(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (★) बनाइए
(1) माँ एलेसेंड्रा के बारे में कौन-सा कथन सत्य है?
उत्तर: वे असम के जीवन के बारे में बहुत कुछ जानती थी। (★)
(2) "अनु और एंजेला ने तुरंत एक-दूसरे की तरफ देखा।" क्यों?
उत्तर: दोनों की आयु एक समान थी। (★)
उत्तर: माँ एलेसेंड्रा और एंजेला जब भारत आ रहे थे तब माँ एलेसेंड्रा ने एंजेला को भारत के बारे में और असम के बारे में बहुत सारी जानकारी दी इन बातों से यह पता चलता है की माँ एलेसेंड्रा भारत की बारे में बहुत कुछ जानती थी। माँ एलेसेंड्रा और उसका परिवार मलंग इस गांव में घूमने के बाद दूसरे दिन उत्तरी असम की तरफ गए। तब उनकी मुलाकात असम की लेखिका रीना सेन से हुई। उनकी एक बेटी थी जो दस साल की थी। इस वजह से अनु और एंजेला ने तुरंत एक दूसरे की तरफ देखा।
पाठ में से कुछ शब्द सुनकर स्तंभ में दिए गए हैं। उनसे संबंधित वाक्य स्तंभ 2 में दिए गए हैं। अपने समृड में इन पर चर्चा कीजिए और रेखा खींचकर शब्दों का मिलान उपयुक्त वाक्यांशों से कीजिए इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।
Q1. पाठ में से कुछ शब्द चुनकर स्तंभ 1 में दिए गए हैं। उनसे संबंधित वाक्य स्तंभ 2 में दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और रेखा खींचकर शब्दों का मिलान उपयुक्त वाक्यों से कीजिए।
उत्तर:
(क) "असम, भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में है, जिसे अपने वन्य-जीवन, रेशम और चाय के बागानों के लिए जाना जाता है। इसके साथ असम में नृत्य की भी एक समृद्ध परंपरा है।"
उत्तर: असम अपने प्राकृतिक सौंदर्य, वन्य-जीवन, रेशम और चाय के बागानों के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा, असम में नृत्य और संगीत की भी एक समृद्ध परंपरा है जो इसे और अधिक महत्वपूर्ण बनाती है।
(ख) "पूरी दुनिया की संस्कृतियों में लोग नृत्य और संगीत के साथ अपने भावनाओं को व्यक्त करते हैं।"
उत्तर: नृत्य और संगीत पूरी दुनिया की संस्कृतियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। लोग इनके माध्यम से अपनी भावनाओं और विचारों को व्यक्त करते हैं और इनसे जुड़ाव महसूस करते हैं।
(क) "एंजेला के मन में कई तरह के विचार चल रहे थे।"
उत्तर: एंजेला की मां ने उसे पूछा की तुम्हे बिहू कैसा लगा? तब एंजेला के मन में कई तरह के विचार चल रहे थे। जैसे की सभी हर उत्सव पर नृत्य और संगीत का आयोजन क्यों करते होंगे? लड़कों के हाथ में कौन से वाद्य थे?
(ख) “बिहू एक कृषि आधारित त्योहार है।” कैसे?
उत्तर: असम का बिहू नृत्य ग्रामीण जनजीवन के साथ-साथ फसल लगाने से लेकर बसंत के आगमन तक से जुड़ा हुआ है। भारत में जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा किसानों का है। असम में बिहू साल में तीन बार मनाया जाता है। सबसे पहले किसान बीज बोते हैं, फिर जब वे धान रोपते हैं और फिर अनाज तैयार हो जाने पर बिहू उत्सव आनंद से मनाया जाता है।
(ग) ऐसा लगता है कि भारत से जाने के बाद भी एंजेला के मन में असम ही छाया हुआ था। पाठ से इस कथन के समर्थन के लिए कुछ उदाहरण खोजकर लिखिए।
उत्तर: बिहू नृत्य देखने के बाद उसने यह तय किया कि जब वह अपने घर पर बसंत के आगमन पर ऐसे नृत्य करेगी। जब एंजेला की मां साक्षात्कार लेने मे व्यस्त थी तब वह कई सारी बातों पर गौर कर रही थी। युवा वैष्णव मठ में नृत्य कर रहे थे तब वह सोच रही थी के काश वो भी उन साधुओं की तरह गा सकती और नृत्य कर सकती। एक रात वह एंजेला सत्रिया नृत्य देखने गई थी। तब उसे वह सब दिलचस्प लगा।
(घ) समय के बदलने के साथ-साथ सत्रिया नृत्य की परंपरा में क्या बदलाव आया है?
उत्तर: बीसवीं शताब्दी में कुछ साधुओ ने मठों से बाहर जाकर बाहरी महिला और पुरुषों को सत्रीया नृत्य सिखाना शुरू किया। पहले तो ऐसे साधुओं को मठों से बाहर निकाल दिया गया। लेकिन जैसे जैसे समय बीतता गया वैसे वैसे इस परंपरा में बदलाव हो गया। आधुनिक युग में तो महिलाएं भी मंच पर यह नृत्य कर सकती है।
"गुवाहाटी के एक होटल में सामान्य होने के बाद वे उसी शाम पास के एक गाँव मेलांग में गए। गाँव पहुँचने पर मैंने एंजेला को बताया कि बिहू एक कृषि आधारित त्योहार है। असम में बिहू साल में तीन बार मनाया जाता है।"
इस वाक्य में बिहू और असम का ऐसा रोचक और सटीक वर्णन किया गया है कि लगता है मानो हम कोई कहानी पढ़ रह है।
इस निबंध में वस्तु, घटना, दृश्य आदि का वर्णन किया गया है। इसमें जो कुछ भी स्वयं देखा गया हो, उसका वर्णन किया गया है। इस प्रकार के निबंधों में घटनाओं का विवरण होता है। इनमें आप जीवन की घटनाओं से मिलते हैं। इनकी भाषा बहुत सरल होती है। उदाहरण के लिए होली, दीपावली आदि के बारे में बताना।
इस पाठ को फिर से पढ़िए और इसका बनावट पर ध्यान दीजिए। इसके की विशेषताओं को पहचानिए। अपने कक्षा में साझा कीजिए और लिखिए। इस पूरे पाठ में लेखक ने यात्रा शुरू करने से लेकर असम और गुवाहाटी तक के अनुभवों का कैसे वर्णन किया गया है।
उत्तर: निबंध की रचना में लेखक ने एंजेला और उसकी माँ की यात्रा का विवरण दिया है। इसमें निम्नलिखित विशेषताएँ हैं:
इस प्रकार, निबंध की रचना में वस्तु, दृश्य और घटनाओं का सजीव वर्णन होता है जो पाठक को कहानी के साथ जोड़कर रखता है।
(क) "बहू नृत्य और इसके उत्सव से अचंभित एंजेला और उसके परिवार ने इसके साथ-साथ लजीज पकवानों का पूरा आनंद लिया।"
उत्तर: एंजेला बिहू नृत्य देखने गई थी। तब उसने देखा कि बरगद के पेड़ के नीचे एक मंच बनाया था। वह खुले आसमान के नीचे बैठी थी। उसे ऐसा लग रहा था की वह टाइम मशीन में बैठी हो। वह देख रही थी की लड़कों के हाथ में वाद्य यंत्र है और लड़कियो ने लाल और बादामी रंग की पोशाक पहनी है। यह सारा मौहोल देख वह अचंभित हो गई।
(ख) “जब तक एंजेला कुछ समझ पाती, तब तक वह लंदन से नई दिल्ली होते हुए गुवाहाटी की उड़ान पर थी।” एंजेला और उसकी माँ एलेसेंड्रा ने भारत की यात्रा से पहले कौन-कौन सी तैयारिया की होंगी?
उत्तर: माँ एलेसेंड्रा के पास एक महीने का वक्त था। उन्होंने स्कूल प्रशासन को इसकी जानकारी दी होगी और एंजेला के स्कूल से उसकी छुट्टियों की अनुमति ली होगी। उन्होंने यात्रा के लिए जरूरी दस्तावेज़ संभाले होंगे। डॉक्यूमेंट्री से संबंधित उपकरणों और वस्तुओं को ध्यान से पैक किया होगा। इसके अलावा व्यक्तिगत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु सामान रखा होगा। माँ ने भारत के असम राज्य में रहने के स्थान और शूटिंग के समय और स्थान की भी उचित जानकारी इकट्ठा की होगी। इससे समय की बचत होती है और डॉक्यूमेंट्री निर्माण भी सुचारू रूप से होने में मदद मिली होगी।
(ग) “वहाँ एक बड़े से बरगद के पेड़ के नीचे मंच बनाया गया था।” बिहू नृत्य के लिए बरगद के पेड़ के नीचे वे मंच क्यों बनया गया होगा?
उत्तर: हिंदू ग्रंथों में बरगद के पेड़ को पूजनीय माना जाता है। भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से बरगद के पेड़ को पूजा जाता है। यह विशाल वृक्ष होता है और फैलाव के कारण काफ़ी लोग इसके नीचे व आस-पास एकत्रित हो सकते हैं। बिहू नृत्य के लिए बरगद के पेड़ रूपी प्राकृतिक मंच से बेहतर और क्या हो सकता था। साथ ही इस पेड़ का सांस्कृतिक महत्त्व भी है।
नीचे शब्दों से जुड़ी कुछ गतिविधियाँ दी गई हैं। इन्हे करने के लिए आप शब्दकोश, अपने शिक्षकों और मित्रों की सहायता भी ले सकते हैं।
उत्तर:
“असम में बिहू साल में तीन बार मनाया जाता है।”
(क) एंजेला और उसकी माँ एलेसेंड्रा कौन-से बिहू के अवसर पर भारत आए थे? लिखिए।
उत्तर: एंजेला और उसकी माँ एलेसेंड्रा अप्रैल में बसंत बिहू के अवसर पर भारत आए थे।
(ख) तीनों बिहू के लिए लिखिए कि उस समय किसान खेतों में क्या कर रहे होते हैं?
उत्तर: पहली बिहू में किसान बीज बोते हैं। दूसरी में वे धन रोपते हैं और तीसरी मे वह अनाज तैयार हो जाता हैं।
अपने समूह में चर्चा कीजिए-
(क) रीना आंटी की एक बिटिया थी- अनु”
‘बिटिया’ का अर्थ है ‘बेटी’। बेटी को प्यार से बुलाने के लिए और स्नेह जताने के लिए ‘बिटिया’ शब्द का प्रयोग भी किया जाता है। ‘बिटिया’ जैसा ही एक अन्य शब्द ‘बिट्टो’ भी है।
आपके घर में आपको प्यार से किन-किन नामों से पुकारा जाता है?
उत्तर: हमे अपने घर में प्यार से बेटी, सोनचिरैया, गुड़िया इन नामों से पुकारा जाता हैं।
(ख) आपके नाम का क्या अर्थ है? आपका नाम किसने रखा? पता करके बताइए।
उत्तर: मेरा नाम ऐश्वर्या है। यह नाम मेरे दादा ने रखा है। इसका अर्थ अधिपत्य या फिर ईश्वरीता होता है।
(ग) “वे एक साथ खेल रहे थे”
आप कौन-कौन से खेल अपने मित्रों के साथ मिलकर खेलते हैं? बताइए।
उत्तर: हम हमारे मित्रों के साथ पकड़म पकड़ाई, लुका छिपी, क्रिकेट, फुटबॉल, खो खो यह खेल खेलते है।
(घ) “असम में नृत्य की भी एक समृद्ध परंपरा है।”
आपने इस पाठ में बिहू और सत्रिया नृत्यों के बारे में तो पढ़ा है। आपके प्रांत में कौन-कौन से नृत्य प्रसिद्ध हैं? आपको कौन-सा नृत्य करना पसंद हैं?
उत्तर: असम में यह नृत्य कई सालों से त्योहारों में प्रदर्शित किया जाता हैं। यह लोग अपनी खुशी जताने के लिए, आनंद मनाने के लिए यह नृत्य करते हैं।
हमारे प्रांत में कथकली, भरतनाट्यम यह नृत्य प्रसिद्ध है। हमे कथकली अच्छा लगता हैं।
असम भारत के पूर्वोत्तर भाग में स्थित है। असम के अतिरिक्त पूर्वोत्तर भारत में सात अन्य राज्य भी हैं। आपको अवसर मिले तो इनमें से किसी राज्य की यात्रा कीजिए। आठ राज्यों के नाम हैं – अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा, नागालैंड, मणिपुर और असम ।
उत्तर: यात्रा स्वयं करके अनुभव प्राप्त करें।
“उसे ऐसा लग रहा था, जैसे वह आश्चर्यजनक रूप से किसी टाइम-मशीन में आकर बैठ गई हो!”
क्या आपने पहले कभी ‘टाइम-मशीन’ का नाम सुना है? टाइम-मशीन ऐसी काल्पनिक मशीन है, जिसमें बैठकर बीते हुए या आने वाले समय की दुनिया में पहुँचा जा सकता है। ‘टाइम-मशीन’ को अभी तक बनाया नहीं जा सका है। लेकिन अनेक लेखकों ने ‘टाइम-मशीन’ के बारे में कहानियाँ लिखी हैं, अनेक फ़िल्मकारों ने इसके बारे में फ़िल्में बनाई हैं।
(क) यदि आपको टाइम-मशीन मिल जाए तो आप उसमें बैठकर कौन-से समय में और कौन-से स्थान पर जाना चाहेंगे? क्यों?
उत्तर: अगर हमे टाइम-मशीन मिल जाए तो हम अपने बचपन में अपने नाना के गांव जाना चाहेंगे। क्योंकि बचपन में मेरा कई सारा वक्त उसी जगह पर गुजरा है।
(ख) आपको यदि कोई ऐसी वस्तु बनाने का अवसर मिले जो अभी तक नहीं बनाई आप क्या बनाएँगे? क्यों बनाएँगे?
उत्तर: यदि हमे कोई ऐसी वस्तु बनाने का अवसर मिले जो अभी तक नहीं बनाई है तो हम ऐसी वस्तु बनाएंगे जिसमे बैठकर हम एक जगह से दूसरी जगह किसी भी वक्त चंद मिनटों में जा सके। क्योंकि मुझे मेरे नाना के घर जाने की बहुत इच्छा होती है लेकिन मेरे छोटी होने के कारण कोई मुझे नही भेजता।
(ग) क्या आपने कभी किसी संग्रहालय की यात्रा की है? संग्रहालय ऐसा स्थान होता है जहाँ विभिन्न कालों की प्राचीन वस्तुएँ देखने को मिलती हैं।कभी-कभी संग्रहालय की यात्रा भी ‘टाइम-मशीन’ की यात्रा जैसी लगती है।
उत्तर: हाँ, मैंने पटना स्थित राज्य संग्रहालय की यात्रा की है, पर खुदाई से प्राप्त प्राचीन भारत के कई अवशेष संग्रहित हैं।
“एंजेला को अनु के खिलौने बहुत अच्छे लगे, जो थोड़े अलग तरह के थे।”
(क) अनु के खिलौने कैसे थे? लंदन में एंजेला के खिलौने कैसे रहे होंगे?
उत्तर: अनु के पास गुड़िया, लकड़ियों के खिलौने और नारियल की जटा से बने खिलौने थे। यह उसके लिए अनोखे खिलौने थे। लंदन में एंजेला के पास शायद अलग तरह के खैलौने होंगे। जिसमे कई सारी वीडियो गेम्स, इलेक्ट्रिक कार शामिल होंगी।
(ख) आप घर पर कौन-कौन से खिलौनों से खेलते रहे हैं? उनके नाम बताइए।
उत्तर: मेरे घर छोटे छोटे बर्तन है, इसके साथ साथ मिट्टी के और लकड़ी के भी खिलौने है। हम घर पर गाड़ियों के साथ, बरतनों के साथ, कभी कभी मिट्टी के साथ भी खेलते है।
(ग) भारत के प्रत्येक प्रांत में हाथ से बच्चों के अनोखे खिलौने बनाए जाते हैं। आपके यहाँ बच्चों के लिए हाथ से बने कौन-कौन से खिलौने मिलते हैं?
उत्तर: हमारे यहाँ हाथ से मिट्टी और लकड़ियों के खिलौने बनाए जाते हैं।
(घ) भारत के बच्चे स्वयं भी अपने लिए अनोखे खिलौने बना लेते हैं। आप भी तो कागज़, मिट्टी आदि से कोई न कोई खिलौना बनाना जानते होंगे? आप अपने हाथों से बनाए किसी खिलौने को कक्षा में लाकर दिखाइए और उसे बनाने का तरीका सबको सिखाइए।
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।
(क) मान लीजिए आप एंजेला हैं। आप लंदन लौट चुकी हैं और आपको भारत की बहुत याद आ रही है। अपनी सखी अनु को पत्र लिखकर बताइए कि आपको कैसा अनुभव हो रहा है।
उत्तर: एंजेला
केंजिंग्टन, लंदन
हाय अनु,
कैसी हो..? मुझे तुम्हारी बहुत याद आ रही है। मैं उन दिनों को बहुत याद कर रही हूं। मुझे फिर से वही पर आना है। जब अगली छुट्टियां मिलेगी तब मैं वहाँ पर आउंगी। मुझे वहाँ का नृत्य सबसे ज्यादा पसंद आया है। वही नृत्य मै अब मेरे सभी दोस्तों को भी सिखाऊंगी।
तुम भी कभी लंदन आ जाना। मैं तुम्हे सभी जगहों पर घुमाऊंगी।
तुम्हारी दोस्त
एंजेला
(ख) आप जानते होंगे कि पत्र लिखने के लिए आवश्यक सामग्री जैसे – पोस्टकार्ड, अंतर्देशीय लिफाफे आदि डाकघर से खरीदे जा सकते हैं। संभव हो तो आप भी अपने घर के पास के डाकघर में जाइए और एक पोस्टकार्ड खरीदकर पत्र लिखने के लिए उसका उपयोग कीजिए।
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।
(ग) क्या आपने कभी डाक टिकट देखा है ?
संसार के सभी देश डाक टिकट जारी करते हैं। भारत का डाक विभाग भी समय-समय पर डाक टिकट जारी करता है। डाक-टिकट किसी देश की संस्कृति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी भी उपलब्ध कराते हैं। इसलिए अनेक लोग देश-विदेश के डाक टिकटों को एकत्रित करना पसंद करते हैं।
नीचे भारत के विभिन्न लेखकों के सम्मान में जारी किए गए कुछ डाक टिकटों के चित्र दिए गए हैं। इन्हें ध्यान से देखिए – (डाक टिकटों के चित्र के लिए पाठ्यपुस्तक की पृष्ठ संख्या 90 पर देखें।)
(क) आपको इनमें से कौन-सा डाक टिकट सबसे अच्छा लगा और क्यों?
उत्तर: मुझे इनमें से सुभद्रा कुमारी चौहान जी पर जारी एक डाक टिकट सबसे अच्छा लगा क्योंकि वे मेरी प्रिय कवयित्री हैं। मुझे उनकी रचनाएँ पढ़ना बहुत पसंद है।
(ख) डाक टिकटों पर लेखकों के बारे में कौन-कौन सी जानकारी दी गई है ?
उत्तर: डाक टिकटों पर लेखकों का छायाचित्र है तथा हिंदी और अंग्रेजी में उनका नाम लिखा हुआ है। इसके साथ ही टिकट जारी होने के वर्ष तथा लेखकों के जन्म और मृत्यु के वर्ष की जानकारी भी दी गई है।
आज हम आपके लिए लाए हैं, कुछ असमिया पहेलियाँ। इनमें कुछ पहेलियों को पढ़कर आपको लगे, अरे! ये पहेली तो मेरे घर पर भी बूझी जाती है ! तो कुछ पहेलियाँ आप पहली बार बूझेंगे। तो आइए, आनंद लेते हैं इन रंग-बिरंगी पहेलियों का-
उत्तर: विद्यार्थी पढ़कर स्वयं समझें ।
“असम, भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में है, जिसे अपने वन्य-जीवन, रेशम और चाय के बागानों के लिए जाना जाता है।”
आपने पढ़ा है कि असम का रेशम (जिसे मूँगा सिल्क भी कहा जाता है) बहुत प्रसिद्ध है। क्या आप जानना चाहते हैं, यह क्या है, कैसे बनता है और क्यों प्रसिद्ध है? हाँ? तो पढ़िए आगे—
कुछ वर्ष पूर्व मेरी नियुक्ति गुवाहाटी हवाई अड्डे पर हुई थी। वहाँ पर प्रायः मैं महिलाओं को एक विशेष प्रकार की आकर्षक साड़ी पहने देखता था। यह साड़ी सदैव भूरे-सुनहरे रंग की झिलमिली- सी होती थी। उस पर अधिकतर पारंपरिक ढंग से लाल या काली बार्डर तथा हरे, लाल अथवा पीले रंग से बूटों आदि की कढ़ाई रहती थी। कुछ समय पश्चात जब मैं असम के एक विवाह समारोह में गया, तो वहाँ भी अधिकतर महिलाएँ उसी प्रकार की अन्य चमकीली भूरी-सुनहरी साड़ियाँ पहन कर आई थीं। अनेक पुरुषों ने भी उसी प्रकार के भूरे-सुनहरे रंग के कुर्ते पहने हुए थे। बस केवल रंगों में हल्के या गहरे का अंतर था। मैंने अपने एक असमी मित्र से छ कि यह कैसा भूरा- I-चमकीला कपड़ा है।
मित्र ने बताया कि यह भूरा नहीं बल्कि सुनहरा है। यह असम का सुप्रसिद्ध मूँगा सिल्क है जो सभी प्रकार के रेशमों में सबसे महँगा होता है। मूँगा का असमिया भाषा में अर्थ है पीला या गहरा भूरा। और इसकी सबसे बड़ी विशेषता है कि सम्पूर्ण विश्व में यह केवल असम तथा देश के पूर्वोत्तर राज्यों में ही तैयार होता है। यह असम को प्रकृति द्वारा दिया गया अनमोल और अद्वितीय उपहार है।
मित्र ने यह भी बताया कि मूँगा सिल्क की साड़ियों की एक खूबी यह है कि अन्य रेशमी कपड़ों के विपरीत इनको ‘ड्राई क्लीन’ कराने की आवश्यकता नहीं होती है, बल्कि उन्हें घर पर ही धोया जा सकता है। हर धुलाई के बाद इनका निखार बढ़ता ही जाता है। एक साड़ी औसतन 50 वर्ष तक खराब नहीं होती है। ऐसा माना जाता है कि
मूँगा रेशम सभी प्रकार के प्राकृतिक रूप से तैयार किए जाने वाले कपड़ों में सबसे मज़बूत होता है। इसके अलावा इसे गर्मी या सर्दी किसी भी मौसम में पहना जा सकता है। असम के लोगों का मानना है कि मूँगा सिल्क के कपड़ों में अनेक औषधीय गुण भी होते हैं।
बिमल श्रीवास्तव, स्रोत पत्रिका, अप्रैल 2008
उत्तर: विद्यार्थी पढ़कर स्वयं समझें ।
आपको इस लेख में दी गई कौन-सी जानकारी सबसे अच्छी लगी? क्यों? अपने समूह में बताइए ।
उत्तर: इस लेख में मूँगा सिल्क के संबंध में दी गई जानकारी ज्यादा अच्छी लगी। असम का मूँगा सिल्क सभी प्रकार के रेशमों से सबसे महँगा होता है और यह असम तथा देश के पूर्वोत्तर राज्यों में ही तैयार होता है। यह जानकर बहुत आश्चर्य हुआ कि इससे बनी साड़ी लगभग 50 वर्ष तक खराब नहीं होती और हर धुलाई के बाद इसका निखार बढ़ता ही जाता है। इसे सर्दी-गर्मी किसी भी मौसम में पहना जा सकता है।
असम सहित पूर्वोत्तर भारत के बारे में आप और जान सकते हैं और भारत के पारंपरिक लोक संगीत का आनंद भी ले सकते है, जिन्हें इंटरनेट कड़ियों तथा क्यू. आर. कोड की सहायता से पढ़ें, देखें व समझें-
उत्तर: विद्यार्थी व्यक्तिगत रूप से करें।
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1. सत्रिया नृत्य क्या है और इसकी विशेषताएँ क्या हैं? |
2. तिहू नृत्य की उत्पत्ति कहाँ से हुई है? |
3. सत्रिया और तिहू नृत्य में क्या अंतर है? |
4. सत्रिया नृत्य की तैयारी कैसे की जाती है? |
5. तिहू नृत्य का सांस्कृतिक महत्व क्या है? |
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