समय: 1 घंटा
पूर्णांक: 30
निर्देश: सभी प्रश्नों का प्रयास करें।
- प्रश्न संख्या 1 से 5 तक 1 अंक का प्रत्येक प्रश्न है।
- प्रश्न संख्या 6 से 8 तक 2 अंक का प्रत्येक प्रश्न है।
- प्रश्न संख्या 9 से 11 तक 3 अंक का प्रत्येक प्रश्न है।
- प्रश्न संख्या 12 और 13 प्रत्येक 5 अंक का प्रश्न है।
प्रश्न 1: गिरिजा कुमार माथुर का जन्म कहाँ हुआ था? (1 अंक)
(i) भोपाल
(ii) अशोक नगर
(iii) ग्वालियर
(iv) इंदौर
उत्तर: (ii)
गिरिजा कुमार माथुर का जन्म मध्य प्रदेश के अशोक नगर में 1919 में हुआ था।
प्रश्न 2: कविता "आदमी का अनुपात" का मुख्य विषय क्या है? (1 अंक)
(i) प्रकृति का सौंदर्य
(ii) मानव की छोटी जगह और उसके नकारात्मक गुण
(iii) देशभक्ति
(iv) सामाजिक समरसता
उत्तर: (ii)
कविता का मुख्य विषय यह है कि आदमी ब्रह्मांड की विशालता के सामने बहुत छोटा है, फिर भी वह अपने भीतर ईर्ष्या, अहंकार, स्वार्थ, नफरत और अविश्वास भर लेता है।
प्रश्न 3: गिरिजा कुमार माथुर ने निम्नलिखित में से कौन-सा प्रसिद्ध गीत लिखा? (1 अंक)
(i) सारे जहाँ से अच्छा
(ii) हम होंगे कामयाब
(iii) वंदे मातरम्
(iv) रघुपति राघव राजा राम
उत्तर: (ii)
गिरिजा कुमार माथुर ने प्रसिद्ध गीत “हम होंगे कामयाब” का हिंदी रूप लिखा।
प्रश्न 4: कविता में पृथ्वी को किसके बीच में छोटा बताया गया है? (1 अंक)
(i) सूरज और चाँद
(ii) अनगिनत नक्षत्रों
(iii) समुद्र और पहाड़
(iv) नदियों और झरनों
उत्तर: (ii)
कविता में पृथ्वी को अनगिनत नक्षत्रों के बीच बहुत छोटा बताया गया है।
प्रश्न 5: कविता में "नभ गंगा" से क्या तात्पर्य है? (1 अंक)
(i) गंगा नदी
(ii) आकाशगंगा
(iii) त्रिवेणी संगम
(iv) यमुना नदी
उत्तर: (ii)
"नभ गंगा" से तात्पर्य आकाशगंगा (Milky Way) से है, जो अनगिनत तारों का समूह है।
प्रश्न 6: कविता में आदमी के किन नकारात्मक गुणों का उल्लेख किया गया है? (2 अंक)
उत्तर: कविता में आदमी के नकारात्मक गुणों के रूप में ईर्ष्या, अहंकार, स्वार्थ, घृणा और अविश्वास का उल्लेख किया गया है। ये गुण उसे दूसरों से अलग करते हैं और आपसी मतभेदों को बढ़ाते हैं।
प्रश्न 7: कविता में ब्रह्मांड की विशालता को दर्शाने के लिए किन तत्वों का उल्लेख किया गया है? (2 अंक)
उत्तर: कविता में ब्रह्मांड की विशालता को दर्शाने के लिए अनगिनत नक्षत्र, आकाशगंगा (नभ गंगा), लाखों ब्रह्मांड, और प्रत्येक ब्रह्मांड में कई पृथ्वियाँ, भूमियाँ और सृष्टियाँ जैसे तत्वों का उल्लेख किया गया है।
प्रश्न 8: कविता में "दीवारें उठाता है" से कवि का क्या आशय है? (2 अंक)
उत्तर: "दीवारें उठाता है" से कवि का आशय है कि आदमी अपने नकारात्मक गुणों जैसे ईर्ष्या, अहंकार और अविश्वास के कारण दूसरों से दूरी बनाता है और सामाजिक, भावनात्मक या वैचारिक दीवारें खड़ी करता है। यह दीवारें उसे दूसरों से अलग करती हैं और मतभेद पैदा करती हैं।
प्रश्न 9: कविता में यह क्यों कहा गया है कि आदमी “दूसरे का स्वामी” बनना चाहता है? विस्तार से समझाइए। (3 अंक)
उत्तर: कविता में कहा गया है कि आदमी, जो ब्रह्मांड की विशालता में बहुत छोटा है, फिर भी अपने अहंकार और स्वार्थ के कारण दूसरों पर हुकूमत करना चाहता है। वह खुद को दूसरों से श्रेष्ठ समझता है और उनके ऊपर अपनी सत्ता स्थापित करने की कोशिश करता है। यह व्यवहार देशों, समुदायों या यहाँ तक कि एक छोटे से कमरे में भी देखा जा सकता है, जहाँ वह दूसरों को नियंत्रित करने की इच्छा रखता है। कवि यह दर्शाते हैं कि यह प्रवृत्ति मानव की छोटी सोच और नकारात्मक गुणों का परिणाम है।
प्रश्न 10: कविता में पृथ्वी और ब्रह्मांड के अनुपात को कैसे समझाया गया है? (3 अंक)
उत्तर: कविता में पृथ्वी और ब्रह्मांड के अनुपात को एक क्रमबद्ध ढंग से समझाया गया है। कवि बताते हैं कि एक व्यक्ति कमरे से छोटा है, कमरा घर से, घर मोहल्ले से, मोहल्ला नगर से, नगर प्रदेश से, प्रदेश देश से, और देश पृथ्वी से छोटा है। पृथ्वी स्वयं अनगिनत नक्षत्रों और आकाशगंगा में एक छोटा सा बिंदु है, और यह आकाशगंगा लाखों ब्रह्मांडों में से एक है। प्रत्येक ब्रह्मांड में कई पृथ्वियाँ और सृष्टियाँ हैं। यह क्रम दर्शाता है कि पृथ्वी और मानव ब्रह्मांड की विशालता में अत्यंत छोटे हैं।
प्रश्न 11: कविता का मुख्य संदेश क्या है और यह मानव जीवन पर कैसे लागू होता है? (3 अंक)
उत्तर: कविता का मुख्य संदेश यह है कि मानव ब्रह्मांड की विशालता के सामने बहुत छोटा है, फिर भी वह अपने भीतर नकारात्मक गुण जैसे ईर्ष्या, अहंकार, स्वार्थ, घृणा और अविश्वास भर लेता है। यह संदेश मानव जीवन पर लागू होता है क्योंकि यह हमें सिखाता है कि हमें छोटे-छोटे मतभेदों और झगड़ों को छोड़कर प्रेम, विश्वास और एकता के साथ मिल-जुलकर रहना चाहिए। कवि हमें यह समझाने की कोशिश करते हैं कि हमारी छोटी सी जगह को देखते हुए हमें एक-दूसरे के साथ सहयोग और सामंजस्य बनाए रखना चाहिए।
प्रश्न 12: गिरिजा कुमार माथुर की कविता “आदमी का अनुपात” में मानव की छोटी जगह को कैसे दर्शाया गया है? उदाहरण सहित विस्तार से समझाइए। (5 अंक)
उत्तर: कविता “आदमी का अनुपात” में गिरिजा कुमार माथुर ने मानव की छोटी जगह को ब्रह्मांड की विशालता के संदर्भ में प्रभावी ढंग से दर्शाया है। कवि एक क्रमबद्ध वर्णन के माध्यम से यह दिखाते हैं कि मानव कितना छोटा है। उदाहरण के लिए, वे कहते हैं कि दो व्यक्ति एक कमरे में हैं, जो कमरा घर से छोटा है, घर मोहल्ले से, मोहल्ला नगर से, नगर प्रदेश से, प्रदेश देश से, और देश पृथ्वी से छोटा है। आगे बढ़ते हुए, पृथ्वी को अनगिनत नक्षत्रों और आकाशगंगा में एक छोटा सा हिस्सा बताया गया है, जो स्वयं लाखों ब्रह्मांडों में से एक है। प्रत्येक ब्रह्मांड में कई पृथ्वियाँ और सृष्टियाँ हैं। इस तरह, कवि यह दर्शाते हैं कि मानव का अस्तित्व ब्रह्मांड की विशालता में नगण्य है। यह वर्णन हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि इतने छोटे होने के बावजूद मानव क्यों नकारात्मक भावनाओं और मतभेदों में उलझा रहता है।
प्रश्न 13: कविता “आदमी का अनुपात” से हमें क्या शिक्षा मिलती है और यह हमें अपने व्यवहार को कैसे सुधारने के लिए प्रेरित करती है? उदाहरण सहित विस्तार से समझाइए। (5 अंक)
उत्तर: कविता “आदमी का अनुपात” से हमें यह शिक्षा मिलती है कि मानव ब्रह्मांड की विशालता में बहुत छोटा है, फिर भी वह अपने भीतर ईर्ष्या, अहंकार, स्वार्थ, घृणा और अविश्वास जैसे नकारात्मक गुणों को पनाह देता है। यह हमें प्रेरित करती है कि हमें इन नकारात्मक भावनाओं को त्यागकर प्रेम, विश्वास और एकता के साथ जीवन जीना चाहिए। उदाहरण के लिए, कविता में वर्णित है कि आदमी एक छोटे से कमरे में भी “दो दुनिया रचाता है,” अर्थात् वह छोटे-छोटे कारणों से दूसरों से दूरी बनाता है। यह हमें सिखाता है कि हमें अपने आसपास की दीवारें (जैसे सामाजिक, धार्मिक या वैचारिक मतभेद) हटाकर एक-दूसरे के साथ सहयोग करना चाहिए। कविता हमें यह भी प्रेरित करती है कि हम अपनी छोटी जगह को समझें और अनावश्यक झगड़ों के बजाय आपसी भाईचारे और सामंजस्य को बढ़ावा दें। इससे हम अपने व्यवहार को सुधार सकते हैं और समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।