प्रश्न 1. (क) झलकारीबाई ने लक्ष्मीबाई से किस चीज़ की माँग की और क्यों?
(ख) 'जनरल! झाँसी की रानी को ज़िंदा पकड़ना तुम्हारे बूते की बात नहीं है।' यह किसने, किससे और क्यों कहा?
(ग) झलकारीबाई का क्या हुआ?
(क) झलकारीबाई ने रानी से उनके वस्त्र, पगड़ी और कलगी की माँग की थी। अपनी रानी को झाँसी से सुरक्षित बाहर निकालने के लिए उसके पास इससे अतिरिक्त अन्य कोई चारा नहीं था। वह निर्णायक युद्ध लड़ने जा रही थी। अतः उसने यह योजना बनाई और रानी से कपड़ों की माँग की।
(ख) 'जनरल! झाँसी की रानी को ज़िंदा पकड़ना तुम्हारे बूते की बात नहीं है।' यह पंक्ति झलकारीबाई ने अंग्रेज़ों के जनरल रोज़ को कहा था। उसने यह इसलिए कहा ताकि जनरल रोज़ को समझा सके कि रानी की झाँसी को पकड़ना कोई बच्चों का खेल नहीं है।
(ग) झलकारीबाई ने युद्ध के मैदान में वीरगति पायी थी। झलकारीबाई अपनी रानी के स्थान पर मैदान में युद्ध करने गई थी। इस तरह वह अपनी अंतिम साँस तक तब तक अंग्रेज़ी सेना को धोखा देती रही, जब तक रानी सुरक्षित किले से बाहर न निकल गई। उसने अपने प्राणों की आहुति देकर रानी को सुरक्षित किले बाहर निकाल दिया।
प्रश्न 2.
जीवन-
सुरक्षा-
पीड़ा-
पराजय-
उपेक्षा-
जीवन-जीवित
सुरक्षा- सुरक्षित
पीड़ा- पीड़ित
पराजय- पराजित
उपेक्षा-उपेक्षित
प्रश्न 3. अपने प्राणों के बलिदान का अवसर आ गया है। इस वाक्य में "प्राणों का बलिदान देना" मुहावरे का प्रयोग हुआ है। नीचे कुछ और मुहावरे दिए गए हैं। इनका अपने वाक्यों में प्रयोग करो।
- टूट पड़ना- पुलिस चोर को देखते ही उस पर टूट पड़ी।
- निढाल होना- पूरे दिन काम करके हम निढाल हो गए।
- वीरगति पाना- वीरगति पाना एक वीर के लिए सम्मान की बात होती है।
- शहीद हो जाना- सैनिक शहीद हो जाने से घबराते नहीं हैं।
- प्राणों की बाज़ी लगाना- माँ ने मुझे बचाने के लिए प्राणों की बाज़ी लगा दी।
- मौत के मुँह में जाना- मैं मौत के मुँह में जाते-जाते बचा।
- मैदान में उतरना- हम भी मैदान में उतर गए हैं।
प्रश्न 4. (क) आज़ादी की लड़ाई में हिस्सा लेने वाली कुछ महिलाओं के नाम बताओ।
(ख) रानी लक्ष्मीबाई के बारे में सुभद्रा कुमारी चौहान की एक प्रसिद्ध कविता तुमने पढ़ी या सुनी होगी। उसकी कुछ पंक्तियाँ कॉपी में लिखो।
(क) रानी चेनम्मा, सरोजनी नायडू, कस्तूरबा गांधी, महादेवी वर्मा, सुभद्रा कुमारी चौहान, विजयालक्ष्मी पंडित, मैडम भीकाजी कामा, पदमजा नायडू, सुचेता कुपलानी, अरूणा आसफ अली और सिस्टर निवेदिता इत्यादि महिलाओं ने आज़ादी की लड़ाई में हिस्सा लिया था।
(ख) सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,
बूढ़े भारत में आई फिर से नयी जवानी थी,
गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,
दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी।
चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।
प्रश्न 5. तुमने इस एकाँकी को अच्छी तरह से अवश्य समझ लिया होगा। अब इस पाठ के आधार पर स्वयं कुछ प्रश्न बनाकर लिखो। उनके उत्तर भी लिखो। यदि तुम चाहो तो उत्तर देने के लिए अपने साथी से प्रश्नों की अदला-बदली भी कर सकते हो।
(क) झलकारीबाई ने जो किया क्या वह उचित था?
झलकारीबाई ने जो भी किया वह बिलकुल उचित था। रानी की झाँसी को किले से बाहर निकलना आवश्यक था। यदि वह ऐसा नहीं करती तो रानी बाहर नहीं जा पाती। झलकारीबाई की इस योजना से रानी को सफलतापूर्वक बाहर निकाला जा सका।
(ख) झलकारीबाई कौन थी?
झलकारीबाई रानी झाँसी की नारी सेना की सेनापति थीं।
प्रश्न 6. झलकारीबाई, लक्ष्मीबाई की हमशक्ल थी। तुम्हारे विचार से हमशक्ल होने के क्या-क्या लाभ या हानि हो सकते हैं?
हमशक्ल होने के लाभ-
- हमशक्ल के स्थान पर जाकर फायदा उठाया जा सकता है।
- मार से बचा जा सकता है।
- अपनी गलती उस पर डाली जा सकती है।
हमशक्ल होने की हानियाँ-
- उसके स्थान पर डाँट खायी जा सकती या पिटाई हो सकती है।
- चीज़ इस्तेमाल की जा सकती है।
- फायदा उठाया जा सकता है।
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