राज्यपाल की नियुक्ति
राज्यपाल की पदावधि
अनुच्छेद 156(1) के अनुसार
राज्यपाल, राष्ट्रपति के प्रसादपर्यन्त अपना पद धारण करेगा।
अनुच्छेद 156(2) के अनुसार
राज्यपाल राष्ट्रपति को अपनी इच्छानुसार अपने हस्ताक्षर सहित लिखित त्यागपत्रा द्वारा पद मुक्त हो सकता है।
(1) भारत का नागरिक हो,
(2) वह 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो।
राज्यपाल के पद के लिए शर्तें
(i) राज्यपाल को संसद के किसी भी सदन का या भारत राज्य क्षेत्रा के किसी भी राज्य के विधानमण्डल के किसी सदन का सदस्य नहीं होना चाहिए। यदि कोई ऐसा व्यक्ति राज्यपाल नियुक्त कर दिया जाए जो कि संसद के किसी भी सदन का अथवा किसी भी राज्य के विधानमण्डल के किसी सदन का सदस्य है तो राज्यपाल का पद ग्रहण करने की तारीख से यह समझा जाएगा कि उसने जिस सदन का वह सदस्य था उसमें अपना स्थान रिक्त कर दिया है। (अनुच्छेद 158 (1))
(ii) राज्यपाल भारत सरकार या किसी भी राज्य सरकार के अधीन लाभ का कोई पद धारण नहीं करेगा।
राज्यपाल द्वारा शपथ
" मैं अमुक, ईश्वर की शपथ लेता हूं (या सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञा करता हूं) कि मैं श्रद्धापूर्वक - (राज्य का नाम) के राज्यपाल के पद का कार्यपालन (अथवा राज्यपाल के ड्डदायित्यों का निर्वहन) करूंगा तथा अपनी पूरी योग्यता से संविधान और विधि का परिरक्षण, संरक्षण और प्रतिरक्षण करूंगा और मैं - (राज्य का नाम) की जनता की सेवा और कल्याण में रत रहूंगा।"
राज्यपाल की शक्तियाँ
कार्यपालिका शक्तियाँ
महत्वपूर्ण तथ्य
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विधायी शक्तियाँ
वित्तीय शक्ति
न्यायिक शक्तियाँ
आपात शक्तियाँ
अन्य शक्तियाँ
स्वविवेक शक्तियाँ
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1. भारतीय राजव्यवस्था में राज्यपाल का क्या महत्व होता है? |
2. भारतीय राजव्यवस्था में राज्यपाल किस प्रकार नियुक्त होता है? |
3. भारतीय राजव्यवस्था में राज्यपाल की क्षमताओं में कौन-कौन से कार्य शामिल होते हैं? |
4. राज्यपाल की कार्यकाल की अवधि क्या होती है? |
5. भारतीय राजव्यवस्था में राज्यपाल की नियुक्ति किस तरीके से होती है? |
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