सर्वनाम के भेद व्यावहारिक आधार पर सर्वनाम के निम्नलिखित छ: भेद हैं-
परिभाषा प्रकार प्रयोग अभ्यास सर्वनाम संज्ञाओं की पुनरावृत्ति को रोककर वाक्यों को सौंदर्ययुक्त बनाता है।
नीचे लिखे वाक्यों को ध्यानपूर्वक देखें
अब इन वाक्यों पर गौर करें-
आपने क्या देखा? प्रथम पाँचों वाक्यों में संज्ञा ‘पेड़-पौधे’ दुहराए जाने के कारण वाक्य भद्दे हो गए जबकि नीचे के पाँचों वाक्य सुन्दर हैं। आपने यह भी देखा कि ‘वे’ और ‘उनसे’ पद ‘पेड़-पौधे’ की ओर संकेत करते हैं।
अतएव, सर्वनाम वैसे शब्द हैं, जो संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होते हैं।
‘उक्त वाक्यों में ‘वे’ और ‘उनसे’ सर्वनाम हैं।
मूलतः सर्वनामों की संख्या ग्यारह है
मै, तू, आप, यह, वह, जो, सो, कौन, क्या, कोई और कुछ ये सभी मौलिक सर्वनाम कहलाते हैं। जब इन पर कारक-चिह्नों का प्रभाव पड़ता है, तब ये यौगिक रूप बन जाते हैं।
जैसे-
मौलिक सर्वनाम मैं
यौगिक सर्वनाम मैंने, मुझे, मुझको, हमें, हम, हमको, मेरा, मेरे, मेरी, मुझमें, मेरे लिए इत्यादि।
नोट : सर्वनाम के यौगिक रूपों की चर्चा कारक-प्रकरण में हो चुकी है।
नीचे लिखे वाक्यों के खाली स्थानों में कोष्ठक में दिए गए सर्वनामों के यौगिक रूपों को भरें
सर्वनाम छह प्रकार के होते हैं-
1. पुरुषवाचक सर्वनाम
“जिस सर्वनाम का प्रयोग स्त्री एवं पुरुष दोनों के लिए किया जाता है, ‘पुरुषवाचक सर्वनाम’ (Personal Pronoun) कहलाता है।”
सर्वनाम का अपना कोई लिंग नहीं होता है। इसके लिंग का निर्धारण क्रियापद से ही होता है। पुरुषवाचक सर्वनाम के अंतर्गत मैं, तू, आप, यह और वह आते हैं।
नीचे लिखे उदाहरणों को देखें-
मैं फिल्म देखना चाहता हूँ। (पुं०)
मैं घर जाना चाहती हूँ। (स्त्री०)
तू कहता है तो ठीक ही होगा। (पुं०)
तू जब तक आई तब तक वह चला गया। (स्त्री०)
आजकल आप कहाँ रहते हैं? (पुं०)
आप जहाँ भी रहती हैं खुशियों का माहौल रहता है। (स्त्री०)
पुरुषवाचक सर्वनामों की तीन स्थितियाँ (भेद) होती हैं-
पुरुषवाचक सर्वनामों के संज्ञा की तरह दो वचन होते हैं। नीचे दी गई तालिका को देखें
2. निजवाचक सर्वनाम
“जिस सर्वनाम का प्रयोग कर्ता कारक स्वयं के लिए करता है, उसे ‘निजवाचक सर्वनाम’ (Reflexive Pronoun) कहते हैं।’ इसके अंतर्गत आप, स्वयं, खुद, स्वतः आदि आते हैं?
नीचे लिखे उदाहरणों को देखें-
आप कहाँ से आ रहे हैं?
विश्लेषण : इस वाक्य में ‘आप’ का प्रयोग किसी पुरुष के लिए होने के कारण यह पुरुषवाचक के अंतर्गत है।
मैं आप चला जाऊँगा। विश्लेषण : यहाँ ‘मैं’ कर्ता ने ‘आप’ का प्रयोग स्वयं के लिए किया है। इस कारण यह निजवाचक के अंतर्गत आएगा।
3. निश्चयवाचक सर्वनाम
“जिस सर्वनाम से किसी वस्तु या व्यक्ति अथवा पदार्थ के विषय में ठीक-ठीक और निश्चित ज्ञान हो, ‘निश्चयवाचक सर्वनाम’ (Demonstrative Pronoun) कहलाता है।’
इस सर्वनाम के अन्तर्गत ‘यह’ और ‘वह’ आते हैं। ‘यह’ निकट के लिए और ‘वह’ दूर। के लिए प्रयुक्त होते हैं।
नोट : ‘यह’ और ‘वह’ पुरुषवाचक सर्वनाम भी हैं और निश्चयवाचक भी। नीचे दिए गए। उदाहरणों और विश्लेषणों को देखें :
आजकल यह कुछ नहीं खाता-पीता है।
वह एकबार फिर दौड़-प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर रहा।
विश्लेषण : उक्त दोनों वाक्यों में ‘यह’ और ‘वह’ का प्रयोग पुरुषों के लिए होने के कारण दोनों पुरुषवाचक के अंतर्गत आएँगे।
यह गाय है। वह बिलायती चूहा है। विश्लेषण : उपर्युक्त दोनों वाक्यों में ‘यह’ गाय की निश्चितता के लिए और ‘वह’ चूहे की निश्चितता के लिए प्रयुक्त होने के कारण दोनों निश्चयवाचक सर्वनाम के अंतर्गत आएँगे।
4. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
“वह सर्वनाम, जो किसी निश्चित वस्तु या व्यक्ति का बोध नहीं कराए, ‘अश्चियवाचक सर्वनाम’ (Indefinite Pronoun) कहलाता है।”
इस सर्वनाम के अंतर्गत ‘कोई’ और ‘कुछ’ आते हैं। जैसे- आपके घर पर कोई आया है। कुछ दे दीजिए। कुछ काम करो।
5. प्रश्नवाचक सर्वनाम
"जिस सर्वनाम का प्रयोग प्रश्न करने के लिए किया जाय, ‘प्रश्नवाचक सर्वनाम’ (Interrogative Pronoun) कहलाता है।”
इसके अंतर्गत ‘कौन’ और ‘क्या’—ये दो सर्वनाम आते हैं। ‘कौन’ का प्रयोग सदैव सजीवों के लिए और ‘क्या’ का प्रयोग निर्जीवों के लिए होता है।
जैसे-
देखो तो कौन आया है?
आपने क्या खाया है?
6. संबंधवाचक सर्वनाम
“जिस सर्वनाम से एक शब्द या वाक्य का दूसरे शब्द या वाक्य से संबंध जाना जाता है, उसे ‘सबंधवाचक सर्वनाम’ (Relative Pronoun) कहते हैं।”
इसके अंतर्गत ‘जो’ और ‘सो’ आते हैं। अब ‘सो’ के स्थान पर ‘वह’ का प्रयोग होने लगा है। नीचे लिखे वाक्यों को देखें-
जो जागेगा सो पावेगा, जो सोवेगा सो खोवेगा (पु० हिन्दी) जो जागेगा वह पाएगा, जो सोएगा वह खोएगा। (आ० हि.) जो के अन्य रूप भी होते हैं।
जैसे-
जिसका, जो कि, जिसको, जिन्होंने, जिनके आदि।
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