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संयुक्त राष्ट्र महासचिव एवं संयुक्त राष्ट्र के विशिष्ट अभिकरण - भारतीय राजव्यवस्था | भारतीय राजव्यवस्था (Indian Polity) for UPSC CSE in Hindi PDF Download

संयुक्त राष्ट्र महासचिव

  • 1 फरवरी, 1946 को नार्वे के त्रिग्वेली प्रथम महासचिव नियुक्त किये गये थे।
  • 1 नवम्बर, 1950 को उनका कार्यकाल तीन वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया। 10 नवम्बर, 1952 को उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया।
  • 10 अप्रैल 1953 को स्वीडन के डाॅग हैमरशोल्ड को महासचिव नियुक्त किया गया।
  • कांगों में विमान दुर्घटना में डाॅग हैमरशोल्ड की मृत्यु हो जाने के बाद सितम्बर 1961 को बर्मा के ऊ-थाँट अस्थायी एवं बाद में स्थायी महासचिव  बनाये गये। उनको 1966 में अलग पाँच वर्षों के लिये दुबारा चुन लिया गया।
  • 22 सितम्बर, 1971 को डाॅ. कुर्त वाल्डहाईम को इस पद पर नियुक्त किया गया।
  • सन् 1982 से जेवियर परेज डी कुइयार महासचिव पद पर कार्यरत थे।
  • 1 जनवरी, 1992 से 37  दिस., 96 तक डा. बुतरस घाली-(मिस्र ) महासचिव के पद पर रहे।
  • 1 जनवरी, 1997 से श्री कोफी अन्नान संयुक्त राष्ट्र के महासचिव पद पर कार्यरत हैं। 

संयुक्त राष्ट्र के विशिष्ट अभिकरण

  • यद्यपि संयुक्त राष्ट्र संघ का प्रमुख उद्देश्य विश्व शांति एवं सुरक्षा स्थापित करना है तथापि अन्य क्षेत्रों में भी राष्ट्रों में आपसी सहयोग द्वारा उक्त उद्देश्य की प्राप्ति को सुगम बनाने के लिए विशिष्ट अभिकरणों की व्यवस्था की गयी है। संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रमुख अभिकरणों को मोटे तौर पर चार भागों में बांटा जा सकता है -

(a) तकनीकी मामलों में सक्रिय अभिकरण - (i) विश्व डाक संघ, (ii) अन्तर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संघ, (iii) विश्व अंतरिक्ष विज्ञान संगठन, (iv) विश्व मौसम विज्ञान संगठन एवं (v) अन्तर्राष्ट्रीय दूर-संचार संघ।

(b) सामाजिक एवं मानवीय गतिविधियों में सक्रिय अभिकरण - (i) यूनेस्को, (ii) विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं (iii) अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन।

(c) अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय समस्याओं-आर्थिक विकास में सक्रिय अभिकरण - (i) पुनर्निर्माण एवं विकास का अन्तर्राष्ट्रीय बैंक (विश्व बैंक), (ii) अन्तर्राष्ट्रीय विकास संगठन एवं (iii) अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष।

(d) विशुद्ध रूप से आर्थिक समस्याओं से संबद्ध अभिकरण - (i) खाद्य एवं कृषि संगठन, (ii) अन्तर्राष्ट्रीय वित्त निगम तथा (iii) अन्तर्राष्ट्रीय कृषि विकास निधि।

(1) खाद्य एवं कृषि संगठन (Food and Agricultural Organiza tion) - इस संगठन की स्थापना 1943 में खाद्य एवं कृषि सम्बन्धी संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन के फलस्वरूप हुई थी। इस संगठन का उद्देश्य पोषण स्तर एवं जीवन स्तर को बढ़ाना है। 16 अक्टूबर, 1945 से यह संगठन पूर्ण रूप से अस्तित्व में आया। इस संगठन का मुख्य कार्य खाद्य एवं कृषि सम्बन्धी सूचना संग्रहित करना, उनका प्रसार करना एवं विश्लेषण करना है।

  • प्रत्येक सदस्य राष्ट्र इस सम्मेलन में एक प्रतिनिधि भेजता है। इसके अन्तर्गत 49 सदस्यों की एक परिषद है, जिसे विश्व खाद्य परिषद कहा जाता है। खाद्य और कृषि संगठन खाद्य संकट की समस्या को हल करने में सतत प्रयत्नशील है।

(2) विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) - यह संस्था 7 अप्रैल, 1948 को अस्तित्व में आयी। इस संगठन का उद्देश्य विश्व के देशों की जनता द्वारा स्वास्थ्य की उच्चतम सम्भव दशा को प्राप्त करना है। इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिये यह संगठन अन्तर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य के कार्यों का संचालन एवं समन्वय, महामारियों एवं बीमारियों के उन्मूलन को प्रोत्साहित करना, आहार पोषण, निवास गृह और सफाई तथा काम करने की दशाओं को उन्नत करने आदि का कार्य करता है।
इसका मुख्यालय - जेनेवा में और प्रादेशिक कार्यालय अलेग्जेंड्रिया, ब्राजेविला, कोपेनहेगन, मनीला, नयी दिल्ली तथा वाशिंगटन में स्थित है।

(3) अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (International Labour Organization)- इसकी स्थापना 1919 में राष्ट्र संघ के एक स्वायत्त अंग के रूप में हुई थी। राष्ट्र संघ के अन्तर्गत यह प्रथम विशिष्ट अभिकरण था एवं 1946 में इसे संयुक्त राष्ट्र संघ का अंग स्वीकार कर लिया गया। यह विश्व में श्रमिक, मालिक और सरकार के त्रिविध सहयोग का प्रयत्न करने वाला सबसे बड़ा संगठन है। अन्तः सरकारी एजेन्सी के रूप में यह संगठन श्रमिकों की स्थिति में सुधार करने, जीवन स्तर उन्नत करने एवं सामाजिक शान्ति बनाये रखने का प्रयत्न करता है। यह संगठन अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलनों द्वारा मजदूरों के हित में कार्य करता है। इसका मुख्यालय जेनेवा (स्विट्जरलैण्ड) में स्थित है।

(4) अन्तर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन (International Civil Aviation Organiz-ation) - अन्तर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संघ 4 अप्रैल, 1947 को संयुक्त राष्ट्र संघ का एक विशिष्ट अभिकरण बना। यह आधारभूत रूप से तकनीकी संगठन है। अन्तर्राष्ट्रीय सिविल उड्डयन की समस्याओं का अध्ययन, सिविल उड्डयन के अन्तर्राष्ट्रीय मानदण्ड एवं नियम निश्चित करना इसका मुख्य उद्देश्य है।

(5) अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु शक्ति एजेन्सी (International Atomic Energy Agency)- अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु शक्ति एजेन्सी की स्थापना 29 जुलाई, 1957 को हुई। 26 अक्टूबर, 1956 को न्यूयार्क के संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित एक अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में इसकी संविधि को अनुमोदित किया गया था। 1957 में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राज्यों ने एक समझौता सूत्र स्वीकार किया जिसके अनुसार इसे स्वायत्त अन्तर्राष्ट्रीय संगठन की स्थिति प्रदान की गयी, अतः इसे न तो संयुक्त राष्ट्र संघ का सहायक अंग कहा जा सकता है और न उसका विशिष्ट अभिकरण। इस अभिकरण का मुख्य उद्देश्य परमाणु ऊर्जा के शान्तिपूर्ण उपयोग को प्रोत्साहित करना है। विश्व भर में शान्ति, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए परमाणु ऊर्जा को द्रुतगति से व्यापक बनाना भी इसका उद्देश्य है। इसका मुख्यालय वियना (आस्ट्रिया) में स्थित है।

(6) अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) - एक स्वतंत्र अन्तर्राष्ट्रीय संगठन के रूप में अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना 27 दिसम्बर, 1945 को हुई थी तथा 1 मार्च, 1947 से इसने अपना कार्य प्रारम्भ किया। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य अन्तर्राष्ट्रीय मौद्रिक सहयोग को उन्नत करना, अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ाना, विनिमय दरों को स्थायी बनाना, अन्तर्राष्ट्रीय भुगतान असंतुलन को कम करना तथा लाभ के कामों में पूँजी लगाना।

(7) पुनर्निर्माण एवं विकास का अन्तर्राष्ट्रीय बैंक या विश्व बैंक (Internat-ional Bank for Reconstruction and Development or World Bank) - पुनर्निर्माण एवं विकास का अन्तर्राष्ट्रीय बैंक का उद्भव 1944 के ब्रेटन वुड्स सम्मेलन से हुआ तथा विश्व बैंक का कार्य जून, 1946 से प्रारम्भ हुआ। विश्व बैंक निजी विदेशी पूँजी नियोजन को प्रोत्साहन देता है और सदस्य राज्यों को निजी पूँजी उपलब्ध न होने पर उन्हें ऋण देता है। यह सदस्य राज्यों की आर्थिक सुविधाओं के विकास के लिये धन उधार देता है। इस प्रकार यह बैंक उत्पादक प्रयोजनों के लिये अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पूँजी के विनिमय को प्रोत्साहन देता है। वही देश विश्व बैंक का सदस्य हो सकता है जो अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का सदस्य होता है। इस प्रकार दोनों संस्थाओं की सदस्यता साथ-साथ चलती है। विश्व बैंक ने युद्ध में क्षतिग्रस्त तथा विकासशील राष्ट्रों के विकास के लिये सराहनीय कार्य किये है। इसका मुख्यालय वाशिंगटन डी.सी. में स्थित है।

(8) अन्तर्राष्ट्रीय विकास संगठन (International  Deve lopment Associa tion)-  अन्तर्राष्ट्रीय विकास संगठन की स्थापना 24 दिसम्बर, 1960 को की गयी थी जो कि विश्व बैंक की एक सहायक संस्था है। 1 मार्च, 1961 को इसे संयुक्त राष्ट्र का विशिष्ट अभिकरण बनाया गया। इसका मुख्य उद्देश्य अविकसित राज्यों के आर्थिक विकास के लिये न्यनूतम ब्याज दर पर दीर्घ कालीन ऋण देना है। अतः यह विश्व बैंक के विकास सम्बन्धी उद्देश्यों को आगे बढ़ाता है और उसकी कार्यवाहियों को अनुपूरित करता है। विश्व बैंक के पदाधिकारी एवं कर्मचारी वर्ग ही इसके कार्य करते है।

(9) अन्तर्राष्ट्रीय वित्त निगम (International Finance Corporation) -  विश्व बैंक के इस सह संगठन की स्थापना जुलाई, 1956 में हुई तथा 1957 में संयुक्त राष्ट्र का विशिष्ट अभिकरण बना। विकासशील सदस्य राज्यों में निजी उद्योगों को वित्तीय सहायता देना इसका प्रमुख कार्य है। इसे ऋण देने वाली संस्था न कहकर प्रधानतः नियोजन निकाय कहा जा सकता है।

(10) यूनेस्को (UNESCO) - यूनेस्को ‘संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization)  का संक्षिप्त नाम है। 4 नवम्बर, 1946 को स्थापित यह संगठन 14 दिसम्बर, 1946 को संयुक्त राष्ट्र के साथ सम्बद्ध कर दिया गया।

  • यूनेस्को के प्रस्ताव में ही उसका उद्देश्य निहित है। ”युद्ध मनुष्यों के मस्तिष्कों में प्रारम्भ होते है, अतः मनुष्यों के मस्तिष्कों में ही शान्ति की सुरक्षा के लिये व्यवस्था की जानी चाहिए।“ यूनेस्को का उद्देश्य शान्ति एवं सुरक्षा के लिये योगदान करना है जिसकी पूर्ति हेतु शिक्षा, विज्ञान तथा संस्कृति द्वारा राष्ट्रों के मध्य निकटता की भावना का निर्माण करना आवश्यक है।

(11) विनियोग सम्बन्धी विवादों के समाधान का अन्तर्राष्ट्रीय केन्द्र (International Centre for Settlement of Investment Disputes) -  यह अभिकरण 14 अक्टूबर, 1966 से अस्तित्व में आया। यह एक स्वायत्त अन्तर्राष्ट्रीय संस्था है जिसका निर्माण राज्यों एवं राज्यों के नागरिकों के मध्य उत्पन्न होने वाले विनियोग सम्बन्धी विवादों के समाधान के अभिसमय के अन्तर्गत हुआ

(12) विश्व डाक संघ (Universal Postal Union) - विश्व डाक संघ की स्थापना 1 जुलाई, 1975 को हुई थी जब 9 अक्टूबर, 1874 में बर्न में आयोजित डाक कांग्रेस के निर्णयों को स्वीकार किया गया था। इसका पहला नाम सामान्य डाक संघ ;ळमदमतंस च्वेज न्दपवदद्ध था जो 1878 में पेरिस में आयोजित सम्मेलन में बदल गया। इसका मुख्यालय बर्न (स्विट्जरलैण्ड) में है।

(13) अन्तर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (International Telecommunication Union) - 1 जनवरी, 1961 के अभिसमय के अन्तर्गत इस संघ का निर्माण हुआ। इसके मुख्य उद्देश्य इस प्रकार है - (i) सभी प्रकार के दूर संचार के प्रयोग में अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग को कायम रखना एवं उसका विस्तार करना, एवं (ii) दूरसंचार सम्बन्धी प्रादेशिक सुविधाओं को एवं उसकी उपादेयता को प्रोत्साहन देना। उपर्युक्त उद्देश्यों की पूर्ति के लिए यह संगठन रेडियो वेव का आबंटन करता है और रेडियो वेव अंकित करता है, ताकि विभिन्न देशों के रेडियो स्टेशनों के बीच किसी तरह का ध्वनि कारक हस्तक्षेप न होने पाये।

(14) अन्तर्राष्ट्रीय सामुद्रिक संगठन (International Maritime Organiz ation) - यह संगठन 1958 में स्थापित हुआ। यह संगठन नौपरिवहन के लिए उन कार्यों को करता है, जिनको अन्तर्राष्ट्रीय सिविल उड्डयन संघ उड्डयन के लिए करता है। यह मुख्यतः सलाहकारी अभिकरण है जो समुद्रों में नौपरिवहन के लिए सुरक्षा नियमों का निर्धारण करता है। नौपरिवहन के सभी मामलों में अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहन देता है। सचिवालय लन्दन में स्थित है।

(15) संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग (United Nations High Commission for Refugees ) - यह संगठन 1948 में स्थापित किया गया था एवं इसका मुख्यालय जेनेवा में स्थित है। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य ऐसे व्यक्तियों की सहायता करना है जिन्हें किसी कारणवश अपनी मातृभूमि छोड़नी पड़े। यह संगठन शरणार्थियों को संरक्षण प्रदान करने एवं उनकी समस्याओं को निपटाने का प्रयास करती है।

(16) अन्तर्राष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष (United Nations Children's Emergency Fund) - यह संस्था महासभा द्वारा 1946 में स्थापित की गई। 130 राष्ट्रों का एक कार्यकारी मण्डल इसका संचालन करता है। यह एक अर्धशासित संस्था है। इस कोष का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य और पोषण आदि कार्यक्रमों के माध्यम से बाल कल्याण कार्यों को प्रोत्साहन देना है। इसके अतिरिक्त भूकम्प, बाढ़ आदि परिस्थितियों में शिशु और उनकी माताओं के लिये अपेक्षित सहायता करती है।

(17) विश्व मौसम विज्ञान संगठन (World Meteorological Organization) - 1947 में स्थापित यह संगठन 1951 में संयुक्त राष्ट्र संघ का विशिष्ट अभिकरण बन गया। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य मौसम विज्ञान सम्बन्धी विषयों में अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग की वृद्धि करना है। इसके लिये इसने विश्व भर में जगह-जगह मौसम विज्ञान प्रयोगशालाओं की स्थापना की है। इसका मुख्यालय जेनेवा (स्विटजरलैण्ड) में स्थित है।

(18) संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (U.N. Industrial Development Organization) - इस संस्था की स्थापना 1 जनवरी, 1967 को महासभा ने की थी। इसका प्रमुख कार्य संयुक्त राष्ट्र की औद्योगिक एजेन्सियों के कार्यों में समन्वय स्थापित करना है।

(19) विश्व बौद्धिक सम्पदा संगठन (World Intellectual Property Organization) - इस संगठन की स्थापना के समझौते पर 1967 में स्टाकहोम में 51 देशों के हस्ताक्षर हुए थे और यह अप्रैल, 1970 में लागू हुआ था। 1974 में यह संयुक्त राष्ट्र संघ का एक विशेष अभिकरण बन गया। इसका मुख्यालय जेनेवा (स्विट्जरलैण्ड) में स्थित है।

(20) व्यापार और सीमा शुल्क पर समझौता (General Agreement on Tariff and Trade) - इस समझौते पर 1947 में विचार हुआ एवं 1 जनवरी, 1948 को लागू किया गया। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के सामान्य नियम तथा सीमा शुल्क से सम्बन्धित नियमों में एकरूपता एवं स्थिरता स्थापित करना है। इसका मुख्यालय जेनेवा में स्थित है। वर्तमान में विश्व व्यापार संगठन ने इसका स्थान ले लिया है।

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FAQs on संयुक्त राष्ट्र महासचिव एवं संयुक्त राष्ट्र के विशिष्ट अभिकरण - भारतीय राजव्यवस्था - भारतीय राजव्यवस्था (Indian Polity) for UPSC CSE in Hindi

1. संयुक्त राष्ट्र महासचिव क्या होता है?
उत्तर: संयुक्त राष्ट्र महासचिव विश्व के सभी सदस्य देशों के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ का मुखिया होता है। वह संयुक्त राष्ट्र संघ की सभी कार्यवाही को संचालित करता है और संयुक्त राष्ट्र संघ के मंडलीय प्रमुखों के साथ सहयोग करता है।
2. संयुक्त राष्ट्र क्या होता है?
उत्तर: संयुक्त राष्ट्र विश्व का सबसे बड़ा मानवीय संगठन है जिसका मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय शांति, सुरक्षा, सहयोग, विकास और मानवाधिकारों के संरक्षण को सुनिश्चित करना है। संयुक्त राष्ट्र 193 सदस्य राष्ट्रों से मिलकर बना हुआ है।
3. संयुक्त राष्ट्र के विशिष्ट अभिकरण कौन-कौन से हैं?
उत्तर: संयुक्त राष्ट्र के विशिष्ट अभिकरण निम्नलिखित हैं: 1. संयुक्त राष्ट्र महासचिव का अभिकरण 2. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अभिकरण 3. संयुक्त राष्ट्र महिला और शांति अभिकरण 4. संयुक्त राष्ट्र बाल फंड का अभिकरण 5. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम का अभिकरण
4. संयुक्त राष्ट्र महासचिव के कार्य क्या हैं?
उत्तर: संयुक्त राष्ट्र महासचिव के कार्य निम्नलिखित हैं: 1. संयुक्त राष्ट्र संघ की सभी कार्यवाही को संचालित करना 2. संयुक्त राष्ट्र संघ के उच्च स्तरीय बैठकों का आयोजन करना 3. संयुक्त राष्ट्र संघ के मंडलीय प्रमुखों के साथ सहयोग करना 4. अंतर्राष्ट्रीय विवादों में सुलझाव करने के लिए सहायता प्रदान करना 5. मानवाधिकारों के मामलों में संयुक्त राष्ट्र के नाम पर चर्चा करना
5. संयुक्त राष्ट्र के विकास कार्यक्रम क्या हैं?
उत्तर: संयुक्त राष्ट्र के विकास कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य सभी देशों में सामरिक, सामाजिक और आर्थिक विकास को सुनिश्चित करना है। ये कार्यक्रम गरीबी और असहायता को कम करने, शिक्षा, स्वास्थ्य, जलसंसाधन, ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में सहायता प्रदान करते हैं।
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