आपातकालीन शक्तियों का उल्लेख
यद्ध, बाह्य आक्रमण अथवा आंतरिक अशांति के कारण आपात की उद्धोषणा , उसका प्रभाव तथा स्वतंत्राता प्राप्ति के बाद से अब तक इसका व्यवहार
आपातघोषणा का प्रभाव
(क) संघ की कार्यपालिका (केन्द्रीय सरकार) राज्यों की कार्यपालिकाओं - को यह निर्देश दे सकती है कि वे अपनी शक्ति का प्रयोग किस प्रकार से करें।
(ख) संसद को सम्पूर्ण भारत अथवा उसके किसी क्षेत्रा विशेष के लिए सभी सूचियों - जिसमें - कि राज्य सूची भी शामिल है के सभी विषयों पर कानून निर्माण करने की शक्ति प्राप्त हो जाएगी।
अनच्छेद 352 व्यवहार में
राष्ट्रपति यह घोषणा कर सकता है कि-
(क) उस राज्य की सरकार की सभी शक्तियाँ एवं कार्य वह अपने हाथ में - लेता है।
(ख) राज्य विधान मण्डल की शक्तियाँ संसद द्वारा या उसके अधीन किसी अधिकारी द्वारा प्रयोग की जाएँगी।
(ग) राज्य के किसी निकाय या अधिकारी से सम्बन्धित संविधान के किन्हीं उपबन्धों - के पूर्ण या आंशिक प्रवर्तन (लागू होने को) को पूरी तरह या किसी भाग को निलम्बित या
स्थगित कर सकता है यदि राष्ट्रपति को अनच्छेद 358 के अधीन उद्धोषणा के लागू होने के लिए आवश्यक या वांछनीय लगे।
घोषणा के संवैधानिक प्रभाव
वित्तीय आपात एवं उसका प्रभाव
वित्तीय आपात
वित्तीय संकट के प्रभाव
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