Class 6 Exam  >  Class 6 Notes  >  NCERT Textbooks & Solutions for Class 6  >  NCERT Solutions: सीता की खोज

सीता की खोज NCERT Solutions | NCERT Textbooks & Solutions for Class 6 PDF Download

अति लघु उत्तरीय प्रश्न    (1 अंक)
प्रश्न 1. रावण, सीता जी को किस दिशा की ओर लेकर गया था? 

रावण, सीता जी को दक्षिण दिशा की ओर लेकर गया था।

प्रश्न 2. कबंध राक्षस दिखने में कैसा था? 

कबंध राक्षस दिखने में मोटे माँसपिंड जैसा था। कबंध राक्षस की गर्दन और एक आंख नहीं थी। उसके दांत भी बाहर की ओर निकले हुए थे। 

प्रश्न 3. मतंग ऋषि का आश्रम कौन-से सरोवर के पास था? 

मतंग ऋषि का आश्रम पंपा सरोवर के पास था।

प्रश्न 4.पक्षीराज जटायु को किसने मारा था? 

पक्षीराज, जटायु, को रावण ने मारा था।

प्रश्न 5. राम के मन में कैसी आशंका थी? 

सीता के लापता होने के बाद से राम बहुत ही चिंतित थे। उन्हें बस इस बात की आशंका थी कि अकेली सीता के साथ कुछ अनर्थ ना हो जाए।

लघु उत्तरीय प्रश्न    (2 अंक) 
प्रश्न 6. पुष्पमाला के बारे में लक्ष्मण ने क्या कहा? 

पुष्पमाला को देखकर लक्ष्मण ने पुष्प माला के बारे में कहा, “ यह वही पुष्पमाला है जिसे सीता माँ ने वाणी में गुथ रखा था।”

प्रश्न 7. कुटिया की ओर जाते राम ने जब लक्ष्मण को अपनी ओर आते हुए देखा तो उन्हें क्या शंका हुई? 

राम पहले से ही सीता को अकेला कुटिया में छोड़कर आने के कारण बहुत चिंतित थे। कुटिया की ओर जाते समय जब राम ने लक्ष्मण को अपनी ओर आते हुए देखा तो उनकी शंका और बढ़ गई। राम को आशंका होने लगी कि कहीं सीता को कोई राक्षस उठाकर तो नहीं ले गया है।

प्रश्न 8. राम के पूछने पर लक्ष्मण ने सीता को अकेले छोड़ आने का क्या कारण बताया? 

राम के पूछने पर लक्ष्मण ने बताया कि वह माता सीता के वचनों के कारण विवश हो गए थे और इसी कारण से उन्हें माता सीता को कुटिया में अकेले छोड़कर आना पड़ा। 

प्रश्न 9. राम ने परिहास करने वाली बात क्यों कही? 

कुटिया पहुंचने के बाद, जब राम ने सीता को नहीं देखा तब राम को लगा कि सीता उनके साथ लुक्का-छुपी खेल रही है। इसी कारण राम ने परिहास करने वाली बात कही है।

प्रश्न 10. राम द्वारा सीता के बारे में पूछने पर मृग ने दिशा के बारे में क्या संदेश दिया? 

जब श्रीराम ने मृग से सीता के बारे में पूछा तब मृग दक्षिण दिशा की ओर दौड़ गया। मृग के दक्षिण दिशा की ओर दौड़ने का इशारा श्रीराम ने समझ लिया। मृग के दक्षिण दिशा की ओर दौड़ने का संकेत था कि सीता को दक्षिण दिशा की ओर ले जाया गया है।

लघु उत्तरीय प्रश्न    (3 अंक) 

प्रश्न 11. कबंध ने राम को क्या रास्ता सुझाया? 

कबंध ने श्रीराम को सुग्रीव से मिलने का सुझाव दिया। कबंध ने राम और लक्ष्मण से कहा, “ आप दोनों पंपा सरोवर के निकट ऋष्यमुक पर्वत के तरफ जाए। वहाँ वानर राज सुग्रीव से मिले। वानर राज सुग्रीव वहां निष्काषित जीवन व्यतीत  कर रहे हैं। उनसे मदद की आग्रह कीजिएगा। उनके पास बहुत बड़ी वानर सेना है। वह अवश्य सीता मां को खोज निकालने में आपकी सहायता करेंगे।”

प्रश्न 12. वन में भटकते वक्त राम ने क्या देखा जिसके कारण वह असमंजस में पड़ गए? 

मृग द्वारा दिशा संकेत देने के बाद, राम वन में सीता की खोज में भटक ही रहे थे कि अचानक उनकी नजर रथ के टुकड़ों पर पड़ी जो कि वन में पड़ा हुआ था। उस रथ के टुकड़े के पास सारथी और घोड़े दोनों ही मृत पड़े हुए थे। राम को इन सभी दृश्यों का अर्थ समझ में नहीं आ रहा था। यही सोचकर वह असमंजस में पड़ गए।

प्रश्न 13. पक्षीराज जटायु और राम के बीच क्या वार्तालाप हुई? 

पक्षीराज जटायु ने रावण को सीता माँ का अपहरण करके जाते हुए देखा था। जटायु ने सीता माँ को बचाने के लिए रावण से युद्ध किया था। परंतु जटायु रावण को पराजित नहीं कर पाया और वह खुद पराजित हो गया। जब श्रीराम वन में सीता माँ की खोज करने के लिए भटक रहे थे तब उन्होंने लहूलुहान होकर पड़े हुए जटायु को देखा। जटायु ने श्रीराम से कहा, “ हे राजकुमार! सीता माँ को रावण उठाकर ले गया है। मेरे पंख भी उसी ने काट दिए। मैंने उसका रथ तोड़ दिया और बहुत कोशिश की सीता माँ को बचाने की परंतु मैं असफल रहा। मुझे क्षमा कर दीजिए। ” इतना कह कर जटायु ने प्राण त्याग दिए।

प्रश्न 14. कबंध ने राम से क्या आग्रह किया? 

कबंध ने श्रीराम से आग्रह करते हुए कहा कि श्रीराम ही उसका अंतिम संस्कार स्वयं अपने हाथों से करें। राम ने कबंध को यह वचन देकर आश्वासित किया कि उसका अंतिम संस्कार वह स्वयं ही करेंगे। कबंध के मृत्यु के पश्चात, श्री राम ने अपने वचन अनुसार उसका अंतिम संस्कार किया और उसे राक्षस योनि से मुक्ति दिलाई।

प्रश्न 15. सबरी कौन थी? वह कहां रहती थी? 

सबरी, मतंग ऋषि की शिष्या थी। वह, पंपा सरोवर के किनारे, एक सुंदर सी कुटिया में रहती थी। वह कई वर्षों से, अपने कुटिया में, राम के आने का इंतजार कर रही थी। जब सच में राम उनकी कुटिया में आए, तब उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वह राम को अपने कुटिया में देखकर बहुत ही प्रसन्न हुई। उसने अपनी योग्यता अनुसार राम का भव्य स्वागत किया। तत्पश्चात वह राम के सामने ही स्वर्ग सिधार गई।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न     (5 अंक)
प्रश्न 16. सुग्रीव कौन थे? 

सुग्रीव बाली के छोटे भाई थे। सुग्रीव पहले किष्किंधा के राजा थे परंतु उनके बड़े भाई बाली ने उन्हें राजपाठ से अलग कर दिया और उनकी पत्नी तारा को भी छीन लिया। इस घटना के बाद से सुग्रीव पंपा सरोवर के किनारे ऋष्यमूक पर्वत के पास निर्वासित जीवन व्यतीत करने लगे। सुग्रीव को वानर राज भी कहा गया है। उनकी वानर सेना में खास तरीके वाले विलक्षण प्रवृत्ति के वानर भी थे।

प्रश्न 17. सबरी ने राम को सीता को खोजने का क्या मार्ग सुझाया? 

कबंध के बताने पर राम सबरी की कुटिया तक पहुंचे थे। जब राम पंपा सरोवर के किनारे ऋष्यूमक पर्वत पर बने मतंग ऋषि की कुटिया में पहुंचे तो सबरी ने उन्हें सीता को खोजने का मार्ग बताया। सबरी ने राम को सुग्रीव से मित्रता करने की बात कही।सबरी ने राम को यह भी कहा कि सुग्रीव के पास बहुत ही विलक्षण स्वभाव के वानर सेना है।सबरी  ने यह कह कर राम को आश्वस्त किया कि सुग्रीव उन्हें सीता की खोज में अवश्य मदद करेंगे।

प्रश्न 18. राम जटायु का अंतिम क्रिया करते वक्त क्या सोचकर मायूस हो गए? 

पक्षीराज जटायु में जब रावण को सीता का हरण करते हुए जाते देखा तो वे खुद रावण से युद्ध करने को उतर गए। काफी देर तक युद्ध चलने के पश्चात रावण ने जटायु को पराजित कर दिया। रावण ने जटायु के एक पंख को काट दिया जिसके कारण जटायु लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़े। सीता की खोज में जब राम वन में घूम रहे थे तब उन्होंने जटायु को खून में लथपथ देखा। उन्हें यह देखकर बहुत खराब लगा। जटायु का अंतिम क्रिया करते वक्त राम यह सोचने लगे कि जटायु उनके कारण ही मृत्यु को प्राप्त हुआ है। उन्हें जटायु के लिए बहुत बुरा लग रहा था। वह सोच रहे थे कि वह खुद तो सीता की विरह के दुख में है और दूसरी ओर जटायु को भी इसी कारण से मृत्यु हो गई।

प्रश्न 19. सीता के खो जाने के बाद राम के मनोदशा का वर्णन कीजिए? 

सीता के कुटिया से गुम हो जाने और फिर ना मिलने पर श्री राम बहुत ही परेशान हो गए थे। उनका मन बहुत विचलित हो गया था। वह सीता को ढूंढने के लिए व्याकुल हो उठे थे। उन्हें सीता के मिलने का कोई सुराग भी नहीं मिल रहा था। उनके मन में बहुत तरह से बातें चल रही थी। वह सोच रहे थे कि सीता कहां होगी?, किस हालत में होगी?, क्या कर रही होगी? आदि अनेक बातें उनके मन में चल रही थी। यह सब सोचकर उनका मन भारी हो रहा था। उनके आँखो में  आंसू भर आए थे। सीता से संबंधित हर बातों को याद करके, वह वन में सीते!,सीते! आवाज लगा रहे थे। कोई जवाब ना आने पर वह रोने भी लग रहे थे।

प्रश्न 20. राम ने सीता के बारे में किस-किस से पूछा?

सीता को कुटिया में ना पाकर राम का मन बहुत विचलित हो गया था। वह पूरे वन में सीता को ढूंढ रहे थे। वह वन के हर एक पेड़, फूल, नदियां आदि सभी से सीता का पता पूछ रहे थे। वह सीता के विरह के दुख में यह भूल गए थे कि पेड़, फूल, चट्टाने आदि बोला नहीं करती। वह वन में दौड़ दौड़ कर हर चीज से अपने सीता का पता पूछ रहे थे। मगर हर जगह से उन्हें कोई भी जवाब नहीं मिलता था। वन के एक मृग ने फिर उन्हें संकेतों द्वारा सीता का पता बताया। मृग ने यह बताया कि सीता किस दिशा की ओर गई है। तत्पश्चात जटायु, कबंध, शबरी और सुग्रीव ने उनके सवालों को खत्म करते हुए कुछ कुछ जानकारी दीया।

The document सीता की खोज NCERT Solutions | NCERT Textbooks & Solutions for Class 6 is a part of the Class 6 Course NCERT Textbooks & Solutions for Class 6.
All you need of Class 6 at this link: Class 6
494 docs

Top Courses for Class 6

FAQs on सीता की खोज NCERT Solutions - NCERT Textbooks & Solutions for Class 6

1. सीता की खोज क्या है?
उत्तर: सीता की खोज रामायण महाकाव्य में एक महत्वपूर्ण घटना है जहां भगवान राम अपनी पत्नी सीता को खो देते हैं और उन्हें ढूंढ़ने के लिए उनके अनुयायों ने एक व्यापक खोज यात्रा शुरू की।
2. सीता की खोज कौन कर रहा था?
उत्तर: सीता की खोज राम और उनके अनुयायों द्वारा की जा रही थी। राम ने अपनी पत्नी सीता को खो देखकर उसे ढूंढ़ने का निर्णय लिया और उनके अनुयायों ने उनकी गाइडेंस में खोज यात्रा शुरू की।
3. सीता की खोज कहाँ हुई?
उत्तर: सीता की खोज भारत में हुई। राम और उनके अनुयाय अयोध्या से शुरू करके दक्षिणी भारत तक यात्रा करते हुए रावण के राज्य लंका तक पहुंचे।
4. सीता की खोज कितने समय तक चली?
उत्तर: सीता की खोज लगभग ११ महीने तक चली। राम और उनके अनुयायों ने अपनी यात्रा के दौरान विभिन्न देशों में गया और अनेक विपदाओं का सामना किया। अंत में, उन्होंने रावण के राज्य लंका में सीता को पाया।
5. सीता की खोज का महत्व क्या है?
उत्तर: सीता की खोज रामायण महाकाव्य के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह खोज राम के वचनों का पालन करते हुए धर्म, सत्य और प्रेम की महत्ता को दर्शाती है। इसके अलावा, यह खोज हमें संघर्षों से निपटने, विश्वास के बारे में सोचने और अपने पत्नी और परिवार के प्रति समर्पण की महत्ता को समझने की प्रेरणा देती है।
494 docs
Download as PDF
Explore Courses for Class 6 exam

Top Courses for Class 6

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

study material

,

video lectures

,

mock tests for examination

,

Sample Paper

,

Important questions

,

Summary

,

Objective type Questions

,

shortcuts and tricks

,

MCQs

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Semester Notes

,

ppt

,

pdf

,

past year papers

,

Exam

,

सीता की खोज NCERT Solutions | NCERT Textbooks & Solutions for Class 6

,

सीता की खोज NCERT Solutions | NCERT Textbooks & Solutions for Class 6

,

Viva Questions

,

Free

,

सीता की खोज NCERT Solutions | NCERT Textbooks & Solutions for Class 6

,

practice quizzes

,

Extra Questions

;