Class 7 Exam  >  Class 7 Notes  >  NCERT Textbooks & Solutions for Class 7  >  Summary: भीष्म-शरशैय्या पर

Summary: भीष्म-शरशैय्या पर | NCERT Textbooks & Solutions for Class 7 PDF Download

दसवें दिन युद्ध में पांडवों ने शिखंडी को आगे करके युद्ध की शुरुआत की। शिखंडी की आड़ से अर्जुन ने पितामह पर बाण चलाए। शिखंडी के बाणों ने भीष्म के वक्ष-स्थल को बींध डाला परंतु भीष्म ने शिखंडी पर बाण नहीं चलाए। तब अर्जुन ने अपने बाणों से भीष्म का सारा शरीर बींध दिया। वे रथ से सिर के बल ज़मीन पर गिर पड़े परंतु उनका शरीर भूमि से नहीं लगा। उनके शरीर में लगे बाण एक तरफ़ से घुसकर दूसरी तरफ निकल गए थे इसलिए वे बाणों के सहारे ज़मीन के ऊपर पड़े रहे। तब भीष्म ने अर्जुन से बाण से उनके सिर के नीचे सहारा लगाने को कहा तो अर्जुन ने तीन बाणों से उनका सिर उन बाणों की नोक पर रखकर तकिया बना दिया।

इसके बाद पितामह ने अर्जुन से पानी पिलाने को कहा। अर्जुन ने तुरन्त धनुष तानकर भीष्म की दाहिनी बगल में पृथ्वी पर बड़े जोर से एक तीर मारा। उसी क्षण उस स्थल से जल का एक सोता फूट निकला और पितामह भीष्म ने शीतल जल पीकर अपनी प्यास बुझाई। भीष्म ने सब राजाओं से कहा कि मैं इसी स्थिति से प्रसन्न हूँ तथा सूर्य के उत्तरायण होने तक ऐसे ही पड़ा रहूँगा।

कर्ण को जब पितामह के घायल होकर युद्धक्षेत्र में पड़े होने का पता चला तो उसने उनके पास जाकर उन्हें प्रणाम किया। भीष्म को उसके मुख पर भय दिखाई दिया तो उन्होंने कर्ण से कहा कि वे जानते हैं कि तुम कुंती पुत्र हो।उसने व्यर्थ ही पांडवों से दुश्मनी मोल ले ली है। वे उसकी दानवीरता से प्रभावित हैं तथा उसे श्रीकृष्ण और अर्जुन जैसा वीर योद्धा मानते हैं। वे उससे पांडवों से मित्रता करने के लिए कहते हैं परंतु कर्ण इसके लिए मना कर देते हैं और अंतिम क्षण तक दुर्योधन का साथ देने की बात करते हैं| भीष्म उसे आशीर्वाद देते हैं। वह युद्ध-क्षेत्र में जाता है तो दुर्योधन उसे देखकर प्रसन्न हो जाता है।

भीष्म के बाद द्रोणाचार्य को कौरवों का सेनापति बनाया जाता है। वे अपने युद्ध कौशल से पाँच दिनों तक पांडव-सेना की नाक में दम कर देते हैं। वृद्ध द्रोणाचार्य सात्यकि, भीम, अर्जुन, धृष्टद्युम्न, द्रुपद, काशिराज जैसे विख्यात वीरों से अकेले ही भिड़ थे। दुर्योधन ने सोचा यदि युधिष्ठिर को जीवित पकड़ लिया जाए तो हमारी जीत निश्चित है। उसने द्रोणाचार्य से युधिष्ठिर को जीवित पकड़ कर लाने को कहा। दुर्योधन ने सोचा कि युधिष्ठिर को थोड़ा-सा राज्य देकर छोड़ देंगे और फिर जुआ खेलकर उससे राज्य वापस ले लेंगे।

जब पांडवों को यह पता चला कि आचार्य युधिष्ठिर को जीवित बंदी बनाना चाहते हैं तो उन्होंने युधिष्ठिर की सुरक्षा के विशेष प्रबंध कर दिए। द्रोणाचार्य ने जैसे ही युधिष्ठिर को बंदी बनाने का प्रयास किया धृष्टद्युम्न ने उन्हें रोका पर वह उन्हें रोक नहीं पाया। तभी 'युधिष्ठिर पकड़े गए' का शोर सुनकर अर्जुन ने आकर द्रोणाचार्य पर बाणों की बौछार कर दी और वे युधिष्ठिर को पकड़ने में सफल नहीं हो पाए। यह सुनकर कौरवों में भय छा गया| इस प्रकार ग्यारहवें दिन का युद्ध समाप्त हुआ।

शब्दार्थ -

  • आड़ से - पीछे से
  • वक्ष - सीना
  • शिकन - चिंता की रेखा
  • प्रत्युत्तर - जवाब
  • मुख मलिन न होना - परेशान न होना
  • प्राणहारी - प्राण ले लेने वाले
  • दिल भर आना - दुःखी होना
  • शूरता - वीरता
  • ज्येष्ठ - सबसे बड़ा
  • बिछोह - वियोग
  • दुःसह - असहनीय
  • नाक में दम करना - परेशान करना
  • अविरल - बिना रुके
The document Summary: भीष्म-शरशैय्या पर | NCERT Textbooks & Solutions for Class 7 is a part of the Class 7 Course NCERT Textbooks & Solutions for Class 7.
All you need of Class 7 at this link: Class 7
375 docs

Top Courses for Class 7

375 docs
Download as PDF
Explore Courses for Class 7 exam

Top Courses for Class 7

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

Summary

,

past year papers

,

Sample Paper

,

practice quizzes

,

Free

,

mock tests for examination

,

Important questions

,

Objective type Questions

,

Viva Questions

,

ppt

,

Exam

,

Semester Notes

,

MCQs

,

pdf

,

Extra Questions

,

Summary: भीष्म-शरशैय्या पर | NCERT Textbooks & Solutions for Class 7

,

shortcuts and tricks

,

Summary: भीष्म-शरशैय्या पर | NCERT Textbooks & Solutions for Class 7

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Summary: भीष्म-शरशैय्या पर | NCERT Textbooks & Solutions for Class 7

,

study material

,

video lectures

;