I. लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. 1942 में नेताओं की गिरफ्तारी का जनता पर क्या असर हुआ?
उत्तर - 1942 में नेताओं की गिरफ्तारी और गोलीबारी की बात सुनकर जनता भडक़ उठी। उसने हिंसक और सहज प्रदर्शन किए। जनता इतनी उत्तेजित हुई कि वह चुप नहीं बैठ सकती थी। वह तोड़-फोड़ करने से भी नहीं चूक रही थी।
प्रश्न 2. इस आंदोलन में विशविद्यालयों का क्या योगदान रहा?
उत्तर -1942 के इस आंदोलन में जनता जहाँ उग्र प्रदर्शन कर रही थी, वहीं इस आंदोलन में युवा पीढ़ी और विश्विद्लाय के विद्यार्थिओं ने हिंसक और शांतिपूर्ण दोनों कार्यवाहियों में भाग लेकर अपना योगदान दिया।
प्रश्न 3. 1943 ई. में भारत को किस भीषण प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ा? इसका प्रभाव कहाँ-कहाँ तक था?
उत्तर - 1943 ई. में भारत को भीषण अकाल का सामना करना पड़ा। इस अकाल का प्रभाव बंगाल और पूर्वी तथा दक्षिणी भारत की बहुसंख्यक जनता पर पड़ा।
प्रश्न 4. अकाल की भीषणता देखकर भारतीय विद्वान अंग्रेजी नीतियों के बारे में क्या सोचने लगे?
उत्तर - भीषण अकाल से बंगाल और बिहार बुरी तरह प्रभावित हुए। महामारी फैल चुकी थी, ऐसे में भारतीय विद्वानों ने सोचा कि अंग्रेज भारत को कैसी स्थिति में छोडक़र जाएँगे? आनेवाले भारत की तस्वीर कैसी होगी, भारत की और कितनी दुर्गति होगी, क्योंकि स्थिति बद से बदतर होती जा रही थी।
II. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. 1942 में जनता दवारा किया गया प्रदर्शन मूर्खतापूर्ण क्यों था?
उत्तर - 1942 में जनता दवारा जो प्रदर्शन किया गया, उसमें जनता संगठित तो थी पर निहत्थी थी। यह चुनौती मूर्खतापूर्ण तथा बेमौके की थी, क्योंकि अंग्रेजी शासन अपनी सुसंगठित और हथियारबंद सेना लेकर मुकाबले को तैयार था। जनता ने इस युद्ध के लिए कोई तैयारी न की थी, न ही उचित समय का चुनाव किया था।
प्रश्न 2. 1942 के दंगों का ब्रिटिश सरकार पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर -1942 के दंगों के फलस्वरूप जनता ने ब्रिटिश सरकार के प्रति नफरत तथा देश के प्रति प्रेम प्रकट किया। इस दंगे के फलस्वरूप अनेक शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों पर अंग्रेज़ों का अधिकार समाप्त हो गया। इन पर अब पुन: कब्जा करने में अंग्रेजो को हफ्तों लग गए। इन इलाकों में बिहार, बंगाल का मिदिनापुर जि़ला तथा संयुक्त प्रांत (उत्तर प्रदेश) का बलिया जिला था, जिसे अंग्रेज़ों को पुन: जीतना पड़ा।
प्रश्न 3.सन 1943 के अकाल की भीषणता का वर्णन कीजिए।
उत्तर - 1943 के अकाल ने देश को बुरी तरह गरीबी और भुखमरी की ओर धकेल दिया। बंगाल और बिहार इससे बुरी तरह प्रभावित हुए। ब्रिटिश शासन के 170 वर्षों में यह भीषणतम आकाल था। इस अकाल की तुलना 1766 से 1770 के अकाल से की जा सकती है। इसके बाद हैजा, मलेरिया जैसी भीषण बीमारियाँ फैल गईं।
प्रश्न 4. ब्रिटिश सरकार के अंतिम काल में पड़े अकाल के बाद कोलकत्ता में भारत का अंतर्विरोध किस प्रकार उभरकर सामने आया?
उत्तर - ब्रिटिश सरकार के अंतिम काल में पड़े अकाल के बाद कलकत्ता (कोलकत्ता) में भारत का अंतर्विरोध खुलकर देखने को मिला। यहाँ कलकत्ता (कोलकाता) में सडक़ों पर लाशें बिछी थीं, दूसरी ओर यहाँ के ऊपरी तबके के दस हज़ार लोगों पर कोई विशेष असर न हुआ। वे नाच-गाने तथा विलासिता में लीन थे। जहाँ उनका जीवन उल्लासमय था, वहीं गरीब जनता भुखमरी का शिकार हो रही थी।
उपसंहार
भारत की खोज के बारे में अंत में उपसंहारस्वरूप नेहरू जी कहते हैं कि ''मैंने क्या खोजा, क्या पाया है ;यह कल्पना की मैं उसका पर्दा हटाकर उसका वर्तमान रूप देख सकूँगा की वह अपने वर्तमान रूप मैं क्या है और उसका लम्बा अतीत क्या रहा होगा मेरी अनधिकार चेष्टा थी| वास्तव में भारत एक भौगोलिक औरआर्थिक सत्ता है, जिसकी विभिन्नता में सांस्कृ तिक एकता है। यह विरोधाभासों का समूह है, जो मज़बूत और अदृश्य सूत्रों से बँधा है। बार-बार जीते जाने के बाद भी यह अजेय है, अपराजेय है। समय-समय पर यहाँ अनेक महापुरुषों ने जन्म लिया है] जिन्होंने इससे समय के साँचे में ढाला है। रवींद्रनाथ टैगोर आधुनिक प्रवित्तियों से सराबोर थे, किंतु उनकी नींव भारत में थी।
भारत का पुराना जादू अब टूट रहा है। वह वर्तमान के प्रति जागरूक हो रहा है। समयानुसार यह परिवर्तन आवश्यक भी था, इसके बाद भी ड्ढसमें जनता को बाँधने का सम्मोहन मौजूद रहेगा।
हमारे पास भारत के अतीत की बहुतायत है। विदेशों में तो हम वर्तमान की खोज में जाते हैं। हम अन्य देशों से पिछड़ न जाएँ इसलिए यह तलाश ज़रूरी है। आज अंतर्रांष्ट्रीय होते हुए इस जीवन में हमें अपनी भूमिका निभानी होगी। इसके लिए यात्राएँ करनी होंगी, दूसरों से मिलना होगा। उन्हें सीखना तथा समझना होगा। सच्ची अंतर्रांष्ट्रीयता के आधार पर ही हम उन्नति कर सकते हैं। हम भारतवासी हैं। हमें अपनी जन्मभूमि, देशवासियों, सभ्यता तथा संस्कृति पर गर्व करना चाहिए। हमें सभ्यता और प्रगति की गाड़ी में औरों के साथ चलने के लिए लंबा स.फर तय करना है तथा अपनी कमियों को दूर करना है। हमें सीमित समय में यह सब करना है। हम एक ऐसी दुनिया की ओर कदम बढ़ा रहे हैं जहाँ राष्ट्रीय संस्कृतियाँ मानव-जाति की अंतर्रांष्ट्रीय संस्कृति में घुल-मिल जाएँगी। हमें समझदारी, मित्रता] ज्ञान और सहयोग की तलाश करनी है। हम आत्मनिर्भर होकर दूसरों का सहयोग करेंगे तभी हम सच्चे भारतीय, अच्छे अंतर्रांष्ट्रीयतावादी तथा विश्व नागरिक होंगे।
शब्दार्थ—
पृष्ठ- अनधिकार—बिना हक के। चेष्टा—कोशिश। पुंज—गुच्छा। अहंकारी—घमंडी। अपराजेय—जिसे जीता न जा सके। सराबोर—पूरी तरह से भरा हुआ। जागरूक—सचेत।
पृष्ठ - सम्मोहन—आकर्षित करने की क्षमता। बहुतायत—अधिकता। क्षय—हानि। लंगरगाह—बंदरगाह । गर्व—अभिमान। सीमित—कम। आत्मसात करना—अपनाना। प्रार्थी—प्रार्थना करनेवाला।
I. लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. भारत ने अपने स्वरूप को किस प्रकार बचाए रखा है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - भारत ने अतीत में भले ही अनेक प्रकार की मुसीबतों का सामना किया हो, चाहे वह आक्रमणकारियों का रहा हो, ब्रिटिश आंतक रहा हो या फिर 1943 का भीषण अकाल और उससे उत्पन्न महामारी तथा भुखमरी हो, भारत ने अपना स्वरूप उसी प्रकार बनाए तथा बचाए रखा जैसे प्रकृति कल के युद्ध स्थल को आज फूलों और हरी घास से ढँक देती है।
प्रश्न 2. रवींद्रनाथ टैगोर अतीत एवं आधुनिक प्रवित्तियों के संगम थे। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - रवींद्रनाथ टैगोर आधुनिक युग की प्रकृति और प्रवित्तियों से गहरा संबंध रखते थे। उन्होंने इन प्रवित्तियों को अपनाया किंतु अपने देश की सभ्यता, संस्कृति तथा विरासत को नहीं भूले। इस प्रकार वह अतीत और आधुनिक प्रवित्तियों के संगम थे।
प्रश्न 3. हम भारतवासी अच्छे अन्तराष्ट्यावादी और विश्व नागरिक कब बन सकेंगे?
उत्तर - हम भारतवासी सामूहिक कार्यों में सबके साथ सहयोग करेंगे। हम अपने देश की परिधि में बँधकर स्वार्थपूर्ण कार्य नहीं करेंगे। इस प्रकार हम सच्चे भारतीय होने के साथ अन्तराष्ट्यावादी और विश्व नागरिक बन सकेंगे।
II. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 'उपसंहार के आधार पर भारत की विशेषताओं का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर - भारत एक भौगोलिक एवं आर्थिक सत्ता है, जिसकी विभिन्नता में भी एकता छिपी है। यह विभिन्नता का पुंज होकर भी मज़बूत और अदृश्य सूत्रों में बँधा है। बार-बार हमलावरों ने इसे जीतने की कोशिश की, पर वे इसकी आत्मा नहीं जीत सके, बल्कि वे यहीं के होकर रह गए। भारत अपराजेय रहा है। यहाँ समय-समय पर अनेक स्त्री-पुरुषों ने जन्म लिया जिन्होंने इसे समय के अनुरूप ढालने का प्रयास किया।
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1. कौन सी भारतीय भूमि और अंग्रेजी भूमि को दर्शाती है? |
2. दोनों पृष्ठभूमियों के बीच क्या अंतर है? |
3. इन पृष्ठभूमियों का उपयोग किन-किन विषयों में किया जाता है? |
4. क्या कक्षा 8 के छात्रों को इन पृष्ठभूमियों का उपयोग करना चाहिए? |
5. यदि कोई छात्र अंग्रेजी पृष्ठभूमि के बारे में ज्यादा जानना चाहता है, तो उसे क्या करना चाहिए? |
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