प्रश्न 1: ‘जीवन पर अब दिन-रात कड़ा पहरा है’-ऐसा किसने कहा है और क्यों?
उत्तर: ‘जीवन पर अब दिन-रात कड़ा पहरा है’-ऐसा कवि ने कहा है क्योंकि कवि को स्वतंत्रता की माँग करने के कारण जेल में कैदकर दिया गया है। उसे वहाँ भरपेट भोजन नहीं दिया जाता है और मरने भी नहीं दिया जाता है। कवि एवं प्रसिद्ध क्रांतिकारियों की मृत्यु जेल में होने पर अंग्रेजों के विरुद्ध वातावरण बनने का भय था।
प्रश्न 2: कवि को हिमकर किस तरह निराश कर चला गया?
उत्तर: स्वतंत्रता सेनानी कवि को जेल में कैद कर दिया गया था। रात के सुनसान समय में वह चंद्रमा से बातें करते हुए उसके सहारे समय बिता रहा था परंतु रात बीतने से पहले ही चंद्रमा छिप गया। अब कवि अकेला पड़ गया। इस तरह हिमकर उसे निराश करके चला गया।
प्रश्न 3: कवि ने किसकी वेदना को बोझ के समान बताया है और क्यों?
उत्तर: कवि पराधीन भारत में रह रहे भारतीयों की वेदना को बोझ के समान बताया है क्योंकि पराधीन भारतीयों के साथ अंग्रेज़ नाना प्रकार की यंत्रनाएँ देते थे। वे निर्दोषों पर भी अत्याचार करते थे। अंग्रेजों का यह क्रूर व्यवहार भारतीयों की बोझ जैसी भारी वेदना बन गया था।
प्रश्न 4: कोयल असमय चीख पड़ी थी। उसके इस प्रकार चीखने के कारणों के बारे में कवि क्या-क्या कल्पनाएँ करता है।
उत्तर: कोयल के असमय चीखने के कारणों के बारे में कवि कई कल्पनाएँ करता है-
प्रश्न 5: ब्रिटिश राज का गहना किसे कहा गया है और क्यों? पठित पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: अंग्रेज़ सरकार ने क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता सेनानियों को जेल में रखकर हथकड़ियाँ पहना दी थी। इन हथकड़ियों को ब्रिटिश राज का गहना कहा गया है। ये हथकड़ियाँ भारतमाता को आजाद कराने के पवित्र उद्देश्य को पूरा करते हुए मिली। थी, इसलिए इन्हें गहना कहा गया है।
प्रश्न 6: कवि की अँगुलियाँ किस पर गाने लिख रही थीं और कैसे?
उत्तर: पराधीन भारत की जेलों में बंद कैदियों से पशुओं के समान काम लिया जाता था। उनसे मोट से पानी खिंचवाने, गिट्टियाँ तोड़ने जैसा काम लिया जाता था। गिट्टियाँ तोड़ने से उठने वाली आवाज़ों को सुन कर लगता था कि ये कवि की अँगुलियों द्वारा लिखे गए गीत हैं।
प्रश्न 7: ‘तिस पर है गाली, ऐ आली!’ पंक्ति के आधार पर जेल के कर्मचारियों के व्यवहार का वर्णन कीजिए।
उत्तर: पराधीन भारत की जेलों में स्वतंत्रता की माँग करने वाले तथा क्रांतिकारियों के रूप में बंदी लोगों के साथ निर्मम व्यवहार किया जाता था। जेल के कर्मचारी उन्हें बात-बात पर गालियाँ देते थे और अपमानित करते थे। इस स्थिति में कैदी अपमान का चूंट पीकर रह जाते थे।
प्रश्न 8: जेल में कवि के रोने को भी गुनाह क्यों माना जाता था?
उत्तर: पराधीन भारत में अंग्रेजों द्वारा भारतीयों के साथ अमानवीय व्यवहार किया था। वे निर्दोष भारतीयों को भी जेल में डाल देते थे। ऐसी ही दशा में स्वतंत्रता के लिए आवाज उठाने वाले कवि को भी जेल में डाल दिया गया। यहाँ उसे रोने भी नहीं दिया जाता था। क्योंकि कवि का रोना सुनकर अन्य कैदियों के मन में कहीं उसके प्रति सहानुभूति और अंग्रेजों के प्रति आक्रोश भड़क सकता था।
प्रश्न 9: जेल में कैदी के रूप में कवि को क्या-क्या काम करना पड़ा?
उत्तर: कैदी के रूप में कवि को-
प्रश्न 10: ‘कैदी और कोकिला’ कविता के आधार पर कोयल और कवि की स्थिति में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: कोयल और कवि की स्थिति में अंतर यह है कि-
प्रश्न 11: कवि को जेल क्यों भेजा गया होगा, अपनी कल्पना के आधार पर लिखिए।
उत्तर: स्वतंत्रता सभी को प्रिय होती है। कवि भी स्वतंत्र रहना चाहता था। दुर्भाग्य से उस समय देश अंग्रेज़ों का गुलाम था। कवि ने लोगों को अपनी खोई आज़ादी पाने की प्रेरणा देते हुए देश प्रेम बढाने एवं मातृभूमि को स्वतंत्र कराने के लिए अपना तन-मन-धन समर्पित करने वाली कविताएँ लिखी होंगी। यह बात अंग्रेज़ों को नागवार गुजरी और उन्होंने कवि की रचनाएँ जब्त कर ली होगी। उन्होंने कवि को ऐसी कविताएँ लिखने से मना किया होगा पर स्वाभिमानी कवि ने मौखिक रूप से लोगों में देश प्रेम जगाने तथा स्वतंत्रता की चिनकारी भड़काने का काम किया होगा। इससे क्रुद्ध अंग्रेजों ने कवि को जेल भेज दिया होगा।
प्रश्न 12: अंग्रेजों ने कवि को बौधिक रूप से अशक्त करने का प्रयास क्यों किया और कैसे?
उत्तर: अंग्रेजों की दृष्टि में आजादी की माँग करना सबसे बड़ा अपराध था। वे इसे राजद्रोह से कम नहीं समझे थे। ऐसे क्रांतिकारियों का दमन करने के लिए वे तरह-तरह के हथकंडे अपनाते थे। कवि लेखक, एवं विचारशील लोगों के साथ वे इस तरह अत्याचार करते थे कि बौधिक रूप से कमज़ोर या अशक्त हो जाएँ और उनकी वैचारिक क्षमता शून्य हो जाय। उन्होंने कवि को जेल की उस कोठर में बंद कर दिया जिसमे डाकू, चोर, लुटेरे बटमार आदि बंद थे। ऐसे में कवि को विचारविमर्श करने के लिए ऐसे लोग मिलते थे जो चोरी-छीना झपटी से आगे की बात सोच ही नहीं सकते थे। इस तरह वे कवि को बौधिक रूप से अशक्त करने का प्रयास कर रहे थे।
प्रश्न 13: ‘मरने भी देते नहीं, तड़प रह जाना’ के आलोक में बताइए कि अंग्रेज़ कवि जैसे कैदियों को मरने भी नहीं देते थे, क्यों?
उत्तर: पराधीन भारत की जेलों में बंद स्वतंत्रता सेनानियों एवं क्रांतिकारियों पर अंग्रेज़ तरह-तरह के अत्याचार करते थे। उन्हें बैलों की जगह कोल्हू चलाने और मोट खींचने जैसे काम करने को विवश कर देते थे। ऐसे कठोर शारीरिक श्रम के बाद भी वे न उन्हें पेट भर खाना देते थे और न मरने देते थे। कवि जैसे कैदियों को न मरने देने का कारण यह था कि ये क्रांतिकारी एवं स्वतंत्रता सेनानी अपने कार्यों से प्रसिद्ध एवं लोकप्रिय होते थे। जेल में इनकी मृत्यु होने पर भारतीय जन का आक्रोश भड़क सकता था, जिसे नियंत्रित करना कठिन हो जाता था। ऐसे में उनके विरुद्ध घृणा का वातावरण बनने का भय था।
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