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राम का वन गमन NCERT Solutions | Hindi (Bal Ram Katha) Class 6 PDF Download

अति लघु उत्तरीय प्रश्न   (1 अंक )
प्रश्न 1. सुमंत्र कौन थे?

सुमंत्र अयोध्या नगरी के महामंत्री थे।

प्रश्न 2. कैकेयी ने सुमंत्र से राजा के बारे में क्या कहा?

कैकेयी ने सुमंत्र से कहा की राजा जी राज्याभिषेक के उत्साह में रात भर जागते रहे हैं। वे बाहर निकलने से पहले राम से बात करना चाहते हैं। आप उन्हें यहाँ ले आइए।

प्रश्न 3. कैकेयी की तरफ देखकर राजा दशरथ के मुँह से क्या निकला?

कैकेयी की तरफ देखकर राजा दशरथ के मुँह से केवल एक शब्द निकला– “धिक्कार!”

प्रश्न 4. वन जाने की बात पर सीता ने राम से क्या कहा?

वन जाने की बात पर सीता ने राम से कहा की “मेरे पिता का आदेश है की मैं सदा छाया की तरह आपके साथ रहूँ! इसलिए मैं भी आपके साथ वन में जाऊँगी।”

प्रश्न 5. राम ने पीछे मुड़ कर जब अपनी जन्मभूमि को देखा तो क्या कहा?

राम ने मुड़कर जब अपनी जन्मभूमि को देखा तो उसे प्रणाम किया और कहा, “हे जननी!” अब चौदह वर्ष बाद ही तुम्हारे दर्शन कर सकूँगा।“

लघु उत्तरीय प्रश्न  (2 अंक)
प्रश्न 6. लक्ष्मण ने राज्यसिंहासन के बारे में क्या कहा?

लक्ष्मण राम के वन गमन से सहमत नहीं थे। लक्ष्मण ने  राम से राज्यसिंहासन के बारे में कहा की “आप बाहुबल से अयोध्या का राजसिंहासन छीन ले। देखता हूँ कौन विरोध करता है!”

प्रश्न 7. सीता ने जब कहा की “वो भी वन में साथ जाएगी” तो इस पर राम ने क्या कहा?

राम नहीं चाहते थे की सीता वन में जाए। इसलिए उन्होंने सीता से कहा “सीते वन का जीवन बहुत कठिन है। न रहने का ठीक स्थान, न भोजन का ठिकाना। कदम कदम पर मुसीबतें हैं। तुम महलों में पली हो ऐसा जीवन कैसे व्यतीत करोगी।“ 

प्रश्न 8. जब राम वन जा रहे थे तो अयोध्या नगर की स्थिति कैसी थी?

जब राम वन जा रहे थे तो नगर में उदासी छा गई थी। सबकी आंखें नम थी। सभी चाहते थे की राम वन में न जाएँ। इसलिए सभी उनके रथ के पीछे नंगे पांव दौड़ने लगे।

प्रश्न 9. सुमंत्र के वन से वापिस आने पर राजा दशरथ ने उनसे क्या पूछा?

राजा दशरथ सुमंत्र के आने का इंतजार कर रहे थे। सुमंत्र के वन से वापिस आने पर राजा दशरथ ने उनसे राम, लक्ष्मण और सीता के बारे में पूछा। उन्होंने पूछा की “महामंत्री! राम कहाँ हैं? सीता कैसी हैं? लक्ष्मण के क्या समाचार हैं? वे कहाँ रहते हैं? क्या खाते हैं?” 

प्रश्न 10. राम के वन गमन के कितने दिनों बाद राजा दशरथ ने प्राण त्याग दिए?

राम के वन जाने के बाद राजा दशरथ का स्वास्थ्य लगातार बिगड़ रहा था। इसलिए राम वियोग में राजा दशरथ ने राम के वन गमन के छठे दिन प्राण त्याग दिए।

लघु उत्तरीय प्रश्न   (3 अंक)
प्रश्न 11. निम्नलिखित वाक्यों में पता लगाए ‘किसने किसको कहा’?
(क) महाराज दशरथ ने मुझे एक बार दो वरदान दिए थे, मैंने कल रात वही दो वर मांगे जिससे वो पीछे हट रहे है।
(ख) “पिताजी का वचन अवश्य पूरा होगा भरत को राजगद्दी दी जाए मैं आज ही वन चला जाऊंगा!”
(ग) “आप बाहुबल से अयोध्या का राजसिंहासन छीन ले। देखता हूँ कौन विरोध करता है।”
(घ) अधर्म का सिंहासन मुझे नहीं चाहिए। मैं सीधा वन जाऊँगा”।
(ङ) “महामंत्री! राम कहाँ है? सीता कैसी है? लक्ष्मण के क्या समाचार है?” 
(च) “ राजकुमार, महाराज ने आपको बुलाया है। आप मेरे साथ चलें!”

(क) महाराज दशरथ ने मुझे एक बार दो वरदान दिए थे, मैंने कल रात वही दो वर मांगे जिससे वो पीछे हट रहे है। (यह वाक्य कैकेयी ने राम से कहा)
(ख) “पिताजी का वचन अवश्य पूरा होगा भरत को राजगद्दी दी जाए मैं आज ही वन चला जाऊंगा!” ( राम ने कैकेयी से कहा)
(ग) “आप बाहुबल से अयोध्या का राजसिंहासन छीन ले। देखता हूँ कौन विरोध करता है।” ( लक्ष्मण ने राम से कहा)
(घ) अधर्म का सिंहासन मुझे नहीं चाहिए। मैं सीधा वन जाऊँगा”। ( राम ने लक्ष्मण से कहा)

(ङ) “महामंत्री! राम कहाँ है? सीता कैसी है? लक्ष्मण के क्या समाचार है?” ( दशरथ ने सुमंत्र से कहा)

(च) “राजकुमार, महाराज ने आपको बुलाया है। आप मेरे साथ चलें!” (सुमंत्र ने राम से कहा)

प्रश्न 12. राम वन जा रहे हैं, यह समाचार सुनकर नगरवासियों पर क्या प्रभाव पड़ा?

नगर में जहाँ कुछ समय पहले उत्साह का वातावरण था। राम के वन जाने का समाचार सुनकर उदासी में बदल गया। सभी नगरवासी दशरथ और कैकेयी को धिक्कार रहे थे। उनके आंसुओं से सड़क गीली हो गई थी। सभी ये चाहते थे की राम वन में नहीं जाए।

प्रश्न 13. महर्षि वशिष्ठ ने क्रोध में आकर क्या कहा?

 महर्षि वशिष्ठ ने जब सीता को तपस्विनी के कपड़ों में देखा तो उन्हें क्रोध आ गया। उन्होंने कहा की अगर सीता वन में जाएगी तो हम सब भी साथ जायेंगे। भरत यहाँ सूनी अयोध्या में राज करेगा। यहाँ कोई नहीं होगा, पशु– पक्षी भी नहीं।

प्रश्न 14. राम कौन सा दृश्य देख कर विचलित हो गए?

जब राम वन में जा रहे थे तो सभी नगरवासी, राजा दशरथ, माता कौशल्या उनके रथ के पीछे पीछे भाग रहे थे। उनकी आंखों में आंसू थे। सभी रो रहे थे। वे नंगे पांव भाग रहे थे। यह दृश्य देखकर राम विचलित हो जाते हैं।

प्रश्न 15. अयोध्या की सीमा कहाँ समाप्त हुई? राम ने वहाँ से किस तरफ प्रस्थान किया?

अयोध्या नगर की सीमा सई नदी के पास समाप्त होती थी। शाम होते-होते वे गंगा के किनारे श्रृंगवेरपुर गाँव में पहुंच गए। निषादराज ने उनका स्वागत किया। उन्होंने रात को वहीं विश्राम किया। अगले दिन राम ने वन क्षेत्र की ओर प्रस्थान किया।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न  (5 अंक)

प्रश्न 16. हर व्यक्ति शुभ घड़ी की प्रतीक्षा में था, किंतु महामंत्री सुमंत्र असहज क्यों थे?

अयोध्या में राम के राज्याभिषेक के उत्सव की तैयारी हो रही थी। सभी लोग उत्सव की तैयारियों में व्यस्त थे। सभी व्यक्ति इस शुभ घड़ी की प्रतिक्षा में थे। लेकिन महामंत्री सुमंत्र असहज थे, क्योंकि कल रात से किसी ने भी महाराज को नहीं देखा था। उन्हें किसी अप्रिय घटना का एहसास हो रहा था। 

प्रश्न 17. राजमहल पहुँचने के बाद राम और कैकेयी के बीच हुई वार्ता का वर्णन कीजिए?

जब सुमंत्र ने राम से कहा की महाराज उन्हें बुला रहे हैं, तब राम महल की ओर चल दिए। लक्ष्मण भी उनके साथ थे। राम समझ नहीं पा रहे थे की पिताजी ने अचानक मुझे क्यों बुलाया है। राम के महल पहुंचते ही उन्होंने सभी को प्रणाम किया। राम को देखकर राजा दशरथ बेहोश हो गए। होश में आने पर भी वे कुछ नहीं बोल सके। राम ने पूछा की क्या हुआ है पिताजी आप मुझसे बातें क्यों नहीं कर रहे हैं। इस पर कैकेयी ने कहा मैं बताती हूँ। वह कहती है की महाराज ने मुझे दो वरदान दिए थे और आज जब मैंने उनसे ये वर मांगे है तो वो इससे पीछे हट रहे है। यह रघुकुल रीति के विरुद्ध है। वह आगे कहती है की मैं चाहती हूं की भरत का राज्याभिषेक हो, और तुम्हारे लिए चौदह वर्ष का वनवास मांगा है। राम कुछ समय शांत रहते हैं और फिर दृढ़ता से कहते हैं कि पिताजी का वचन जरूर पूरा होगा। भरत को राजगद्दी दी जाए। मैं आज ही वनवास के लिए चला जाऊंगा। ये सारी वार्ता राजमहल पहुंचने पर राम और कैकेयी के बीच होती है।

प्रश्न 18. वनवास की बात सुनकर माता कौशल्या की क्या स्थिति थी? राम ने उन्हें किस प्रकार समझाया?

जब राम ने माता कौशल्या को वनवास के बारे में बताया तो वह सुध खो बैठी। उनका मन था की वह राम को रोक ले। वह चाहती थी की राम राजगद्दी छोड़ दे। लेकिन अयोध्या में ही रहे। वह राम को वन में नहीं जाने देना चाहती थी। वह राम से कहती  हैं की यह राजाज्ञा अनुचित है। तुम्हें इसका पालन करने की जरूरत नहीं है। राम ने उन्हें नम्रता से समझाते हुए कहा की “यह राजाज्ञा नहीं, पिता की आज्ञा है। उनकी आज्ञा का उल्लंघन करना मेरी शक्ति से परे है। आप मुझे वनवास के लिए आशीर्वाद दीजिए।“

प्रश्न 19. राम के वनवास जाते समय राजा दशरथ की क्या स्थिति थी? उन्होंने राम से क्या कहा?

राम वन जाने से पहले राजा दशरथ से आशीर्वाद लेने गए। राजा दशरथ दर्द से कराह रहे थे। राम के कक्ष में आने पर उनमें प्राणों का संचार हुआ और वे उठकर बैठ गए। उन्होंने राम से कहा “पुत्र मेरी मति मारी गई है। मैं वचनबद्ध हूँ। ऐसा निर्णय लेने के लिए विवश हूँ। लेकिन तुम पर कोई बंधन नहीं है। मुझे बन्दी बना लो और राज संभालों। यह राजसिंहासन तुम्हारा है केवल तुम्हारा।”

प्रश्न 20. राम ने महामंत्री सुमंत्र को रथ तेजी से हाँकने को क्यों कहा?

 राम जब महल से निकलकर वन के लिए जा रहे थे, तब सुमंत्र रथ लेकर बाहर खड़े थे। सभी रथ से वन की ओर जा रहे थे। सभी अयोध्यावासी राम को रोकने के लिए रथ के पीछे पीछे चल रहे थे। माता कौशल्या और पिता दशरथ भी उनके पीछे थे। नगर के सभी बूढ़े, बच्चें, महिलाएं, पुरुष रथ के पीछे नंगे पैर दौड़ रहे थे। सभी की आँखों में आंसू थे। यह दृश्य देखकर राम विचलित और भावुक हो गए थे। उनसे यह सब देखा नहीं जा रहा था। कोई भी रथ के पीछे न भाग सके इसलिए राम ने महामंत्री सुमंत्र को रथ तेजी से हाँकने को कहा।

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FAQs on राम का वन गमन NCERT Solutions - Hindi (Bal Ram Katha) Class 6

1. राम का वन गमन क्या है?
उत्तर: राम का वन गमन एक कहानी है जो महाभारत के काव्य महाकाव्य "रामायण" में वर्णित है। इस कहानी में, भगवान राम, जो आयोध्या के राजा के पुत्र हैं, अपनी अदालती सुनिश्चित करने के लिए चारों ओर वन में चले जाते हैं।
2. राम का वन गमन क्यों नगरीय जीवन के लिए महत्वपूर्ण है?
उत्तर: राम का वन गमन नगरीय जीवन के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस कहानी में राम धैर्य, संयम, और वचनवद्धता की मिसाल स्थापित करते हैं। यह दिखाता है कि अगर हम न्यायपालन करते हैं और सुख और दुःख के समय उपयोगी गुणों का पालन करते हैं, तो हम अपने स्वयं को सबल और सामर्थ्यशाली बना सकते हैं।
3. राम का वन गमन में उनके साथ कौन-कौन से लोग थे?
उत्तर: राम के वन गमन में, उनके साथ उनकी पत्नी सीता और उनके भाई लक्ष्मण भी थे। उनके चारों ओर कई वनवासी भी थे जो उनके साथ आए थे।
4. राम का वन गमन कितने समय तक चला?
उत्तर: राम का वन गमन चौदह वर्ष (14 वर्षों) तक चला। राम और उनके परिवार ने इस अवधि के दौरान वन में बहुत संघर्ष किया और विभिन्न परिक्षणों का सामना किया।
5. राम के वन गमन की कहानी का महत्व क्या है?
उत्तर: राम के वन गमन की कहानी में कई महत्वपूर्ण संदेश हैं। यह धर्म, न्याय, और अनुशासन के महत्व को प्रदर्शित करता है। यह भारतीय संस्कृति में एक प्रमुख कथा है और बच्चों को अच्छे कर्मों के प्रतीक के रूप में बताया जाता है।
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