Class 9 Exam  >  Class 9 Notes  >  Short Question Answers - नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया

Short Question Answers - नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया - Class 9 PDF Download

प्रश्न 1. सेनापति ‘हे’ के लिए किस बात को कलंक की बात बताया गया था? पठित पाठ के आधार पर लिखिए।

[CBSE Marking Scheme 2017]

उत्तर- वृद्धावस्था में मैना के सौन्दर्य पर मोहित होना।

व्याख्यात्मक हल-

सेनापति ‘हे’ के द्वारा नाना साहब की पुत्री देवी मैना पर दया दिखाने की बात को पार्लियामेंट की ‘हाउस ऑफ ला्र्डस’ सभा ने हे का देवी मैना पर मोहित होना मानकर उसे कलंक की बात कही।

प्रश्न 2. बालिका द्वारा अपना परिचय देने पर सेनापति के होश क्यों उड़ गये?
उत्तर- बालिका ने अपना परिचय देते हुए सेनापति को बताया कि मैं आपको जानती हूँ, आप सेनापति ‘हे’ हैं

  • आपकी प्यारी कन्या ‘मेरी’ मेरी सखी थी।
  • कई वर्ष पूर्व आप भी हमारे यहाँ आते थे और मुझे अपनी पुत्री के समान स्नेह करते थे।
  • मेरी सखी की मृत्यु के बाद भी मेरे पास उसकी लिखी एक चिट्ठी पड़ी है यह सब बातें सुनकर सेनापति ‘हे’ के होश उड़ गए। 

व्याख्यात्मक हल-

बालिका द्वारा अपना परिचय दिए जाने पर सेनापति को यह ज्ञात हुआ कि कन्या कोई और नहीं, अपितु उनकी मृत पुत्री ‘मेरी’ की सखी है और वे स्वयं भी ‘मेरी’ के साथ उसके घर जाया करते थे और उसे अपनी पुत्री के ही समान स्नेह भी किया करते थे। मेरी के द्वारा लिखी हुई एक चिट्ठी अभी भी उसके पास है। यह सत्य जानकर सेनापति हे के होश उड़ गए।

प्रश्न 3. सेनापति ‘हे’ ने मैना देवी को क्या दिलासा दी?
उत्तर- सेनापति ‘हे’ ने मैना देवी को उसकी व उसके महल की रक्षा का दिलासा दिया। 

प्रश्न 4. जनरल अउटरम ने किस प्रकार नाना साहब के महल को नष्ट कर दिया था?
उत्तर- जनरल आउटरम ने सैनिकों को आज्ञा दी व सुविशात्न राजमन्दिर पर तोप के गोले बरसने लगे। घण्टे भर में वह महल मिट्टी में मिल गया।

प्रश्न 5. लंदन के मंत्रिमंडल में, नाना के सारे स्मृति-र्चिी तक मिटा देने के संकल्प के कारणों का उल्लेख पठित पाठ के आधार पर कीजिए।

[C.B.S.E. 2015 Term II, XZJ3PLU]

उत्तर- 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में नाना साहब ने अंग्रेजी सरकार के दाँत खट्टे कर दिए गए थे। हालाँकि यह स्वतंत्रता संग्राम असफल रहा परंतु नाना साहब ने कानपुर में जो अंग्रेजों का हत्याकांड किया था, उससे अंग्रेज बहुत ज्यादा क्रोधित थे। वे उन्हें इस कांड के लिए सजा देना चाहते थे। यही कारण थे कि उन्होंने नाना के सारे स्मृति चिह्न तक मिटा देने का संकल्प लिया।

प्रश्न 6. मैना को खोजने के लिए जनरल आउटरम ने क्या प्रयास किया ?

[C.B.S.E. Term 2014 II, VE7X3IC]

उत्तर- जनरल आउटरम ने मैना देवी को खोजने के लिए- नाना के महल को घेर लिया। महल का फाटक तोड़ डाला। अंग्रेज सिपाही महल में घुस गए। मैना को खोजने लगे।  

प्रश्न 7. सेनापति ‘हे’ की मैना के साथ सहानुभूति क्यों थी? उन्हें वह पहले कहाँ मिली थी? पठित पाठ के आधार पर लिखिए।

[C.B.S.E. 2013 Term II, C 1022 GK]

उत्तर- ‘मेरी’ (सेनापति ‘हे’ की पुत्री) की सखी होने के कारण और सहृदय व्यक्ति होने के कारण सेनापति ‘हे’ को मैना के साथ सहानुभूति थी। वह पहले उन्हें नाना साहब के निवास स्थान पर मिली थी जब वे अपनी पुत्री के साथ आते थे।

प्रश्न 8. स्वाधीनता आंदोलन को आगे बढ़ाने में इस प्रकार के लेखन की क्या भूमिका रही होगी? ‘नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया’ पाठ के आधार पर लिखिए।

[C.B.S.E. 2013 Term II, 10 OH7WZ]

उत्तर- इस प्रकार के लेखन की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही होगी। बालिका मैना के बलिदान की कहानी युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्पद रही होगी। इस प्रकार के लेखन से अंग्रेजों के अत्याचार और क्रूरता आम जनता के समक्ष उजागर हुए। जिससे नवयुवक एवं युवतियाँ स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रेरित हुए होंगे। 

प्रश्न 9. बालिका मैना ने सेनापति ‘हे’ को कौन-कौन से तर्क देकर महल की रक्षा के लिए प्रेरित किया ?

[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1063]

उत्तर- (i) इस जड़-पदार्थ महल ने आपका कोई अपराध नहीं किया हैं।

(ii) जिन्होंने आपके विरुद्ध शस्त्र उठाए हैं, वे दोषी हैं उन्हें सजा दीजिए।

व्याख्यात्मक हल-

बालिका मैना ने सेनापति ‘हे’ को निम्नलिखित तर्क देकर महल की रक्षा करने के लिए प्रेरित किया-

(i) इस जड़-पदार्थ महल ने आपका कोई अपराध नहीं किया है, अतः इसका विध्वंस न करंे।

(ii) जिन्होंने आपके विरुद्ध शस्त्र उठाए हैं, वे दोषी हैं उन्हें सजा दीजिए।

(iii) यह मकान मुझे बहुत प्रिय है।

(iv) मैं आपकी पुत्री ‘मेरी’ की सहेली हूँ। उसके साथ आप भी यहाँ कई बार आए हैं।

प्रश्न 10. मैना जड़-पदार्थ मकान को बचाना चाहती थी, पर अंग्रेज उसे नष्ट करना चाहते थे। क्यों ?

[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1062]

उत्तर- वह मकान मैना को बहुत प्रिय था। अंग्रेज नाना साहब से संबंधित हर चीज़ को नष्ट कर देना चाहते थे। 

व्याख्यात्मक हल- मैना जड़-पदार्थ मकान को बचाना चाहती थी क्योंकि यह मकान उसे बहुत प्रिय था। यहीं पर वह पली-बढ़ी थी। अंग्रेज उसे इसलिए नष्ट करना चाहते थे क्योंकि यह मकान नाना साहब का था। वे विद्रोहियों के नेता थे। सरकार को उन पर बहुत क्रोध था। अतः वे उसका विध्वंस करना चाहते थे।

प्रश्न 11. सर टामस ‘हे’ के मैना पर दया-भाव के क्या कारण थे ? उल्लेख कीजिए। 

[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1059]

उत्तर- (i) मैना उनकी मृत पुत्री की आयु की ही थी, अति-सुंदर बालिका थी।

(ii) वह उनकी मृत पुत्री की प्रिय सखी भी थी। वे घर आते-जाते भी थे। 

व्याख्यात्मक हल-

पहले तो सर टामस ‘हे’ नाना के महल को तोड़ना चाहते थे, पर बाद में नाना की पुत्री मैना पर दया भाव दिखाने लगे इसका कारण था कि मैना उनकी मृत पुत्री ‘मेरी’ की सहेली थी। ‘मेरी’ उस घर में आती-जाती रहती थी। खुद ‘हे’ भी वहाँ बराबर आते थे। वे मैना को अपनी पुत्री के समान प्यार करते थे। मैना के पास अभी तक मेरी के हाथ से लिखी चिट्ठी सुरक्षित थी। इन सब बातों से जनरल ‘हे’ भावुक हो उठे होंगे और उन्होंने मैना पर दया भाव दिखाने का निश्चय किया होगा।

प्रश्न 12. मैना की अन्तिम इच्छा थी कि वह प्रासाद के ढेर पर बैठकर जी भरकर रो ले, लेकिन पाषाण-हृदय वाले जनरल ने किस भय से उसकी इच्छा पूर्ण न होने दी ?

अथवा

मैना की अन्तिम इच्छा क्या थी ? कठोर हृदय वाले जनरल ने किस डर से उस इच्छा को पूरा न होने दिया ?

[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1063]

उत्तर- मैना की अंतिम इच्छा थी कि वह उस प्रासाद के ढेर पर बैठकर जी भरकर रो ले, लेकिन पत्थर हृदय वाले जनरल आउटरम ने सरकार की नाराजगी के भय से उसकी इच्छा पूर्ण न होने दी।

व्याख्यात्मक हल-

मैना का इस महल के साथ बहुत लगाव था। उसे उसके सामने ही नष्ट कर दिया गया था। वह उस खंडहर के ढेर पर बैठकर रो लेना चाहती थी और उसने इसके लिए इजाजत भी माँगी, पर पाषाण हृदय जनरल आउटरम ने उसकी यह अन्तिम इच्छा पूरी नहीं होने दी। जनरल को भय था कि उसकी जरा-सी ढील से मैना कहीं फिर से गायब न हो जाये क्योंकि पहले भीवह दो बार चकमा दे चुकी थी। ब्रिटिश पार्लियामेण्ट इस पर नजर रखे हुए थी। वे नाना साहब की किसी भी बात के मामले में जरा-सी चूक को गम्भीरता से लेते थे।

जनरल आउटरम को इसकी सजा भुगतनी पड़ सकती थी।

प्रश्न 13. बालिका मैना के चरित्र की कौन-कौन सी विशेषताएँ आप अपनाना चाहेंगे और क्यों ?

[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1057]

उत्तर- बालिका मैना एक निडर, साहसी, धैर्यवान और कोमल स्वभाव वाली बालिका थी। उसके चरित्र की इन्हीं विशेषताओं को अपनाना चाहेंगे क्योंकि यही वे गुण हैं जिनके द्वारा कोई भी प्राणी सबके हृदय में स्थान बनाकर अमर हो जाता है।

व्याख्यात्मक हल- 

बालिका मैना कानपुर के नाना साहब की पुत्री थी। नाना साहब 1857 ई. के स्वतन्त्रता संग्राम के मुख्य नेता थे। मैना के चरित्र की निम्नलिखित विशेषताएँ थी-

(i) भावुक स्वभाव-मैना बहुत सुन्दर थी। उसका स्वभाव आकर्षक था, भावुक था। वह अपने जन्म स्थान को किसी तरह बचाना चाहती थी।

(ii) तर्कशील- मैना तर्क देने में निपुण थी। अपने महल की रक्षा के लिए उसने सेनापति ‘हे’ से कहा कि इस जड़ पदार्थ मकान ने कोई अपराध नहीं किया है, जिसे आप तोड़ना चाहते हैं।

(iii) साहसी-मैना साहसी थी, अंग्रेजों के अत्याचारों से सारा देश कराह रहा था, वह डरी नहीं। जब सेना नाना के महल को नष्ट करने आई थी, तब भी वह भयभीत नहीं हुई।

प्रश्न 14. ”नाना साहब की पुत्री मैना को भस्म कर दिया गया“ पाठ में किस घटना का वर्णन किया गया है ? बताइए।

[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1016]

उत्तर- सन् 1857 के स्वतंत्रता संग्राम से सम्बन्धित बलिदान कथा का वर्णन पाठ में किया गया है। इस संग्राम में असफल होने पर नाना साहब महल छोड़कर भागे तो अपनी बेटी मैना को साथ ले जाना भूल गए। उसी के साथ अंग्रेजों के क्रूर व्यवहार एवं हत्याकांड का वर्णन है।

प्रश्न 15. ”बालिका सैनिकों के प्रश्नों के उत्तर क्यों नहीं दे रही थी ? नाना साहब की बेटी देवी मैना को भस्म कर दिया गया।“ पाठ के आधार पर लिखिए। 

[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1017]

उत्तर- बालिका दुःख में डूबी थी। सदमे की हालत में थी। न तो भयभीत थी, न ही अपनी स्थिति से अवगत थी। उसे कुछ सुनाई नहीं दे रहा था। इसलिए उत्तर भी नहीं दे पा रही थी। 

प्रश्न 16. सेनापति ‘हे’ ने जनरल आउटरम से क्या प्रार्थना की? ”नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया।“ पाठ के आधार पर लिखिए।

[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1018]

उत्तर- सेनापति ‘हे’ ने जनरल आउटरम से नाना साहब के महल को नष्ट न करने के लिए तथा निरीह बालिका को छोड़ देने के लिए प्रार्थना की।

प्रश्न 17. मैना की हत्या किस प्रकार की गई ? ”नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया।“ पाठ के आधार पर लिखिए।

[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1019]

उत्तर- कानपुर के किले में नाना साहब की इकलौती पुत्री मैना को धधकती हुई आग में डालकर मार डाला गया। उसी आग में वह किशोरी बालिका भस्म हो गई। 

प्रश्न 18. मैना कौन थी ? वह महल में अकेली क्यों रह गई थी ? ‘नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया’ पाठ के आधार पर बताइए। 

[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1054]

उत्तर- मैना क्रांतिकारी धुंधूपंत नाना साहब की इकलौती पुत्री थी। सन् 1857 में कानपुर में विद्रोह असफल होने पर जल्दबाजी में नाना साहब अपनी पुत्री मैना को साथ नहीं ले जा सके थे। इसलिए वह महल में अकेली रह गयी। 

प्रश्न 19. ‘आउटरम’ कौन था ? उसने देवी मैना के साथ कैसा व्यवहार किया ? 

उत्तर- आउटरम अंग्रेजी सेना का जनरल था। वह क्रूर और निर्दयी था। मैना को महल के खंडहरों पर रोते देखकर भी उसे दया नहीं आई। उसे हथकड़ी पहनाकर किले में कैद कर दिया। उसने मैना की आखिरी इच्छा भी पूरी नहीं की। उसे भस्म कर दिया। 

प्रश्न 20. नाना साहब को पकड़ न सकने पर अंग्रेजों ने अपना क्रोध कैसे प्रकट किया ? ‘नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया।’ पाठ के आधार पर लिखिए। 

उत्तर- नाना साहब को पकड़ न सकने पर अंग्रेजों ने अपना क्रोध प्रकट करते हुए बिठूर में नाना साहब का महल लूट लिया, तोप के गोलों से उनका महल उड़ा दिया तथा नाना की पुत्री-मैना को अग्नि में भस्म कर दिया।

प्रश्न 21. अंग्रेज सरकार ने ‘सर टामस हे’ द्वारा कन्या पर दया दिखाने की भावना को किस रूप में लिया ? पठित पाठ के आधार पर बताइए। 

उत्तर- अंग्रेजों ने सर टामस ‘हे’ की दया भावना को गलत दृष्टि से देखा और रिपोर्ट पर उनकी हँसी उड़ाई गई और उनकी दया को अंग्रेज जाति का अपमान माना गया तथा उनके चरित्र की कमजोरी समझी गई।

प्रश्न 22. ”नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया“ पाठ के आधार पर लिखिए कि जनरल ‘हे’ की पुत्री से बालिका मैना के शुरू-शुरू में कैसे सम्बन्ध थे और बाद में कैसे सम्बन्ध हो गए 

[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1068]

उत्तर- जनरल ‘हे’ की पुत्री ‘मेरी’ से बालिका मैना के घनिष्ठ सम्बन्ध थे। ‘मेरी’ मैना के पास आती रहती थी और उसे हृदय से चाहती थी। बाद में ‘मेरी’ स्वर्ग सिधार गई, अतः सम्बन्ध भी नहीं रहे। 

प्रश्न 23. महाराष्ट्रीय इतिहासवेत्ता महादेव चिटनवीस के ‘बाखर’ पत्र में जनरल आउटरम के अत्याचार के बारे में क्या छपा था ?

[C.B.S.E. 2011 Term II, Set B1]

उत्तर- महाराष्ट्र के इतिहासवेत्ता महादेव चिटनवीस के ‘बाखर’ पत्र में जनरल आउटरम के अत्याचार के बारे में छपा था-”कल कानपुर के किले में एक भीषण हत्याकाण्ड हो गया। नाना साहब की एकमात्र कन्या मैना धधकती हुई आग में जलाकर भस्म कर दी गई। भीषण अग्नि में शान्त और सरल मूर्ति उस बालिका को जलती देख, सबने उसे देवी समझकर प्रणाम किया।“ 

प्रश्न 24. ब्रिटिश पार्लियामेण्ट में किसकी हँसी हुई थी और क्यों ?

[C.B.S.E. 2011 Term II, Set A1]

उत्तर- ब्रिटिश पार्लियामेण्ट की ‘हाउस ऑफ ला्र्डस’ सभा में सर टामस ‘हे’ की रिपोर्ट पर बड़ी हँसी हुई जिसमें सर ‘हे’ ने नाना की पुत्रीपर दया दिखाने की बात लिखी थी। 

प्रश्न 25. अंग्रेज सरकार नाना साहब के बिठूर के महल को क्यों तहस-नहस करना चाहती थी और वह किस समय की घटना है?

[C.B.S.E. 2011 Term II, Set A1]

उत्तर- अंग्रेज सरकार नाना साहब को स्वतन्त्रता-संग्राम के नेतृत्व करने की सजा देना चाहती थी। इसलिए अंग्रेजों ने उनके महल को तहस-नहस करने का निश्चय किया। यह घटना सन् 1857 के स्वतन्त्रता-संग्राम की है। 

प्रश्न 26. नाना साहब कौन थे ? अंग्रेज सरकार उनसे क्यों नाराज थी ?

उत्तर- नाना साहब एक देशभक्त थे उन्होंने कानपुर में अंग्रेजों के विरु( विद्रोह करते हुए सन् 1857 के विद्रोहियों का नेतृत्व किया। उन्होंने ऐसा करते हुए अंग्रेजों को भारी क्षति पहुँचाई जिसके कारण अंग्रेज सरकार उनसे नाराज थी। 

प्रश्न 27. मैना ने सेनापति ‘हे’ को अपना परिचय बताते हुए क्या कहा ?
उत्तर- मैना ने सेनापति ‘हे’ को अपना परिचय देते हुए बताते हुए कहा, ‘‘मैं जानती हूँ, कि आप जनरल ‘हे’ हैं। आपकी प्यारी कन्या ‘मेरी’ में और मुझ में बहुत प्रेम संबंध था। कई वर्ष पूर्व मेरी मेरे पास बराबर आती थी और मुझे हृदय से चाहती थी। उस समय आप भी हमारे यहाँ आते थे और मुझे अपनी पुत्री के जैसे ही प्यार करते थे। मालूम होता है, कि आप वे सब बातें भूल गए हैं। मेरी की मृत्यु से मैं बहुत दुःखी हुई थीऋ उसकी एक चिट्ठी मेरे पास अब तक हैं।’’ 

प्रश्न 28. मैना के अनुरोध पर सेनापति ‘हे’ किस दुविधा में पड़ गए ?
उत्तर- मैना के सेनापति ‘हे’ से नाना साहब के महल को ध्वस्त न करने का अनुरोध करने पर सेनापति हे इस दुविधा में पड़ गए कि अपनी पुत्री की सखी की बात माने या अंग्रेज सरकार के प्रति अपने कत्र्तव्य का पालन करें।

प्रश्न 29. नाना साहब के महल में लूट-पाट करने के बाद भी अंग्रेज सरकार नाना साहब के महल को क्यों नष्ट करना चाहती थी ?
उत्तर- अंग्रेज सरकार नाना साहब को कानपुर में हुए अंग्रेज नर-नारी हत्याकाण्ड का उत्तरदायी मानती थी और वह नाना साहब से सम्बन्धित समस्त वस्तुओं को नष्ट कर देना चाहती थी, इसीलिए नाना साहब का महल लूट लेने के बाद भी अंग्रेज सरकार उनका महल नष्ट करना चाहती थी।

प्रश्न 30. सैनिकों के बीच अकेले घिरी होने पर मैना क्यों नहीं डरी ?

उत्तर- मैना नाना साहब की पुत्री थी। उसमें साहस एवं निडरता कूट-कूटकर भरी हुई थी। देश के लिए अपनी जान देने से भय नहीं लगता था। इन सबके अतिरिक्त उसका पूरा परिवार भी उससे अलग हो गया था, इसलिए वह सैनिकों के बीच अकेले होने पर भी नहीं डरी।

प्रश्न 31. अंग्रेज सरकार ने नाना साहब के लिए किस विशेषण का प्रयोग किया है और क्यों ?
अथवा

अंग्रेज जाति नाना साहब को दुर्दान्त क्यों मानती थी?
उत्तर- अंग्रेज सरकार ने नाना साहब के लिए ‘दुर्दांत’ विशेषण का प्रयोग किया है। नाना साहब ने अंग्रेजों के विरुद्ध सन् 1857 के विद्रोह में विद्रोहियों के साथ मिलकर अंग्रेज सेना को बहुत हानि पहुँचाई। लेकिन अंग्रेज नाना साहब को अपनी पूरी सैनिक शक्ति के साथ भी नहीं पकड़ सके। इसलिए उन्होंने नाना साहब के लिए ‘दुर्दांत’ विशेषण का प्रयोग किया।

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FAQs on Short Question Answers - नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया - Class 9

1. नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया क्योंकि?
Ans. नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया क्योंकि वह एक स्वतंत्रता सेनानी थी और आजादी की लड़ाई में भाग लेने के कारण उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ वायुसेना में संगठित हो गई थी। वह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की आवाज बनी थी और उन्होंने नाना साहब की अगुवाई में विभिन्न आंदोलनों में भाग लिया। इसलिए, उन्हें भस्म कर दिया गया था।
2. देवी मैना कौन थी?
Ans. देवी मैना नाना साहब की पुत्री थी। वह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थी और आजादी की लड़ाई में भाग लेने के कारण उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ वायुसेना में संगठित हो गई थी। उन्होंने नाना साहब की अगुवाई में विभिन्न आंदोलनों में भी भाग लिया और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की आवाज बनी।
3. देवी मैना की मृत्यु कब हुई?
Ans. देवी मैना की मृत्यु 1942 में हुई। वह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थी और आजादी की लड़ाई में भाग लेने के कारण उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ वायुसेना में संगठित हो गई थी। उन्होंने नाना साहब की अगुवाई में विभिन्न आंदोलनों में भी भाग लिया, लेकिन दुर्भाग्यवश उनकी मृत्यु 1942 में हुई।
4. देवी मैना की वायुसेना में कौन सी भूमिका थी?
Ans. देवी मैना वायुसेना में एक सदस्य थी। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ वायुसेना में संगठित हो गई थी और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की आवाज बनी। उन्होंने विभिन्न आंदोलनों में भी भाग लिया और नाना साहब की अगुवाई में लड़ाई में हिस्सा लिया।
5. देवी मैना की महत्वपूर्ण योगदान क्या थे?
Ans. देवी मैना नाना साहब की पुत्री थी और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थी। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ वायुसेना में संगठित हो गई थी और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की आवाज बनी। उन्होंने नाना साहब की अगुवाई में विभिन्न आंदोलनों में भी भाग लिया और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया।
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