1. जवाहरसिंह अपनी गाय को मौसी कहकर बुलाता है। आप अपने घर या आस-पास के पशु-पक्षियों को क्या कहकर पुकारते हैं ?
उत्तर: मेरे घर पर एक कुत्ता है। उसको हम लोग ब्राउनी कहकर बुलाते हैं। वहीं गायें तथा साँड़ भी आते हैं, उन्हें हम लोग उनके रंग तथा डील-डौल के आधार पर विभिन्न नामों से पुकारते हैं; जैसे- बछड़ा तथा बछिया के जोड़े को हीरा – मोती तथा बड़े दुलारे साँड़ को भोलू । पड़ोस की पालतू बिल्ली को म्याऊँ तथा पालतू तोते को मिट्ठू आदि ।
2. सुंदरिया के दूर चले जाने के बाद जवाहरसिंह को कैसा लगा होगा? जब आपका कोई प्रिय आपसे दूर हो जाए तो आपको कैसा लगता है?
उत्तर: जवाहरसिंह को सुंदरिया के दूर जाने पर बहुत दुख हुआ होगा, क्योंकि वह उसे मौसी कहता था और उससे बहुत प्यार करता था। जब मेरा कोई प्रिय मुझसे दूर जाता है, तो मुझे उदासी और खालीपन महसूस होता है।
3. जवाहरसिंह सुंदरिया की देखभाल के लिए क्या-क्या करता होगा?
उत्तर: जवाहरसिंह सुंदरिया को चारा देता होगा, उसे नहलाता होगा, उसका गोशाला साफ करता होगा और उसे प्यार से पुचकारता होगा।
4. आप अपने आस-पास के पशु-पक्षियों के लिए क्या-क्या करते हैं?
उत्तर: मैं अपनी छत पर पक्षियों तथा बंदरों के पीने के लिए बरतन में पानी रखता हूँ। घर में खाने के बाद बचे खाद्य-पदार्थ–रोटी, चावल, सब्ज़ी, कच्ची सब्ज़ी के बचे हिस्से आदि घर के बाहर एक बरतन में रखता हूँ, जिसे गली में आने वाली गायें, साँड़ तथा कुत्ते खाते हैं। मैं अपने घर के आस-पास पाले गए पशु-पक्षियों को प्यार करता हूँ, उनकी देखरेख में उनके मालिकों की मदद करता हूँ। अगर कोई इन पालतू पशु-पक्षियों को मारता या परेशान करता है तो मैं उसे ऐसा करने से रोकता हूँ।
नीचे दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर पर () का चिह्न बनाइए। प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी सही हो सकते हैं -
उत्तर:
1. हीरासिंह गाय को बेचने से क्यों डर रहा था?
उत्तर: हीरासिंह सुंदरिया को बेचने से इसलिए डर रहा था क्योंकि उसका बड़ा लड़का जवाहरसिंह सुंदरिया को मौसी कहता था और उससे बहुत प्यार करता था। उसे डर था कि जवाहरसिंह को गाय के बेचे जाने से बहुत दुख होगा।
2. सेठ हीरासिंह की गाय को देखकर क्यों प्रसन्न हुआ?
उत्तर: सेठ सुंदरिया को देखकर प्रसन्न हुआ क्योंकि वह बहुत सुंदर, स्वस्थ और आकर्षक थी। उसने पंद्रह सेर से ज्यादा दूध दिया, जो सेठ को बहुत अच्छा लगा।
3. "तुमने मुझे धोखे में क्यों रखा?" सेठ ने हीरासिंह से ऐसा क्यों कहा?
उत्तर: सेठ ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि सुंदरिया ने घोसी के साथ कम दूध दिया, जबकि हीरासिंह ने कहा था कि वह पंद्रह सेर से ज्यादा दूध देती है। सेठ को लगा कि हीरासिंह ने उसे गलत जानकारी दी।
4. सेठ के कुछ कहने से पहले ही हीरासिंह गाय को लेकर क्यों चल दिया?
उत्तर: हीरासिंह गाय को लेकर इसलिए चल दिया क्योंकि वह सुंदरिया से बहुत प्यार करता था और उसे घोसी के साथ नहीं छोड़ना चाहता था। वह नहीं चाहता था कि सुंदरिया को कोई तकलीफ हो और उसका अपमान हो।
1. कहानी में सुंदरिया की बहुत-सी विशेषताओं का पता चलता है। उन विशेषताओं को नीचे लिखिए।उत्तर:
2. अब आप हीरासिंह की विशेषताओं को अपनी लेखन-पुस्तिका में लिखिए।
उत्तर: हीरासिंह की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
1. क्या आपको लगता है कि पशु-पक्षी भी हमारी भावनाएँ समझते हैं? कोई अनुभव साझा कीजिए।
उत्तर: हाँ, पशु-पक्षी हमारी भावनाएँ समझते हैं। जैसे, जब मैं दुखी होता हूँ तो हमारा पालतू कुत्ता मेरे पास आकर चुपचाप बैठ जाता है।
2. जवाहरसिंह सुंदरिया को मौसी कहकर क्यों संबोधित करता होगा?
उत्तर: जवाहरसिंह सुंदरिया को मौसी कहकर संबोधित करता होगा क्योंकि वह उसे परिवार का सदस्य मानता था और बहुत प्यार करता था।
3. नगरों में बड़े पशुओं को पालतू बनाने वाले लोग कम क्यों हैं?
उत्तर: नगरों में बड़े पशुओं को पालतू बनाने वाले लोग कम हैं क्योंकि शहरों में जगह कम होती है, चारे का प्रबंध करना कठिन होता है और लोग काम में बहुत व्यस्त रहते हैं।
4. पशु-पक्षी मनुष्य की तरह बोल तो नहीं पाते परंतु वे भी आपस में अपनी बातें करते होंगे। क्या आप सहमत हैं? उदाहरण दीजिए।
उत्तर: हाँ, मैं इस बात से सहमत हूँ। पशु-पक्षी अपनी आवाजों और हाव-भाव से बात करते हैं। उदाहरण के लिए, मेरे घर के पास दो बिल्लियाँ अक्सर म्याऊँ-म्याऊँ करके बात करती हैं, जैसे एक-दूसरे को कुछ बता रही हों। पक्षी भी सुबह चहचहाकर एक-दूसरे से बात करते हैं।
1. गाय का नाम 'सुंदरिया' किसने एवं क्यों रखा होगा?
उत्तर: सुंदरिया का नाम शायद जवाहरसिंह ने रखा होगा क्योंकि वह उसे बहुत प्यार करता था। उसने यह नाम इसलिए रखा होगा क्योंकि गाय बहुत सुंदर और आकर्षक थी।
2. हीरासिंह के घर से सुंदरिया की विदाई के दृश्य की कल्पना कीजिए।
उत्तर: जब सुंदरिया को ले जाने का समय आया, जवाहरसिंह उदास हो गया होगा। वह सुंदरिया को गले लगाकर रो रहा होगा और कह रहा होगा, "मौसी, तुम जल्दी वापस आना।" हीरासिंह भी चुपके से आँसू पोंछ रहा होगा। सुंदरिया बार-बार पीछे मुड़कर जवाहरसिंह और घर की ओर देख रही होगी, जैसे वह भी नहीं जाना चाहती हो। पूरा परिवार उदास होकर सुंदरिया को विदा करता होगा।
3. सुंदरिया को वापस घर लेकर जाते हुए हीरासिंह को कैसा लग रहा होगा एवं क्यों?
उत्तर: सुंदरिया को वापस घर ले जाते हुए हीरासिंह को बहुत खुशी और राहत महसूस हो रही होगी क्योंकि वह अपनी प्यारी गाय को वापस अपने परिवार के पास ले जा रहा था। उसे थोड़ा दुख भी हो रहा होगा क्योंकि उसे सेठ के पैसे तनख्वाह से चुकाने थे, लेकिन सुंदरिया को अपने साथ देखकर उसे सुकून मिल रहा होगा।
1. नीचे दिए गए मुहावरों का प्रयोग कहानी में किया गया है। कहानी में इन्हें ढूँढ़िए और इनके अर्थ लिखकर अपनी लेखन-पुस्तिका में वाक्य बनाइए-
उत्तर:
लाज से गड़ जाना:
दूध देने में कामधेनु:
जी भर जाना:
एकटक देखना:
आँख लगना:
2. नीचे कुछ वाक्य दिए गए हैं। वाक्यों में रेखांकित शब्द से मिलते-जुलते अर्थ वाले शब्द चुनकर वाक्य पुनः लिखिए-
(क) सुंदरिया की सुंदरता से कई लोगों को जलन होती थी। (प्रसन्नता/ईर्ष्या)
उत्तर: सुंदरिया की सुंदरता से कई लोगों को ईर्ष्या होती थी।
(ख) वहाँ की गायें अच्छी होती हैं। एक गाय का बंदोबस्त कर दो। (प्रबंध/संकेत)
उत्तर: वहाँ की गायें अच्छी होती हैं। एक गाय का प्रबंध कर दो।
(ग) सुंदरिया मेरी रुसवाई क्यों कराती है? (प्रशंसा / अपमान)
उत्तर: सुंदरिया मेरा अपमान क्यों कराती है?
(घ) सुंदरिया को देखकर हीरासिंह विह्वल हो उठा। (भावुक / प्रसन्न)
उत्तर: सुंदरिया को देखकर हीरासिंह भावुक हो उठा।
(ङ) आप मुझसे जितने महीने चाहें, कसकर चाकरी करवाएँ। (नौकरी / बागवानी)
उत्तर: आप मुझसे जितने महीने चाहें, कसकर नौकरी करवाएँ ।
3. कहानी में से चुनकर कुछ वाक्य नीचे दिए गए हैं। इन्हें ध्यानपूर्वक पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ आया? अपने विचार समूह में साझा कीजिए-
(क) रुपए तो ले लिए लेकिन हीरासिंह का जी भरा जा रहा था।
उत्तर:
(ख) गाय की नौकरी पर मुझे लगा दीजिए। चाहे तनख्वाह कम कर दीजिए।
उत्तर:
(ग) गाय ने उसकी ओर देखा । जैसे पूछना चाहती थी – “क्या सचमुच ही इसके साथ चली जाऊँ?”
उत्तर:
(घ) फिर गाय के गले पर सिर रखकर बोला – “सुंदरिया, देख… मेरी ओछी मत करा। मैं दूर हूँ तो क्या ! इसमें मुझे सुख है?”
उत्तर:
समूह में साझा करने के लिए विचार:
4. रेखांकित शब्द किसके लिए प्रयोग किए गए हैं? पहचानकर लिखिए-
उत्तर:
1. नीचे कुछ चित्र दिए गए हैं। इनको देखते हुए अपने समूह में चर्चा कर यह सुझाइए कि हम पशु-पक्षियों के लिए क्या-क्या कर सकते हैं। आप इनके अतिरिक्त भी कुछ और बिंदु जोड़ सकते हैं।
उत्तर: पशु-पक्षी भी हमारी तरह जीते-जागते जीव होते हैं। हम उनकी देखभाल कई तरीकों से कर सकते हैं;
जैसे:
निष्कर्ष: हमें पशु-पक्षियों से प्यार करना चाहिए और उनके साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए। उनकी देखभाल करना हमारा कर्तव्य है।
2. आपके घर में दूध कहाँ से आता है? यह भी पता कीजिए कि किन-किन पशुओं का दूध पीने के लिए उपयोग किया जाता है।
उत्तर: हमारे घर में दूध आमतौर पर गाय या भैंस से आता है। कुछ घरों में लोग डेयरी (दूध का केंद्र) से भी दूध लाते हैं।
किन-किन पशुओं का दूध पीने के लिए उपयोग किया जाता है:
3. किसी गौशाला अथवा दुग्ध उत्पादन केंद्र (डेयरी फार्म) का भ्रमण कर पता कीजिए कि पशुओं का लालन-पालन कैसे किया जाता है। आप इस गतिविधि में शिक्षकों एवं अभिभावकों की सहायता ले सकते हैं।
उत्तर: मैंने अपने शिक्षक और माता-पिता के साथ पास की गौशाला का भ्रमण किया। वहाँ हमने देखा कि पशुओं का लालन-पालन इस तरह से किया जाता है:
छात्रों को सुझाव: अपने शिक्षक या अभिभावक के साथ नजदीकी गौशाला या डेयरी फार्म पर जाएँ और वहाँ की जानकारी नोट करें, जैसे पशुओं की नस्ल, उनकी संख्या, और दूध उत्पादन का तरीका।
सेठ के घर से लौटकर जाते हुए हीरासिंह सुंदरिया को बहुत प्यार करता है, उसको सहलाता है एवं उससे बातें करता है। यदि सुंदरिया भी बोल सकती तो कल्पना कीजिए कि सुंदरिया और हीरासिंह के बीच क्या बातचीत होती।
उत्तर:
आपने 'सुंदरिया' कहानी पढ़ी। इस कहानी को नाटक के रूप में बदलकर कक्षा में अपने समूह के साथ नाटक-मंचन कीजिए।
उत्तर: नाटक: सुंदरिया
पात्र:
दृश्य 1: घर में
(हीरासिंह और जवाहरसिंह घर में)
दृश्य 2: सेठ के घर
दृश्य 3: गाय को घर से ले जाना
(हीरासिंह सुंदरिया को सहलाते हुए)
दृश्य 4: डेयरी में दूध देना
(हीरासिंह सुंदरिया को सहलाता है और दोनों खुशी-खुशी चले जाते हैं)
अंत: सभी पात्र: (मंच की ओर देखकर) जानवर भी हमारे परिवार का हिस्सा होते हैं। हमें उनसे प्यार और दया से पेश आना चाहिए।
राग सुरीला रंग से काली,
सबके मन को भाती।
बैठ पेड़ की डाली पर जो,
मीठे गीत सुनाती।
उत्तर: कोयल
जल-थल दोनों में है रहता,
धीमी जिसकी चाल।
खतरा पाकर सिमट जाए झट,
बन जाता खुद ढाल।
उत्तर: कछुआ
लकड़ी का एक ऐसा घर,
जो है जल में चलता।
सबको अपने साथ बिठाकर,
पार सभी को करता।
उत्तर: नाव
इस पाठ में दूध की मात्रा को ‘सेर’ द्वारा दर्शाया गया है जो मापन की एक प्राचीन भारतीय इकाई थी। इसी प्रकार वस्तुओं की मात्रा के मापन की और भी प्राचीन भारतीय इकाइयाँ प्रचलित थीं। आप पुस्तकालय से मापन से संबंधित पुस्तकें ढूँढ़कर मापन की अन्य प्राचीन भारतीय इकाइयों का पता लगाइए। इसके लिए आप अपने शिक्षक और अभिभावक की भी सहायता ले सकते हैं। कक्षा में सहपाठियों के साथ इसे साझा कीजिए।
उत्तर: विद्यार्थी, शिक्षक और अभिभावक की सहायता से मापन की प्राचीन भारतीय इकाइयों; जैसे – रत्ती, माशा, तोला, मन आदि की जानकारी प्राप्त करें तथा सहपाठियों से साझा करें।
जवाहरसिंह ने सुंदरिया के बारे में जानने के लिए अपने पिता हीरासिंह को पत्र लिखा है। महिला डाकिया उस पत्र को हीरासिंह तक पहुँचाना चाहती है। आपको इस पहेली को हल करते हुए उसे बाहर निकालना है ताकि वह हीरासिंह तक पहुँच सके।
उत्तर:
उत्तर: चींटी ने हेलमेट पहन रखा था।
चींटी बनें हाथी नहीं। ट्रैफिक नियमों का पालन करें। आप क्या-क्या कर सकते हैं-
चलने के लिए सड़क के किनारे बनी पटरियों का उपयोग करें। यदि आपको सड़क पार करनी हो तो सावधानी बरतें। लाल बत्ती होने की प्रतीक्षा करें। जब लाल बत्ती जलती है, तब वाहनों को रुकना होता है। आप सड़क के दोनों ओर देखें तथा जेब्रा क्रॉसिंग के चिह्न पर चलकर सड़क पार करें। यदि आप अपने अभिभावकों के साथ हों तो उनका हाथ अवश्य पकड़ें। सड़क पार करते समय न तो बातचीत करें और न ही दौड़ें, वरना ध्यान भटक सकता है।
अब आप नीचे दिए गए सड़क संकेतों (रोड साइन) को पहचानिए और समझिए -
उत्तर: हम ट्रैफिक नियमों का पालन करके सुरक्षित रह सकते हैं। इसके लिए हम निम्नलिखित काम कर सकते हैं:
सड़क संकेतों (रोड साइन) को पहचानिए और समझिए:
ये संकेत हमें सुरक्षित रखने में मदद करते हैं, इसलिए इन्हें ध्यान से समझें और मानें!
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1. सुंदरिया और हीरासिंह की कहानी का मुख्य विषय क्या है? | ![]() |
2. कहानी में सुंदरिया का चरित्र कैसे चित्रित किया गया है? | ![]() |
3. हीरासिंह की भूमिका इस कहानी में क्या है? | ![]() |
4. इस कहानी से हमें क्या महत्वपूर्ण सीख मिलती है? | ![]() |
5. क्या इस कहानी में सामाजिक मुद्दों का उल्लेख किया गया है? | ![]() |