वायुमण्डल
• वायुमण्डल का 99ः भाग केवल नाइट्रोजन (78%) व आॅक्सीजन (21%) गैसों से निर्मित है। शेष 1% भाग में सभी गैसें सम्मिलित है।
• वायुमण्डल के निचले स्तर में भारी गैसें (कार्बन डाई आॅक्साइट 20 किमी., आॅक्सीजन तथा नाइट्रोजन 100 किमी. तथा हाइड्रोजन 125 किमी) तथा अधिक ऊँचाई पर हल्की गैसें (हीलियम, नियोन, क्रिप्टोन, जिनोन आदि) पाई जाती है।
• वायुमण्डल में परिवर्तन मण्डल, समताप मण्डल, ओजोन मण्डल, आयन मण्डल, आयतन मण्डल आदि ऊध्र्वाधर विभाजित परत पाई जाती है।
• वायुमण्डल की ऊँचाई 16 से 29,,000 किलोमीटर तक मानी जाती है लेकिन 800 किलोमीटर ऊँचा वायुमण्डल ही अधिक महत्वपूर्ण है।
• परिवर्तन या क्षोभमण्डल वायुमण्डल की सबसे निचली परत है जिसकी औसत ऊँचाई धरातल से 12 किमी. है। यह ऊँचाई विषुवत रेखा पर अधिक (16 किमी) और धु्रवों पर कम (6 किमी) रहती है।
• परिवर्तन मण्डल (क्षोभमण्डल) तथा समताप मण्डल के मध्य एक किमी. मोटी परत पाई जाती है, इसे क्षोभसीमा (Troposphere) कहते है।
• समताप मण्डल (Stratosphere) वायुमण्डल की दूसरी मुख्य परत है जो 13 किमी. से 30 किमी. तक फैली है। इस परत में तापमान बढ़ता नहीं अपितु समान ही रहता है। कुछ विद्वान इसकी परत 16 से 80 किमी. तक मानते है।
• समताप मण्डल के ऊपर 30 से 50 किमी तक ओजोन मण्डल है। इसमें ओजोन गैस की अधिकता रहती है।
• ओजोन गैस सूर्य से आने वाली तीक्ष्ण गर्म पराबैंगनी किरणों (Ultraviolet rays) को बहुत शीघ्र ही अपने में सोख लेती है जिससे पृथ्वी की जलवायु तथा मानव जीवन पर बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है।
• 50 किमी. से 500 किमी की ऊँचाई तक आयनमण्डल का विस्तार है। इस मण्डल में आयन की प्रधानता रहती है। आकाश में नील वर्ण, सुमेरू ज्योति, कुमेरू ज्योति एवं उल्काओं की चमक तथा ब्रह्माण्ड किरणों की उपस्थिति रहती है।
• आयनमण्डल रेडियो तरंगों को अपने यहाँ से पृथ्वी की ओर लौटा देता है तथा पृथ्वी पुनः ऊपर भेज देती है और यह क्रिया तब तक चलती है जब तक तरंग कोई दूर अपना स्थान ग्रहण नहीं कर लेती।
• वायुमण्डल की सबसे ऊपरी परत आयतन मण्डल (Exosphere) है जो 500 किमी. से ऊपर फैला है। इस मण्डल के विषय में विशेष जानकारी प्राप्त नहीं है।
• सूर्य से प्राप्त ताप अथवा ऊर्जा को सूर्याभिताप (Insolation) कहते है।
• सूर्याभिताप को प्रभावित करने वाले तत्त्वों में सूर्य की किरणों का तिरछापन, सौर विकिरण की अवधि अथवा दिन की अवधि, पृथ्वी की सूर्य से दूरी, वायुमण्डल की अवस्था, वायुमण्डल की मोटाई, सौर कलंकों की संख्या और धरातल का स्वरूप आदि प्रमुख है।
• व्यापारिक पवन : वषुवतरेखीय निम्न वायुदाब की ओर चलने वाली पवनों को व्यापारिक या सन्मार्गी पवनें कहते है।
• उत्तरी गोलर्द्ध में इनकी दिशा उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में दक्षिण-पूर्व से उत्तर-पश्चिम होती है।
• प्राचीनकाल में व्यापारियों को पालयुक्त जलयानों के संचालन में इन पवनों से पर्याप्त सहायता मिलती थी। अतः इन्हें व्यापारिक पवन कहते है।
• पछुआ पवन : ये पवन उत्तरी और दक्षिणी गोलार्द्ध में 35° और 40° अक्षांशों से 60° या 65° अक्षांशों की ओर चलती है।
स्मरणीय तथ्य |
• विश्व की सबसे गहरी झील बैंकाल झील है। इसकी गहराई औसत समुद्र तल से 1,485 मी. है जबकि धरातल से यह 1,940 मी. गहरी है। |
• भारत का क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग कि. मी. है। इसकी पूर्व से पश्चिम लम्बाई 2,933 कि. मी. तथा उत्तर से दक्षिण लम्बाई 3,214 किमी है। |
• अरावली पर्वत श्रेणी में मिलने वाले दर्रें है-बोअर, पिपलीघाट, डेवायर तथा डिसूरी जो कुम्भलगढ़ तथा गोगुण्डा के बीच मार्ग बनाते है। |
• अरावली श्रेणी के पश्चिम में अर्थात् दाहिनी ओर प्रवाहित होने वाली नदियाँ है-माही, लूनी, जोजरी, बन्दी तथा सुकरी। |
• अरावली के पूर्व में अर्थात् बायें प्रवाहित होने वाली नदियां है-बनास, काली तथा पार्वती। |
• भारत पठार अरावली पर्वत के समीप में स्थित है। |
• सीधे समुद्र में गिरने वाली पश्चिम बंगाल की नदियाँ है-सुवर्णरेखा, आनन्दपुर, नारायणी तथा हल्दिया। |
• पीरपंजाल श्रेणी (जम्मू-कश्मीर) के प्रमुख दर्रें है-पीरपंजाल (3,494 मी.), बुन्दिलपीर (4,200 मी) तथा बनिहाल (जवाहर सुरंग 2,832 मी.)। |
• पीरपंजाल एवं जास्कर श्रेणियों के बीच कश्मीर घाटी स्थित है इस घाटी की संरचना झीलीय है। |
• लद्दाख पर्वतश्रेणी सिन्धु तथा श्योक नदियों के बीच स्थित है। |
• अरुणाचल प्रदेश के दर्रे है-यांग ला, तुलुंग ला, डोम ला, आन्द्रे ला तथा काया ला। |
• लुम्बी या छुम्बी घाटी सिक्किम एवं भूटान को पृथक करती है। यह भारत तथा तिब्बत के बीच सम्पर्क-सूत्र की भी भूमिका निभाती है तथा इसी से होकर बौद्ध धर्म का प्रसार चीन तथा तिब्बत में हुआ। |
• अफ्रीका के सोमालिया, इथिओपिया तथा जिबूती ‘श्रृंग देश’ (Horn Countries) के सम्मिलित नाम से जाने जाते है। |
• केरल में त्रिवेन्द्रम के समीप बिझिनजाम नामक स्थान पर देश की पहली लहर ऊर्जा परियोजना स्थापित की गयी है। |
• कर्नाटक के उत्तरी कनारा जिले में स्थित कारवार नामक स्थान का विकास देश के सबसे बड़े नौसैनिक अड्डे के रूप में किया जा रहा है। |
• स्विटजरलैंड में विश्व की सबसे सुन्दर घड़ियों का निर्माण किया जाता है और यहाँ की घड़ियाँ विश्व प्रसिद्ध है। |
• अफ्रीका में एटलस तथा ड्रेकेन्सबर्ग प्रमुख पर्वत है। किलिमंजारो यहाँ का ज्वालामुखी पर्वत है। |
• मिó में विश्व की सर्वाधिक खजूर का उत्पादन किया जाता है। |
• एशियाई देश जापान का विश्व में जलयान-निर्माण में प्रथम स्थान है। |
• विश्व के सर्वाधिक रेडियो सेट का निर्माण हांगकांग में किया जाता है। |
• एशिया महाद्वीप में विश्व की सर्वाधिक (सम्पूर्ण विश्व का लगभग 60%) जनसंख्या पायी जाती है। |
• एशिया महाद्वीप का विस्तार सम्पूर्ण विश्व के 30% क्षेत्र पर है। इसका क्षेत्रफल 4,40,30,300 वर्ग कि. मी. है। |
• विश्व का सबसे गहरा गर्त मेरियाना ट्रेच है जिसकी गहराई 11,776 मी. है। यह फिलीपीन्स द्वीप समूह के पास स्थित है। |
• विश्व की सबसे बड़ी झील कैस्पियन सागर झील है। इसका क्षेत्रफल 3,71,800 वर्ग कि. मी. है। |
• यूरोप का सर्वोच्च पर्वत शिखर एल्ब्रुश शिखर काकेशस पर्वतमाला में स्थित है। |
• कैलीफोर्निया तथा फ्रान्स के तट पर पहले सारडाइन मछली बड़ी मात्रा में पकड़ी जाती थी किन्तु सामुद्रिक प्रदूषण के कारण अब कम पकड़ी जाती है। |
• ‘काले पर्वत’ (Black Mountains) भूटान में स्थित है। |
• अफ्रीका महाद्वीप के 6 देशों-अंगोला, बोत्सवाना, मोजाम्बिक, तंजानिया, जाम्बिया तथा जिम्बाब्वे को ‘सीमान्तरेखा राज्य’ (Frontline States) कहा जाता है। |
• मदुरै (तमिलनाडु) ‘त्योहारों का नगर’ उपनाम से जाना जाता है। |
• इनकी दिशा उत्तरी गोलार्द्ध में दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर चलती है।
• ये पवनों आयनवृत्तीय उच्च वायुदाब की पेटी से धुववृत्तीय निम्न वायुदाब की पेटी की ओर चलने वाली हवाएँ हैं।
• अतः 40° अक्षांशों में इनकी प्रचण्ड गति के कारण इन्हें गरजता चालीसा (Roaring forties) तथा 50° अक्षांशों में इन्हें भयंकर पचासा (Furious fifties) तथा 60° अक्षांशों में इन्हें चीखती साठा (Stricking
sixties) कहते हैं।
• धु्रवीय पवन: ये पवन धु्रवीय उच्च वायुदाब से धु्रवों की ओर चलती हैं। उत्तरी गोलार्द्ध में इनकी दिशा उत्तर पूर्व तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में दक्षिण पूर्व होती है। उत्तरी गोलार्द्ध में थल भाग की अधिकता के कारण धु्रवीय उत्तरी पूर्वी पवनें चलने में प्रचण्ड तथा तीव्र होती हैं।
• इन्हें नार इस्टर्स (Nor Easters) कहते हैं।
मानसून एवं वर्षा
• मानसून पवन : वे हैं जो अपनी चलने की दिशा वर्ष भर में दो बार बदल देती हैं।
• शीतकालीन मानसून: स्थल से समुद्र की ओर चलती है। ये शुष्क और ठण्डी होती हैं।
• ग्रीष्मकालीन मानसून: समुद्र से स्थल की ओर चलती हैं। ये वाष्पयुक्त होती हैं और वर्षा प्रदान करती हैं।
• संवाहनीय वर्षा: भू-मध्यरेखीय प्रदेशों में होती है। यह वर्षा, वायुमण्डल के उस धरातलीय स्तर के गर्म हो जाने से होती है, जो फैलता और ऊपर उठता है तथा जिसके स्थान पर सघन ठण्डी वायु आ जाया करती है।
• उष्ण वायु साधारणतः स्थल अथवा वनस्पति से प्राप्त आद्र्रता से भरी होती है। जब यह वायु ऊपर उठती है तो ठण्डी हो जाती है और संतृप्त होकर वर्षा करती है।
• चक्रवाती वर्षा (Cyclonic Rain): यह वर्षा किसी चक्रवात अथवा अवदाब से सम्बद्ध होती है और जो प्रायः एक उष्ण और आर्द्र वायु संहति के किसी दूसरी ठण्डी व भारी वायु संहति (air mass) के ऊपर से गुजरने या तलोच्छेदन या परस्पर मिलने के कारण होती है।
• पर्वतीय वर्षा (Orographic Rain) :आद्र्रता युक्त वायु के मार्ग में पड़ने वाले पर्वतों के कारण उत्पन्न होने वाली वर्षा। यह वायु पर्वतों की रूकावट के कारण ऊपर उठती है और ठण्डी होकर (यदि उसमें जलवाष्प यथेष्ट मात्रा में उपलब्ध है।) उच्च स्थलों में वर्षा करती है। इसको उच्चावच वर्षा (Relief rainfall) की संज्ञा भी दी जाती है।
जलमण्डल
• विश्व में 29% स्थल और 71% जल का भाग है।
• प्रशान्त महासागर विश्व का सबसे बड़ा (16,53,84,000 वर्ग किमी), महासागर है। तदोपरान्त अटलाण्टिक महासागर (8,22,17,000 वर्ग किमी), हिन्द महासागर (7,34,81,000 वर्ग किमी.), आर्कटिक महासागर (1,40,56,000 वर्ग किमी.) का स्थान है।
• प्रशान्त महासागर का सबसे गहरा स्थान फिलीपाइन्स के निकट मेरियाना गर्त (11,776 मीटर गहरा) है।
• अटलाण्टिक महासागर का सबसे गहरा गर्त पुर्टोरिको (9.200 मीटर), हिन्द महासागर का सुण्डा गर्त (7,450 मीटर) और आर्कटिक महासागर का गर्त (5,450 मीटर) गहरा है।
• महासागरीय जल में सोडियम क्लोराइड सर्वाधिक (27.213 ग्राम प्रति हजार ग्राम) मात्रा में मिश्रित होता है।
• महासागरों के जल की लवणता 35% है। लेकिन अमरीका की महान् खारी झील (Great Salt Lake) में 220% जार्डन-इजराइल के मृत सागर में 238% और टर्की की वान झील में 330% लवणता आंकी गई है।
स्मरणीय तथ्य |
• भारत के जुड़वा नगरों-हैदराबाद-सिकन्दराबाद के बीच स्थित हुसैन सागर झील के मध्य में जिब्राल्टर राॅक है। इस राॅक पर गौतम बुद्ध की 70 फीट ऊँची प्रतिमा स्थापित की गयी है। |
• हुसैन सागर झील हैदराबाद-सिकन्दराबाद के बीच यातायात का सबसे प्रमुख साधन है। |
• पाराद्वीप उड़ीसा राज्य का सबसे बड़ा बन्दरगाह है जबकि गोपालपुर तथा चन्द्राबल्ली छोटे। |
• विश्वविख्यात कोणार्क का सूर्य मन्दिर उड़ीसा राज्य के पुरी जिले में स्थित है। इसे ‘ब्लैक पैगोडा’ भी कहते है। |
• विशाखापटनम आन्ध्र प्रदेश का सबसे बड़ा बन्दरगाह है। यहाँ के अन्य छोटे बन्दरगाह है-काकीनाडा, मछलीपटनम कलिंगपटनम, वदारिखू आदि। |
• मैंगोशावर (Mango shower) पूर्वी केरल तथा पश्चिम तटीय क्षेत्रों में मानसून के पूर्व होने वाली वर्षा को कहा जाता है। |
• उच्चावच (भौतिक ऊंचाइयों) से भारत की वनस्पति पर सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है। इसके कारण ही यहाँ वानस्पतिक विविधता परिलक्षित होती है। |
• पयार्वरण सन्तलुन की दृष्टि से किसी भी देश का 33.3% क्षेत्र सदवै वनाच्छादित रहना चाहिए। |
• गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी यमुना है। |
• भारत का सबसे बड़ा जल विभाजक विन्ध्य पर्वत है। |
• नीलगिरि श्रेणी के दक्षिण-पश्चिम में इलायची (कार्डेमम), अन्नामलाई तथा पालनी की पहाड़ियाँ स्थित है। |
• एशिया का सबसे बड़ा प्रकाशित दूरदर्शी (Optical Telescope) तमिलनाडु के कावालूर नामक स्थान पर स्थापित किया गया है। 2 मी. के इस दूरदर्शी का नाम भारत के प्रमुख खगोलभौतिकीविद् डाॅ. वैन बप्पू के नाम पर रखा गया है। |
• भारत का सबसे बड़ा स्थिर रेडियो टेलिस्कोप कर्नाटक के गौरीविदनूर नामक स्थान पर स्थापित है। T आकार वाले इसके एण्टीना की माप 1 किमी. × 1.5 कि. मी. है। |
• जब सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा तीनो एक सीध में होते है (पूर्णिमा या अमावस्या को) तो चन्द्रमा और सूर्य का सम्मिलित आकर्षण बल के फलस्वरूप उच्च ज्वार आता है।
• इसे वृहत् या दीर्घ ज्वार (Spring Tide) कहते है।
• जब चन्द्रमा और सूर्य पृथ्वी पर समकोण बनाते है (सप्तमी और अष्टमी को) तो सूर्य और चन्द्रमा पृथ्वी के जल को भिन्न-भिन्न दिशाओं की ओर खींचते है। इससे ज्वार की ऊँचाई कम रह जाती है।
• इसे लघु ज्वार (Nip Tide) कहते है।
• महासागरीय तल महाद्वीपीय मग्नतट, महाद्वीपीय मग्नढाल, गहरा सागरीय मैदान और महासागरीय गर्त नामक चार भागों में मिलता है।
• महाद्वीपीय मग्न तट महासागरीय तलों और महाद्वीपों के मध्य काफी विस्तृत, कम गहरा जलमग्न पटल है। इसकी गहराई 100 फैदम और ढाल 1° से 3° तक होता है। इसकी चैड़ाई पर तटीय स्थलीय उच्चावच का नियन्त्राण रहता है।
• महाद्वीपीय मग्नतट तथा गहन सागरीय मैदान के मध्य तीव्र ढालमय भाग महाद्वीपीय मग्न ढाल कहलाता है। इसकी औसत गहराई 100 फैदम से 1,700 फैदम और कहीं-कहीं 5,000 फैदम तक होती है। इसका ढाल 5° से 15° तक होता है।
• महासागरों में गम्भीर सागरीय मैदान: महाद्वीपीय मग्नढाल के बाद प्रारम्भ होता है। यह 2000 फैदम से 3000 फैदम गहराई पर होते है। गम्भीर सागरीय मैदान सम्पूर्ण सागरीय क्षेत्राफल के 76% भाग पर विस्तृत है।
• महासागरीय गर्त: महासागरों के अत्यधिक गहरे गर्तमय भाग है जो 3,000 फैदम से 5,000 फैदम की गहराई पर पाए जाते है। विश्व में 57 गर्तों की खोज हो चुकी है। सबसे गहरा गर्त मेरियाना गर्त (प्रशान्त महासागर में) 11,776 मीटर गहरा है।
स्मरणीय तथ्य |
• जम्मू एवं कश्मीर राज्य में चरवाहों का एक विशेष वर्ग बक्करवाल निवास करता है। |
• दक्षिणी प्रायद्वीपीय पठार की उत्पत्ति से सम्बन्धित ‘उष्ण स्थल सिद्धान्त’ (Hot Spot Theory) का प्रतिपादन डब्ल्यू. जे. मार्गन द्वारा किया गया है। |
• भारत की प्रथम विद्युत संचालित रेलगाड़ी ‘डेकन क्वीन’ सन् 1929 में मुम्बई से पुणे तक चलायी गयी थी। |
• विश्व में इलायची का सर्वाधिक उत्पादन (52%) ग्वाटेमाला में किया जाता है जबकि भारत का द्वितीय स्थान (41%) है। |
• भारत में इलायची का सर्वाधिक उत्पादन केरल राज्य (देश का 70%) में किया जाता है। |
• तमिलनाडु राज्य के पूरे क्षेत्र पर लाल मिट्टी (Red Soil) का विस्तार पाया जाता है। |
• तमिलनाडु का डिण्डीगुल नामक स्थान सिगार तथा तम्बाकू के निर्यात के लिए प्रसिद्ध है। |
• अपने सम्पूर्ण द्वीपों सहित एशिया महाद्वीप का क्षेत्रफल विश्व के कुल क्षेत्रफल का 29.72% है। |
• एलिफैण्टा पास (Elephanta pass) उत्तरी श्रीलंका को दक्षिणी श्रीलंका से अलग करता है। |
• विश्व का सर्वाधिक सुअर का मांस (Pork) चीन में उत्पादित किया जाता है। |
• देश की पक्षी-सम्पदा की दृष्टि से सिक्किम सर्वाधिक समृद्ध राज्य है। |
• माउण्ट एवरेस्ट का शेरपा नाम है चोमोलंगमा जबकि इसका प्राचीन नाम सागरमाथा है। |
• यद्यपि अमृतसर एवं शिमला एक ही अक्षांश पर स्थित है फिर भी समुद्रतल से उनकी ऊंचाइयों के कारण जलवायु में भिन्नता मिलती है। |
• गोलन पहाड़ियाँ सीरिया में स्थित है किन्तु इन पर इस्रायल का अधिकार है। |
• आल इण्डिया रेडियो द्वारा सन् 1957 में ‘विविध भारती’ सेवा का प्रारम्भ किया गया। |
• अण्टार्कटिका महाद्वीप में भारी मात्रा में क्रिल मछलियाँ पायी जाती है। |
• विश्व की सबसे प्राचीन ज्ञात लिखित भाषा सुमेरियन है। |
• सान्ताक्रुज हवाई अड्डे (बम्बई) का नाम बदलकर ‘जवाहर लाल नेहरू अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा’ रखा गया है। |
• कलकत्ता के हवाई अड्डे दमदम का नाम बदल कर ‘नेताजी सुभाष चन्द्र बोस अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा’ किया गया है। |
• न्यूफाउण्डलैण्ड का कार्नरब्रुक शहर लुग्दी एवं कागज उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। |
• ईरी झील सं. रा. अमेरिका की महान झीलों में सर्वाधिक प्रदूषित झील है, जबकि सुपीरियर झील सबसे बड़ी है। |
• स्पेन का कैडिज शहर कार्क के लिए प्रसिद्ध है। |
• सौर विकिरण की माप के लिए प्रयोग किया जाने वाला यन्त्र ऐक्टिनोमीटर (Actinometer) है। |
• काला सागर को पूर्व काल में एक्सीन सागर (Exuine Sea) के नाम से जाना जाता था। |
• क्रेट्स नामक विद्वान ने लगभग 500 ईसा पूर्व में एक ग्लोब का निर्माण किया था जो कि पहला धराकारीय ग्लोब था। |
• हिप्पार्कस ने पहली बार एक वृत्त को 360 अंशों में विभाजित किया था। |
• ‘तापीय भूमध्य रेखा’ (Themal Equator) की स्थिति 50 उत्तरी अक्षांश के लगभग समानान्तर होती है। |
• पृथ्वी तथा चन्द्रमा के कक्ष तलों में 50 का झुकाव है। |
• प्रेयरी घास प्रदेशों में चरनोजम मिट्टी पायी जाती है। |
• विश्व में बृहद् प्राकृतिक प्रदेशों की संकल्पना सर्वप्रथम मैकिण्डर द्वारा प्रतिपादित की गयी थी। |
• नील नदी की निचली घाटी में ग्रीष्म ऋतु में बाढ़ आ जाती है। |
• ब्रिटेन में शीतोष्ण समुद्रतटीय (अनुसमुद्रीय) प्रकार की जलवायु पायी जाती है। |
• अपनी धुरी पर सूर्य की ओर अधिक झुकाव के कारण अरुण अथवा यूरेनस को ‘लेटा हुआ ग्रह’ कहा जाता है। |
• महाद्वीपों का निर्माण ग्रेनाइटिक तथा महासागरों का निर्माण बेसाल्टिक चट्टानों से हुआ है। |
• हर्सीनियन भू-हलचल के समय निर्मित होने वाली विश्व की दो महत्वपूर्ण पर्वत श्रेणियाँ है-यूराल तथा अप्लेशियन। |
• पृथ्वी का द्रव्यमान, चन्द्रमा के द्रव्यमान से 81 गुना अधिक है। |
• पृथ्वी से सबसे नजदीकी तारे के प्रकाश को पृथ्वी तक पहंुचने में 4.3 वर्ष का समय लगता है। |
• कोराट पठार थाइलैण्ड में स्थित है। |
• कारुन घाटी ईरान में स्थित है। |
• एल्ब्रग पर्वत इराक में है। |
• फरगना घाटी मध्य एशिया में स्थित है। |
• उस्ट्रट पठार आमू दरिया तथा सिर दरिया नदियों के बीच स्थित है। |
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1. वायुमण्डल क्या है और इसके क्या महत्व है? |
2. मानसून क्या है और भारतीय मानसून क्यों महत्वपूर्ण है? |
3. वर्षा क्या होती है और यह कैसे उत्पन्न होती है? |
4. जलमंडल क्या होता है और इसका महत्व क्या है? |
5. भारतीय भूगोल में वायुमण्डल, मानसून और वर्षा के बीच क्या संबंध है? |
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