महात्मा गांधी ने अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं में उल्लेखनीय कार्य किए। वे अपने समय के सामाजिक और आर्थिक समस्याओं को दूर करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहे। गांधीजी ने स्वयं अपनी दिनचर्या में श्रम का महत्व समझा और इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाया। वे प्रत्येक कार्य को सम्मान के साथ करने में विश्वास रखते थे, चाहे वह कार्य कितना भी छोटा या बड़ा क्यों न हो।
गांधीजी के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा उनके द्वारा की जाने वाली विभिन्न गतिविधियाँ थीं, जिनमें खेती, कपड़े बुनना, और सफाई शामिल थी। वे अपने अनुयायियों के लिए एक आदर्श प्रस्तुत करते थे और खुद भी इन कार्यों में भाग लेते थे। गांधीजी का मानना था कि हर व्यक्ति को आत्मनिर्भर होना चाहिए और अपने कार्य स्वयं करने चाहिए।
गांधीजी ने अपने जीवन में कई बार जेल की सजा भी भुगती, लेकिन उन्होंने अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया। वे मानते थे कि सच्चाई और अहिंसा के मार्ग पर चलना ही सच्ची स्वतंत्रता की प्राप्ति का मार्ग है। जेल में भी उन्होंने अपनी आदतों और नियमों का पालन किया और अपने साथियों को भी इसके लिए प्रेरित किया।
गांधीजी का बच्चों के प्रति विशेष प्रेम था। वे बच्चों की देखभाल और शिक्षा के लिए बहुत चिंतित रहते थे। उनके अनुसार, बच्चों का विकास उनके माता-पिता और समाज की जिम्मेदारी है। उन्होंने अपने जीवन में बच्चों को विशेष स्नेह और देखभाल दी और उनके पालन-पोषण के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए।
गांधीजी का मानना था कि किसी भी समाज की उन्नति वहां के प्रत्येक व्यक्ति के विकास पर निर्भर करती है। वे हमेशा समाज के सबसे कमजोर वर्ग के उत्थान के लिए काम करते रहे। उनके कार्यों और सिद्धांतों ने न केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में सामाजिक परिवर्तन की लहर पैदा की। गांधीजी की विचारधारा आज भी हमें प्रेरणा देती है और उनके आदर्शों को अपनाने का संदेश देती है।
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