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Previous Year Questions: अग्नि पथ | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan) PDF Download

Very Short Answer Type Questions

प्रश्न 1: घने वृक्षों को खड़े देखकर भी मनुष्य के मन में किन भावों का उदय नहीं होना चाहिए।
उत्तर: 
घने वृक्षों को खड़े देखकर मनुष्य के मन में कुछ पल आराम करने की बात मन में आती है। कवि नहीं चाहता कि संघर्षशील मानव के मन में आराम की इच्छा जागृत हो।


प्रश्न 2: घने वृक्ष और एक पत्र-छाँह का क्या अर्थ है? अग्निपथ कविता के अनुसार लिखिए।
उत्तर:
 ‘घने वृक्ष’ मार्ग में मिलने वाली सुविधा के प्रतीक हैं। इनका आशय है-जीवन की सुख-सुविधाएँ। ‘एक पत्र-छाँह’ का प्रतीकार्थ है-थोड़ी-सी सुविधा।


प्रश्न 3: अग्निपथ में क्या नहीं माँगना चाहिए?
उत्तर:
 ‘अग्निपथ’ अर्थात् – संघर्षमयी जीवन में हमें चाहे अनेक घने वृक्ष मिलें, परंतु हमें एक पत्ते की छाया की भी इच्छा नहीं करनी चाहिए। किसी भी सहारे के सुख की कामना नहीं करनी चाहिए।


प्रश्न 4: 'चल रहा मनुष्य है। अश्रु-स्वेद-रक्त से लथपथ, लथपथ, पथपथ। पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।'
उत्तर:
 इस पंक्ति में कवि दर्शाता है कि मनुष्य जीवन के कठिनाइयों और संघर्षों के बावजूद आगे बढ़ता जा रहा है। उसके आँसू, पसीना और खून से लथपथ होने के बावजूद वह हार नहीं मान रहा है और अपने लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ रहा है।


प्रश्न 5: ''अग्निपथ' कविता की मुख्य विशेषता क्या है?'
उत्तर:
 'अग्निपथ' कविता में कवि ने शब्दों का कम-से-कम इस्तेमाल किया है और कुछ शब्दों की पुनरावृत्ति की है, जिससे एक प्रभाव उत्पन्न होता है।

प्रश्न 6: 'अश्रु-स्वेद-रक्त से लथपथ से क्या आशय है? अग्निपथ कविता के आधार पर लिखिए।'
उत्तर:
 'अश्रु-स्वेद-रक्त से लथपथ' का आशय है- संघर्षमय जीवन के दौरान मनुष्य के आँसू, पसीना और रक्त से लथपथ होने का। इसका मतलब है कि मनुष्य कठिनाइयों का सामना करके अपने मंजिल की दिशा में अग्रसर बढ़ता है।


Short Answer Type Questions

प्रश्न 1. संघर्ष करते रहने वाला व्यक्ति क्या कभी थक सकता है ? यदि हाँ तो किन स्थितियों में।
उत्तरः सच्चा संघर्ष करने वाला व्यक्ति तब तक नहीं थकता जब तक उसे लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो जाती। उसके लिए थकावट लक्ष्य के मार्ग को त्यागना है न कि लक्ष्य पर चलने के लिए लंबा मार्ग अपनाना। वह केवल उन स्थितियों में थकता है जब उससे लक्ष्य के मार्ग पर चलते-चलते कोई चूक न हो जाये।


प्रश्न 2. ‘एक पत्र छाँह भी माँग मत’ पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः प्रस्तुत कविता में कवि ने संघर्षमय जीवन को ‘अग्निपथ’ कहते हुए मनुष्य को यह सन्देश दिया है कि राह में सुख रूपी छाँह की चाह न कर, अपनी मंजिल की ओर कर्मठतापूर्वक बिना थकान महसूस किए बढ़ते ही जाना चाहिए।


प्रश्न 3. ‘अग्निपथ’ कविता का केन्द्रीय भाव लिखिए।
उत्तरः इस कविता का मूल भाव है निरन्तर संघर्ष करते हुए जियो। कवि जीवन को अग्निपथ अर्थात् आग से भरा पथ मानता है। इसमें पग-पग पर चुनौतियाँ और कष्ट हैं। मनुष्य को इन चुनौतियों से नहीं घबराना चाहिए और इनसे मुँह भी नहीं मोड़ना चाहिए बल्कि आँसू पीकर, पसीना बहाकर तथा खून से लथपथ होकर भी निरन्तर संघर्ष पथ पर अग्रसर रहना चाहिए।


प्रश्न 4. अग्निपथ के मुसाफिर को क्या शपथ लेनी चाहिए और क्यों?
उत्तरः अग्निपथ के मुसाफिर को संघर्ष के रास्ते पर चलते रहने की शपथ लेनी चाहिए। तभी वह अपने लक्ष्य पर पहुँच पाएगा। वह जीवन भर संघर्ष से थकेगा नहीं। चाहे अनगिनत कठिनाइयाँ घेर लें। परन्तु वह जीवन रूपी पथ पर चलकर अपनी मंजिल को प्राप्त करेगा। 


Long Answer Type Questions

प्रश्न 1. ‘अग्निपथ’ कविता में ‘अश्रु-स्वेद-रक्त से लथपथ’ मनुष्य के जीवन के जीवन को एक महान दृश्य बताकर हमें क्या सन्देश दिया गया है? स्पष्टकीजिए।
उत्तरः जीवन-पथ अनुकूल और प्रतिकूल परिस्थितियों से भरा।
लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए परिश्रम आवश्यक है।
राह में विभिन्न घटनाओं का सामना करना पड़ेगा।
जीवन में आँसू, पसीना और रक्त भी बहाना पड़ सकता है। पर हमें आगे ही बढ़ते जाना है।
व्याख्यात्मक हल:
कवि कहता है कि जीवन पथ अनुकूल और प्रतिकूल दोनों प्रकार की परिस्थितियों से भरा हुआ है। यह संसार अग्नि से पूर्ण मार्ग के समान कठिन है और इस कठिन मार्ग का सबसे सुन्दर दृश्य कवि के अनुसार कठिनाइयों का सामना करते हुए आगे बढ़ना है। संघर्ष-पथ पर चलने पर उसकी (मनुष्य की) आँखों से आँसू बहते हैं, शरीर से पसीना निकलता है और खून बहता है, फिर भी वह इन सब की परवाह किए बिना निरन्तर परिश्रम करते हुए संघर्ष-पथ पर बढ़ता जाता है।


प्रश्न 2. निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-

(क) चल रहा मनुष्य है

अश्रु-स्वेद-रक्त से लथपथ, लथपथ, लथपथ।

उत्तरः इन पंक्तियों का भाव यह है कि मनुष्य का आगे की ओर चले जाना ही अपने आप में एक विशेष बात हैं। संघर्ष-पथ पर चलने में व्यक्ति को कई बार आँसू बहाने पड़ते हैं। थकने पर वह पसीने से तर-बतर हो जाता है और शक्ति का व्यय करना भी पड़ता है। वह लथपथ हो जाता है। इस स्थिति से न घबराकर निरंतर आगे बढ़ते जाना ही जीवन का लक्ष्य है।

(ख) यह महान दृश्य है
चल रहा है मनुष्य
अश्रु-स्वेद-रक्त से लथपथ, लथपथ, लथपथ!
अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ!

उत्तरः कवि कहता है कि हे मनुष्य यह संसार अग्नि से पूर्ण मार्ग के समान कठिन है। इस कठिन मार्ग पर सबसे सुन्दर दृश्य यही हो सकता है कि मनुष्य कठिनाइयों का सामना करते हुए निरन्तर चल रहा है। कठिनाइयों का सामना करते हुए उसकी आँखों से आँसू बह रहे हैं, शरीर से पसीना निकल रहा है और खून बह रहा है। फिर भी वह इनकी परवाह किए बिना निरन्तर संघर्ष-पथ पर बढ़ता जा रहा है। सामने कठिनाइयों से पूर्ण मार्ग है, फिर भी मनुष्य को चलते चले जाना है।

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FAQs on Previous Year Questions: अग्नि पथ - Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)

1. What is the book "Agni Path" about?
Ans. "Agni Path" is a book written by Kazi Nazrul Islam, a prominent poet and writer from Bangladesh. The book revolves around themes of patriotism, social justice, and resilience, and is considered a classic in Bengali literature.
2. Who is the author of "Agni Path"?
Ans. The author of "Agni Path" is Kazi Nazrul Islam.
3. What are some of the main themes explored in "Agni Path"?
Ans. Some of the main themes explored in "Agni Path" include patriotism, social justice, and resilience. The book delves into the struggles faced by individuals and society as a whole in fighting for their rights and striving for a just and equal world.
4. Why is "Agni Path" considered a classic in Bengali literature?
Ans. "Agni Path" is considered a classic in Bengali literature due to its powerful portrayal of the themes of patriotism, social justice, and resilience. The book resonates with readers and has become a symbol of hope and inspiration for many. Its lyrical language and poignant narrative have contributed to its enduring popularity.
5. What is the significance of the title "Agni Path"?
Ans. The title "Agni Path" translates to "Path of Fire" in English. It symbolizes the fiery spirit of resistance and determination that individuals must have in order to overcome obstacles and fight for justice. The title encapsulates the central message of the book, urging readers to take the path of passion and courage in their pursuit of a better world.
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