Table of contents |
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अनुभाग 1: बहुविकल्पीय प्रश्न |
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अनुभाग 2: समझ पर आधारित प्रश्न |
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अनुभाग 3: रिक्त स्थान भरें |
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अनुभाग 4: एक शब्द उत्तर |
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अनुभाग 5: सही-गलत |
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अनुभाग 6: व्याकरण आधारित प्रश्न |
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प्रश्न 2: धैर्य का सही अर्थ क्या है?
(क) अधीरता
(ख) कठिनाईयों का सामना
(ग) आलस्य
(घ) क्रोध
उत्तर: कठिनाईयों का सामना
प्रश्न 3: ईमानदारी का सही अर्थ क्या है?
(क) झूठ
(ख) बेईमानी
(ग) सही रास्ता
(घ) आलस्य
उत्तर: सही रास्ता
प्रश्न 4: मित्रता का सही अर्थ क्या है?
(क) दुश्मनी
(ख) दोस्ती
(ग) ईर्ष्या
(घ) क्रोध
उत्तर: दोस्ती
प्रश्न 5: आदर का सही अर्थ क्या है?
(क) तिरस्कार
(ख) आलस्य
(ग) क्रोध
(घ) सम्मान देना
उत्तर: सम्मान देना
प्रश्न-1: 'मोल करो तलवार का, पड़ा रहन दो घ्यान' पंक्ति से कवि क्या संदेश देना चाहते हैं?
उत्तर: कवि कहते हैं कि हमें व्यक्ति की आंतरिक गुणों (ज्ञान) पर ध्यान देना चाहिए, न कि उसकी बाहरी पहचान (जाति या रूप) पर।
प्रश्न- 2: 'अवत गरी एक है, उलटा होइ अनेक' का सांकेतिक अर्थ स्पष्ट करें।
उत्तर: कवि कहते हैं कि जब हमें गाली दी जाती है, तो वह एक ही होती है, लेकिन अगर हम उसका जवाब देंगे, तो वह अनेक हो जाती है। इसलिए, गाली को नजरअंदाज करना चाहिए।
प्रश्न - 3: 'जीभ घड़ी नहिं आँखि में, खड़ी दूबली होइ' पंक्ति में कवि ने किस परिस्थिति का वर्णन किया है?
उत्तर: कवि ने यहाँ उस स्थिति का वर्णन किया है जब छोटी-सी चीज (जैसे घास का तिनका) भी बड़ी समस्या पैदा कर सकती है। इसलिए, किसी को भी कमजोर समझकर उसका अपमान नहीं करना चाहिए।
प्रश्न - 4: 'जो मन सीतल होइ' पंक्ति में 'सीतल' शब्द का सांकेतिक अर्थ क्या है?
उत्तर: सीतल' शब्द का यहाँ सांकेतिक अर्थ है शांत और शुद्ध मन।
प्रश्न - 5: 'आपु न बेची कोइ द्रव्य, जो मन सीतल होइ' पंक्ति का विस्तार से विश्लेषण करें।
उत्तर: कवि कहते हैं कि जब मन शांत और शुद्ध होता है, तो व्यक्ति स्वार्थ छोड़कर सभी के प्रति दयावान बन जाता है। ऐसा व्यक्ति अपने आप को धन या वस्तुओं के लिए नहीं बेचता, बल्कि समाज को प्रेम और सद्भाव से भर देता है।
प्रश्न - 6: 'कबीर नारा न नाँखिए, जो पाँचे तिल होइ' पंक्ति में नारा और तिल का सांकेतिक अर्थ क्या है?
उत्तर: 'नारा' का अर्थ है उत्तेजना या क्रोध, और 'तिल' का अर्थ है छोटी-छोटी बातें। कवि कहना चाहते हैं कि छोटी-छोटी बातों पर उत्तेजित नहीं होना चाहिए।
प्रश्न-1: _______ तो कर में फिरै, जीभ फिरै मुख माहिं।
उत्तर: माला
प्रश्न-2: मनुष्यों तो _______ फिरै, यह तो सुमिरन नाहिं।
उत्तर: दहुँ दिसि
प्रश्न-3: कबीर धान न ______, जो पाँचे तिल होइ।
उत्तर: नाँखिए
प्रश्न-4: जिहि घड़ी नहिं _______ में, खड़ी दूबली होइ।
उत्तर: आँखि
प्रश्न-5: आपु न बेची कोइ _______, जो मन सीतल होइ।
उत्तर: द्रव्य
प्रश्न-1: 'मोल करो तलवार का' पंक्ति में 'तलवार' का क्या अर्थ है?
उत्तर: तलवार का अर्थ है ज्ञान या गुण।
प्रश्न-2: 'उलटा होइ अनेक' में 'उलटा' का क्या संकेत है?
उत्तर: उलटा का संकेत है प्रतिक्रिया या बदला लेने की प्रवृत्ति।
प्रश्न-3: 'माला' किसकी प्रतीक है?
उत्तर: पूजा
प्रश्न-4: 'घड़ी' शब्द का अर्थ क्या है?
उत्तर: समय
प्रश्न-5: 'सुमिरन' का पर्यायवाची शब्द बताएं।
उत्तर: ध्यान
प्रश्न-6: 'द्रव्य' का विपरीतार्थक शब्द बताएं।
उत्तर: अद्रव्य
प्रश्न-1: 'जात न पूछो साधु की' का मतलब है जाति महत्वपूर्ण है।
उत्तर: गलत
प्रश्न-2: 'अवत गरी एक है' का मतलब है बुरी बातें एक जैसी होती हैं।
उत्तर: गलत
प्रश्न-3: 'जीभ फिरै मुख माहिं' का अर्थ है जीभ को बार-बार हिलाना।
उत्तर: सही
प्रश्न-4: 'कबीर धान न नाँखिए' का मतलब है छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देना चाहिए।
उत्तर: गलत
प्रश्न-5: 'आपु न बेची कोइ द्रव्य' का अर्थ है अपने आत्म-सम्मान को बेचना।
उत्तर: गलत
प्रश्न-6: 'द्रव्य' का मतलब है संपत्ति।
उत्तर: सही
प्रश्न-1: 'जात' शब्द का विलोम शब्द बताएं।
उत्तर: आगत
प्रश्न-2: 'तलवार' शब्द का पर्यायवाची शब्द बताएं।
उत्तर: खड्ग'
प्रश्न-3: कर' शब्द का लिंग परिवर्तन करें।
उत्तर: कर (पुल्लिंग) - करनी (स्त्रीलिंग)
प्रश्न-4: 'माला' शब्द का बहुवचन रूप बताएं।
उत्तर: मालाएँ
प्रश्न-5: 'द्रव्य' शब्द का समास विग्रह करें।
उत्तर: द्रव + य
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1. कबीर की साखियाँ क्या हैं और ये किस विषय पर आधारित हैं? | ![]() |
2. कबीर की साखियों में प्रमुख संदेश क्या है? | ![]() |
3. कबीर की साखियों का साहित्यिक महत्व क्या है? | ![]() |
4. कबीर की साखियों को किस प्रकार से समझा जा सकता है? | ![]() |
5. कबीर की साखियों का शिक्षण में उपयोग कैसे किया जा सकता है? | ![]() |