प्रश्न 1. लेखक को ओस की बूँद कहाँ मिली?
लेखक को ओस की बूँद बेर की झाड़ी के पास मिली।
प्रश्न 2. ओस की बूँद को कौन अपने पीठ पर लादे कभी इधर ले जाती कभी उधर?
ओस की बूँद को उसकी पुरानी सहेली अपने पीठ पर लादे कभी इधर ले जाती कभी उधर।
प्रश्न 3. ओस की बूँद जब समुद्र की गहरी तह में पहुँची तब उसने वहाँ क्या देखा?
ओस की बूँद जब समुद्र की गहरी तह में पहुँची तब उसने वहाँ छोटे ठिंगने और मोटे पत्ते वाले पेड़ अधिक संख्या में देखे। वहाँ पर पहाड़ियाँ और घाटियाँ भी थी, जहाँ नाना प्रकार के जीव निवास करते थे।
प्रश्न 4. हाईड्रोजन और ऑक्सीजन को पानी ने अपना पूर्वज/पुरखा क्यों कहा?
जब ब्रह्मांड में पृथ्वी व अन्य ग्रहों का उद्भव भी नहीं हुआ था तब ब्रह्मांड में हाइड्रोजन व ऑक्सीजन दो गैसें सूर्यमंडल में लपटों के रूप में विद्यमान थीं। किसी भीषण पिंड के आकर्षण शक्ति से सूर्य का एक भाग टूट गया था। उन्हीं टूकड़ों में से एक टुकड़ा पृथ्वी बना। इसी ग्रह में ऑक्सीजन व हाइड्रोजन के बीच रासायनिक क्रिया के कारण पानी का जन्म हुआ। इसिलिए हाईड्रोजन और ऑक्सीजन को पानी ने अपना पूर्वज/पुरखा कहा है।
प्रश्न 5. 'पानी की कहानी' के लेखक कौन हैं?
'पानी की कहानी' के लेखक रामचंद्र तिवारी जी हैं।
प्रश्न 6. ओस की बूँद ने समुद्र की गहरी तह में अपनी जान बचाने के लिए क्या किया?
ओस की बूँद ने भूमि में घुसकर अपनी जान बचाने की चेष्टा की।
प्रश्न 7. कहानी के अंत और आरंभ के हिस्से को स्वंय पढ़कर देखिए और बताइए कि ओस की बूँद लेखक को आपबीती सुनाते हुए किसकी प्रतीक्षा कर रही थी?
ओस की बूँद लेखक को आपबीती सुनाते हुए सूर्य उदय की प्रतीक्षा कर रही थी।
प्रश्न 8. ओस की बूँद क्रोध और घृणा से क्यों काँप उठी?
पेड़ों की जड़ों में निकले रोएँ असंख्य जल - कणों को बलपूर्वक पृथ्वी से खींच लेते हैं। कुछ को तो पेड़ एकदम खा जाते हैं और अधिकांश का सब कुछ छीनकर उन्हें निकाल देते हैं। ओस की बूँद उस असहनीय पीड़ा और यातना को याद करके क्रोध और घृणा से काँप उठी।
प्रश्न 9. “पानी की कहानी” के आधार पर पानी के जन्म और जीवन-यात्रा का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
ऑक्सीजन व हाइड्रोजन के बीच रासायनिक क्रिया के कारण पानी का जन्म हुआ। सर्वप्रथम बूंद भाप के रूप में पृथ्वी के चारों ओर घूमती रहीं, तद् पश्चात् ठोस बर्फ के रूप में विद्यमान हुईं। यही वर्फ सूर्य के तापमान से पिघलकर नीचे मैदानों का रुख कर नदी-तालाबों का स्वरूप ले लेतीं हैं। फिर यही नदी समुद्र में जा मिलती हैं| वहाँ पर ये फिर से वाष्पीकृत होकर बादलों में परिवर्तित हो जाती हैं| फिर बादलों से पानी की बूंदें बनकर समतल मैदानों में आ जाती हैं|
51 videos|311 docs|59 tests
|
|
Explore Courses for Class 8 exam
|