Table of contents | |
पाठ प्रवेश | |
पाठ का सार | |
मूल्य | |
निष्कर्ष | |
कठिन शब्दों के अर्थ |
यह पाठ मोहनदास करमचंद गांधी द्वारा लिखा गया एक विवरण है जिसमें उन्होंने अहमदाबाद में अपने आश्रम की स्थापना के लिए आवश्यक खर्चों का उल्लेख किया है।गांधी जी जब दक्षिण अफ्रीका से लौटे, तो उन्होंने अहमदाबाद में एक आश्रम स्थापित करने की योजना बनाई। इस आश्रम में आरंभ में 40 से 50 निवासी और 10 अतिथि (जिनमें 3-4 परिवार शामिल होंगे) रहने वाले थे।
आश्रम के लिए 50,000 वर्ग फुट जमीन की आवश्यकता थी। इसमें निवासियों के रहने के कमरों के अलावा तीन रसोईघर, एक पुस्तकालय जिसमें 3,000 किताबें रखने की क्षमता हो, और आलमारियों की जरूरत थी। खेती के लिए 5 एकड़ जमीन और 30 लोगों के काम के लिए खेती, बढ़ई और मोची के औजारों की आवश्यकता थी, जिसका कुल खर्च 5 रुपये अनुमानित किया गया था। रसोई के आवश्यक सामान का खर्च 150 रुपये था और प्रति व्यक्ति मासिक खर्च 10 रुपये तय किया गया था।
सामान लाने और अतिथियों के आने-जाने के लिए बैलगाड़ी की भी व्यवस्था होनी थी। 50 व्यक्तियों के खाने का वार्षिक खर्च 6000 रुपये अनुमानित किया गया था। इस प्रकार, आश्रम में एक वर्ष में औसतन 50 लोगों का कुल खर्च 6000 रुपये होगा।
गांधी जी ने कहा कि इस खर्च को अहमदाबाद को वहन करना चाहिए। यदि अहमदाबाद ऐसा करने के लिए तैयार नहीं होता, तो वे स्वयं इस खर्च की व्यवस्था कर सकते थे।
इस विवरण में गांधी जी ने लोहार, राजमिस्त्री और शिक्षण संबंधी खर्चों को शामिल नहीं किया था।
महात्मा गांधी का यह दस्तावेज़ हमें स्वावलंबन, आत्मनिर्भरता, और सामूहिक जीवन के महत्व को सिखाता है। यह हमें बताता है कि कैसे हम साधारण जीवन में भी उच्च आदर्शों और मूल्यों को अपना सकते हैं। गांधी जी का यह आश्रम केवल एक निवास स्थान नहीं था, बल्कि यह एक प्रयोगशाला थी जहां भारतीय जीवन को नए सिरे से समझने और जीने का प्रयास किया गया।
गांधी जी का यह प्रयास समाज के लिए एक प्रेरणा है कि कैसे हम अपने जीवन को सरल, सादा और स्वावलंबी बना सकते हैं। यह दस्तावेज़ हमें उनकी दूरदर्शिता और समाज सेवा की भावना को समझने में मदद करता है। आश्रम की स्थापना के पीछे उनका उद्देश्य भारतीय समाज में स्वदेशी उत्पादों का प्रयोग, स्वावलंबन, और सामूहिक जीवन के आदर्शों को बढ़ावा देना था।
1. आरंभ - शुरूआत
2. संभावना - उम्मीद
3. औसतन - लगभग
4. अतिथि - मेहमान
5. व्यवस्था - इंतजाम
6. लायक - योग्य
7. बढ़ईगीरी - लकड़ी के काम करने की कला
8. मासिक - महीने का
9. मालूम - ज्ञात
10. मदों में - वस्तुओं पर
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1. आश्रम का अनुमानित व्यय क्या है? |
2. आश्रम के अनुमानित व्यय को कैसे गणना किया जाता है? |
3. क्या आश्रम के अनुमानित व्यय को कम किया जा सकता है? |
4. आश्रम के अनुमानित व्यय क्यों महत्वपूर्ण है? |
5. क्या आश्रम के अनुमानित व्यय का व्यवस्थित रूप से होना जरूरी है? |
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