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ज्वालामुखी (भाग - 2) - भारतीय भूगोल | Revision Notes for UPSC Hindi PDF Download

घाटी एवं हिम नदी 
•  ‘वी’ आकार की घाटी का निर्माण नदी के तलीय अपरदन द्वारा होता है। नदी घाटी में नदी द्वारा पार्श्विक अपरदन की दर से लम्बवत् अपरदन की दर अधिक होती है, फलतः निर्मित घाटी अंग्रेजी के ‘वी’ अक्षर के समान प्रतीत होती है।
•  गाॅर्ज एक अति प्रवण पाश्र्वों की गहरी और संकरी घाटी होती है। इनका निर्माण वहाँ होता है जहाँ पाश्र्व कठोर शैलों से निर्मित होते है और नदी घाटी चैड़ाई की अपेक्षा गहराई में अधिक कटाव करती है।
•  केनियन एक प्रकार का गहरा और संकरा गाॅर्ज है जिसका पाश्र्व लगभग खड़ी भित्तियों के समान होते है तथा नदी का जल इन दोनों पाश्र्वों को स्पर्श किए रहता है। इसमें भी नदी घाटी को नीचे की ओर काटती रहती है।
•  नदी मार्ग में कठोर और मुलायम शैल प्रस्तर परस्पर क्षैतिज अथवा लम्बवत् अवस्था में हो और विच्छिन्नता उत्पन्न करे तो जलप्रपात का निर्माण होता है।
•  नदी के मन्द वेग से प्रवाहित होते समय घाटी में अपरदन क्रिया से हुआ कोई वर्क या लूप की तरह के मोड़ को नदी विसर्प कहते है।
•  प्राकृतिक बर्फ का एक विशाल संचयन जो स्थल क्षेत्रों पर एक बृहत नदी के समान फैले रहने तथा साथ-साथ निम्नभूमि की ओर मन्द गति से प्रवाहित होता है। हिमनदी या हिमानी कहलाता है।
•  हिम क्षेत्रा की निचली सीमा को हिमरेखा (Snow Line) कहते है।
•  हिमनद की घाटी के शीर्ष भाग पर एक अर्द्धचन्द्राकार या कटोरे के आकार का विशाल गहरा गर्त होता है जो सर्क या हिम गह्नर कहलाता है इसका आकार गहरी सीट वाली आराम कुर्सी के समान होता है। सर्क को स्काॅटलैण्ड में कोरी, जर्मनी में कारेन, वेल्स में स्विम, नार्वे में बोटन, पिरेनीज में ओल, कारपेथियन में जानोगा और फ्रांस में सर्क कहते है।
•  हिम क्षेत्रों में मुख्य हिमनद की घाटी का तल सहायक हिमनदों की घाटियों के तल से अधिक नीचा हो जाता है जिससे सहायक हिमनद घाटियाँ मुख्य हिमनद की घाटी पर लटकती नजर आती है ,इसे लटकती या निलम्बी घाटी कहते है।
•  मरुस्थलीय क्षेत्रों में मुलायम शैलों के अधिक और कठोर शैलों के कम अपरदन के परिणामस्वरूप बनी छतरी जैसी आकृति को छत्राक शिला कहते है। इन्हें गेरा (Gara) भी कहा जाता है।

 

स्मरणीय तथ्य

• विश्व में मक्खन का सर्वाधिक उत्पादन रूस में किया जाता है जबकि इसका सबसे प्रमुख निर्यातक देश न्यूजीलैण्ड है।

• सं. रा. अमेरिका की कपास पेटी की उत्तरी सीमा 200 दिन की पाला रहित रेखा से निर्धारित होती है।

• आस्ट्रेलिया के कूलगार्डी में सोना तथा जिंक (जस्ता) दोनों का उत्खनन किया जाता है।

• ब्लैक हिल्स (Black Hills) आस्ट्रेलिया में चाँदी उत्खनन का महत्वपूर्ण क्षेत्र है।

• गंगानदी का उ०म उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री हिमनद (7,010 मी. ऊंचाई) से होता है।

• देवप्रयाग में भागीरथी तथा अलकनन्दा नदियों का संगम स्थित है।

• रुद्रप्रयाग में मन्दाकिनी तथा अलकनन्दा का संगम है।

• कर्णप्रयाग में अलकनन्दा तथा पिण्डार का संगम है।

• विष्णुप्रयाग में अलकनन्दा तथा धौलीगंगा का संगम है।

• प्रयाग में गंगा तथा यमुना नदियों का संगम है जबकि यहाँ विलुप्त सरस्वती का भी उक्त दोनों नदियों के साथ संगम माना जाता है, जिसके कारण इसका नाम त्रिवेणी भी है।

• हरिद्वार के बाद गंगा मैदानी क्षेत्र में प्रवेश करती है।

• गंगा का डेल्टाई भाग पश्चिमी बंगाल तथा बांग्लादेश की सीमा पर स्थित गौर (Gaur) नामक स्थान से प्रारम्भ होता है।

• कोसी नदी को प्रारम्भ में अरुण नदी के नाम से जाना जाता है। इसका उद्रम गोसाईंथान के उत्तर में लगभग 6,770 मी. की ऊँचाई से होता है।

• सन् 1947 में ‘केन्द्रीय तम्बाकू अनुसन्धान संस्थान’ की स्थापना राजमहेन्द्री (आन्ध्रप्रदेश) में की गयी।

• पंजाब व हरियाणा राज्यों में विदेशों को निर्यात करने के लिए उत्तम कोटि का चावल पैदा किया जाता है।

• राबेन द्वीप (Robben Island)  केपटाउन (द. अफ्रीका) के समीप स्थित है जो अपनी जेल के लिए प्रसिद्ध है।

• घाघरा नदी कुमायूँ हिमालय के सिलम हिमानी से निकलती है। इसे पौराणिक रूप से ‘वशिष्ठ की कन्या’ कहा जाता है।

• रामगंगा, गोमती, घाघरा, ताप्ती, गंडक तथा कोसी नदियाँ गंगा की सहायक नदियाँ है जो इससे बायें किनारे से मिलती है।

• गंगा से दाहिने किनारे पर मिलने वाली नदियाँ है-यमुना चम्बल, बेतवा, केन, टोंस तथा सोन।

• देश का सबसे ऊंचा बाँध पंजाब में सतलज नदी पर बना भाखड़ा बाँध है। इसकी लम्बाई 518 मी. एवं ऊंचाई 226 मी. है।

• देश का सबसे लम्बा बाँध (विश्व का भी) उड़ीसा में महानदी पर बना हीराकुंड बाँध है। इसकी लम्बाई 4,800 मी. है।

• भारतीय रेल-व्यवस्था का विश्व में चतुर्थ स्थान है।

• जल परिवहन के लिए प्रयुक्त होने वाली दक्षिण भारत की प्रमुख नहर है-बकिंघम नहर तथा पश्चिम तटीय नहर।

• भारत की सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित झील देवताल है। यह गढ़वाल हिमालय में 17,745 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।

• विश्व में भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जहाँ चार प्रकार के रेशम का उत्पादन किया जाता है। ये है-(1) मलबरी, (2) टसर, (3) इरी तथा (4) मूंगा।

• भारत में ‘वन महोत्सव’ 1952 में प्रारम्भ किया गया। इसके जन्मदाता है-कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी।

• कालगूर्ली तथा कूलगार्डी आस्ट्रेलिया की प्रमुख स्वर्ण खान है।

• राइन, डेन्यूब, टेम्स, नीपर, नीस्टर, सीन, मर्सी तथा क्लाइड यूरोप की प्रमुख नदियाँ है।

• यूरोप को ‘प्रायद्वीपों का महाद्वीप’ कहा जाता है क्योंकि यहाँ के अधिकांश देश तीन ओर से महासागरों से घिरे है।

• लुम्बार्डी का मैदान इटली के उत्तर में स्थित है।

• बुडापेस्ट, बुखारेस्ट, वियना तथा बेलग्रेड डेन्यूब नदी के किनारे स्थित प्रमुख बन्दरगाह है।

• ब्रिटेन का लिवरपूल बन्दरगाह मर्सी नदी के किनारे स्थित है।

• भूमध्यरेखा (Equator) की लम्बाई 6,378 कि. मी. है।

• भ्रंश घाटी (Rift Valley) का निर्माण पृथ्वी की आन्तरिक हलचलों के कारण उसके किसी भाग के नीचे धंस जाने से होता है।

• जापान के द्वीपों का निर्माण पृथ्वी की आन्तरिक हलचलों के कारण स्थल भाग के ऊपर उठ जाने से हुआ है।


• मरुस्थलों में प्रतिरोधी एवं कठोर शैलों के सपाट टेबिलनुमा स्तरित शैलपिण्ड को ज्यूगेन कहते है जो कठोर और मुलायम शैलों की परतों के क्षैतिज दिशा में एक दूसरे के ऊपर होती है।
• पवन द्वारा कठोर शैलों के मध्य कोमल शैलों को अपरदित करने के पश्चात् जब कठोर शैलों के भाग खड़े रह जाते हैं और कटाव नालियों जैसे प्रतीत होते है तो इन्हें यारडंग कहते है।
• पवन दिशा की अनुरूप दिशा में स्थानान्तरी बालू का एक चापाकार या अर्द्धचन्द्राकार टिब्बा जो पवन दिशा के नियत रहने पर बनता है, बरखान कहलाता  है।
• पवन द्वारा उड़ाई गई धूल कणों के निक्षेप से निर्मित स्थल स्वरूप को लोयस कहते है।
• प्लेया तथा पर्वतीय अग्रभाग के मध्य मन्द ढाल वाले मैदान होते है। इन मैदान का निचला भाग, जो प्लेया से मिलता है, बजादा कहलाता है।
• रेगिस्तानी क्षेत्रों में पर्वतों से घिरी हुई बेसिन को बालसन कहते है।
• जब बालसन की तली में सिल्ट एवं नमक के निक्षेप के कारण तली समतल एवं ऊँची हो जाती है तो प्लेया कहलाती है। 

 

स्मरणीय तथ्य

• भारत का सबसे बड़ा कर्णनीय (Steerable) रेडियो टेलिस्कोप तमिलनाडु राज्य में ऊटकमण्ड में स्थित है। इसमें 0.5 कि. मी. लम्बा बेलनाकार एण्टीना लगा है।

• बड़ोदरा (गुजरात) के समीप स्थित कोयली खनिज तेल शोधनशाला देश की सबसे बड़ी शोधनशाला है। इसकी क्षमता प्रति वर्ष 9 मिलियन टन कच्चा तेल साफ करने की है।

• पीटर हैगेट को भूगोल में ‘माॅडल संकल्पना का जन्मदाता’ माना जाता है।

• लीडेन सिटी (नीदरलैण्ड) को ‘यूरोप का वाराणसी’ के उपनाम से जाना जाता है।

• सम्पूर्ण विश्व के भूगर्भिक अभिलेखों का वर्गीकरण यूरोप में प्रचलित भूगर्भिक सारणी के आधार पर किया जाता है।

• एक चन्द्र दिवस पृथ्वी के 28 दिवसों के बराबर होता है।

• श्रीलंका का सर्वोच्च पर्वत शिखर प्वाॅइण्ट पेड्रो अथवा पिडुरुटागाला है। इसकी ऊँचाई समुद्रतल से 2,524 मी. है।

• विश्व के सभी महाद्वीपों से अधिक जनसंख्या मिलने के कारण एशिया को ‘मानव-घर’ (Home of Man) कहा जाता है जबकि विकास की अधिक सम्भावनाओं की विद्यमानता के कारण इसे ‘भविष्य का भण्डारगृह’ (Dismal Swamp) की संज्ञा दी जाती है।

• विश्व की सबसे बड़ी भूकम्प पेटी प्रशान्त महासागरीय पेटी है। इसका सबसे बड़ा क्षेत्र जापान एवं उसके समीपवर्ती भागों में फैला हुआ है।

• ज्वार-भाटा की उत्पत्ति में सूर्य तथा चन्द्रमा के सम्मिलित गुरुत्वाकर्षण का योगदान रहता है।

• मानव द्वारा सर्वप्रथम प्रयोग में लाई गई धातु ताँबा (Copper) है।

• स्ट्राम्बोली नामक जाग्रत ज्वालामुखी को ‘भूमध्य सागर का प्रकाश स्तम्भ’ कहा जाता है।

• विश्व में सर्वाधिक ऊँचाई पर स्थित ज्वालामुखी कोटोपैक्सी (इक्वेडर) है।

• भारत का तमिलनाडु प्रान्त तीन सागरों के सम्मिलित-स्थल पर स्थित है। ये है-बंगाल की खाड़ी, अरब सागर तथा हिन्द महासागर।

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FAQs on ज्वालामुखी (भाग - 2) - भारतीय भूगोल - Revision Notes for UPSC Hindi

1. ज्वालामुखी क्या होती है?
उत्तर. ज्वालामुखी एक प्रकार का प्राकृतिक आपदा होती है जो भूमिगत गर्मी, लावा, गैस और अन्य मानवीय और प्राकृतिक कारणों से उत्पन्न होती है।
2. ज्वालामुखी कैसे बनती है?
उत्तर. ज्वालामुखी बनने का मुख्य कारण भूमिगत गर्मी होती है। जब माग्मा तापमान और दबाव के कारण ऊपर की ओर उठता है, तो यह ज्वालामुखी के रूप में विस्फोटित होता है।
3. भारत की प्रमुख ज्वालामुखी कहाँ स्थित हैं?
उत्तर. भारत में कुछ प्रमुख ज्वालामुखी निम्नलिखित हैं: - केदारनाथ ज्वालामुखी, उत्तराखंड - वैश्नोदेवी ज्वालामुखी, जम्मू और कश्मीर - बारेन ज्वालामुखी, उत्तर प्रदेश - नारे ज्वालामुखी, उत्तर प्रदेश
4. ज्वालामुखी का आविष्कार किसने किया था?
उत्तर. ज्वालामुखी का आविष्कार मानव इतिहास के बहुत पहले हो चुका था, इसलिए इसका निर्माण किसी व्यक्ति द्वारा किया गया होना संभव नहीं है।
5. ज्वालामुखी विस्फोट की वजह से कौन-कौन सी आपदाएं उत्पन्न हो सकती हैं?
उत्तर. ज्वालामुखी विस्फोट के कारण निम्नलिखित आपदाएं उत्पन्न हो सकती हैं: - लावाशान्ति - धूम्रवाहिनी और वायुमंडलीय विकिरण - आभूषण और अन्य संपत्ति के नुकसान - मानवीय और पशुपक्षियों के जीवन की हानि - पर्यावरणीय प्रदूषण
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