सिंधु घाटी सभ्यता (IVC) भारत के इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण है। इसे हड़प्पा सभ्यता के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि हड़प्पा शहर की खोज दया राम साहनी ने 1921 में रावी नदी के पास की थी। यह सभ्यता SSC CGL परीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है क्योंकि इसने बाद की भारतीय संस्कृतियों की नींव रखी।
इस दस्तावेज़ में, हम सिंधु घाटी सभ्यता के विभिन्न पहलुओं का पता लगाएंगे , जिसमें इसकी पृष्ठभूमि, खोज, भौगोलिक विस्तार, महत्वपूर्ण स्थल, सामाजिक-राजनीतिक विशेषताएं, आर्थिक पहलू, सांस्कृतिक विशेषताएं, नगर नियोजन, विभिन्न चरण और सभ्यता का पतन शामिल हैं।
दया राम साहनी
हड़प्पा
मोहन जोदड़ो
सुत्कागेंडोर
Chanhudaro
अमरी
कालीबंगा
लोथल
सुरकोताडा
बनावली
धोलावीरा
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सिंधु घाटी सभ्यता
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सिंधु सभ्यता, जिसे सिंधु घाटी सभ्यता या हड़प्पा सभ्यता के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय उपमहाद्वीप की पहली ज्ञात शहरी संस्कृति थी। ऐसा प्रतीत होता है कि यह सभ्यता 2500 और 1700 ईसा पूर्व के बीच अस्तित्व में थी, हालाँकि दक्षिणी स्थल दूसरी सहस्राब्दी ईसा पूर्व तक जारी रहे होंगे। सिंधु सभ्यता दुनिया की तीन प्रारंभिक सभ्यताओं (अन्य मेसोपोटामिया और मिस्र हैं) में सबसे बड़ी थी।
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1. सिंधु घाटी सभ्यता क्या है और इसकी पृष्ठभूमि क्या है? | ![]() |
2. सिंधु घाटी सभ्यता की खोज कब और कैसे की गई? | ![]() |
3. सिंधु घाटी सभ्यता का भौगोलिक विस्तार क्या था? | ![]() |
4. सिंधु घाटी सभ्यता की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं? | ![]() |
5. सिंधु घाटी सभ्यता का निष्कर्ष क्या है? | ![]() |