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Unit Test (Solutions): दो गौरैया | Hindi Class 8 PDF Download

समय: 1 घंटा
पूर्णांक: 
30

निर्देश: सभी प्रश्नों का प्रयास करें।

  • प्रश्न संख्या 1 से 5 तक 1 अंक का प्रत्येक प्रश्न है।
  • प्रश्न संख्या 6 से 8 तक 2 अंक का प्रत्येक प्रश्न है।
  • प्रश्न संख्या 9 से 11 तक 3 अंक का प्रत्येक प्रश्न है।
  • प्रश्न संख्या 12 और 13 प्रत्येक 5 अंक का प्रश्न है।

प्रश्न 1: कहानी में परिवार के घर को किसके समान बताया गया है? (1 अंक)
(i) चिड़ियाघर
(ii) सराय
(iii) मंदिर
(iv) बाजार

उत्तर: (ii)
कहानी में पिताजी मजाक में कहते हैं कि उनका घर एक सराय बन गया है, जहाँ पक्षी और जानवर मेहमानों की तरह आते-जाते हैं।

प्रश्न 2: घर के आँगन में कौन-सा पेड़ है जहाँ पक्षी आते हैं? (1 अंक)
(i) नीम
(ii) पीपल
(iii) आम
(iv) बरगद

उत्तर: (iii)
कहानी में बताया गया है कि घर के आँगन में एक आम का पेड़ है, जहाँ तोते, कौवे और गौरैया जैसे पक्षी आते हैं।

प्रश्न 3: गौरैया ने घोंसला कहाँ बनाया? (1 अंक)
(i) पर्दे पर
(ii) पंखे के गोले में
(iii) आम के पेड़ पर
(iv) रोशनदान में

उत्तर: (ii)
दो गौरैया ने पंखे के गोले में घोंसला बनाया और वहाँ रहने लगीं।

प्रश्न 4: पिताजी ने गौरैयों को भगाने के लिए क्या नहीं किया? (1 अंक)
(i) ताली बजाना
(ii) लाठी लहराना
(iii) दरवाजे खोलना
(iv) कूदना

उत्तर: (iii)
पिताजी ने गौरैयों को भगाने के लिए ताली बजाई, लाठी लहराई और कूदे, लेकिन दरवाजे खोलने का काम माँ ने किया।

प्रश्न 5: नन्हीं गौरैयों की आवाज कैसी थी? (1 अंक)
(i) कांव-कांव
(ii) चीं-चीं
(iii) गुटर-गूँ
(iv) कू-कू

उत्तर: (ii)
घोंसले से नन्हीं गौरैयों की "चीं-चीं" की आवाज आती थी, जो उनके माँ-बाप को बुलाने की आवाज थी।

प्रश्न 6: कहानी में घर में कौन-कौन से जानवरों का जिक्र है? संक्षेप में बताएँ। (2 अंक)
उत्तर: कहानी में घर में कई जानवरों का जिक्र है, जैसे चूहे, जो रात में दौड़ते और बर्तन गिराते हैं; एक बिल्ली, जो दूध पीने आती है; चमगादड़, जो शाम को कमरों में उड़ते हैं; कबूतर, जो "गुटर गूँ" की आवाज करते हैं; और छिपकलियाँ, बर्रे और चींटियों की फौज भी। ये सभी घर को जीवंत बनाते हैं।

प्रश्न 7: पिताजी का गौरैयों के प्रति व्यवहार शुरू में कैसा था और बाद में कैसे बदल गया? (2 अंक)
उत्तर: शुरू में पिताजी गौरैयों से परेशान थे और उन्हें भगाने की कोशिश करते थे। वे ताली बजाते, लाठी लहराते और घोंसला तोड़ने की सोचते थे। लेकिन जब उन्होंने घोंसले में नन्हीं गौरैयों की "चीं-चीं" सुनी, तो उनका मन बदल गया। वे घोंसला तोड़ना बंद कर देते हैं और अंत में गौरैयों को देखकर मुस्कुराते हैं।

प्रश्न 8: माँ ने पिताजी का मजाक कैसे उड़ाया? (2 अंक)
उत्तर: माँ ने पिताजी का मजाक उड़ाते हुए कहा कि वे चूहों को नहीं भगा पाए, तो गौरैया क्या भगाएँगे। साथ ही, जब पिताजी गौरैयों को भगाने के लिए कूदते और लाठी लहराते थे, तो माँ हँसकर कहती थीं कि पिताजी का नाचना गौरैयों को पसंद आ रहा है।

प्रश्न 9: गौरैया बार-बार घर में कैसे लौट आती थीं? विस्तार से बताएँ। (3 अंक)
उत्तर: गौरैया बहुत चतुर थीं और बार-बार घर में लौट आती थीं। पिताजी उन्हें भगाने के लिए दरवाजे बंद करवा देते थे, लेकिन गौरैया दरवाजों के नीचे की जगह या टूटे रोशनदान से अंदर घुस जाती थीं। पिताजी ने रोशनदान में कपड़ा ठूंसने की कोशिश की, लेकिन गौरैया फिर भी रास्ता ढूंढ लेती थीं। माँ ने बताया कि गौरैयों ने अंडे दे दिए होंगे, जिसके कारण वे घोंसला छोड़कर नहीं जा रही थीं। इस तरह उनकी चतुराई और दृढ़ता के कारण वे बार-बार लौट आती थीं।

प्रश्न 10: कहानी में आम के पेड़ का क्या महत्व है? (3 अंक)
उत्तर: कहानी में आम का पेड़ घर के आँगन में है और इसका महत्व यह है कि यह कई पक्षियों जैसे तोते, कौवे और गौरैया का आश्रय स्थल है। यह पेड़ घर को जीवंत बनाता है और प्रकृति का प्रतीक है। पिताजी मजाक में कहते हैं कि दिल्ली आने वाला हर पक्षी उनके घर का पता जानकर इस पेड़ पर आता है। यह पेड़ कहानी में प्रकृति और जीवों के साथ परिवार के सह-अस्तित्व को दर्शाता है।

प्रश्न 11: कहानी का अंत कैसे खुशहाल होता है? विस्तार से समझाएँ। (3 अंक)
उत्तर: कहानी का अंत खुशहाल होता है क्योंकि पिताजी, जो पहले गौरैयों को भगाने की कोशिश करते थे, नन्हीं गौरैयों की "चीं-चीं" सुनकर उनका मन बदल जाता है। वे घोंसला तोड़ना बंद कर देते हैं और चुपचाप बैठ जाते हैं। माँ सभी दरवाजे खोल देती है, जिससे गौरैयों के माँ-बाप अपने बच्चों को खाना खिला सकें। अंत में, पिताजी गौरैयों को देखकर मुस्कुराते हैं, और घर फिर से चहल-पहल से भर जाता है। यह दर्शाता है कि परिवार ने गौरैयों को स्वीकार कर लिया और उनके साथ सह-अस्तित्व स्थापित कर लिया।

प्रश्न 12: कहानी "दो गौरैया" से हमें क्या शिक्षा मिलती है? विस्तार से समझाएँ। (5 अंक)
उत्तर: कहानी "दो गौरैया" हमें पक्षियों और सभी जीवों के प्रति दया और प्रेम की शिक्षा देती है। शुरू में पिताजी गौरैयों को भगाने की कोशिश करते हैं, लेकिन जब वे नन्हीं गौरैयों की आवाज सुनते हैं, तो उनका मन बदल जाता है। यह दर्शाता है कि जीवों के प्रति संवेदनशीलता और करुणा हमें उनके साथ सह-अस्तित्व सिखाती है। कहानी यह भी सिखाती है कि हर जीव को अपने घर से प्यार होता है, जैसे गौरैया अपने घोंसले से जुड़ी थीं। हमें प्रकृति और जीवों के साथ मिलकर रहना चाहिए और उनकी रक्षा करनी चाहिए। यह कहानी हमें पर्यावरण संरक्षण और सभी प्राणियों के प्रति सम्मान का महत्व बताती है।

प्रश्न 13: कहानी में पिताजी के चरित्र का विकास कैसे हुआ? उदाहरणों सहित विस्तार से बताएँ। (5 अंक)
उत्तर: कहानी में पिताजी का चरित्र शुरू में गुस्सैल और परेशान दिखाई देता है। वे घर में आने वाले पक्षियों और जानवरों से तंग आकर मजाक करते हैं कि उनका घर एक सराय बन गया है। जब दो गौरैया घोंसला बनाती हैं, तो पिताजी उन्हें भगाने के लिए ताली बजाते, लाठी लहराते और कूदते हैं। वे रोशनदान में कपड़ा ठूंसते हैं और घोंसला तोड़ने का फैसला करते हैं, जो उनके गुस्से और हठ को दर्शाता है। माँ के व्यंग्य, जैसे कि चूहों को न भगा पाने की बात, उनके गुस्से को और बढ़ाते हैं। लेकिन जब पिताजी घोंसले में नन्हीं गौरैयों की "चीं-चीं" सुनते हैं, तो उनका मन बदल जाता है। वे लाठी नीचे रख देते हैं और चुपचाप बैठ जाते हैं। अंत में, वे गौरैयों को देखकर मुस्कुराते हैं, जो उनकी संवेदनशीलता और दयालुता को दर्शाता है। यह चरित्र विकास दर्शाता है कि क्रोध से करुणा की ओर बढ़ना संभव है, जब हम जीवों के प्रति संवेदनशील होते हैं।

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FAQs on Unit Test (Solutions): दो गौरैया - Hindi Class 8

1. "दो गौरैया" पाठ का मुख्य संदेश क्या है?
Ans."दो गौरैया" पाठ का मुख्य संदेश यह है कि प्रेम और मित्रता का महत्व जीवन में बहुत बड़ा है। यह कहानी दो गौरैयों की है, जो एक-दूसरे के साथ प्रेम और सहानुभूति से जीती हैं। जब कठिनाई का समय आता है, तो वे एक-दूसरे के लिए बलिदान देने के लिए तैयार होते हैं, जो हमें यह सिखाता है कि सच्चे रिश्ते में त्याग और समर्थन की भावना होनी चाहिए।
2. इस पाठ में गौरैयों के माध्यम से कौन-से मानवीय गुण प्रदर्शित किए गए हैं?
Ans. इस पाठ में गौरैयों के माध्यम से प्रेम, निस्वार्थता, मित्रता, और सहानुभूति जैसे मानवीय गुणों को प्रदर्शित किया गया है। गौरैयों के बीच का संबंध यह दर्शाता है कि कैसे वे एक-दूसरे की खुशियों और दुखों में साथ रहते हैं और संकट के समय में एक-दूसरे का सहारा बनते हैं।
3. "दो गौरैया" कहानी में संकट की स्थिति क्या है?
Ans. "दो गौरैया" कहानी में संकट की स्थिति तब उत्पन्न होती है जब एक गौरैया के अंडों को खतरा होता है। यह स्थिति दर्शाती है कि जब संकट आता है, तो सच्चे मित्र एक-दूसरे की मदद करने के लिए आगे आते हैं। कहानी में, एक गौरैया अपने अंडों की रक्षा के लिए अपने साथी के साथ मिलकर संघर्ष करती है।
4. इस पाठ का शीर्षक "दो गौरैया" क्यों चुना गया है?
Ans. इस पाठ का शीर्षक "दो गौरैया" इसलिए चुना गया है क्योंकि कहानी में गौरैयों का संबंध और उनके बीच की मित्रता मुख्य तत्व है। गौरैया एक प्रतीक के रूप में कार्य करती हैं, जो प्रेम और सहयोग का अभिव्यक्ति करती हैं। शीर्षक इस रिश्ते की महत्वपूर्णता को दर्शाने के लिए है।
5. "दो गौरैया" पाठ से हमें क्या सीख मिलती है?
Ans. "दो गौरैया" पाठ से हमें यह सीख मिलती है कि जीवन में सच्चे मित्रता और प्रेम का कोई विकल्प नहीं है। यह हमें यह भी सिखाता है कि कठिन समय में एक-दूसरे का सहारा बनना और बलिदान देना कितना महत्वपूर्ण है। इस कहानी के माध्यम से हमें यह अहसास होता है कि रिश्तों में विश्वास और समर्थन होना चाहिए।
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