Class 7 Exam  >  Class 7 Notes  >  NCERT Textbooks & Solutions for Class 7  >  Summary: द्वेष करने वाले का जी नही भरता

Summary: द्वेष करने वाले का जी नही भरता | NCERT Textbooks & Solutions for Class 7 PDF Download

सार

जब पांडव वनवास में थे तब अनेक ब्राह्मण उनके आश्रम में आते-जाते रहते थे। वे हस्तिनापुर पहुँचकर धृतराष्ट्र को पांडवों का हाल सुनाते थे| उनकी कठिनाइयों को सुनकर धृतराष्ट्र चिंतित हो जाते थे। दुर्योधन पांडवों की मुसीबतों को वन में जाकर स्वयं देखना चाहता था। इसलिए उसने कर्ण और मामा शकुनि से कुछ ऐसा उपाय करने को कहा जिससे वन जाकर पांडवों को देखने की पिता जी की अनुमति मिल जाए। तब कर्ण ने सुझाव दिया कि द्वैतवन में कुछ बस्तियाँ हमारे अधीन हैं। उन बस्तियों के चौपायों की गिनती हर साल राजकुमार करते हैं। इस प्रकार धृतराष्ट्र से आज्ञा लेकर वे वन जा सकते हैं।दुर्योधन के इस अनुरोध को पहले तो धृतराष्ट्र ने नहीं माना पर जब दुर्योधन ने यह कहा कि हम वहाँ नहीं जाएँगे जहाँ पांडव हैं तो उन्हें आज्ञा मिल गई।

कौरव एक बड़ी सेना लेकर द्वैतवन पहुँच गए। पांडवों के आश्रम से चार कोस की दूरी पर कौरवों ने अपने डेरे लगाए। गंधर्वराज चित्रसेन भी सपरिवार जलाशय के तट पर डेरा डाले हुए थे। उसके सेवकों ने दुर्योधन के सेवकों को वहाँ तंबू गाड़ने से रोका। दोनों सेनाओं में युद्ध छिड़ गया| कर्ण जैसे महारथी का रथ चूर-चूर हो गए। कौरव सेना व कर्ण तो भाग खड़े हुए किंतु दुर्योधन को गंधर्वराज चित्रसेन ने बंदी बना लिया।

जब यह सूचना युधिष्ठिर को मिली तो उन्होंने भीम और अर्जुन से दुर्योधन को गंधर्वराज की कैद से मुक्त कराने को कहा। युधिष्ठिर के आदेश पर भीम और अर्जुन ने बिखरी हुई कौरव-सेना को इकट्ठा करके युद्ध करते हुए दुर्योधन को छुड़ाया।

पांडवों के वनवास के समय दुर्योधन राजसूय यज्ञ करना चाहता था परंतु पिता और युधिष्ठिर के जीवित रहते वह ऐसा नहीं कर सकता था इसलिए उसे वैष्णव यज्ञ करके ही संतोष करना पड़ा। इस यज्ञ में महर्षि दुर्वासा दस हजार शिष्यों के साथ पधारे थे। दुर्योधन द्वारा किए सत्कार से प्रसन्न हो दुर्वासा ने उससे वर माँगने को कहा।दुर्योधन ने उन्हें अपने शिष्यों सहित युधिष्ठिर के घर जाकर उस समय भोजन करने के लिए कहा जब वे सब भोजन के बाद विश्राम कर रहे हों।

महर्षि दुर्वासा शिष्यों सहित युधिष्ठिर के आश्रम में गए। पांडवों ने उनका आदर सत्कार किया। दुवार्सा बोले कि हम स्नान करके आते हैं, भोजन तैयार रखना। वनवास के प्रारम्भ में सूर्य ने प्रसन्न होकर युधिष्ठिर को एक अक्षयपात्र दिया था। उस समय तक पांडव और द्रौपदी सूर्य के द्वारा दिए गए अक्षयपात्र से भोजन कर चुके थे तथा वह खाली हो चुका था। द्रौपदी के भोजन कर लेने से अक्षयपात्र की भोजन देने की शक्ति अगले दिन तक समाप्त हो जाती थी।

तभी वासुदेव कृष्ण वहाँ आकर द्रौपदी के सामने खड़े होकर खाने के लिए कुछ माँगने लगे। उन्हें बहुत भूख लगी थी। द्रौपदी को समझ नहीं आ रहा था कि वह कहाँ से भोजन लाए। कृष्ण ने उसे अपना अक्षयपात्र लाने को कहा। कृष्ण ने देखा कि उसके किनारे पर अन्न का एक कण और साग की पत्ती लगी है।श्रीकृष्ण ने उसे लेकर मुँह में डालते हुए मन में कहा कि यह भोजन हो और इससे उनकी भूख मिट जाए।

द्रौपदी को अपनी भूल पर पछतावा हो रहा था कि उसने बर्तन भी ठीक से साफ़ नहीं किया था इसलिए यह जूठा कृष्ण को खाना पड़ा है। श्रीकृष्ण ने बाहर जाकर भीमसेन से ऋषि दुर्वासा को शिष्यों समेत भोजन के लिए बुलाकर लाने को कहा। भीम जब नदी तट पर गए तब शिष्य दुर्वासा से कह रहे थे कि हमने व्यर्थ ही युधिष्ठिर को भोजन तैयार करने के लिए कहा। हमारा पेट तो भरा हुआ है। दुर्वासा ने भीम से कहा कि वे सब भोजन से निवृत्त हो चुके हैं। युधिष्ठिर से जाकर कहना कि असुविधा के लिए हमें क्षमा करें।" यह कहकर ऋषि अपने शिष्यों सहित वहाँ से रवाना हो गए। 

शब्दार्थ -

  • अनुमति - आज्ञा
  • चौपाए - चार पैरों वाले जानवर
  • जलाशय - तालाब
  • अनुचर - सेवक
  • विजय-घोष - जीत की घोषणा
  • कुटुंबी - परिवारीजन
  • टूट पड़ना - आक्रमण करना
  • अतिथि - मेहमान
  • अनुगृहित करना - कृपा करना
  • आवभगत - सेवा सत्कार
  • पात्र - बर्तन
  • लुप्त - गायब
The document Summary: द्वेष करने वाले का जी नही भरता | NCERT Textbooks & Solutions for Class 7 is a part of the Class 7 Course NCERT Textbooks & Solutions for Class 7.
All you need of Class 7 at this link: Class 7
375 docs

Top Courses for Class 7

375 docs
Download as PDF
Explore Courses for Class 7 exam

Top Courses for Class 7

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

past year papers

,

mock tests for examination

,

Viva Questions

,

pdf

,

practice quizzes

,

Semester Notes

,

shortcuts and tricks

,

study material

,

ppt

,

video lectures

,

MCQs

,

Free

,

Extra Questions

,

Summary: द्वेष करने वाले का जी नही भरता | NCERT Textbooks & Solutions for Class 7

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Important questions

,

Exam

,

Summary: द्वेष करने वाले का जी नही भरता | NCERT Textbooks & Solutions for Class 7

,

Summary

,

Summary: द्वेष करने वाले का जी नही भरता | NCERT Textbooks & Solutions for Class 7

,

Sample Paper

,

Objective type Questions

;