प्रश्न 1: निम्नलिखित में से तीन अवसरों की डायरी लिखिए-
(क) आज आपने पहली बार नाटक में भाग लिया
उत्तर: दिनांक 15 सितंबर, 20….
आज का दिन मेरे लिए बहुत खुशी का दिन है। मैं काफ़ी समय से किसी नाटक में एक छोटी-सी भूमिका चाहता था। आज मेरी यह इच्छा उस समय पूरी हुई जब स्कूल में मुझे ‘शहीद भगत सिंह ‘ नाटक में राजगुरु की भूमिका के लिए चुना गया। मुझे सबके सामने अपने डायलॉग बोलने थे पहले तो मैं झिझक गया। मुझे डर भी लगा लेकिन धीरे-धीरे मैंने महसूस किया कि मेरे अंदर अपने आप आत्मविश्वास आ रहा है। देशभूमि के डॉयलॉग्स बोलते हुए मैंने अपने भीतर देशभक्ति का जज्बा महसूस किया। मैं उसी में बहता चला गया और पूरे जोशों-खरोश से अपने डॉयलॉग्स बोलता रहा.। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे में वास्तव में राजगुरु हूँ और आजादी की लड़ाई लड़ रहा हूँ। जैसे ही नाटक ख़त्म हुआ तो सभी दोस्तों और अध्यापकों से अपनी प्रशंसा सुनकर बड़ा मज़ा आया।
(ख) प्रिय मित्र से झगड़ा हो गया
उत्तर: 2 नवम्बर, 2023 –
रेणुका मेरी सबसे प्रिय सखी है। आज मेरा उसी से झगड़ा हो गया। आजकल मुझे उसके व्यवहार में कुछ अलग महसूस हो रहा था और लग रहा था कि वह मुझसे ज्यादा दूसरों की बातों पर विश्वास करने लगी है। जब मैने आज उसे इस बारे में बात करनी चाही तो वह मेरे हर निर्णय का विरोध करने लगी। मैं उसके इस बदलते व्यवहार का कारण नहीं जान सकी। इस झगड़े से आज मैं बहुत दुखी हूँ। और मेरा मन किसी भी काम में नहीं लग रहा है।
(ग) परीक्षा में आपको सर्वोत्तम अंक मिले हैं
उत्तर: 31 मार्च, 2023 –
आज हमारी परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ और मुझे पता चला कि मुझे सर्वोत्तम अंक मिले हैं तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मैंने अपनी पूरी मेहनत और लगन से पढ़ाई की थी और उसका परिणाम मुझे सर्वोत्तम अंक के रूप में मिला। यह समाचार जब मैंने अपने परिवारजनों को दिया तो वे भी अत्यधिक प्रसन्न हुए और मुझे ढेरों आशीर्वाद और बधाइयाँ दी। मेरे मित्रों के बधाई-फ़ोन अब तक लगातार आ रहे हैं।
(घ) परीक्षा में आप अनुर्तीण हो गए हैं
उत्तर: 11 अप्रैल, 20….
आज परीक्षा-परिणाम का दिन है। खुशी- खुशी विद्यालय पहुँचा तो पता चला कि मैं अनुत्तीर्ण हो गया हूँ। मेरे परों के नीचे से जैसे जमीन ही खिसक गई हो और मैं वहीं चकराकर गिर गया। सुभाष ने मुझे उठाया, पानी पिलाया और दिलासा दिलाया कि कोई बात नहीं। कहीं कोई कमी रह गई होगी। मेहनत करना। अगले साल अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हो जाओगे। मुझे लग रहा था कि गलती मेरी ही है। मैं परीक्षा के दिनों में भी पढ़ाई करने के स्थान पर दूरदर्शन देखता रहा। माता-पिता का कहना न मानकर पढ़ने के स्थान पर खेलने में लगा रहा।पढाई में एकाग्रता न लगा सका। मुझे अपने पर गलानि होने लगी। तभी मुझे अध्यापक जी का कथन याद आया कि ‘गिरते हैं शहसवार ही मैदाने जंग में’ और मैंने निश्चय किया कि अब ठीक से पढाई करूँगा और अगले वर्ष अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होकर दिखाऊँगा
(ङ) सड़क पर रोता हुआ दस वर्षीय बच्चा मिला
उत्तर: दिनांक 10 मार्च, 20……..
आज मैं सारा दिन व्यस्त रहा। सुबह जब मैं स्कूल जा रहा था तो घर से थोड़ी ही दूर मुझे किसी के रोने की आवाज सुनाई दी। मैंने पास जाकर देखा तो एक दस वर्षीय लड़का जोर-जोर से रोता जा रहा था। मैंने उसे चुप कराया और पूछा कि वह कौन है ? उसने बताया कि उसका नाम सुरेश है। कल वह अपने माता-पिता के साथ मेला देखने शहर आया था। मेले में ही वह गुम हो गया और अपने माता-पिता से बिछुड़ गया। मैं स्कूल न जाकर उसे अपने घर ले आया। मैंने सारी बात अपने माता-पिता को बताई। पिता जी और मैं उसे लेकर नज़दीकी पुलिस स्टेशन में गए। वहाँ पहँचकर हम क्या देखते हैं कि सुरेश के माता-पिता उसके गुम होने की रिपोर्ट लिखाने आए बैठे हैं। सुरेश दौडकर अपने माता-पिता के पास चला गया। मैं इस बात से बहुत खुश हूँ कि सुरेश को उसके माता-पिता से मिलवाने में मेरा भी योगदान है।
(च) कोई ऐसा दिन जिसकी आप डायरी लिखना चाहते हैं
उत्तर: दिनांक 26 फरवरी, 20………
आज का दिन मेरे जीवन का महत्त्वपूर्ण दिन है। सुबह से ही स्थानीय टैगोर विद्यालय की फुटबाल टीम से हमारे विद्यालय की टीम से होने वाली मैच के लिए मैं पूरी तैयारी कर रहा था। निश्चित समय पर विद्यालय गया और मैच में खेलने लगा। मुझे नहीं पता कि कैसे मैंने टैगोर विद्यालय के खिलाड़ियों से गेंद छीनकर उन पर एक के बाद एक करके तीन गोल किए और अपनी टीम को जिता दिया। शायद मेरी मेहनत और निरंतर अभ्यास ने मुझे यह सफलता दिलाई थी। जब भी कभी किसी कठिनाई का सामना करना पड़ता है तो फुटबाल मैच का यह दिन मुझे उस कठिनाई का दृढ़ता से सामना करने की प्रेरणा देता है। इसलिए इस घटना को मैं अपनी डायरी में लिखना चाहता हैँ।
प्रश्न 2: नीचे दिए गए कथनों के सामने ‘✓’ या x’ गलत का चिहन लगाते हए कारण भी दें
(क) डायरी नितांत वैयक्तिक रचना है।
उत्तर: ✓ डायरी नितांत वैयक्तिक रचना है।
इसका कारण यह है कि डायरी में हम अपने व्यक्तिगत सुख-दुःख को लिखते हैं। डायरी को सदा अपने लिए ही लिखा जाता है। डायरी हमारी निजी जीवन का लखा-जोखा प्रस्तुत करने के कारण ही नितांत वैयक्तिक रचना है।
(ख) डायरी स्वलेखन है इसलिए उसमें किसी घटना का एक ही पक्ष उजागर होता है।
उत्तर: ✓ डायरी स्वलेखन है इसलिए उसमें किसी घटना का एक ही पक्ष उजागर होता है।
यह सही है कि डायरी में डायरी लिखने वाले व्यक्ति का ही पक्ष हमारे सामने आता है। डायरी में सदा हम अपने से संबंधित बातों को ही शब्दबद्ध करते हैं। अत: डायरी में किसी दूसरे के पक्ष का उजागर होना संभव नहीं होता।
(ग) डायरी निजी अनुभूतियों के साथ-साथ सामाजिक, आर्थिक परिप्रेक्ष्य का भी ब्योरा प्रस्तुत करती है।
उत्तर: ✓ डायरी निजी अनुभूतियों के साथ-साथ सामाजिक, आर्थिक परिप्रेक्ष्य का भी ब्योरा प्रस्तुत करती है।
इसका कारण यह है कई बार डायरी लिखने वाला अपनी व्यक्तिगत घटनाओं के साथ-साथ तत्कालीन, सामाजिक और आर्थिक वातावरण को भी प्रस्तुत कर देता है। डायरी-लेखक अपने व्यक्तिगत अनुभवों को जब लिखता है तो उसे पढ़कर तत्कालीन, सामाजिक और आर्थिक परिप्रेक्ष्य का सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है।
(घ) डायरी अंतरंग साक्षात्कार है।
उत्तर: ✓ डायरी अंतरंग साक्षात्कार है।
यह कथन बिल्कुल सही है। डायरी में डायरी लेखक अपने साथ ही संवाद स्थापित करता है। जिन बातों को कहा भी नहीं जा सकता उन्हें डायरी लेखक अपनी डायरी के पन्नों पर शब्दबद्ध कर देता है। डायरी के माध्यम से स्वयं को भली प्रकार समझने का अवसर मिलता है क्योंकि डायरी हमारी भावनाओं और नितांत वैयक्तिक संवेदनाओं का ही लेखा-जोखा होता है। किसी व्यक्ति की डायरी पढ़कर उसके व्यक्तित्व को सहज ही समझा जा सकता है। अत: डायरी व्यक्ति का अंतरंग साक्षात्कार होता है।
(ङ) डायरी हमारी सबसे अच्छी दोस्त है।
उत्तर: ✓ डायरी हमारी सबसे अच्छी दोस्त है।
इसका कारण यह है कि डायरी हमारे सुखों और दुखों में हमारा साथ देती है। व्यक्ति अपनी गहरी निराशा और दुःख में शायरी लिखकर अपने दुख को हल्का महसूस करता है। डायरी एक दोस्त की भांति हमारे सुख और दुख में पूरी भागीदारी रहती है। अत: डायरी हमारे जीवन में सबसे अच्छे दोस्त की भूमिका निभाती है।
31 videos|90 docs|24 tests
|
1. क्या डायरी लिखने की कला क्यों महत्वपूर्ण है? |
2. किस प्रकार से डायरी लिखने की कला हमें स्वयं को समझने में मदद कर सकती है? |
3. कैसे डायरी लिखने से हमारी सोच में सुधार होता है? |
4. कैसे डायरी लिखने से हमारी समय प्रबंधन की कौशल में सुधार हो सकता है? |
5. कैसे डायरी लिखने से हम अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में मदद मिल सकती है? |
|
Explore Courses for Humanities/Arts exam
|