प्रश्न 1: ‘पुडुकोट्टई’ की लगभग कितनी महिलाओं ने साइकिल चलाना सीख लिया था?
उत्तर: ‘पुडुकोट्टई’ की लगभग एक चौथाई ग्रामीण महिलाओं ने साइकिल चलाना सीख लिया था।
प्रश्न 2: 1992 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर पुडुकोट्टई की महिलाओं ने किस प्रकार लोगों को हक्का – बक्का कर दिया?
उत्तर: 1992 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर स्त्रियाँ साइकिल पर रंग-बिरंगी झंड़ियाँ लगाए, घंटियाँ बज़ाते हुए साइकिल पर सवार 1500 महिलाओं ने पुडुकोट्टई में तूफान ला दिया। चारों तरफ स्त्रियाँ साइकिल पर नजर आ रही थी। महिलाओं की साइकिल चलाने की इस तैयारी ने यहाँ रहने वालों को हक्का – बक्का कर दिया था।
प्रश्न 3: साइकिल सीखने के लिए सभी महिलाएँ कहां और किस दिन इकट्ठी हुई थी ?
उत्तर: साइकिल सीखने के लिए सभी महिलाएं किलाकुरुचि गाँव में रविवार के दिन इकट्ठी हुई थी।
प्रश्न 4: प्रारंभ में साइकिल चलाने पर महिलाओं को कौन-कौन सी बाधा आई?
उत्तर: प्रारंभ में पुरुषों ने साइकिल चलाने वाली महिलाओं पर गंदी-गंदी टिप्पणियाँ दी तथा ताने कसे। लोगों ने उनके उत्साह बढाने के बजाय उन्हें तोड़ने का बहुत प्रयास किया। लेड़ीज साइकिल पर्याप्त संख्या में उपलब्ध न होने के कारण महिलाओं को जेंटस साइकिलें खरीदनी पड़ती थी।
प्रश्न 5: साइकिल चलाना ग्रामीण महिलाओं के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है। पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर: साइकिल चलाना ग्रामीण महिलाओं के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि साइकिल चलाने से वह स्वतंत्र महसूस करती हैं। वह कई घरेलू कार्य इसकी मदद से कम समय में कर लेती हैं। वह कहीं जाने के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहती है। साइकिल चलाने की कुछ आर्थिक फायदे भी थे, इससे आय में वृद्धि हुई है। यहाँ की कुछ महिलाएँ आस-पास के गाँवों में खेती से संबंधी अथवा अन्य उत्पाद बेच आती हैं। साइकिल की वजह से बसों के इंतजार में खर्च होने वाला उनका समय बच जाता है। जैसा कि पहले वे पैदल आती जाती थी तो उसमें ज्यादा समय खर्च होता था, अब साइकिल के कारण समय की बहुत बचत होने लगी है। जहाँ पर यातायात के साधन नहीं हैं या खराब परिवहन व्यवस्था है, उन स्थानों पर तो यह साइकिल एक बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। यह बहुत ही उपयोगी सिद्ध हो रही है।
51 videos|311 docs|59 tests
|
|
Explore Courses for Class 8 exam
|