प्रश्न 1. “तुम्हारा यहाँ कोई वारिस है तो मुझे उसका अता-पता बताओ, मैं उन्हें खबर देने की कोशिश करूँगा।” माली के इस सवाल पर आदमी ने क्या जवाब दिया?
माली के इस सवाल पर पेड़ के नीचे दबे व्यक्ति ने कहा कि “मैं लावारिस हूँ”।
प्रश्न 2. पेड़ के नीचे दबे ने माली को कौन सी कविता सुनाई?
पेड़ के नीचे दबे व्यक्ति ने निम्न कविता सुनाई –
"ये तो माना कि तगाफुल न करोगे लेकिन
खाक हो जाएँगे हम, तुमको खबर होने तक!"
प्रश्न 3. व्यक्ति ने जो कविता सुनायी वह किसकी थी?
व्यक्ति ने जो कविता सुनायी वह ‘मिर्जा गालिब का शेर’ थाI
प्रश्न 4. झंक्कड़ तथा तगाफुल का अर्थ बताइए।
झंक्कड़ का अर्थ आँधी तथा तगाफुल का अर्थ देर होता है।
प्रश्न 5. वन विभाग को पेड़ काटने से क्यों रोका गया?
वन विभाग को पेड़ काटने से रोका गया क्योंकि वह पेड़ पिटोनिया राज्य के प्रधानमंत्री ने लगाया था और पेड़ काटे जाने पर पिटोनिया से देश के सम्बन्ध बिगड़ सकते थे।
प्रश्न 6. कहानी में कौन-कौन से विभागों के नाम सम्मिलित है?
कहानी में निम्न विभागों के नाभ सम्मिलित है-
व्यापार विभाग , कृषि विभाग, बागवानी विभाग, मेडिकल- विभाग, कल्चरल-विभाग, फ़ॉरेस्ट-विभाग, विदेश-विभाग।
प्रश्न 7. पाठ से विभिन्न सरकारी विभागों के बारे में क्या पता चलता है?
पाठ से पता चलता है कि किसी भी सरकारी विभाग में संवेदना नही हैI हर सरकारी विभाग अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहता है। चाहे फिर वह व्यापार विभाग हो या फिर कृषि विभाग या बागवानी विभाग या फिर कोई अन्य विभाग।
प्रश्न 8. जामुन के पेड़ के नीचे दबे व्यक्ति को माली क्या बताता है?
जामुन के पेड़ के नीचे दबे व्यक्ति को माली बताता है की उसका मामला सेक्रेटरियेट के सारे सेक्रेटरियों की मीटिंग में भेजा जायेगा तब तक आपको थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा।
प्रश्न 9. जामुन के पेड़ के नीचे व्यक्ति दब गया है यह देखने के लिए जमा हुयी भीड़ में क्लर्क आपस में क्या बात कर रहे थे?
पेड़ के पास जमा भिड़ में एक क्लर्क बोला “बेचारा जामुन का पेड़। कितना फलदार था” उसके जवाब में दूसरा क्लर्क बोला “और इसकी जामुने कितनी रसीली होती थी!” तीसरा क्लर्क बोला “मैं फलों के मौसम में झोली भरकर ले जाता था, मेरे बच्चे इसकी जामून कितनी खुशी से खाते थे।” किसी को भी पेड़ के निचे पड़े आदमी से संवेदना नहीं थी।
प्रश्न 10. बागवानी विभाग के सेक्रेटरी ने क्या जवाब भेजा था?
बागवानी विभाग के सेक्रेटरी ने जवाब भेजा कि बागवानी विभाग अभी पेड़ लगाओ योजना पर काम कर रहा है इसलिए अभी कोई फलदार वृक्ष को नहीं काट सकता है।
प्रश्न 11. जामुन का पेड़ गिर जाने पर वहाँ इकठ्ठा हुए लोगों की बातों से उनकी किस मानसिकता का पता चलता है?
जामुन का पेड़ गिर जाने पर वहाँ इकठ्ठा हुए लोगों की बातों से उनकी शून्य मानसिकता का पता चलता है। जामुन के पास खड़ी भीड़ को इसके नीचे दबे व्यक्ति के प्रति कोई सहानुभूति नहीं है। इसके विपरित वे उस पेड़ और उसके जामुन को याद करके शोक करते हैं, जिससे पता चलता है कि लोग कैसे स्वार्थी और असंवेदनशील हो रहे हैं।
प्रश्न 12. जामुन का पेड़ गिर जाने पर जब वहाँ दफ्तर के लोग इकठ्ठा हुए तो उनकी क्या प्रतिक्रिया थी?
जामुन का पेड़ गिर जाने पर जब वहाँ दफ्तर के लोग इकठ्ठा हुए तो उनकी प्रतिक्रिया बहुत ही अमानवीय थी। रात के तूफान में सचिवालय के लॉन पर खड़ा जामुन का पेड़ गिर गया और एक आदमी उसके नीचे दब गया। सुबह माली ने इसे देखा और क्लर्कों को सूचित किया। वे सभी वहाँ इकठ्ठा हुए और सभी जामुन की यादों और संस्मरणों में गायब जामुन के पेड़ के गुणों को कह रहे थे कि “बेचारा जामुन का पेड़, कितना फलदार था और इसकी जामुन कितनी रसीली होती थी” लेकिन उनमें से कोई भी जामुन के नीचे दबे व्यक्ति के बारे में चिंता नहीं कर रहा था।
प्रश्न 13. कृषि विभाग ने जामुन के पेड़ के नीचे दबे व्यक्ति का मामला बागवानी विभाग को भेजने के लिए क्यों कहा?
कृषि विभाग ने जामुन के पेड़ के नीचे दबे व्यक्ति का मामला बागवानी विभाग को भेजने के लिए कहा क्योंकि कृषि विभाग के अनुसार कृषि विभाग के पास अनाज और खेती से सम्बन्धित मामलों में निर्णय लेने का अधिकार है। जामुन एक फलदार पेड़ है इसलिए मामला बागवानी विभाग के अंतर्गत आता है और उन्हें ही इस मामले में फैसला लेना चाहिए। इसके बाद उन्होंने फाइल बागवानी विभाग को सौंप दी।
प्रश्न 14. जामुन के नीचे व्यक्ति दबा हुआ है यह खबर दफ्तर में कैसे यात्रा करती है?
जामुन के नीचे व्यक्ति दबा हुआ है यह खबर निम्न प्रकार से दफ्तर में यात्रा करती है-
“माली दौड़ा-दौड़ा चपरासी के पास गया, चपरासी दौड़ा-दौड़ा क्लर्क के पास गया, क्लर्क दौड़ा-दौड़ा सुपरिटेंडेंट के पास गया, सुपरिटेंडेंट दौड़ा-दौड़ा बाहर लॉन में आया। मिनटों में गिरे हुए पेड़ के नीचे दबे हुए आदमी के चारों ओर भीड़ इकठ्ठा हो गई।”
प्रश्न 15. लंच के बाद जब क्लर्क पेड़ हटाने जा रहे थे तब सुपरिटेंडेंट ने क्या बोलकर उन्हें पेड़ हटाने से रोक दिया?
लंच के बाद जब क्लर्क पेड़ हटाने जा रहे थे तब सुपरिटेंडेंट ने यह बोलकर उन्हें पेड़ हटाने से रोक दिया कि “हमलोग खुद पेड़ को नहीं हटा सकते। हमलोग व्यापार-विभाग से सम्बन्धित हैं, और यह पेड़ की समस्या है, जो कृषि विभाग के अधीन है। मैं इस फाइल को अर्जेंट मार्क करके कृषि-विभाग में भेज रहा हूँ- वहाँ से उत्तर आते ही इस पेड़ को हटवा दिया जाएगा।”
प्रश्न 16. जामुन के पेड़ के नीचे दबा हुआ व्यक्ति जब कविता बोलता है तब उसके बाद क्या कार्यवाही होती है?
जब माली पेड़ के नीचे दबे व्यक्ति को बताता है कि उसका मामला सेक्रेटरियेट के सारे सेक्रेटरीयों की मीटिंग में रखा जाएगा तो उसी समय व्यक्ति के मुँह से एक कविता निकल जाती है जिससे माली को पता चलता है कि व्यक्ति कवि है। माली दफ्तर के सभी लोगों को बता देता है कि पेड़ के नीचे दबा हुआ व्यक्ति एक कवि हैं जैसे ही यह खबर फैलती है वैसे ही व्यक्ति का मामला संस्कृति विभाग को भेज दिया जाता है। संस्कृति विभाग में भी उस व्यक्ति के लिए कोई कार्यवाही नहीं की जाती है।
प्रश्न 17. पहली बार जब जामुन के पेड़ के नीचे दबे व्यक्ति को निकालने की बात होती है तब आगे क्या होता है?
पहली बार जब जामुन के पेड़ के नीचे दबे व्यक्ति को निकालने की बात होती है तब माली के कहने पर वहाँ इकठ्ठा भीड़ दबे व्यक्ति को बाहर निकालने के लिए तैयार हो जाती है। तभी वहाँ सुपरिटेंडेंट आ जाते हैं और भीड़ को रोक देते हैं और कहते हैं कि इस व्यक्ति को निकालने से पहले अपने से ऊपर के अधिकारियों से पूछ लेना चाहिए। अधिकारी जैसा कहे वैसा करना चाहिए। वहाँ खड़े सभी लोग सुपरिटेंडेंट की बात मान जाते हैं तथा उस व्यक्ति को निकालने के लिए ऊपर से अधिकारियों के आदेश की प्रतीक्षा करने लगते हैं।
प्रश्न 18. लंच के समय जामुन के पेड़ के नीचे व्यक्ति को निकालने के लिए क्या किया जाता है?
लंच के समय दूसरी बार जामुन के पेड़ के नीचे दबे व्यक्ति को निकालने का प्रयास किया जाता है। जामुन के पेड़ के नीचे दबे व्यक्ति को बाहर निकालने के लिए जो फाइल बनाई जाती है वह दिन भर विभाग में इधर-उधर घूमती रहती है। कुछ क्लर्क सरकारी फैसले का इंतजार किए बिना पेड़ हटाने के लिए जाते है तभी सुपरिटेंडेंट हाथ में फाइल लेकर भागा-भागा आया और कहा की यह पेड़ हम नहीं हटा सकते क्योंकि यह कृषि विभाग के अधीन आता है। कृषि विभाग के आदेश के बाद पेड़ हटवा दिया जाएगा। दूसरी बार प्रयास करने के बाद भी व्यक्ति को बाहर निकालने का प्रयास रद्द कर दिया जाता है।
प्रश्न 19. इस कहानी में कौन-कौन से रस हैं?
इस कहानी में हास्य रस के साथ-साथ करुणा रस भी है। इस कहानी में एक व्यक्ति एक पेड़ के नीचे दब गया है और लोग एक भीड़ में चारों ओर खड़े हैं। वे सभी जामुन के पेड़ के रसदार जामुन की चर्चा कर रहे हैं लेकिन दबे हुए व्यक्ति को बचाने की कोई कोशिश नहीं कर रहा है। क्लर्कों, अधिकारियों और विभागों को भद्दी हरकतें हास्य के साथ-साथ उस व्यक्ति की परिस्थिति पर करुणा जगाती है। माली केवल उस पर दया करता है और उसे भोजन देता है। इस कहानी में लोगों की अति संवेदनहीनता दिखाई देती है। संस्कृति विभाग के सचिव दबे हुए व्यक्ति को एकेडमी का सदस्य बनाते हैं तथा उनसे मिठाई माँगते हैं लेकिन उन्हें बचाने की कोशिश किसी ने नहीं की थी। देशों के आपसी सम्बन्ध के नाम पर आम आदमी की बलि दी जा सकती है । ये सभी घटनाएँ हास्य के साथ-साथ करुणा की गहराई को व्यक्त करती हैं।
प्रश्न 20. कृश्नचंदर का संक्षिप्त जीवन परिचय दीजिए।
कृश्नचंदर का जन्म 1914 में पंजाब के वजीराबाद गाँव में हुआ था। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा पुँछ में हुई थी। अपनी उच्च शिक्षा उन्होंने लाहौर तथा पंजाब विश्वविद्यालय से पूर्ण की। इनकी प्रमुख रचनाएँ एक गिरजा-ए-खंदक, यूकेलिप्टस की डाली, कहानी-संग्रहध्दऋ शिकस्त, शरगाँव की रानी, सड़क वापस जाती है, आसमान रौशन है, एक गधे कि आत्मकथा, अन्नदाता, हम वहशी हैं, जब खेत जागे, बावन पत्ते, एक वायलिन समंदर के किनारे, कागज की नाव, मेरी यादों के किनारे आदि है। इन्हें साहित्य एकेडमी सहित अन्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। सन् 1977 में इनकी मृत्यु मुंबई में हो गई थी।
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