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Unit Test (Solutions): साङकेन | Hindi Class 5 वीणा - New NCERT PDF Download

समय: 1 घंटा
पूर्णांक: 30
निर्देश: सभी प्रश्नों का प्रयास करें।

  • प्रश्न संख्या 1 से 5 तक 1 अंक का प्रत्येक प्रश्न है।
  • प्रश्न संख्या 6 से 8 तक 2 अंक का प्रत्येक प्रश्न है।
  • प्रश्न संख्या 9 से 11 तक 3 अंक का प्रत्येक प्रश्न है।
  • प्रश्न संख्या 12 और 13 प्रत्येक 5 अंकों का प्रश्न है।

प्रश्न 1: कहानी का मुख्य पात्र कौन है? (1 अंक)
(i) चाऊतान
(ii) वल्लरी
(iii) वल्लरी के पिताजी
(iv) चाऊतान के पिताजी
उत्तर:
(ii)
वल्लरी कहानी की मुख्य पात्र है।

प्रश्न 2: चौखाम कहाँ स्थित है? (1 अंक)
(i) असम
(ii) अरुणाचल प्रदेश
(iii) मेघालय
(iv) सिक्किम
उत्तर: 
(ii)
चौखाम अरुणाचल प्रदेश में स्थित है।

प्रश्न 3: साङकेन त्योहार किस अवसर पर मनाया जाता है? (1 अंक)
(i) फसल कटाई
(ii) नया साल
(iii) मंदिर उद्घाटन
(iv) विवाह समारोह
उत्तर:
(ii)
साङकेन त्योहार नए साल के अवसर पर मनाया जाता है।

प्रश्न 4: शोभायात्रा में लोग क्या लेकर जा रहे थे? (1 अंक)
(i) फूल और मिठाइयाँ
(ii) भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों की मूर्तियाँ
(iii) बाँस और खपच्चियाँ
(iv) पानी और चावल का आटा
उत्तर: 
(ii)
शोभायात्रा में लोग भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों की मूर्तियाँ लेकर जा रहे थे।

प्रश्न 5: मंदिर की सजावट में मुख्य रूप से क्या उपयोग किया गया था? (1 अंक)
(i) रंग-बिरंगे कपड़े
(ii) बाँस और फूल
(iii) कागज और रंग
(iv) लकड़ी और मिट्टी
उत्तर: 
(ii)
मंदिर की सजावट में मुख्य रूप से बाँस और फूलों का उपयोग किया गया था।

प्रश्न 6: साङकेन त्योहार को वल्लरी ने किस त्योहार से तुलना की? क्यों? (2 अंक)
उत्तर: 
वल्लरी ने साङकेन त्योहार की तुलना होली से की। उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि साङकेन में लोग एक-दूसरे पर पानी डालते थे और चावल का आटा लगाते थे, जो उसे होली के दौरान रंग और गुलाल डालने की प्रथा जैसी लगी।

प्रश्न 7: चौखाम का वातावरण दिल्ली से कैसे अलग था? (2 अंक)
उत्तर: 
चौखाम का वातावरण भीड़-भाड़, शोरगुल और लंबी कतारों से भरे दिल्ली के माहौल से बिल्कुल अलग था। चौखाम में हरियाली, रंग-बिरंगे फूल और शांति थी, और वहाँ के लोग हमेशा मुस्कुराते रहते थे, जो दिल्ली के व्यस्त और तनावपूर्ण माहौल से बहुत अलग था।

प्रश्न 8: शोभायात्रा में लोग क्या कर रहे थे? (2 अंक)
उत्तर:
शोभायात्रा में लोग भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों की मूर्तियाँ पालकियों में लेकर जा रहे थे। वे नाचते-गाते, बाजे बजाते और खुशी-खुशी मंदिर की ओर बढ़ रहे थे, जिससे माहौल बहुत उत्साहपूर्ण और खुशहाल था।

प्रश्न 9: साङकेन त्योहार की मुख्य गतिविधियाँ क्या थीं? (3 अंक)
उत्तर: 
साङकेन त्योहार में लोग कई गतिविधियों में शामिल होते थे। वे शोभायात्रा में भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों की मूर्तियाँ नए मंदिर ले जाते थे, मूर्तियों पर जल चढ़ाते थे, और उनकी पूजा करते थे। लोग एक-दूसरे पर पानी डालते थे, चावल का आटा लगाते थे, गीत गाते थे, नाचते थे, और स्वादिष्ट पकवान बनाकर एक-दूसरे के घर जाकर आनंद मनाते थे। यह त्योहार तीन दिन तक चलता था।

प्रश्न 10: कहानी में मंदिर की सजावट को कैसे वर्णित किया गया है, और यह वल्लरी को कैसा लगा? (3 अंक)
उत्तर:
कहानी में मंदिर की सजावट को बहुत सुंदर और सादा बताया गया है। मंदिर की दीवारें बाँस और खपच्चियों से बनी थीं, जिनमें हरी-हरी टहनियाँ और रंग-बिरंगे फूल सजाए गए थे। वल्लरी को यह मंदिर बहुत अनोखा और आकर्षक लगा, क्योंकि उसने पहले कभी इतना सादा और सुंदर मंदिर नहीं देखा था।

प्रश्न 11: साङकेन त्योहार का समापन कैसे होता है? (3 अंक)
उत्तर:
साङकेन त्योहार तीन दिन तक मनाया जाता है। तीसरे दिन बौद्ध भिक्षु मूर्तियों को पालकियों में रखकर मंत्र पढ़ते हुए वापस बौद्ध-विहार ले जाते हैं और उन्हें उनके स्थान पर स्थापित करते हैं। गाँव के लोग बौद्ध-विहार जाते हैं, भिक्षुओं को बार-बार प्रणाम करते हैं, और भिक्षु उन्हें आशीर्वाद देते हैं कि उनकी खेती अच्छी हो और सभी खुश रहें।

प्रश्न 12: कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है? विस्तार से समझाएँ। (5 अंक)
उत्तर:
कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि त्योहार खुशी और एकता को बढ़ावा देने के लिए होते हैं। साङकेन और होली जैसे त्योहार भले ही अलग-अलग परंपराओं से जुड़े हों, लेकिन उनका मकसद एक ही है—लोगों को मिलजुलकर आनंद मनाने और खुशियाँ बाँटने के लिए प्रेरित करना। कहानी हमें सिखाती है कि हमें एक-दूसरे की संस्कृतियों और परंपराओं का सम्मान करना चाहिए। अतिथियों का स्वागत और उनका आदर करना एक अच्छी आदत है, जैसा कि चाऊतान के परिवार ने वल्लरी और उसके पिताजी के साथ किया। इसके अलावा, परंपराएँ हमें अपनी संस्कृति से जोड़ती हैं और एकता की भावना को मजबूत करती हैं। यह कहानी हमें प्रेरित करती है कि हम विभिन्न समुदायों के साथ मिलकर रहें और उनकी परंपराओं का सम्मान करें, जिससे प्यार और दोस्ती बढ़े।

प्रश्न 13: साङकेन त्योहार और होली के बीच समानताएँ और अंतर क्या हैं? विस्तार से वर्णन करें। (5 अंक)
उत्तर:
साङकेन त्योहार और होली में कई समानताएँ और अंतर हैं, जैसे:
समानताएँ:

  • दोनों त्योहार खुशी और एकता का प्रतीक हैं। साङकेन में लोग एक-दूसरे पर पानी डालते हैं और चावल का आटा लगाते हैं, जबकि होली में रंगीन पानी और गुलाल डाला जाता है।
  • दोनों ही त्योहार सामाजिक मेलजोल को बढ़ावा देते हैं। साङकेन में लोग एक-दूसरे के घर जाते हैं, पकवान खाते हैं और आशीर्वाद लेते हैं, वैसे ही होली में भी लोग एक-दूसरे के घर जाकर मिठाइयाँ और नमकीन खाते हैं।
  • दोनों त्योहार नए साल की शुरुआत का प्रतीक हैं—साङकेन अरुणाचल प्रदेश में नया साल शुरू करता है, और होली कई भारतीय समुदायों में नए साल की शुरुआत का प्रतीक है।

अंतर:

  • साङकेन का संबंध बौद्ध परंपराओं से है, जिसमें भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों की मूर्तियों की पूजा और शोभायात्रा शामिल होती है, जबकि होली हिंदू परंपराओं से जुड़ा है और इसमें होलिका दहन जैसी प्रथाएँ होती हैं।
  • साङकेन तीन दिन तक मनाया जाता है, जिसमें मूर्तियों को मंदिर में रखा जाता है और फिर बौद्ध-विहार ले जाया जाता है, जबकि होली आमतौर पर दो दिन (होलिका दहन और रंग वाली होली) तक मनाई जाती है।
  • साङकेन में पानी और चावल का आटा मुख्य रूप से इस्तेमाल होता है, जबकि होली में रंग, गुलाल और पानी का उपयोग होता है।

इस प्रकार, दोनों त्योहार अपनी-अपनी संस्कृतियों में महत्वपूर्ण हैं, लेकिन उनकी प्रथाएँ और धार्मिक पृष्ठभूमि अलग-अलग हैं। फिर भी, दोनों का उद्देश्य समुदाय को एकजुट करना और खुशियाँ बाँटना है।

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FAQs on Unit Test (Solutions): साङकेन - Hindi Class 5 वीणा - New NCERT

1. साङकेन के मुख्य उद्देश्य क्या हैं ?
Ans. साङकेन का मुख्य उद्देश्य छात्रों को गणित के महत्वपूर्ण सिद्धांतों और अवधारणाओं को समझाना है। यह कक्षा 5 के छात्रों को संख्याओं, जोड़, घटाव, गुणा, और भाग के मूलभूत ज्ञान के साथ-साथ समस्याओं को हल करने की क्षमता विकसित करने में मदद करता है।
2. साङकेन में कौन-कौन से विषय शामिल होते हैं ?
Ans. साङकेन में मुख्य रूप से अंकगणित, भूगोल, विज्ञान, और सामाजिक अध्ययन जैसे विषय शामिल होते हैं। ये विषय मिलकर छात्रों को व्यापक ज्ञान प्रदान करते हैं और उनके तार्किक सोचने की क्षमता को बढ़ाते हैं।
3. साङकेन का अध्ययन कैसे किया जाए ?
Ans. साङकेन का अध्ययन करने के लिए नियमित रूप से पाठ्यक्रम का पालन करना महत्वपूर्ण है। छात्रों को पाठ्य पुस्तकें, अतिरिक्त अध्ययन सामग्री, और ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग करना चाहिए। साथ ही, प्रश्नों का अभ्यास करना और मॉक टेस्ट देना भी सहायक होता है।
4. साङकेन में परीक्षा के लिए तैयारी कैसे करें ?
Ans. साङकेन में परीक्षा के लिए तैयारी करते समय छात्रों को पाठ्यक्रम के सभी विषयों का पुनरावलोकन करना चाहिए। महत्वपूर्ण अवधारणाओं और सूत्रों को समझना और उन्हें याद करना आवश्यक है। इसके अलावा, पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रों का अभ्यास करना भी फायदेमंद होता है।
5. साङकेन में अंक कैसे निर्धारित किए जाते हैं ?
Ans. साङकेन में अंक निर्धारित करने की प्रक्रिया आमतौर पर प्रश्नों की संख्या, कठिनाई स्तर, और सही उत्तरों की गणना पर आधारित होती है। छात्रों को प्रत्येक सही उत्तर के लिए अंक मिलते हैं, जबकि गलत उत्तरों पर कुछ अंक काटे जा सकते हैं।
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