Class 9 Exam  >  Class 9 Notes  >  Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)  >  Short Question Answer: मेरा छोटा-सा निजी पुस्तकालय

Short Question Answer: मेरा छोटा-सा निजी पुस्तकालय | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan) PDF Download

प्रश्न 1: लेखक को स्कूल क्यों नहीं भेजा गया?
उत्तर:
लेखक को स्कूल नहीं भेजा गया था, शुरू की पढ़ाई के लिए घर पर मास्टर रखे गए थे। पिता नहीं चाहते थे कि नासमझ उम्र में वह गलत संगति में पड़कर गाली-गलौच सीखे, बुरे संस्कार ग्रहण करे। अतः नाम तभी लिखाया गया, जब वह कक्षा दो तक की पढ़ाई घर पर कर चुका था।

प्रश्न 2: लेखक के प्राण कहाँ रहते थे और क्यों ?
उत्तर:
लेखक को लगता था कि उसकी स्थिति बिल्कुल उस राजा की तरह है जिसके प्राण तोते में थे और उसके अपने पुस्तकालय में रखी किताबों में थे। इसी कारण लेखक बीमारी के बाद अपने निजी पुस्तकालय में रहना चाहता था। वह इन किताबों के बिना अपने जीने की कल्पना भी नहीं कर सकता था।

प्रश्न 3: डॉक्टर बोर्जेस ने लेखक को शॉक्स क्यों दिए ? उससे लेखक पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर:
सन् 1989 में लेखक को तीन हार्ट अटैक हुए। सभी डॉक्टरों ने जवाब दे दिया। डॉक्टर बोर्जेस ने हिम्मत नहीं हारी। उसने लेखक की धड़कन लौटाने के लिए नौ सौ वाल्ट्स के शॉक्स दिए। उसका मत था कि यदि शरीर मृत है तो उसे दर्द महसूस ही नहीं होगा किंतु यदि एक कण प्राण भी शेष होंगे तो हार्ट रिवाइव कर सकता है। डॉक्टर बोर्जेस के इस प्रयोग से लेखक के प्राण तो लौटे किंतु उसका साठ प्रतिशत हार्ट सदा के लिए नष्ट हो गया।

प्रश्न 4: पुस्तकों द्वारा किन मूल्यों को अपनाकर जीवन को समृद्ध बनाया जा सकता है? पाठ के आधार पर बताइए।
उत्तर:
पुस्तकों से मानव के व्यक्तिगत ज्ञान में वृद्धि होती है। मानव स्वभावतः क्रियाशील होता है उसकी जिज्ञासु वृत्ति के कारण वह नित नए-नए आयाम खोजता है। रचनाकार मानव की प्रवृत्तियों के आधार पर नई रचना करता है। महान रचनाएँ शाश्वत मानव मूल्यों का वर्णन करती हैं। पाठक इन कृतियों को पढ़कर अनेक समस्याओं का समाधान पा सकता है। वह अपनी कमियों को भी दूर कर सकता है। पुस्तकें बौद्धिक मनोरंजन का साधन भी है। यह अकेलेपन का साथी है।

प्रश्न 5: अस्पताल से घर आकर लेखक कहाँ रहा और उसने क्या महसूस किया ?
उत्तर:
लेखक अस्पताल से अर्धमृत हालत में घर लाया गया और उसे पूर्ण रूप से विश्राम करने के लिए कहा गया। उसके चलने, बोलने और पढ़ने पर मनाही थी। अस्पताल से घर लाकर उसे किताबों वाले कमरे में रखा गया। वहाँ वह दिन-भर खिड़की के बाहर हवा में झूलते सुपारी के पेड़ के पत्ते और कमरे में रखी किताबों से भरी अलमारियों को देखता रहता। लेखक ने महसूस किया कि बचपन में पढ़ी परी – कथाओं में जिस प्रकार राजा के प्राण तोते में रहते थे, उसी प्रकार उसके प्राण भी मानो कमरे में रखी इन किताबों में बसे हैं। इन किताबों को लेखक ने बड़ी कठिनाई से एक-एक करके इकट्ठे किए थे।

प्रश्न 6: मराठी के वरिष्ठ कवि विंदा करंदीकर ने लेखक की लाइब्रेरी देखकर लेखक से क्या कहा था ?
उत्तर:
मराठी के वरिष्ठ कवि विंदा करंदीकर ने लेखक से कहा था- ” भारती, ये सैकड़ों महापुरुष जो पुस्तक रूप में तुम्हारे चारों ओर विराजमान हैं, इन्हीं के आशीर्वाद से तुम बचे हो। इन्होंने तुम्हें पुनर्जीवन दिया है। ” तब लेखक ने कवि विंदा तथा पुस्तकों के महान लेखकों को मन-ही-मन प्रणाम किया था।

प्रश्न 7: लेखक के माता-पिता क्या काम करते थे ?
उत्तर:
लेखक के पिता सरकारी नौकरी में थे। उन्होंने बर्मा रोड बनाते समय बहुत पैसा बनाया था। गाँधी जी के आह्वान पर उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ दी थी। बाद में उनके पिता आर्य समाज रानीमंडी के प्रधान बने। उनकी माता ने स्त्री-शिक्षा के लिए आदर्श कन्या पाठशाला की स्थापना की थी।

प्रश्न 8: जुलाई, 1989 में लेखक के साथ क्या हुआ? वह कैसे बचा ?
उत्तर:
जुलाई, 1989 में लेखक को तीन-तीन जबरदस्त हार्ट अटैक आए। एक तो ऐसा कि नब्ज बंद, साँस बंद, धड़कन बंद डॉक्टरों ने घोषित कर दिया कि अब प्राण नहीं रहे, पर डॉक्टर बोर्जेस ने फिर भी हिम्मत नहीं हारी थी। उन्होंने नौ सौ वॉल्ट के शॉक्स दिए। यह भयानक प्रयोग था, लेकिन वे बोले की यदि यह मृत शरीर मात्र है तो दर्द महसूस ही नहीं होगा, पर यदि कहीं भी शरीर में एक कण प्राण शेष होंगे तो हार्ट रिवाइव कर सकता है। प्राण तो लौटे, पर इस प्रयोग में साठ प्रतिशत हार्ट सदा के लिए नष्ट हो गया। केवल चालीस प्रतिशत बचा।

प्रश्न 9: लेखक के पिता ने उन्हें आरंभ में स्कूल क्यों नहीं भेजा ?
उत्तर:
लेखक के पिता ने उन्हें बचपन में स्कूल नहीं भेजा था। उनके विचार में छोटे बच्चे स्कूल में ग़लत बातें सीखते हैं। पिता के अनुसार वे ग़लत संगत में पड़कर कहीं गाली-गलौच करना न सीख ले या फिर कहीं बुरे संस्कार न ग्रहण कर लें, इसलिए उन्हें पढ़ाने के लिए घर में ही अध्यापक रखा गया था।

प्रश्न 10: लेखक के पिता ने उनसे क्या वचन लिया ?
उत्तर:
लेखक ने कक्षा दो तक की पढ़ाई घर पर की थी। तीसरी कक्षा में उन्हें स्कूल भेजा गया। स्कूल के पहले दिन उनके पिता ने उनसे वचन लिया कि वे स्कूल में मन लगाकर पढ़ेंगे। अन्य किताबों की तरह पाठ्यक्रम की किताबें भी ध्यान से पढ़ेंगे और अपनी माँ की उनके भविष्य को लेकर हो रही चिंताओं को दूर करेंगे।

प्रश्न 11: तीसरे दर्जे में भर्ती होने पर पिता ने लेखक को क्या कहा? उसका क्या परिणाम हुआ?
उत्तर:
तीसरे दर्जे में लेखक स्कूल में भरती हुआ। उस दिन शाम को पिता उँगली पकड़कर उन्हें घुमाने ले गए। लोकनाथ की एक दुकान से ताज़ा अनार का शरबत पिलाया और सिर पर हाथ रखकर बोले कि वादा करो कि पाठ्यक्रम की किताबें भी इतने ही ध्यान से पढ़ोगे, माँ की चिंता मिटाओगे। यह पिताजी का आशीर्वाद था या उनका जी-तोड़ परिश्रम कि पाँचवें दर्जे में तो वे फर्स्ट आए। माँ ने आँसू भरकर गले लगा लिया।

प्रश्न 12: क्या लेखक ने अपना निजी पुस्तकालय का सपना पूरा किया ?
उत्तर:
हाँ, लेखक ने अपना निजी पुस्तकालय का सपना पूरा किया। लेखक को पुस्तकें पढ़ने का बहुत शौक था। उसके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी इसलिए वह मोहल्ले की लाइब्रेरी में बैठकर किताबें पढ़ता था। कई बार कोई उपन्यास अधूरा रह जाता तो वह सोचता कि पैसे होते, तो वह खरीदकर पढ़ लेता। धीरे-धीरे उसने बचत करके अपने लिए किताबें खरीदनी शुरू की और अपना सपना पूरा किया।

प्रश्न 13: ऑपरेशन के बाद मराठी कवि ने लेखक को क्या कहा था?
उत्तर:
मराठी के वरिष्ठ कवि विंदा करंदीकर ने ऑपरेशन सफल होने के बाद कहा कि भारती, ये सैकड़ों महापुरुष जो पुस्तक रूप में तुम्हारे चारों ओर विराजमान हैं, इन्हीं के आशीर्वाद से तुम बचे हो। इन्होंने तुम्हें पुनर्जीवन दिया है। लेखक ने इन महापुरुषों को मन-ही-मन प्रणाम किया।

The document Short Question Answer: मेरा छोटा-सा निजी पुस्तकालय | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan) is a part of the Class 9 Course Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan).
All you need of Class 9 at this link: Class 9
15 videos|161 docs|37 tests

Top Courses for Class 9

15 videos|161 docs|37 tests
Download as PDF
Explore Courses for Class 9 exam

Top Courses for Class 9

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

ppt

,

Important questions

,

Semester Notes

,

Sample Paper

,

shortcuts and tricks

,

practice quizzes

,

Exam

,

pdf

,

video lectures

,

Short Question Answer: मेरा छोटा-सा निजी पुस्तकालय | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)

,

mock tests for examination

,

Free

,

study material

,

MCQs

,

Short Question Answer: मेरा छोटा-सा निजी पुस्तकालय | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Summary

,

Viva Questions

,

Extra Questions

,

past year papers

,

Objective type Questions

,

Short Question Answer: मेरा छोटा-सा निजी पुस्तकालय | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)

;