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सवैये NCERT Solutions | Hindi Class 9 (Kritika and Kshitij) PDF Download

सवैये NCERT Solutions | Hindi Class 9 (Kritika and Kshitij)

प्रश्न-अभ्यास 

प्रश्न 1: ब्रजभूमि के प्रति कवि का प्रेम किन-किन रूपों में अभिव्यक्त हुआ है ?
उत्तर: कवि को ब्रजभूमि से गहरा प्रेम है। वह इस जन्म में ही नहीं, बल्कि अगले जन्म में भी ब्रजभूमि का वासी बने रहना चाहता है। ईश्वर से उसकी यह कामना है कि अगले जन्म में उसे ग्वाला, गाय, पक्षी या पत्थर बनाया जाए; वह हर हाल में ब्रजभूमि में रहना चाहता है। इसके अलावा, वह ब्रजभूमि के वन, बाग़, सरोवर और करील-कुंजों पर अपना सर्वस्व न्योछावर करने को भी तैयार है।

प्रश्न 2: कवि का ब्रज के वन, बाग और तालाब को निहारने के पीछे क्या कारण हैं?
उत्तर: कवि का ब्रज के वन, बाग और तालाब को निहारने का कारण यह है कि ये स्थान कृष्ण से जुड़ी हुई स्मृतियों को संजोए हुए हैं। कभी श्रीकृष्ण इन्हीं स्थानों पर विहार किया करते थे। इसीलिए कवि इन्हें देखकर स्वयं को धन्य अनुभव करते हैं।

प्रश्न 3: एक लकुटी और कामरिया पर कवि सब कुछ न्योछावर करने को क्यों तैयार है?
उत्तर: कवि के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण हैं—कृष्ण। इसलिए कृष्ण की एक-एक वस्तु उसके लिए पूज्य है। यही कारण है कि वह कृष्ण की लकुटी (लाठी) और कामरिया (कंबल) के लिए भी अपना सर्वस्व न्योछावर करने को तैयार है।

प्रश्न 4: सखी ने गोपी से कृष्ण का कैसा रूप धारण करने का आग्रह किया था ? अपने शब्दों में वर्णन कीजिये।
उत्तर: सखी ने गोपी से कृष्ण का ठीक वैसा ही रूप धारण करने का आग्रह किया था जैसा कृष्ण दिखते थे। इसके लिए उसने सिर पर मोर पंखों का बना मुकुट, गले में गुंजों की माला, शरीर पर पीला वस्त्र पहनने और हाथ में लाठी लेने का आग्रह किया था।

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प्रश्न 5: आपके विचार से कवि पशु, पक्षी, पहाड़ के रूप में भी कृष्ण का सान्निध्य क्यों प्राप्त करना चाहता है ?
उत्तर: कवि भगवान कृष्ण के बहुत बड़े भक्त हैं। वह किसी भी रूप में जन्म लेकर सिर्फ कृष्ण के पास रहना चाहते हैं। चाहे वह जानवर बनें, पक्षी बनें या पहाड़ बनें, बस कृष्ण के आसपास रहें। इससे उन्हें बहुत खुशी और शांति मिलती है।

प्रश्न 6: चौथे सवैये के अनुसार गोपियाँ अपने आप को क्यों विवश पाती हैं ?
उत्तर: चौथे सवैये के अनुसार गोपियाँ अपने आपको इसलिए विवश पाती हैं क्योंकि श्रीकृष्ण की मुसकान अत्यंत आकर्षक है। इस मुसकान के आकर्षण से बच पाना उनके लिए कठिन हो जाता है। इस मुसकान के कारण वे अपने तन-मन पर अपना नियंत्रण नहीं रख पाती हैं।

प्रश्न 7: भाव स्पष्ट कीजिए:
(क) 'कोटिक ए कलधौत के धाम करील के कुंजन ऊपर वारौं।'
(ख) 'माइ री वा मुख की मुसकानि सम्हारी न जैहै, न जैहै, न जैहै।'
उत्तर: (क) भाव यह है कि रसखान जी ब्रज की काँटेदार झाड़ियों व कुंजों पर सोने के महलों का सुख न्योछावर कर देना चाहते हैं। अर्थात् जो सुख ब्रज के प्राकृतिक सौंदर्य को निहारने में है, वह सुख सांसारिक वस्तुओं में दूर-दूर तक नहीं है।
(ख) भाव यह है कि कृष्ण की मुस्कान इतनी मोहक है कि गोपी उसे सहन नहीं कर पाती। अर्थात् कृष्ण की मुस्कान पर गोपी इस कदर मोहित हो जाती है कि लोक-लाज का भी भय उसके मन में नहीं रहता और वह कृष्ण की ओर खिंची चली जाती है।

प्रश्न 8: 'कालिंदी कूल कदम्ब की डारन' में कौन-सा अलंकार है?
उत्तर: 'कालिंदी कूल कदम्ब की डारन' में 'क' वर्ण की आवृत्ति होने के कारण अनुप्रास अलंकार है।

प्रश्न 9: काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिये - 
या मुरली मुरलीधर की अधरन धरी अधरा न धरौंगी।
उत्तर: भाव सौंदर्य: गोपियाँ कहती हैं कि वे सिर पर मोरपंख रखेंगी, गले में गुंज की माला पहनेंगी और पीले वस्त्र भी धारण करेंगी, किन्तु कृष्ण जी के होठों से लगी मुरली को अपने होठों से नहीं लगाएंगी।
शिल्प सौंदर्य: कवि ने ब्रजभाषा का प्रयोग बड़ी दक्षता से किया है। इस पंक्ति में अनुप्रास अलंकार का सुंदर प्रयोग हुआ है।

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 10: प्रस्तुत सवैयों में जिस प्रकार ब्रजभूमि के प्रति प्रेम अभिव्यक्त हुआ है, उसी तरह आप अपनी मातृभूमि के प्रति अपने मनोभावों को अभिव्यक्त कीजिए।
उत्तर: 
मातृभूमि ने हमें जन्म दिया है। इसी मिट्टी से हम आए हैं और इसी मिट्टी में मिल जाएंगे। यह हमारा कर्तव्य है कि हम इस भूमि के परोपकार के बारे में सोचें। जब-जब हमारी मातृभूमि पर कोई भी आंच आएगी, हम ढाल बनकर खड़े होंगे और उसकी रक्षा करेंगे।

प्रश्न 11: रसखान के इन सवैयों का शिक्षक की सहायता से कक्षा में आदर्श वाचन कीजिए। साथ ही किन्हीं दो सवैयों को कंठस्थ कीजिए।
उत्तर: 
रसखान के सवैयों का आदर्श वाचन कक्षा में शिक्षक की सहायता से करना चाहिए। शिक्षक की मदद से सही उच्चारण, भाव और लय को समझते हुए सवैयों का वाचन करना आवश्यक है। इससे सवैयों के भावों को सही रूप में व्यक्त किया जा सकेगा। इसके साथ ही, कक्षा में दो सवैयों का चयन कर उन्हें कंठस्थ करने का प्रयास करना चाहिए। कंठस्थ करने के लिए नियमित अभ्यास और उचित समझ की आवश्यकता होती है, जिससे आप सवैयों की गहराई और सुंदरता को आत्मसात कर सकते हैं।

पाठेतर सक्रियता

प्रश्न: सूरदास द्वारा रचित कृष्ण के रूप-सौंदर्य संबंधी पदों को पढ़िए।
उत्तर: 
छात्र स्वयं पढ़ें।

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FAQs on सवैये NCERT Solutions - Hindi Class 9 (Kritika and Kshitij)

1. इस कविता में किस विषय पर चर्चा की गई है?
उत्तर: इस कविता में प्रकृति की सुंदरता और मानवता के साथी संबंधों पर चर्चा की गई है।
2. कवि ने कैसे समझाया है कि प्रकृति का संबंध हमारे मन से है?
उत्तर: कवि ने बताया है कि हमारे मन की शुद्धता और सौंदर्य केवल प्रकृति के साथ सहयोग से होती है।
3. कविता में कौन-कौन सी चीजें प्रकृति की सुंदरता को दर्शाती हैं?
उत्तर: कविता में वृक्ष, फूल, पर्वत, नदी आदि प्रकृति की सुंदरता को दर्शाती हैं।
4. कवि की भावनाएं किस प्रकार किसी उच्च स्थान पर हैं?
उत्तर: कवि की भावनाएं उत्कृष्ट परिस्थितियों और प्रकृति के सौंदर्य के साथ हैं।
5. क्या कवि का कहना है कि मनुष्य किसी तरह से प्रकृति के बिना रह सकता है?
उत्तर: हाँ, कवि कहते हैं कि मनुष्य किसी भी तरह से प्रकृति के बिना नहीं रह सकता है, क्योंकि हमारा मन प्रकृति से जुड़ा हुआ है।
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