Class 7 Exam  >  Class 7 Notes  >  संस्कृत कक्षा 7 (Sanskrit Class 7)  >  अनुवाद - अनारिकाया: जिज्ञासा | Chapter Explanation

अनुवाद - अनारिकाया: जिज्ञासा | Chapter Explanation | संस्कृत कक्षा 7 (Sanskrit Class 7) PDF Download

(क) बालिकाया: अनारिकाया: मनसि सर्वदा महती जिज्ञासा भवति। अत: सा बहून्‌ प्रश्नान्‌ पृच्छति। तस्या: प्रश्न: सर्वेषां बुद्धि: चक्रवत्‌ भ्रमति। प्रात: उत्थाय सा अन्वभवत्‌ यत्‌ तस्या: मनः प्रसन्नं नास्ति। मनोविनोदाय सा भ्रमितुं गृहात्‌ बहि: अगच्छत्‌ |

सरलार्थ -

बालिका अनारिका के मन में सदा बड़ी जिज्ञासा रहती है । अतः वह अनेक प्रशन पूछती है । उसके प्रशनों के द्वारा सभी की बुद्धि चक्र के समान घूमती है । सुबह उठकर उसने अनुभव किया कि उसका मन प्रसन्न नही है । मन को प्रसन्न करने के लिए वह घूमने के लिए घर से बाहर चली गई ।

(ख) भ्रमणकाले सा अपश्यत्‌ यत्‌ मार्गा: सुसज्जिता: सन्ति। सा चिन्तयति - किमर्थम्‌ इयं सज्जा? सा अस्मरत्‌ यत्‌ अद्य तु मन्त्री आगमिष्यति। स: अत्न किमर्थम्‌ आगमिष्यति इति विषये तस्या: जिज्ञासा: प्रारब्धा:। गृहम्‌ आगत्य सा पितरम्‌ अपृच्छत्‌- “पित: मन्त्री किमर्थम्‌ आगच्छति?' पिता अवदतू-'पुत्रि! नद्या; उपरि नवीन: सेतु: निर्मितः। तस्य उद्घाटनार्थ मन्त्री आगच्छति।”

सरलार्थ -

भ्रमण के साथ उसने देखा कि रास्ते सजे हुए है । वह सोचती है - ये किसलिए सजे हैं । वह याद करती है कि आज तो मन्त्री आएंगे । "वह यहाँ किसलिए आएंगे ? इस विषय में उसकी जिज्ञासा आरंभ हो गई । वह घर लौटकर आई (और) पिता से पूछी- हे पिता ! मन्त्री किसलिए आ रहे हैं ? " पिता जी बोले - हे पुत्री ! नदी के उपर (जो) नया पुल बनाया गया है , उसके उद्घाटन के लिए मन्त्री आ रहें हैं ।"

(ग) अनारिका पुनः अपृच्छत्‌-''पित:! कि मन्त्री सेतो: निर्माणम्‌ अकरोत्‌?”! पिता अकथयत्‌-“न हि पुत्रि! सेतो: निर्माणं कर्मकरा: अकुर्वन्‌।” पुन: अनारिकाया: प्रश्न: आसीत्‌-''यदि कर्मकरा: सेतो: निर्माणम्‌ अकुर्वनू, तदा मन्त्री किमर्थम्‌ आगच्छति?” पिता अवदत्‌- “यतो हि स: अस्माकं देशस्य मन्त्री।''

सरलार्थ -

अनारिका ने फिर पूछा - " हे पिता ! क्या मंत्री ने पूल का निर्माण किया है ? " पिता बोले - नही (निश्चित रुप से नहीं) बेटी । पुल का निर्माण मजदूरों ने किया है । पुनः (फिर से) अनारिका का प्रशन था - यदि नौकरों ने पुल का निर्माण किया है , तब मन्त्री किसलिए आ रहे हैं ? पिता (जी) बोले - क्योंकि वह हमारें देश के मन्त्री हैं ।

(घ) “पित:! सेतो: निर्माणाय प्रस्तराणि कुतः आयान्ति? कि तानि मन्त्री ददाति?'! विरक्तभावेन पिता उदतरत्‌-''अनारिके! प्रस्तराणि जना: पर्वतेभ्य: आनयन्ति।” “पित:! तहिं किम्‌, एतदर्थ मन्त्री धनं ददाति? तस्य पाश्वें धनानि कुत: आगच्छन्ति?'! एतान्‌ प्रश्नान्‌ श्रुत्वा पिताउवदत्‌-'' अरे! प्रजा: धनं प्रयच्छन्ति।”

सरलार्थ -

हे पिता (जी) ! पुल के निर्माण के लिए पत्थर कहाँ से आते हैं ? क्या उन्हें मन्त्री देता है ? " विरक्तभाव (उदासीन भाव) से पिता (जी) उत्तर दिए - "हे अनारिका ! पत्थर (तो) लोग पर्वत से लाते है ।" (फिर अनारिका पूछी) "हे पिता (जी) ! तो क्या , इसके लिए मन्त्री धन देते हैं ? उसके (उनके) पास धन कहाँ से आते हैं ? इन प्रश्नों को सुनकर पिता (जी) बोले - अरे ! प्रजा सरकार के लिए धन देती है ।"

(ङ) विस्मिता अनारिका पुन: अपृच्छत्‌-''पित:] कर्मकरा: पर्वतेभ्य: प्रस्तराणि आनयन्ति। ते एवं सेतु निर्मान्ति। प्रजा: धनं ददति। तथापि सेतो: उद्घाटनार्थ मन्त्री किमर्थम्‌ आगच्छति?” पिता अवदत्‌-''प्रथममेव अहम्‌ अकथयम्‌ यत्‌ सः देशस्य मन्त्री अस्ति। स जनप्रतिनिधि: अपि अस्ति। जनताया: धनेन निर्मितस्य सेतो: उद्घाटनाय जनप्रतिनिधि: आमन्त्रित भवति। चल सुसज्जिता भूत्वा विद्यालयं चल।” अनारिकाया: मनसि इतोरपि बहव: प्रश्ना: सन्ति।

सरलार्थ -

आश्चर्यचकित अनारिका ने फिर पूछा "हे पिता ! (यदि) मजदुर पर्वत से पत्थर लाते हैं । वे ही पुल का निर्माण करते हैं । प्रजा सरकार को धन देती है । फिर भी पुल के उद्घाटन के लिए मन्त्री किसलिए आ रहे हैं ? पिता बोले - पहले ही मैने कहा कि वह ही देश के मन्त्री हैं । (तु) बहुत सवाल करती है । चलो । तैयार होकर विद्यालय चलो । अब भी अनारिका के मन में बहुत प्रश्न है ।"

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FAQs on अनुवाद - अनारिकाया: जिज्ञासा - Chapter Explanation - संस्कृत कक्षा 7 (Sanskrit Class 7)

1. अनारिकाया क्या है?
उत्तर: अनारिकाया एक फल है जो अनार पेड़ से प्राप्त होता है। यह गुणकारी बीजों और रसदार लाल मालिनी पुष्पों के लिए प्रसिद्ध है।
2. अनारिकाया पेड़ किस आकृति का होता है?
उत्तर: अनारिकाया पेड़ छोटे से गांठदार पेड़ की आकृति में होता है जिसकी ऊँचाई करीब 5-10 मीटर तक होती है।
3. अनारिकाया के क्या औषधीय गुण हैं?
उत्तर: अनारिकाया में कई औषधीय गुण होते हैं। यह उच्च मात्रा में विटामिन सी, ए, कालियम, आयरन, फाइबर, और एंटीऑक्सिडेंट्स का स्रोत होता है। इसका सेवन शरीर के लिए लाभदायक होता है और रोगों को रोकने और संभालने में मदद करता है।
4. अनारिकाया के पेड़ की देखभाल कैसे की जाए?
उत्तर: अनारिकाया के पेड़ की देखभाल आसान होती है। इसे धूप और उच्च तापमान के साथ खुशबूदार मिट्टी में बोया जाना चाहिए। इसके लिए नियमित रूप से पानी देना, खाद डालना, और नियमित प्रशिक्षण करना आवश्यक होता है।
5. अनारिकाया के फायदे क्या हैं?
उत्तर: अनारिकाया के कई फायदे होते हैं। इसका सेवन हृदय स्वास्थ्य को सुधारता है, रक्तचाप को नियंत्रित करता है, आंत्र को शांत करता है, पाचन क्रिया को सुधारता है, त्वचा को स्वस्थ रखता है, और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है।
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