Class 9 Exam  >  Class 9 Notes  >  Sample Papers For Class 9  >  Class 9 Hindi A: Sample Question Paper Term I- 4 (With Solutions)

Class 9 Hindi A: Sample Question Paper Term I- 4 (With Solutions) | Sample Papers For Class 9 PDF Download


कक्षा 09

समय: 1:30 घण्टा

पूर्णांक: 40

सामान्य निर्देश:
(i) इस प्रश्नपत्र में तीन खंड हैं- खंड-क, खंड-ख और खंड-ग
(ii) इस प्रश्नपत्र में कुल 10 वस्तुपरक प्रश्न है। सभी प्रश्नों के उप प्रश्न दिए गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए प्रश्नों का उत्तर दीजिए।
(iii) खंड-क में कुल 20 प्रश्न पूछे गए हैं ।दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए केवल 10 प्रश्नों के ही उत्तर दीजिए।
(iv) खंड-ख में कुल 20 प्रश्न पूछे गए हैं ।दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए केवल 16 प्रश्नों के ही उत्तर दीजिए।
(v) खंड-ग में कुल 14 प्रश्न पूछे गए हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।

खंड - क (अपठित बोध)


प्रश्न संख्या 1 से 5 दिए गए पाठ पर आधारित हैं। पाठ को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें:
‘विष्णु-पुराण’ के प्रथम अंश के नवें अध्याय में इस अमृत-मंथन के कारणों का स्पष्ट उल्लेख है कि फूलों की माला का अपमान करने के प्रायश्चित स्वरूप देवताओं को अमृत-मंथन करना पड़ा। वह कथा इस प्रकार है कि दुर्वासा ऋषि ने पृथ्वी पर विचरण करते हुए एक कृशांगी के जिसकी बड़ी-बड़ी आँखें थी, हाथ में एक दिव्य माला देखी। उन्होंने उस विद्याधरी से उस माला को माँग लिया और उसे किसी अति विशिष्ट व्यक्ति की गर्दन में डालने की बात सोचने लगे।
तभी ऐरावत पर चढ़े देवताओं के साथ आते हुए इंद्र पर उनकी नज़र पड़ी उन्हें देखकर दुर्वासा ने उस माला को इंद्र के गले में डाल दिया लेकिन इंद्र ने अनिच्छापूर्वक ग्रहण करके उस माला को ऐरावत के मस्तक पर डाल दिया। ऐरावत उसकी गंध से इतना विचलित हो उठा कि फौरन सूंड से लेकर उसने माला को पृथ्वी पर फेंक दिया। संयोगवश वह माला दुर्वासा के ही पास जा गिरी। इंद्र को पहनाई गई माला की इतनी दुर्दशा देखकर दुर्वासा को क्रोध आना स्वाभाविक था। वह वापस इंद्र के पास लौटकर आए और कहने लगे ‘अरे ऐश्वर्य के घमंड में चूर अहंकारी! तू बड़ा ढीठ है, तूने मेरी दी हुई माला का कुछ भी आदर नहीं किया।
न तो तुमने माला पहनाते वक्त मेरे द्वारा दिए गए सम्मान के प्रति आभार व्यक्त किया और न ही तुमने उस माला का ही सम्मान किया। इसलिए अब तेरा ये त्रिलोकी वैभव नष्ट हो जाएगा। तेरा अहंकार तेरे विनाश का कारण है जिसके प्रभाव में तूने मेरी माला का अपमान किया। तू अब अनुनय-विनय करने का ढोंग भी मत करना। मैं उसके लिए क्षमा नहीं कर सकता।
प्रश्न.1: देवताओं द्वारा अमृत-मंथन करने का कारण क्या था?
(क) इंद्र के द्वारा दुर्वासा की माला का अपमान करना
(ख) इंद्र का समुद्र मंथन करना
(ग) उपरोक्त सभी विकल्प सही हैं
(घ) इंद्र के द्वारा माला पहनना

सही उत्तर विकल्प है (क)

प्रश्न.2: गद्यांश के माध्यम से क्या सीख दी गई है?
(क) त्रिलोकी विजय करना
(ख) घमंड विनाश का कारण है
(ग) दुर्वासा के सामने न पड़ना
(घ) वैभव नष्ट हो जाएगा

सही उत्तर विकल्प है (ख)

प्रश्न.3: उन्होंने इंद्र को माला क्यों पहनाई?
(क) क्योंकि वे भगवान थे
(ख) सभी विकल्प सही हैं
(ग) क्योंकि वे दिव्य पुरुष थे
(घ) क्योंकि वे राजा थे

सही उत्तर विकल्प है (ग)

प्रश्न.4: इंद्र ने माला किसे पहना दी?
(क) विद्याधारी का
(ख) दुर्वासा को
(ग) ऐरावत को
(घ) कृष्णांगी को

सही उत्तर विकल्प है (ग)

प्रश्न.5: इंद्र को दुर्वासा के क्रोध का भाजन उनके किस अवगुण के कारण होना पड़ा?
(क) अहंकार के
(ख) विनाश के
(ग) विनम्रता के
(घ) सौम्यता के

सही उत्तर विकल्प है (क)

प्रश्न संख्या 6 से 10 दिए गए पाठ पर आधारित हैं। पाठ को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें:
19 वीं शताब्दी में राष्ट्रीय चेतना का उद्भव वस्तुत: अंग्रेजी शासन का परिणाम था। अंग्रेजी शासन ने जो परिवर्तन आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में किए थे, उनके परिणामस्वरूप भारतीय जनता के सभी वर्गों का ही शोषण हुआ था, जिससे कि जनता के बीच असंतोष की भावना ने एक व्यापक रूप लिया। दूसरी तरफ अंग्रेजों ने डाक और तार व्यवस्था, रेल, छापेखाने, एकरूप प्रशासन आदि का विकास किया। यद्यपि इनका विकास एक सुचारु प्रशासन चलाने की दृष्टि से किया गया था तथापि इन सभी ने राष्ट्रीय चेतना के उद्भव में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
19वीं शताब्दी में एक राष्ट्रीय जागरण संपूर्ण भारत में किसी-न -किसी रूप में अभिव्यक्त हो रहा था, जिसमें भारतीयता के साथ आधुनिकता का संगम था। स्वामी विवेकानंद ने अमेरिका, इंग्लैंड आदि देशों से भारत लौटकर पूर्व और पश्चिम के श्रेष्ठ तत्वों के सम्मिलन से भारत को आधुनिक बनाने का स्वप्न देखा था। उन्होने माना कि भारत और पश्चिम की मूल गति एवं उद्देश्य भिन्न हैं, परंतु भारत को जगाना होगा, कुसंस्कारों एवं जाति-विद्वेष को त्यागना होगा, शिक्षित होकर देश की अशिक्षित एवं गरीब जनता को ही 'दरिद्रनारायण' मानकर उनकी सेवा करनी होगी, उनका उत्थान करना होगा।
विवेकानंद का मत था कि भारत में जो जितना दरिद्र है, वह उतना ही साधु है। यहाँ गरीबी अपराध एवं पाप नहीं है तथा दरिद्रों की अपेक्षा धनिकों को अधिक प्रकाश की जरूरत है। वे चाहते थे कि हम नीच, अज्ञानी, दरिद्र सभी को भाई मानें और गर्व से कहें-हम सब भाई भारतवासी हैं। मनुष्य को मानव बनाना, आदमी को इंसान बनाना आवश्यक है। हमें ऐसी शिक्षा चाहिए, जो हमें संस्कारी मानव, हमदर्द इंसान बना सके। विचारों में विवेकानंद गाँधीजी से अधिक दूर नहीं थे और ऐसे ही विचारकों का चिंतन 19 वीं सदी में भारत को उद्वेलित कर रहा था।
प्रश्न.6: संपूर्ण भारत में एक राष्ट्रीय जागरण किसी-न-किसी रूप में कब अभिव्यक्त हो रहा था?
(क) उन्नीसवीं शताब्दी में
(ख) अट्ठारहवीं शताब्दी में
(ग) बीसवीं शताब्दी में
(घ) सत्रहवीं शताब्दी में

सही उत्तर विकल्प है (क)

प्रश्न.7: विवेकानंद जी ने कौन-सा स्वप्न देखा था?
(क) पूर्व व पश्चिम के श्रेष्ठ तत्त्वों के सम्मिलन से भारत को आधुनिक बनाने का
(ख) भारत को सास्कृतिक तत्त्वों की ओर उन्मुख करने का
(ग) भारत को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्र कराने का
(घ) भारत द्वारा पाश्चात्य संस्कृति का अंधानुकरण करने का

सही उत्तर विकल्प है (क)

प्रश्न.8: विवेकानंद जी के अनुसार किन्हें दरिद्रनारायण मानकर उनकी सेवा करनी होगी?
(क) साधु और संतों की
(ख) इनमें से कोई नहीं
(ग) देश की अशिक्षित व गरीब जनता की
(घ) देश के शिक्षित नवयुवकों की

सही उत्तर विकल्प है (ग)

प्रश्न.9: विवेकानंद जी का मत क्या था?
(क) पाश्वात्य सभ्यता ही सभी सभ्यताओं की जननी है
(ख) भारत में जो जितना दरिद्र है, वह उतना ही साधु है
(ग) पाश्चात्य सभ्यता का अनुकरण करना ही श्रेष्ठ है
(घ) भारत में गरीबी और अशिक्षा बहुत अधिक है

सही उत्तर विकल्प है (ख)

प्रश्न.10: विवेकानंद जी की क्या इच्छा थी?
(क) मनुष्य को मानव बनाया जाए और आदमी को इंसान
(ख) गर्व से कहें-हम सब भाई भारतवासी हैं
(ग) सभी
(घ) हम नीच, अज्ञानी, दरिद्र सभी को भाई मानें

सही उत्तर विकल्प है (ग)

प्रश्न संख्या 11 से 15 दिए गए पाठ पर आधारित हैं। पाठ को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें:
यह हार एक विराम है, जीवन महासंग्राम है,
तिल-तिल मिटूँगा पर दया की भीख मैं लूँगा नहीं।
वरदान मागूँगा नहीं।
स्मृति सुखद प्रहरों के लिए
अपने खंडहरों के लिए
यह जान लो मैं विश्व की
संपत्ति चाहूँगा नहीं।
वरदान मागूँगा नहीं।।
क्या हार में क्या जीत में, किंचित नहीं भयभीत मैं,
संघर्ष पथ पर जो मिले वह भी सही, यह भी सही।
वरदान मागूँगा नहीं।
लघुता न मेरी अब छुओ,
तुम हो महान्, बने रहो,
अपने हदय की वेदना मैं व्यर्थ त्यागूँगा नहीं।
वरदान मागूँगा नहीं।
चाहे हदय को ताप दो, चाहे मुझे अभिशाप दो,
कुछ भी करो कर्त्तव्य-पथ से किंतु भागूँगा नहीं।
वरदान मागूँगा नहीं।
प्रश्न.11: काव्यांश में कवि ने हार किसे माना है?
(क) विराम को
(ख) उपहार का
(ग) त्याग का
(घ) अभिशाप को

सही उत्तर विकल्प है (क)

प्रश्न.12: कवि ने हार और जीत के माध्यम से क्या बताने का प्रयास किया है?
(क) जीवन में जीत पर अधिक प्रसन्न नहीं होना चाहिए
(ख) जीवन में हार से भयभीत हो जाना चाहिए
(ग) जीवन के पथ पर हार-जीत जो भी मिले उसे सहर्ष स्वीकार कर लेना चाहिए
(घ) जीवन पथ पर हार निश्चित है

सही उत्तर विकल्प है (ग)

प्रश्न.13: कर्तव्य की राह पर चलते हुए कवि क्या संकल्प धारण करता है?
(क) इस मार्ग पर चलकर वह सफल अवश्य होगा
(ख) इस मार्ग में चाहे कितने ही कष्ट आएँ, वह इस मार्ग से भागेगा नहीं
(ग) इस मार्ग में कष्ट आने पर वह अपना मार्ग बदल लेगा
(घ) इस मार्ग में असफलता मिलने पर वह दूसरे मार्ग की खोज करेगा

सही उत्तर विकल्प है (ख)

प्रश्न.14: कवि संघर्ष के मार्ग में किसे स्वीकार करने की बात कर रहा है?
(क) हार या जीत में जो भी प्राप्त हो
(ख) हार को
(ग) जीत को
(घ) अपने निर्घारित लक्ष्य को

सही उत्तर विकल्प है (क)

प्रश्न.15: प्रस्तुत काव्यांश में कवि ने क्या न त्यागने की बात की है?
(क) कर्त्तव्य मार्ग
(ख) वरदान
(ग) संघर्ष पथ
(घ) हदयगत वेदना

सही उत्तर विकल्प है (घ)

प्रश्न संख्या 16 से 20 दिए गए पाठ पर आधारित हैं। पाठ को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें:
जो बीत गई सो बात गई, जीवन में एक सितारा था
माना वह बेहद प्यारा था, वह डूब गया तो डूब गया
अम्बर के आनन को देखो, कितने इसके तारे टूटे
कितने इसके प्यारे छूटे, जो छूट गए फिर कहाँ मिले
पर बोलो टूटे तारों पर, कब अम्बर शोक मनाता है
जो बीत गई सो बात गई। जीवन में वह था एक कुसुम,
थे उसपर नित्य निछावर तुम वह सूख गया तो सूख गया,
मधुवन की छाती को देखो सूखी कितनी इसकी कलियाँ,
मुर्झाई कितनी वल्लरियाँ जो मुर्झाई फिर कहाँ खिली,
पर बोलो सूखे फूलों पर कब मधुवन शोर मचाता है?
जो बीत गई सो बात गई जीवन में मधु का प्याला था,
तुमने तन मन दे डाला था वह टूट गया तो टूट गया,
मदिरालय का आँगन देखो कितने प्याले हिल जाते हैं,
गिर मिट्टी में मिल जाते हैं जो गिरते हैं कब उठतें हैं,
पर बोलो टूटे प्यालों पर कब मदिरालय पछताता है?
जो बीत गई सो बात गई
प्रश्न.16: जो बीत गई सो बात गई से क्या तात्पर्य है?
(क) जो हो चुका, उसे एक बार दोहरा लेना चाहिए
(ख) अतीत के दुःखों भरे पलों को याद कर वर्तमान में दुःखी नहीं होना चाहिए
(ग) जो बात एक बार कह दी उसे दोहराना नहीं चाहिए
(घ) जितनी आयु बीत गई, उसे याद नहीं करना चाहिए

सही उत्तर विकल्प है (ख)

प्रश्न.17: मदिरालय के आँगन की मिट्टी में कौन मिल जाते हैं?
(क) स्वयं मदिरालय
(ख) चाय के प्याले
(ग) मदिरा पीने वाले
(घ) मदिरा के प्याले

सही उत्तर विकल्प है (घ)

प्रश्न.18: आकाश किस पर शोक नहीं मनाता है?
(क) दूटते तारों पर
(ख) बिछड़ते सूर्य पर
(ग) टूटते चंद्रमा पर
(घ) बरसते बादलों पर

सही उत्तर विकल्प है (क)

प्रश्न.19: कब मधुबन शोर मचाता है? से क्या आशय है?
(क) बगीचा नए फूलों पर खुशी मनाता है
(ख) सूखे फूलों पर बगीचा दुःखी नहीं होता
(ग) बगीचा नए फूलों की प्रतीक्षा करता है
(घ) सूखे फूलों पर बगीचे को दुःख होता है

सही उत्तर विकल्प है (ख)

प्रश्न.20: निछावर का तत्सम शब्द क्या होगा?
(क) निछौवर
(ख) नाव पर
(ग) न्योछावर
(घ) नचौवरो

सही उत्तर विकल्प है (ग)

खंड - ख (व्याकरण - उपसर्ग और प्रत्यय)


प्रश्न.21: प्रत्यय की दृष्टी से असंगत विकल्प चुनिए-
(क) विशिष्ट + y = विशेषता
(ख) कौशल + y = कौशल
(ग) ईश्वर + य = ऐश्वर्य
(घ) भगिनी + य = भागिनेय

सही उत्तर विकल्प है (ख)

प्रश्न.22: 'यायावरी' शब्द में से मूल शब्द और प्रत्यय अलग कीजिए। 
(क) याया + वारिक
(ख) याय + वारी
(ग) याया + वरी
(घ) यायावर + ई 

सही उत्तर विकल्प है (घ)
'यायावरी' में 'यायावर' मूल शब्द और 'ई' प्रत्यय है।

प्रश्न.23: निम्न में से भिन्न प्रत्यय बताइए?
(क) राजनीतिक
(ख) राष्ट्रीय
(ग) शासकीय
(घ) संजाति विषयक

सही उत्तर विकल्प है (क)

राजकीय शब्द में 'कीय' प्रत्यय है बाकी सब में ईय प्रत्यय है।

प्रश्न.24: 'पराकाष्ठा' शब्द में से उपसर्ग और मूल शब्द अलग कीजिए। 
(क) परा + काष्ठ
(ख) पर + काष्ठ
(ग) परा  + काष्ठा
(घ) पर + काष्ठा

सही उत्तर विकल्प है (ग)
'पराकाष्ठा' शब्द में 'परा' उपसर्ग है और 'काष्ठा' मूलशब्द है।

प्रश्न.25: 'मानसिकता' शब्द में से मूल शब्द और प्रत्यय अलग कीजिए। 
(क) मन + इकता
(ख) मानसिक + ता
(ग) मानस + इकता
(घ) मान + सिकता 

सही उत्तर विकल्प है (ख)

'मानसिकता' शब्द में 'मानसिक' मूल शब्द है और 'ता' प्रत्यय है।

खंड - ख (व्याकरण - समास)


प्रश्न.26: देवासुर में कौन-सा समास है?
(क) कर्मधारय
(ख) तत्पुरुष:
(ग) टकराव
(घ) बहुविवाह

सही उत्तर विकल्प है (ग)

प्रश्न.27: जिस समास का पूर्वपद (पहलापद) प्रधान हो, उसे कौन-सा समास कहते है?
(क) संबंध तत्पुरुष
(ख) कर्मधारय
(ग) द्वंद्व
(घ) अव्ययीभाव

सही उत्तर विकल्प है (घ)

प्रश्न.28: सुपुरुष में कौन-सा समास है?
(क) अव्ययीभाव
(ख) कर्मधारय
(ग) तत्पुरुष:
(घ) टकराव

सही उत्तर विकल्प है (ख)

प्रश्न.29: मल्लयुद्ध शब्द में कौन-सा समास है?
(क) अव्ययीभाव समास
(ख) तत्पुरुष समी
(ग) बहुव्रीहि समास
(घ) कर्मधारय समास

सही उत्तर विकल्प है (घ)

प्रश्न.30: प्रधानमंत्री में कौन-सा समास है?
(क) कर्मधारय समास
(ख) द्विगु
(ग) अव्ययीभाव समास
(घ) बहुव्रीहि समास

सही उत्तर विकल्प है (घ)

खंड - ख (व्याकरण - अर्थ की दृष्टि से वाक्य भेद)


प्रश्न.31: अर्थ की दृष्टी से वाक्य भेद बताइए-
वह पढ़ाई में इतना अधिक कमजोर नहीं है।
(क) संदेहवाचक वाक्य
(ख) आज्ञाकारी वाक्य
(ग) विधायी वाक्य
(घ) निषेधवाचक वाक्य

सही उत्तर विकल्प है (घ)

प्रश्न.32: अर्थ की दृष्टी से वाक्य भेद बताइए-
फसल को पानी मिलेगा, तो उपज अच्छी होगी।
(क) वास्तविकता पर नहीं आशाओं के आधार पर कामना करना
(ख) विस्मयादिबोधक वाक्य
(ग) आज्ञाकारी वाक्य
(घ) संकेतवाचक वाक्य

सही उत्तर विकल्प है (घ)

प्रश्न.33: अर्थ की दृष्टि से वाक्य भेद बताइए-
इस प्रस्ताव के विरोधाभास में कोई नहीं है।
(क) निषेधात्मक
(ख) संदेहवाचक
(ग) वाचक
(घ) विधायी

सही उत्तर विकल्प है (क)

प्रश्न.34: अर्थ की दृष्टी से वाक्य भेद बताइए-
अरे! भारत ने स्वर्ण पदक जीत लिया।
(क) वास्तविकता पर नहीं आशाओं के आधार पर कामना करना
(ख) संदेहवाचक
(ग) आज्ञाकारी
(घ) विस्मयादिबोधक

सही उत्तर विकल्प है (घ)

प्रश्न.35: अर्थ की दृष्टि से वाक्य भेद बताइए-
हो सकता है, वह समय पर न आ सकेl
(क) निषेधात्मक
(ख) क़ानूनी
(ग) संदेहवाचक
(घ) वाचक

सही उत्तर विकल्प है (ग)

खंड - ख (व्याकरण - अलंकार)


प्रश्न.36: निम्नलिखित पंक्ति में अलंकार बताइए-
खंड-खंड करताल बाजार ही विशुद्ध हवा।
(क) रूपक अलंकार
(ख) अनुप्रास अलंकार
(ग) उपमा अलंकार
(घ) मानवीकरण अलंकार

सही उत्तर विकल्प है (घ)

प्रश्न.37: निम्नलिखित पंक्ति में अलंकार बताइए-
कालिंदी कूल कदंब की डारिन
(क) उपमा अलंकार
(ख) अनुप्रास अलंकार
(ग) यमक अलंकार
(घ) रूपक अलंकार

सही उत्तर विकल्प है (ख)

प्रश्न.38: निम्नलिखित पंक्ति में अलंकार बताइए-
मैं तो चंद्र खिलौना लैंहों।
(क) रूपक अलंकार
(ख) मानवीकरण अलंकार
(ग) अतिशयोक्ति अलंकार
(घ) उत्प्रेक्षा अलंकार

सही उत्तर विकल्प है (क)

प्रश्न.39: कोई विशिष्ट शब्द जब एक से अधिक अर्थ व्यक्त करे, तो वहां कौन-सा अलंकार होता है ?
(क) श्लेष
(ख) उपमा
(ग) अनुप्रास
(घ) यमक

सही उत्तर विकल्प है (क)

जैसे- मंगन को देखि पट देत बार-बार है। (पट- दरवाजा, पट-वस्त्र) ‘पट’ शब्द जब एक से अधिक अर्थ व्यक्त कर रहा है I

प्रश्न.40: निम्नलिखित पंक्ति में अलंकार बताइए-
गर्व करउ रघुनन्दन जिन मन माँहा।
देखऊ आपन मूरति सिय के छाँहा।।
(क) प्रतीप
(ख) रूपक
(ग) अतिश्योक्ति
(घ) सन्देह

सही उत्तर विकल्प है (क)

खंड - ग (पाठ्य पुस्तक)


प्रश्न संख्या 41 से 45 दिए गए पाठ पर आधारित हैं। पाठ को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें:
यहाँ एक अच्छा मंदिर था, जिसमें कंजुर (बुद्धवचन-अनुवाद) की हस्तलिखित एक सौ तीन पोथियाँ रखी हुई थीं, मेरा आसन भी वहीं लगा। वह बड़े मोटे कागज पर अच्छे अक्षरों में लिखी हुई थीं, एक-एक पोथी पंद्रह-पंद्रह सेर से कम नहीं रही होगी।
सुमति ने फिर आस-पास अपने यजमानों के पास जाने के बारे में पूछा, मैं अब पुस्तकों के भीतर था, इसलिए मैंने उन्हें जाने के लिए कह दिया। दूसरे दिन वह गए। मैंने समझा था दो-तीन दिन लगेंगे, लेकिन वह उसी दिन दोपहर बाद चले आए। तिड्री गाँव वहाँ से बहुत दूर नहीं था। हमने अपना-अपना सामान पीठ पर उठाया और भिक्षु नम्से से विदाई लेकर चल पड़े।
प्रश्न.41: लेखक कहाँ ठहरा था?
(क) एक बौद्ध आश्रम में
(ख) एक पारसी मंदिर में
(ग) एक बौद्ध मंदिर में
(घ) एक हिंदू मंदिर में

सही उत्तर विकल्प है ()

प्रश्न.42: कंजुर क्या था?
(क) बुद्ध के उपदेशों के अनुवाद की हस्तलिखित पोथियाँ
(ख) मंदिर के पुजारियों से संबंधित हस्तलिखित पोथियाँ
(ग) तिब्बती जीवन पर प्रकाश डालती हस्तलिखित पोथियाँ
(घ) बौद्ध धर्म पर प्रकाश डालती हस्तलिखित पोथियाँ

सही उत्तर विकल्प है ()

प्रश्न.43: लेखक ने सुमति को अपने यजमानों के पास क्यों भेज दिया?
(क) लेखक अब सुमति को नाराज नहीं करना चाहता था
(ख) इनमें से कोई नहीं
(ग) लेखक को उसकी स्वाभाविक रुचि के अनुसार पुस्तकें पढ़ने को मिल गईं थीं
(घ) लेखक कुछ समय के लिए एकांत चाहता था

सही उत्तर विकल्प है ()

प्रश्न.44: नम्से कौन था?
(क) एक बौद्ध भिक्षु
(ख) एक भिखारी
(ग) एक लेखक
(घ) मंदिर का पुजारी

सही उत्तर विकल्प है ()

प्रश्न.45: पुस्तकों के भीतर होने से क्या तात्पर्य है?
(क) पुस्तकों को पढ़ने में रम जाना
(ख) पुस्तकों को लिखने में रम जाना

(ग) पुस्तकों को पढ़ाने में रम जाना
(घ) किसी पुस्तकालय के अंदर प्रवेश कर जाना

सही उत्तर विकल्प है ()

प्रश्न.46: 'दोनों मित्र निकाले गए और उनकी देखभाल फिर से होने लगी।' - रचना के आधार पर वाक्य -भेद बताइए I  
(क) सरल
(ख) संयुक्त
(ग) मिश्र
(घ) निषेधात्मक

सही उत्तर विकल्प है ()
दो वाक्यों को संयुक्त शब्द 'और' के द्वारा जोड़ा गया है । वाक्यों को संयुक्त शब्द के द्वारा जोड़े जाने पर उन्हें संयुक्त वाक्य कहा जाता है।

प्रश्न.47: दो बैलों की कथा के अनुसार पशुओं में कौन-सा गुण मनुष्य के गुणों से ज्यादा विकसित है?
(क) अच्छे-बुरे में भेद करना
(ख) दूसरों से काम लेना
(ग) परिश्रम करना
(घ) मन के भावों को समझना

सही उत्तर विकल्प है ()

दो बैलों की कथा के अनुसार पशुओं में मन के भावों को समझने का गुण मनुष्यों से अधिक विकसित है।

प्रश्न संख्या 48 से 52 दिए गए पाठ पर आधारित हैं। पाठ को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें:
मोरपखा सिर ऊपर राखिहौं, गुंज की माल गरें पहिरौंगी।
ओढ़ि पितंबर लै लकुटी बन गोधन ग्वारिन संग फिरौंगी।।
भावतो वोहि मेरी रसखानि सों तेरे कहे सब स्वाँग करौंगी।
या मुरली मुरलीधर की अधरान धरी अधरा न धरौंगी।
प्रश्न.48: गोपिका की क्या कामना है?
(क) ईश्वर को प्राप्त करना
(ख) कृष्ण जी का स्वांग करना
(ग) गाय चराना
(घ) श्रीकृष्ण से मिलना

सही उत्तर विकल्प है ()

प्रश्न.49: गोपिका को क्या अच्छा लगता है?
(क) श्रीकृष्ण की मुरली
(ख) गायें चराना
(ग) श्रीकृष्ण जी का साथ
(घ) पीतांबर

सही उत्तर विकल्प है ()

प्रश्न.50: गोपियाँ कृष्ण की मुरली को अपने होठों से क्यों नहीं लगाना चाहती?
(क) वह मुरली हरे बाँस की नहीं है
(ख) वह मुरली को अपनी सौत समझती है
(ग) सभी
(घ) वह मुरली कृष्ण के होठों से लगी हुई है

सही उत्तर विकल्प है ()

प्रश्न.51: अंतिम पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
(क) यमक
(ख) रूपक
(ग) उत्प्रेक्षा
(घ) श्लेष

सही उत्तर विकल्प है ()

प्रश्न.52: मुरलीधर में कौन-सा समास है?
(क) बहुविवाह
(ख) तत्पुरुष:
(ग) द्वंद्व
(घ) अव्ययीभाव

सही उत्तर विकल्प है ()

आई सीधी राह में, गई न सीधी राह।
सुषुम-सेतु पर खड़ी थी, बीत गया दिन आह।
जेब टटोली कौड़ी न पाई,
मांझी को दूं क्या उतराई ?
प्रश्न.53: कवयित्री ललद्यद इस वाख में क्या संदेश देती है?
(क) भेदभाव का विरोध करना
(ख) सद्कर्मों द्वारा ईश्वर की प्राप्ति करना
(ग) बाह्य आडंबरों से दूर रहना
(घ) भवसागर रुपी संसार से पार उतरने की इच्छा रखना

सही उत्तर विकल्प है ()

पखापखी के कारनै, सब जग रहा भुलान।
निरपख होई के जयि भजै,होई संत सुजान।।
प्रश्न.54: यहां कौन-सा छंद प्रयोग किया है ?
(क) सोरठा
(ख) रोला
(ग) चौपाई
(घ) दोहा

सही उत्तर विकल्प है ()

चौपाई अर्धसममात्रिक छंद होता है ,जिसमें पहले और तीसरे चरण में 13-13 तथा दूसरे और चौथे चरण में 11-11 मात्राएं  होती है ।

The document Class 9 Hindi A: Sample Question Paper Term I- 4 (With Solutions) | Sample Papers For Class 9 is a part of the Class 9 Course Sample Papers For Class 9.
All you need of Class 9 at this link: Class 9
75 docs|11 tests

Top Courses for Class 9

75 docs|11 tests
Download as PDF
Explore Courses for Class 9 exam

Top Courses for Class 9

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

Summary

,

Objective type Questions

,

video lectures

,

practice quizzes

,

Class 9 Hindi A: Sample Question Paper Term I- 4 (With Solutions) | Sample Papers For Class 9

,

Extra Questions

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Class 9 Hindi A: Sample Question Paper Term I- 4 (With Solutions) | Sample Papers For Class 9

,

Free

,

MCQs

,

Viva Questions

,

Class 9 Hindi A: Sample Question Paper Term I- 4 (With Solutions) | Sample Papers For Class 9

,

Semester Notes

,

Sample Paper

,

study material

,

past year papers

,

Exam

,

mock tests for examination

,

shortcuts and tricks

,

Important questions

,

pdf

,

ppt

;