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Unit Test (Solutions): गोल | Hindi for Class 6 PDF Download

Unit Test (Solutions): गोल | Hindi for Class 6

समय (Time): 1 घंटा
पूर्णांक (Marks) : 30

सभी प्रश्नों का प्रयास करें।

प्रश्न संख्या 1 से 5 तक 1 अंक का प्रत्येक प्रश्न है।
प्रश्न संख्या 6 से 8 तक 2 अंक का प्रत्येक प्रश्न है।
प्रश्न संख्या 9 से 11 तक 3 अंक का प्रत्येक प्रश्न है।
प्रश्न संख्या 12 और 13 तक 5 अंक का प्रत्येक प्रश्न है।

प्रश्न 1: लेखक ने सिर पर चोट लगने के बाद मैदान में लौटकर कितने गोल किए? (1 अंक)
(क) चार
(ख) पांच
(ग) छह
(घ) सात

उत्तर: (ग)
पाठ में उल्लेख है कि लेखक ने पट्टी बाँधकर मैदान में लौटने के बाद एक के बाद एक झटपट छह गोल कर दिए। इससे उन्होंने खेल के माध्यम से बदला लिया और विरोधी खिलाड़ी को शर्मिंदा किया।

प्रश्न 2: लेखक का जन्म किस वर्ष हुआ था?  (1 अंक)

उत्तर: सन् 1904
पाठ के अनुसार, लेखक का जन्म सन् 1904 में प्रयाग में एक साधारण परिवार में हुआ। बाद में उनका परिवार झाँसी आकर बस गया।

प्रश्न 3: लेखक ने हॉकी स्टिक से सिर पर चोट लगने के बाद क्या किया? (1 अंक)

(क) खेल छोड़ दिया
(ख) मैदान से बाहर चले गए और नहीं लौटे
(ग) पट्टी बाँधकर मैदान में लौट आए
(घ) तुरंत बदला लिया
उत्तर: (ग)
लेखक ने चोट लगने के बाद पट्टी बाँधकर मैदान में लौट आए और खेल जारी रखा। यह उनके दृढ़ संकल्प और खेल भावना को दर्शाता है।

प्रश्न 4: लेखक को किस ओलंपिक में कप्तान बनाया गया था? (1 अंक)

(क) 1928 एम्स्टर्डम ओलंपिक
(ख) 1932 लॉस एंजिल्स ओलंपिक
(ग) 1936 बर्लिन ओलंपिक
(घ) 1948 लंदन ओलंपिक
उत्तर: (ग)
पाठ में उल्लेख है कि सन् 1936 में बर्लिन ओलंपिक में लेखक को कप्तान बनाया गया। उस समय वे सेना में लांस नायक थे।

प्रश्न 5: लेखक को हॉकी खेलने के लिए किसने प्रोत्साहित किया? (1 अंक)
(क) उनके पिता
(ख) सूबेदार मेजर तिवारी
(ग) उनके साथी सैनिक
(घ) रेजिमेंट के कप्तान
उत्तर:
(ख)
पाठ के अनुसार, लेखक की रेजिमेंट के सूबेदार मेजर तिवारी ने उन्हें बार-बार हॉकी खेलने के लिए कहा और प्रोत्साहित किया, जबकि शुरुआत में लेखक की खेल में कोई दिलचस्पी नहीं थी।

प्रश्न 6: लेखक की हॉकी खेलने की शुरुआत कैसे हुई और किस प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ा? (2 अंक)

उत्तर: लेखक की हॉकी खेलने की शुरुआत 16 साल की उम्र में 'फर्स्ट ब्राह्मण रेजिमेंट' में भर्ती होने के बाद हुई। शुरुआत में उनकी खेल में कोई दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन रेजिमेंट के सिपाही तिवारी ने उन्हें हॉकी खेलने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने चुनौती का सामना किया क्योंकि वे एक नौसिखिया थे, लेकिन धीरे-धीरे नियमित अभ्यास से उनकी खेल क्षमता में सुधार हुआ।

प्रश्न 7: खेल भावना का लेखक के खेल पर क्या प्रभाव पड़ा और उन्होंने इसे कैसे समझा? (2 अंक)

उत्तर: लेखक की खेल भावना ने उन्हें अपने साथी खिलाड़ियों का सम्मान करने और टीम के लिए खेलना सिखाया। उन्होंने समझा कि हार या जीत केवल उनकी व्यक्तिगत नहीं, बल्कि उनके देश की भी होती है। यह भावना उनके खेल को ऊँचाई पर ले गई और उन्होंने दूसरों को भी प्रेरित किया

प्रश्न 8: लेखक ने अपने प्रतिद्वंद्वी को माफ करने का क्या तरीका अपनाया और यह उनके लिए क्यों महत्वपूर्ण था? (2 अंक)

उत्तर: लेखक ने खेल खत्म होने के बाद अपने प्रतिद्वंद्वी की पीठ थपथपाते हुए कहा कि "दोस्त, खेल में इतना गुस्सा अच्छा नहीं।" उन्होंने यह दिखाया कि गुस्से के बजाय खेल भावना और सद्भावना का पालन करना ज़रूरी है। यह उनके लिए महत्वपूर्ण था क्योंकि उन्होंने प्रतियोगिता के बावजूद खेल को एक सकारात्मक दृष्टिकोण से देखा।

प्रश्न 9: लेखक की सफलता का राज क्या है और वे इसे कैसे परिभाषित करते हैं? (3 अंक)

उत्तर: लेखक की सफलता का मुख्य रहस्य उनकी लगन, साधना और खेल भावना है। वे समझते हैं कि किसी भी खेल में, चाहे वह हॉकी हो या कोई और खेल, सफलता के लिए कठिन परिश्रम और पूर्ण समर्पण अत्यंत आवश्यक हैं। इसके अलावा, उन्होंने जीवन में भी इसी दृष्टिकोण को अपनाया, जिससे उन्हें न केवल खेल में बल्कि सामान्य जीवन में भी अनेक सफलताएँ मिलीं। उनके अनुसार, सही दृष्टिकोण और सकारात्मक सोच सफलता की कुंजी हैं।

प्रश्न 10: बर्लिन ओलंपिक में लेखक की भूमिका का क्या महत्व था और उन्होंने इसे कैसे निभाया? (3 अंक)

उत्तर: बर्लिन ओलंपिक में लेखक की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण थी क्योंकि उन्होंने भारतीय टीम के लिए स्वर्ण पदक जीतने में मुख्य योगदान दिया। उन्होंने अपनी खेल कुशलता और टीम के प्रति समर्पण के जरिए न केवल व्यक्तिगत रूप से उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, बल्कि अपने साथियों को भी उत्कृष्ट खेलने के लिए प्रेरित किया। उनकी टीमवर्क और खेल भावना ने उन्हें और उनकी टीम को विजयी बनाया।

प्रश्न 11: लेखक के अनुसार, खेल में गुस्सा क्यों नहीं होना चाहिए और यह खेल को कैसे प्रभावित करता है? (3 अंक)

उत्तर: लेखक के अनुसार, खेल में गुस्सा नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे खिलाड़ी का मन विचलित होता है और खेल की सुंदरता और मजा कम हो जाता है। गुस्से में खिलाड़ी अपनी सामर्थ्य और क्षमता का सही उपयोग नहीं कर पाते और खेल में हार का सामना कर सकते हैं। इसके विपरीत, खेल भावना का पालन करने से न केवल खुद का बल्कि सहखिलाड़ियों का भी सम्मान बढ़ता है, जिससे सभी खिलाड़ी खुशी और सामंजस्य के साथ खेल सकते हैं।

प्रश्न 12: लेखक ने हॉकी खेल में अपनी प्रगति कैसे की और इसके लिए उन्हें क्या रणनीतियाँ अपनानी पड़ीं? (5 अंक)

उत्तर: लेखक ने हॉकी खेल में अपनी प्रगति निरंतर अभ्यास और समर्पण के माध्यम से की। शुरुआती दौर में उन्होंने खेल की बारीकियों को समझने के लिए काफी समय व्यतीत किया और अपने खेल कौशल को बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत की। उन्होंने टीम के साथ मिलकर अभ्यास सत्रों में भाग लिया, जिससे उनकी टीम वर्क की क्षमता में सुधार हुआ। उनकी रणनीतियों में सही समय पर सही जगह पर होने की कला शामिल थी, जिसे उन्होंने अपने कोचों और सीनियर खिलाड़ियों से सीखा। इसके अलावा, वे विपक्षी टीम के खेल पैटर्न का अध्ययन करते थे और उसके अनुसार अपनी रणनीति बनाते थे। उनकी ये रणनीतियाँ उन्हें बर्लिन ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने में सहायक साबित हुईं, और उन्हें खेल की दुनिया में उच्च सम्मान प्राप्त हुआ।

प्रश्न 13: खेल के दौरान धक्का-मुक्की और नोंक-झोंक की घटनाओं के बारे में लेखक का दृष्टिकोण क्या है, और वे इसे कैसे देखते हैं? (5 अंक)

उत्तर: लेखक का मानना है कि खेल के मैदान में धक्का-मुक्की और नोंक-झोंक सामान्य हैं और ये खेल की प्रतिस्पर्धी प्रकृति का हिस्सा हैं। हालांकि, उनका यह भी विचार है कि खिलाड़ियों को इस दौरान अपने आप को नियंत्रित रखना चाहिए और गुस्से पर काबू पाना चाहिए। उन्होंने अपने अनुभवों के आधार पर बताया कि कैसे गुस्सा करने से न केवल खुद के खेल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, बल्कि यह टीम के माहौल को भी प्रभावित करता है। इसलिए, उन्होंने हमेशा प्रयास किया कि वे खेल के दौरान सकारात्मक रहें और अपने प्रतिद्वंद्वियों के साथ सम्मान के साथ पेश आएं। उनका यह दृष्टिकोण उन्हें एक आदर्श खिलाड़ी बनाता है और यही वजह है कि वे अपने खेल और व्यवहार के लिए सम्मानित हैं।

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FAQs on Unit Test (Solutions): गोल - Hindi for Class 6

1. गोल Hobbies क्या होते हैं और क्यों महत्वपूर्ण हैं?
Ans. गोल Hobbies वे गतिविधियाँ हैं जिन्हें व्यक्ति अपने खाली समय में आनंद लेने के लिए करता है। ये महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये मानसिक स्वास्थ्य को सुधारते हैं, तनाव को कम करते हैं, और व्यक्ति की रचनात्मकता को बढ़ाते हैं।
2. मैं अपने लिए सही गोल Hobby कैसे चुन सकता हूँ?
Ans. सही गोल Hobby चुनने के लिए, अपने रुचियों, शौकों और समय की उपलब्धता पर विचार करें। विभिन्न गतिविधियों का अनुभव करें और देखें कि कौन सी गतिविधियाँ आपको सबसे ज्यादा आनंद देती हैं।
3. गोल Hobbies कैसे विकसित की जा सकती हैं?
Ans. गोल Hobbies को विकसित करने के लिए नियमित अभ्यास, नए कौशल सीखना और संबंधित समुदायों में शामिल होना महत्वपूर्ण है। इससे आप अपने शौक में सुधार कर सकते हैं और इन्हें और मजेदार बना सकते हैं।
4. क्या गोल Hobbies से करियर बनाया जा सकता है?
Ans. हाँ, कई लोग अपने गोल Hobbies को करियर में बदलते हैं। जैसे कि कला, लेखन या खेल। यदि आप अपने Hobby में दक्षता हासिल करते हैं, तो आप इसे व्यवसायिक रूप से भी कर सकते हैं।
5. गोल Hobbies के सामाजिक लाभ क्या हैं?
Ans. गोल Hobbies सामाजिक लाभ प्रदान करते हैं जैसे कि नए दोस्त बनाना, साझा रुचियों के साथ समुदाय में भाग लेना, और सहयोग की भावना विकसित करना। ये आपके सामाजिक सर्कल को बढ़ाने में मदद करते हैं।
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