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Q.1. पाठे दत्तं गीतं सस्वरं गायत।
Ans. स्वयं प्रयास करे।
Q.2. कोष्ठकान्तर्गतेषु शब्देषु तृतीया-विभक्तिं योजयित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत–
यथा– नभ: चन्द्रेण शोभते। (चन्द्र)
(क) सा ________ जलेन मुखं प्रक्षालयति। (विमल)
Ans. सा विमलेन जलेन मुखं प्रक्षालयति।
(ख) राघव: ________ वहरति। (विमानयान)
Ans. राघवः विमानयानेन विहरति।
(ग) कण्ठ: ________ शोभते। (मौक्तिकहार)
Ans. कण्ठः मौक्तिकहारेण शोभते।
(घ) नभ: ________ प्रकाशते। (सूर्य)
Ans. नभः सूर्येण प्रकाशते।
(ङ) पर्वतशिखरम् ________ आकर्षकं दृश्यते। (अम्बुदमाला)
Ans. पर्वतशिखरम् अम्बुदमालया आकर्षकं दृश्यते।
Q.3. भिन्नवर्गस्य पदं चिनुत– भिन्नवर्ग:
यथा – सूर्य:, चन्द्र:, अम्बुद:, शुक्र:। अम्बुद:
(क) पत्राणि, पुष्पाणि, फलानि, मित्राणि। ________
Ans. मित्राणि
(ख) जलचर:, खेचर:, भूचर:, निशाचर:। ________
Ans. निशाचरः
(ग) गाव:, सिंहा:, कच्छपा:, गजा:। ________
Ans. कच्छपाः
(घ) मयूरा:, चटका:, शुका:, मणडूका:। ________
Ans. मण्डूकाः
(ङ) पुस्तकालय:, श्यामपट्ट:, प्राचार्य:, सौचिक:। ________
Ans. सौचिकः
(च) लेखनी, पुस्तिका, अध्यापिका, अजा। ________
Ans. अजा
Q.4. प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत–
(क) के वायुयानं रचयन्ति?
Ans. राघव-माधव-सीता-ललिताः वायुयानं रचयन्ति।
(ख) वायुयानं कं–कं क्रान्त्वा उपरि गच्छति?
Ans. वायुयानम् उन्नतवृक्षं तुङ्गं भवनम् आकाशं च क्रान्त्वा उपरि गच्छति।
(ग) वयं कीदृशं सोपानं रचयाम?
Ans. वयं हिमवन्तं सोपानं रचयाम।
(घ) वयं कस्मिन् लोके प्रविशाम?
Ans. वयं चन्दिरलोकं प्रविशाम।
(ङ) आकाशे का: चित्वा मौक्तिकहारं रचयाम?
Ans. आकाशे विविधाः सुन्दरताराश्चित्वा मौक्तिकहारं रचयाम।
(च) केषां गृहेषु हर्षं जनयाम?
Ans. दुःखित-पीडित-कृषिजनानां गृहेषु हर्षं जनयाम।
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Q.5. विलोमपदानि योजयत–
उत्रत: | पृथिव्याम् |
गगने | असुन्दर: |
सुन्दर: | अवनत: |
चित्वा | शोक: |
दु:खी | विकीर्य |
हर्ष: | सुखी |
Ans.
उन्नतः – अवनतः |
गगने – पृथिव्याम् |
सुन्दरः – असुन्दरः |
चित्वा – विकीर्य |
दुःखी – सुखी |
हर्षः- शोकः |
Q.6. समुचितै: पदै: रिक्तस्थनानि पूरयत–
समुचितै: पदै: रिक्तस्थनानि पूरयत–
विभक्ति: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथमा | भानु: | भानू | ________ |
द्वितीया | ________ | ________ | गुरुन् |
तृतीया | ________ | पशुभ्याम् | ________ |
चतुर्थी | साधवे | ________ | ________ |
पच्चमी | वटो: | ________ | ________ |
षष्ठी | गुरो: | ________ | ________ |
सप्तमी | शिशौ | ________ | ________ |
सम्बोधन | हे विष्णो! | ________ | ________ |
Ans.
विभक्तिः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथमा | भानुः | भानू | भानवः |
द्वितीया | गुरुः | गुरू | गुरून् |
तृतीया | पशुना | पशुभ्याम् | पशुभिः |
चतुर्थी | साधवे | साधुभ्याम् | साधुभ्यः |
पञ्चमी | वटोः | वटुभ्याम् | वटुभ्यः |
षष्ठी | गुरोः | गुर्योः | गुरूणाम् |
सप्तमी | शिशौ | शिश्वोः | शिशुषु |
सम्बोधन | हे विष्णो | हे विष्णू | हे विष्णवः |
Q.7. पर्याय–पदानि योजयत -
गगने | जलद: |
विमले | निशाकर: |
चन्द्र: | आकाशे |
सूर्य: | निर्मले |
अम्बुद: | दिवाकर: |
Ans.
गगने – आकाशे |
विमले – निर्मले |
चन्द्रः – निशाकरः |
सूर्यः – दिवाकरः |
अम्बुदः - जलदः |
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1. विमानयान क्या होता है? |
2. विमानयान के कितने प्रकार होते हैं? |
3. विमानयान बनाने के लिए कौन-कौन से तत्वों की आवश्यकता होती है? |
4. विमानयान का उड़ान भरते समय किस प्रकार का ऊर्जा इस्तेमाल करता है? |
5. विमानयान का बनावटी डिजाइन कैसे प्रभावित होता है? |
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