Table of contents |
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कविता का परिचय |
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कविता का सारांश |
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कविता की व्याख्या |
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कविता से शिक्षा |
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शब्दार्थ |
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कविता "मेला" के कवि श्री रमेश थानवी जी हैं। इस कविता में कवि ने बच्चों के मेले के अनुभव को सरल और प्यारे तरीके से व्यक्त किया है। मेला बच्चों के लिए खुशियों और मज़े का स्थान होता है, जहाँ वे चाट, झूले और खिलौने जैसी चीजों का आनंद लेते हैं।
कविता में कवि ने घर के पास लगे एक मेले का वर्णन किया है। मेला बहुत ही सुंदर और आकर्षक था। उसमें चाट का ठेला, झूले और खिलौनों के विक्रेता थे। बच्चों ने झूले झूलने और चाट खाने का आनंद लिया।
वे खिलौनेवाले से रंग-बिरंगे खिलौने भी खरीदते हैं। मेला बच्चों के लिए खुशी का कारण बनता है, और वे इसे पूरी तरह से एन्जॉय करते हैं। कविता में बच्चे अपनी खुशियों को साझा करते हुए, मेले में भाग लेते हैं और आनंदित होते हैं।
घर के पास लगा था मेला,
उसमे आया चाट का ठेला।
हमने जाकर खाई चाट,
ऐसे थे मेले के ठाठ।
घर के पास लगा था मेला,
उसमें आया झूले वाला।
हमने जाकर झूले झूले,
मन में नहीं समाये फूले।
घर के पास लगा था मेला,
उसमें एक खिलौने वाला।
लाए जाकर चार खिलौने,
रंग-बिरंगे बड़े सलोने।
घर के पास लगा था मेला,
हमने देखा मन भर मेला।
गुड़िया गुनगुन दोनों साथ,
छोटू ने पकड़ा हाथ
मेले के थे ऐसे ठाट
झूला, झूले, सुंदर हाट।
व्याख्या: कवि कहते हैं कि घर के पास ही मेला लगा हुआ था। उस मेले में चटपटी चाट का ठेला भी आया था। चाट का स्वाद लेने के साथ-साथ सबने झूले भी लिए और बहुत खुश हुए। मेले की शोभा देखते ही बनती थी। मेले में एक खिलौने वाला भी आया था। उससे बहुत ही सुंदर चार खिलौने खरीदे गए। चूँकि मेला घर के पास था तो सबने उसे जी-भरकर देखा। मेले में भीड़ के कारण छोटू कहीं खो न जाए इसलिए गुड़िया और गुनगुन ने उसका एक-एक हाथ पकड़ रखा था। मेले के सुंदर-सुंदर झूले और बाज़ार देखने लायक थे।
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Summary: मेला
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इस कविता से हमें यह शिक्षा मिलती है कि खुशियाँ छोटी-छोटी बातों में भी छिपी होती हैं, जैसे एक मेला, जहाँ बच्चों का मन खुश हो जाता है। हमें भी अपनी खुशियों को दूसरों के साथ साझा करना चाहिए और आनंद लेना चाहिए।
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1. कविता का परिचय क्या है? | ![]() |
2. कविता का सारांश कैसे लिखा जाता है? | ![]() |
3. इस कविता से हमें क्या शिक्षा मिलती है? | ![]() |
4. शब्दार्थ क्या होता है और इसका महत्व क्या है? | ![]() |
5. मेला कविता का मुख्य विषय क्या है? | ![]() |