Class 9 Exam  >  Class 9 Notes  >  Hindi Class 9 (Kritika and Kshitij)  >  पाठ का सार: मेरे संग की औरतें

पाठ का सार: मेरे संग की औरतें | Hindi Class 9 (Kritika and Kshitij) PDF Download

पाठ परिचय

"मेरे संग की औरतें" मृदुला गर्ग द्वारा लिखा गया एक संस्मरण है,जिसमें लेखिका ने अपनी चार पीढ़ियों की महिलाओं के व्यक्तित्व, विचारों और जीवन जीने के तरीकों पर गहराई से ध्यान दिया है। लेखिका ने अपनी नानी, माँ, और बहनों के अनुभवों को साझा करते हुए यह दर्शाया है कि परंपरागत तरीके से जीने वाली महिलाएँ भी अपनी सोच और कार्यों से समाज में बदलाव ला सकती हैं। इस संस्मरण में परंपरा और आधुनिकता के संतुलन, आत्मनिर्भरता, महिलाओं की भूमिका, संघर्ष और धैर्य की महत्ता, और अकेलेपन में शक्ति का महत्व बताया गया है। लेखिका की नानी, माँ और बहनें सभी ने अपने-अपने तरीके से जीवन जीने की राह चुनी और परिवार और समाज में अपनी पहचान बनाई।

पाठ का सार: मेरे संग की औरतें | Hindi Class 9 (Kritika and Kshitij)

पाठ का सार

अपने लेख की शुरुआत लेखिका कुछ इस तरह से करती हैं कि उनकी एक नानी थी जिन्हें उन्होंने कभी नहीं देखा क्योंकि नानी की मृत्यु मां की शादी से पहले हो गई थी। लेखिका कहती हैं कि इसीलिए उन्होंने कभी अपनी 'नानी से कहानियां' तो नहीं सुनीं, मगर 'नानी की कहानियां' पढ़ी जरूर और उन कहानियों का अर्थ उनकी समझ में तब आया, जब वो बड़ी हुई।

लेखिका ने अपनी नानी के बारे में बहुत कुछ सुना था। लेखिका की नानी अनपढ़, परंपरावादी और पर्दा-प्रथा वाली औरत थीं। उनके नाना ने तो विवाह के बाद कैंब्रिज विश्वविद्यालय से बैरिस्ट्री पास की और विदेशी शान-शौकत से जिंदगी बिताने लगे, परंतु नानी पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा। अत: नानी ने अपनी पुत्री की शादी की ज़िम्मेदारी अपने पति के एक मित्र स्वतंत्रता सेनानी प्यारे लाल शर्मा को सौंप दी कि वे अपनी बेटी की शादी आज़ादी के सिपाही से करवाना चाहती हैं। अत: लेखिका की माँ की शादी एक स्वतंत्रता सेनानी से हुई। 

पाठ का सार: मेरे संग की औरतें | Hindi Class 9 (Kritika and Kshitij)

वे अब खादी की साड़ी पहना करती थीं, जो उनके लिए असहनीय थी। लेखिका ने अपनी माँ को कभी भारतीय माँ जैसी नहीं देखा था। वे घर-परिवार और बच्चों के खान-पान आदि में ध्यान नहीं देती थीं। उन्हें पुस्तकें पढ़ने और संगीत सुनने का शौक था। उनमें दो गुण मुख्य थे-पहला, कभी झूठ न बोलना और दूसरा, वे एक की गोपनीय बात को दूसरे पर जाहिर नहीं होने देती थीं। इसी कारण उन्हें घर में आदर तथा बाहरवालों से दोस्ती मिलती थी।

लेखिका की परदादी को लीक से हटकर चलने का शौक था। उन्होंने मंदिर में जाकर विनती की कि उनकी पतोहू का पहला बच्चा लड़की हो। उनकी यह बात सुनकर लोग हक्के-बक्के से रह गए थे। ईश्वर ने उनके घर में पाँच पूरी कन्याएँ भेज दीं।

एक बार घर के सभी लोग घर से बाहर एक बरात में गए हुए थे और घर में जागरण था। अत: लेखिका की दादी शोर मचने की वजह से दूसरे कमरे में जाकर सोई हुई थीं। तभी चोर ने सेंध लगाई और उसी कमरे में घुस आया। परदादी की नींद खुल गई। उन्होंने चोर से एक लोटा पानी माँगा। बूढ़ी दादी के हठ के आगे चोर को झुकना पड़ा और वह कुएँ से पानी ले आया। परदादी ने आधा लोटा पानी खुद पिया और आधा लोटा पानी चोर को पिला दिया और कहा कि अब हम माँ-बेटे हो गए। अब तुम चाहे चोरी करो या खेती करो। उनकी बात मानकर चोर चोरी छोड़कर खेती करने लगा।

लेखिका की बहनों में कभी इस हीन-भावना की बात नहीं आई कि वे एक लड़की हैं।पहली लड़की जिसके लिए परदादी ने मन्नत माँगी थी वह मंजुला भगत थीं। दूसरे नंबर की लड़की खुद लेखिका मृदुला गर्ग  (घर का नाम उमा) थीं। तीसरी बहन का नाम चित्रा और उसके बाद  रेणु और अचला नाम की बहनें थीं। इन पाँच बहनों के बाद एक भाई  राजीव था।

पाठ का सार: मेरे संग की औरतें | Hindi Class 9 (Kritika and Kshitij)

लेखिका का भाई राजीव हिंदी में और अचला अंग्रेजी में लिखने  लगी और रेणु विचित्र स्वभाव की थी। वह स्कूल से वापसी के समय गाड़ी में बैठने से इनकार कर देती थी और पैदल चलकर ही पसीने से तर होकर घर आती थी। उसके विचार सामंतवादी व्यवस्था के खिलाफ़ थे। वह बी०ए० पास करना भी उचित नहीं मानती थी। लेखिका की तीसरी बहन चित्रा को पढ़ने में कम तथा पढ़ाने में अधिक रुचि थी। इस कारण उसके शिष्यों से उसके कम अंक आते थे। उसने अपनी शादी के लिए एक नज़र में लड़का पसंद करके ऐलान किया कि वह शादी करेगी तो उसी से और उसी के साथ उसकी शादी हुई।

अचला, सबसे छोटी बहन, पत्रकारिता और अर्थशास्त्र की छात्रा थी। उसने पिता की पसंद से शादी कर ली थी और उसे भी लिखने का रोग था। सभी ने शादी का निर्वाह भली-भाँति किया। लेखिका शादी के बाद बिहार के एक कस्बे, डालमिया नगर में रहने लगीं। वहीं पर वहाँ की औरतों के साथ उन्होंने नाटक भी किए। इसके बाद मैसूर राज्य के कस्बे, बागलकोट में रहीं। वहाँ लेखिका ने अपने बलबूते पर प्राइमरी स्कूल खोला, जिसमें उनके और अन्य अफसरों के बच्चों ने अपनी पढ़ाई की तथा भिन्न-भिन्न शहरों के अलग-अलग विद्यालयों में दाखिला लिया। विद्यालय खोलकर लेखिका ने दिखा दिया कि वे अपने प्रयास में कभी असफल नहीं हो सकतीं। परंतु लेखिका स्वयं को अपनी छोटी बहन रेणु से कमतर आँकती थीं। वह एक अन्य घटना का स्मरण करते हुए लिखती हैं कि दिल्ली में 1950 के अंतिम दौर में नौ इंच तेज बारिश हुई तथा चारों तरफ़ पानी भर गया था। रेणु की स्कूल-बस नहीं आई थी। सबने कहा कि स्कूल बंद होगा, अतः वह स्कूल न जाए किंतु वह नहीं मानी। अपनी धुन की पक्की वह दो मील पैदल चलकर स्कूल गई और स्कूल बंद होने पर वापस लौटकर आई। लेखिका मानती हैं कि अपनी धुन में मंजिल की ओर चलते जाने का और अकेलेपन का कुछ और ही मज़ा होता है।

मुख्य विषय

अध्याय का मुख्य विषय प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव और गाँव व शहर के जीवन में उसके अनुभवों के अंतर पर केंद्रित है। बाढ़ के समय गाँव के लोगों की दयनीय स्थिति और उनके संघर्ष का सजीव चित्रण किया गया है।

कहानी से शिक्षा

इस संस्मरण से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें परंपरा और आधुनिकता का संतुलन बनाए रखना चाहिए, आत्मनिर्भर बनकर अपने सपनों को पूरा करना चाहिए, और महिलाओं को अपनी आवाज उठाने का अधिकार है। इसके साथ ही, जीवन में कठिनाइयों का सामना धैर्य और संघर्ष के साथ करना चाहिए, और कभी-कभी अकेले चलने से भी सफलता मिल सकती है।

शब्दावली

  • ज्ञाहिर: स्पष्ट
  • मर्म: रहस्य, भेद
  • परदानर्शी: परदा करने वाली
  • इज़हार: व्यक्त करना, प्रकट करना
  • मुहज्तोर: बहुत बोलने वाली
  • लिहाज़: व्यवहार
  • नज़ाकत: सुकुमारता
  • हैरतअंगेज़: आश्चर्यजनक
  • फ़रमा बरदार: आज्ञाकारी
  • जुनून: सनक
  • दरअसल: वास्तव में
  • बाशिंदों: निवासियों
  • अभिभूत: वशीभूत
  • ख्वाहिश: इच्छा
  • रज़ामंदी: स्वीकार करना
  • मुस्तैद: चुस्त
  • फ़ायदा: लाभ
  • फ़ज़ल: कृपा, दया
  • अपरिग्रह: संग्रह न करना
  • पोशीदा: गुप्त रखना, छिपाना
  • वाजिब: उचित
  • बदस्तूर: नियमपूर्वक
  • आरजू: इच्छा
  • गुमान: अनुमान, कल्पना
  • जुस्तजू: तलाश, खोज
  • जुगराफ़िया: भूगोल, नक्शा
  • अकबकाया: घबराया
  • जश्न: समारोह
  • शिरकत: शामिल होना, भाग लेना
  • इजाज़त: आज्ञा
  • मोहलत: अवकाश
  • फ़ारिग: काम से खाली होना
  • खरामा-खरामा: धीरे-धीरे
  • इसरार: आग्रह
  • मलाल: खेद, दुख
The document पाठ का सार: मेरे संग की औरतें | Hindi Class 9 (Kritika and Kshitij) is a part of the Class 9 Course Hindi Class 9 (Kritika and Kshitij).
All you need of Class 9 at this link: Class 9
16 videos|226 docs|43 tests

FAQs on पाठ का सार: मेरे संग की औरतें - Hindi Class 9 (Kritika and Kshitij)

1. "मेरे संग की औरतें" पाठ का मुख्य विषय क्या है?
Ans."मेरे संग की औरतें" पाठ का मुख्य विषय महिलाओं की ताकत, संघर्ष और उनके जीवन में आने वाली चुनौतियों के बारे में है। यह पाठ विभिन्न महिलाओं की कहानियों के माध्यम से उनकी जिजीविषा और समाज में उनके योगदान को उजागर करता है।
2. इस पाठ से हमें कौन सी महत्वपूर्ण शिक्षा मिलती है?
Ans. इस पाठ से हमें यह शिक्षा मिलती है कि महिलाओं को अपनी पहचान बनाने और समाज में समानता के लिए संघर्ष करना चाहिए। यह पाठ हमें यह भी सिखाता है कि कठिनाईयों का सामना करते हुए हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए।
3. "मेरे संग की औरतें" में किस प्रकार की महिलाएं शामिल हैं?
Ans. "मेरे संग की औरतें" में विभिन्न पृष्ठभूमियों से आने वाली महिलाएं शामिल हैं, जैसे कि गृहिणियाँ, कामकाजी महिलाएं, और समाज सेवा में सक्रिय महिलाएं। इनकी कहानियाँ हमें उनके अदम्य साहस और संघर्ष के बारे में बताती हैं।
4. क्या इस पाठ में किसी विशेष घटना का उल्लेख किया गया है?
Ans. हाँ, इस पाठ में कई विशेष घटनाओं का उल्लेख किया गया है, जैसे कि महिलाओं द्वारा सामाजिक और आर्थिक समस्याओं का सामना करना और उनके द्वारा किए गए संघर्ष जो उनकी क्षमता और साहस को प्रदर्शित करते हैं।
5. "मेरे संग की औरतें" का पाठ किस प्रकार की भाषाशैली में लिखा गया है?
Ans. "मेरे संग की औरतें" पाठ को सरल और स्पष्ट भाषा में लिखा गया है, जिससे पाठक आसानी से समझ सकें। इसमें भावनात्मक गहराई और वास्तविकता का समावेश है, जो पाठ को और भी प्रभावशाली बनाता है।
Related Searches

ppt

,

Sample Paper

,

Important questions

,

पाठ का सार: मेरे संग की औरतें | Hindi Class 9 (Kritika and Kshitij)

,

MCQs

,

video lectures

,

Exam

,

mock tests for examination

,

पाठ का सार: मेरे संग की औरतें | Hindi Class 9 (Kritika and Kshitij)

,

पाठ का सार: मेरे संग की औरतें | Hindi Class 9 (Kritika and Kshitij)

,

pdf

,

Summary

,

practice quizzes

,

Extra Questions

,

Free

,

shortcuts and tricks

,

study material

,

Semester Notes

,

past year papers

,

Objective type Questions

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Viva Questions

;