया है। उसके खो जाने की रिपोर्ट तैयार करें। आपको स्कूल प्रशासन को यह रिपोर्ट भेजनी है। इसके लिए स्कूल प्रशासन के नाम एक पत्र लिखिए।
उत्तर: प्रति,
प्रधानाचार्य महोदय,
[स्कूल का नाम],
[स्कूल का पता]
विषय: खोए हुए सपने की रिपोर्ट
माननीय महोदय,
सादर नमस्ते! मैं [आपका नाम], कक्षा [आपकी कक्षा] का विद्यार्थी हूँ। मैं आपको सूचित करना चाहता हूँ कि मेरा एक बहुत महत्वपूर्ण सपना खो गया है। यह सपना था कि मैं एक डॉक्टर बनकर गरीब लोगों की मुफ्त में मदद करूँ।
सपने का विवरण:
मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि इस सपने को ढूँढने में मेरी मदद करें। अगर किसी को यह सपना मिले, तो कृपया मुझे या स्कूल कार्यालय को सूचित करें। मैं अपने सपने को फिर से पाने के लिए बहुत उत्सुक हूँ।
आपका सहयोग मेरे लिए बहुत मायने रखता है। धन्यवाद।
दिनांक: 13 अगस्त, 2025
आपका आज्ञाकारी,
[आपका नाम]
[कक्षा और अनुक्रमांक]
(क) कक्षा में पाँच-पाँच विद्यार्थियों के समूह बनाकर एक वाद-विवाद गतिविधि का आयोजन कीजिए। इसके लिए विषय है- "व्यक्ति को बाँध सकते हैं उसकी कल्पना और विचारों को नहीं।"
एक समूह विषय के विपक्ष में और दूसरा समूह विषय के पक्ष में अपना तर्क देगा। जैसे-
समूह 1- व्यक्ति की कल्पना और विचारों पर नियंत्रण आवश्यक है।
समूह 2- स्वतंत्र विचार और कल्पना प्रगति के लिए महत्वपूर्ण हैं।
उत्तर: वाद-विवाद गतिविधि का आयोजन
विषय: "व्यक्ति को बाँध सकते हैं उसकी कल्पना और विचारों को नहीं।"
आयोजन का तरीका:
समूह 1 (विपक्ष) के तर्क:
समूह 2 (पक्ष) के तर्क:
(ख) विद्यार्थी वाद-विवाद के अनुभवों पर एक अनुच्छेद भी लिख सकते हैं।
उत्तर: वाद-विवाद का अनुभव
आज हमारी कक्षा में "व्यक्ति को बाँध सकते हैं उसकी कल्पना और विचारों को नहीं" विषय पर वाद-विवाद हुआ। यह बहुत मजेदार और ज्ञानवर्धक अनुभव था। मैं समूह 2 में था, जो विषय के पक्ष में बोला। हमने तर्क दिया कि स्वतंत्र विचार और कल्पना से ही समाज में प्रगति होती है। दूसरा समूह विपक्ष में था और उसने कहा कि विचारों पर नियंत्रण जरूरी है ताकि गलत काम न हों। दोनों समूहों ने जोरदार तर्क दिए। मुझे अपने विचार रखने में बहुत मजा आया और मैंने सीखा कि कैसे अपनी बात को स्पष्ट और आत्मविश्वास से कहना चाहिए। इस गतिविधि से हमें एक-दूसरे के विचार समझने का मौका मिला और यह भी पता चला कि सपनों और विचारों की आजादी कितनी जरूरी है। मैं भविष्य में भी ऐसी गतिविधियों में हिस्सा लेना चाहूँगा।
(क) “धूम गगन में मॅडराता है।"
सुगंध का अनुभव सूंघकर किया जाता है। धुएँ को देखा जा सकता है। वायु का अनुभव स्पर्श द्वारा किया जा सकता है और अनुभवों को बोलकर भी कहा या बताया जा सकता है जैसे कि कोई कमेंट्री कर रहा हो।
जो व्यक्ति देख पाने में सक्षम नहीं है, आप उन्हें निम्नलिखित स्थितियों का अनुभव कैसे करवा सकते हैं-
उत्तर:
(ख) मूक अभिनय द्वारा कविता का भाव
विद्यार्थियों के बराबर-बराबर की संख्या में दो दल (टीम) बनाइए। दलों के नाम रखें- कल्पना और आकांक्षा।
'कल्पना' दल से एक प्रतिभागी आगे आए और मूक अभिनय (हाव-भाव या संकेत) के माध्यम से इस कविता की किसी भी पंक्ति का भाव प्रस्तुत करें। 'आकांक्षा' दल के प्रतिभागियों को पहचानकर बताना होगा कि अभिनय में किस पंक्ति की बात की जा रही है। पहचानने की समय सीमा भी निर्धारित की जाए। निर्धारित समय सीमा पर सही उत्तर बताने वाले दल को अंक भी दिए जा सकते हैं। इस तरह से खेल को आगे बढ़ाया जाए।
उत्तर:
खेल का तरीका:
"अग्नि सदा धरती पर जलती / धूम गगन में मँडराता है!"
आग, बाढ़, भूकंप जैसी आपदाएँ अचानक आ जाती हैं। सही जानकारी से आपदाओं की स्थिति में बचाव संभव हो जाता है।
(क) कक्षा में अपने शिक्षकों के साथ चर्चा कीजिए कि क्या-क्या करेंगे यदि-
उत्तर:
(ख) “मैं आपदा के समय क्या करूँगा या करूँगी?" एक सूची या चित्र आधारित योजना बनाइए।
उत्तर: सूची आधारित योजना:
चित्र आधारित योजना
"स्वर्ग बनाने का फिर कोई शिल्प
भूमि को सिखलायेगा!"
हमारे देश में हजारों वर्षों से अनगिनत शिल्प प्रचलित हैं। उनमें से कुछ के बारे में आप पहले से जानते होंगे। इनके बारे में कक्षा में चर्चा कीजिए।
(क) अपने समूह के साथ मिलकर नीचे दिए गए शिल्प-कार्यों को उनके सही अर्थों या व्याख्या से मिलाइए-उत्तर:
(ख) अपने विद्यालय या परिवार के साथ हस्तशिल्प से जुड़े किसी स्थान या कार्यशाला का भ्रमण कीजिए और उस हस्तशिल्प के बारे में एक रिपोर्ट बनाइए।
अथवा
राष्ट्रीय हस्तशिल्प संग्रहालय की नीचे दी गई वेबसाइट में आपको कौन-सा हस्तशिल्प या कलाकृति सबसे अच्छी लगी और क्यों, उसके विषय में लिखिए।
https://nationalcraftsmuseum.nic.in/
उत्तर: हस्तशिल्प कार्यशाला की रिपोर्ट
रिपोर्ट: मैंने अपने परिवार के साथ पास के एक हस्तशिल्प कार्यशाला का भ्रमण किया, जहाँ मिट्टी के बर्तन बनाए जाते हैं। यह कार्यशाला बहुत सुंदर थी। वहाँ कारीगर मिट्टी को चाक पर घुमाकर बर्तन, दीये और मूर्तियाँ बना रहे थे। मैंने देखा कि वे मिट्टी को गीला करके उसे नरम करते हैं, फिर चाक पर आकार देते हैं। एक कारीगर ने मुझे चाक चलाना भी सिखाया। यह बहुत मजेदार था, लेकिन मुश्किल भी। मैंने सीखा कि मिट्टी के बर्तन बनाने में धैर्य और कौशल चाहिए। कारीगरों ने बताया कि यह शिल्प कई पीढ़ियों से चला आ रहा है। मैंने वहाँ से एक छोटा मिट्टी का दीया खरीदा। यह अनुभव मुझे हमेशा याद रहेगा।
अथवा
राष्ट्रीय हस्तशिल्प संग्रहालय
रिपोर्ट: मैंने राष्ट्रीय हस्तशिल्प संग्रहालय की वेबसाइट देखी। मुझे मधुबनी चित्रकला सबसे अच्छी लगी। ये चित्र रंग-बिरंगे और बहुत सुंदर हैं। इनमें प्रकृति, जानवर और गाँव की जिंदगी को दिखाया जाता है। मुझे एक चित्र में सूरज और पक्षियों का डिज़ाइन बहुत पसंद आया, क्योंकि यह रंगों से भरा था और देखकर खुशी हुई। मधुबनी कला बिहार की है और इसे बनाने में बहुत मेहनत लगती है। यह कला हमारी संस्कृति को दिखाती है और मुझे गर्व महसूस हुआ।
अभी आपने जो कविता पढ़ी उसे लिखा है महादेवी वर्मा ने। अब पढ़िए इन्हीं के द्वारा लिखी एक कहानी गिल्लू' का अंश-
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं पढ़ने का प्रयास करें।
'गिल्लू' कहानी को पुस्तकालय से ढूँढ़कर पूरी पढ़िए और अपने साथियों के साथ मिलकर चर्चा कीजिए।
उत्तर: मैंने पुस्तकालय से ‘गिल्लू’ कहानी पढ़ी। यह एक छोटे गिलहरी (गिल्लू) की कहानी है, जिसे महादेवी वर्मा ने पाला। गिल्लू बहुत चंचल और प्यारा था। वह महादेवी जी की थाली से चावल खाता था और काजू उसका पसंदीदा खाना था। मेरे दोस्तों के साथ चर्चा में हमने बताया कि यह कहानी हमें पशु-पक्षियों से प्यार करना सिखाती है। गिल्लू का महादेवी जी के साथ लगाव हमें यह भी सिखाता है कि जानवर भी परिवार की तरह हो सकते हैं। हम सभी को यह कहानी बहुत पसंद आई।
नीचे दी गई इंटरनेट कड़ियों के माध्यम से आप महादेवी वर्मा और उनकी रचनाओं के विषय में जान, समझ सकते हैं-
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं दिए गए यूट्यूब लिंक का उपयोग कर आप महादेवी वर्मा और उनकी रचनाओं के बारे में और जान सकते हैं।
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1. "मत बाँधो" पाठ का मुख्य संदेश क्या है ? | ![]() |
2. पाठ में किस प्रकार के उदाहरण दिए गए हैं जो हमें मतभेदों को समझने में मदद करते हैं ? | ![]() |
3. "मत बाँधो" पाठ में संवाद का महत्व क्यों बताया गया है ? | ![]() |
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