Class 8 Exam  >  Class 8 Notes  >  पाठ का सारांश: दो पृष्ठभूमियाँ-भारतीय और अंग्रेजी

पाठ का सारांश: दो पृष्ठभूमियाँ-भारतीय और अंग्रेजी - Class 8 PDF Download

भारत में 1942 में जो कुछ हुआ और जो कुछ होता आ रहा था, उसकी चरम परिणति थी। लोगों ने अपने मन में ठान लिया था कि अब कुछ भी हो जाए,अंग्रेजी राह्ल को सहन नहीं किया जाएगा।

पाठ का सारांश

 व्यापक उथल-पुथल और उसका दमन

‘भारत छोड़ो’ प्रस्ताव पारित होते ही जगह-जगह भारतीय नेताओं की गिरफ्तारियाँ शुरू हो गईं। ऐसे में भारतीय जनता भडक़ उठी। उसने हिंसक रुख अपना लिया। गिरफ्तारियाँ तथा गोलीबारी की घटना ने जनता को चुप न बैठने पर विवश कर दिया। ऐसे में स्थानीय नेता उभरकर सामने आए। जनता ने उनका अनुसरण किया, पर यह सहज आंदोलन था। 1942 में विद्यार्थियों ने हिंसक और शांतिपूर्ण कार्यवाहियों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

1857 के विद्रोह के बाद यह ऐसा विद्रोह था जिसमें जनता खुलकर आंदोलनों में शामिल हो हो रही थी तथा ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध आवाज़ उठ रही थी। सुसंगठित और हथियारबंद सैनिकों के समक्ष यह प्रदर्शन पर्याप्त न था। जनता देश के प्रति प्रेम तथा ब्रिटिश सरकार के खिलाफ अपनी नफरत प्रकट कर रही थी। 1942 में सेना और पुलिस की गोलीबारी से अनगिनत लोग मारे गए। सरकारी आँकड़ों में 1802 लोगों के मरने तथा 3,200 लोगों के घायल होने की बात कही गई, परंतु  इसमें अनुमानत: 10,000 से अधिक लोगों के मरने की बात सही प्रतीत होती है।

इस आंदोलन के फलस्वरूप बहुत-से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में ब्रिटिश शासन समाप्त हो गया, जिसे पुन: स्थापित करने मैं उसे हफ्ते लग गए। संयुक्त प्रांत के बलिया जि़ले को अंग्रेजो के दुबारा जीतना पड़ा था।

 भारत की बीमारी - अकाल

अंग्रेज़ी शासन में भारतीय बहुत ही दीन-हीन अवस्था से गुज़र रहे थे। इसी समय भीषण अकाल पड़ा, जिससे उसकी स्थिति और भी बदतर हो गई। इस अकाल का प्रभाव बंगाल और पूर्वी तथा दक्षिणी भारत पर पड़ा। ब्रिटिश शासन के 170 वर्षों में यह सबसे बड़ा अकाल था। इसकी तुलना 1766 से 1770 ई. की अवधि में पड़े बंगाल और बिहार के भयंकर अकाल से की जा सकती है। इसके बाद हैजा और मलेरिया जैसी भीषण बीमारियां फैल गईं। इससे ब्रिटिश शासन की बदहाली तथा बदसूरती और भी उभरकर सामने आ गई।

अकाल के बाद भारत में व्याप्त अंतर्विंरोध उभरकर सामने आया। कलकत्ता (वर्तमान कोलकत्ता) में एक ओर सडक़ों पर लाशें बिछी थीं, तो दूसरी ओर अभिजात्य वर्ग अपनी विलासिता में डूबा था। यह वर्ग अपनी ऐशो-आराम तथा नाच-गाने में डूबा रहता था। इस अकाल के प्रभावस्वरूप जनता गरीबी के गर्त में डूबती चली गई।

भारत की इस दयनीय दशा को देख विद्वान भारत के भविष्य को लेकर दुविधाग्रस्त  थे मृत्यु-शैया पर पड़े टैगोर यह सोच रहे थे,की अंग्रेजो के जाने के बाद भारत की तस्वीर कैसी होगी क्योंकि भारत की दुर्गति का कोई अंत उन्हें दिखाई नहीं दे रहा था।

  भारत की सजीव - सामथ्र्य
भारत ने अनेक मुसीबतों को झेलते हुए भी अपना अस्तित्व बनाए रखा है। इसी विषय पर नेहरू जी ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा है कि अकाल और युद्ध के बावजूद प्रकृति अपना कायाकल्प कर लेती है और कल के लड़ाई के मैदान को आज फूलों और घास से ढँक लेती है। मनुष्य के पास स्मृति का विलक्षण गुण होता है। वह इसी गुण के आधार पर अपना भीषणतम समय भूलकर आगे बढ़ता जाता है। वह अपने अनुभव, अपनी यादें अपनी संतान को दे जाता है। कमज़ोर आत्मावाले भुला दिए जाते हैं और हिम्मतवाले जीवनपथ पर आगे-ही-आगे बढ़ते जाते हैं।

शब्दार्थ—

पृष्ठ : अकस्मात—अचानक। हिंसात्मक—मरने-मारने पर आमादा। तीव्रता—तेज़ी। हथियारबंद—हथियारों से लैश। अनुसरण—पालन करना, मानना। सहज—साधारण।

पृष्ठ : निहत्था—बिना हथियार के।दवदव्—लड़ाई झगड़ा । नासमझी—बेवकूफी। तात्कालिक—उसी समय का। अंदाज—अनुमान। अतिरंजित—बहुत बढ़ा-चढ़ाकर कहा जाना। फूले-फले—उन्नति करे
चरम—सर्वोच्च। स्मृति—याद।

पृष्ठ : विनाशकारी—नष्ट कर देनेवाला। झीना—पतला, अर्धपारदर्शी। बदहाली—बुरी स्थिति। विलासिता—ऐशो-आराम, आरामपरस्ती। उल्लास—खुशी। अंतर्विंरोध—असमानता। उत्तराध्ये—आधे के बाद का समय। शय्या—बिस्तर। दुर्गति—बुरी दशा।

पृष्ठ : कायाकल्प होना—शरीर का रूप बदल जाना। विलक्षण—अद्ïभुत। बोध—ज्ञान। मार्गदर्शक—राह दिखाने-वाला।

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FAQs on पाठ का सारांश: दो पृष्ठभूमियाँ-भारतीय और अंग्रेजी - Class 8

1. "दो पृष्ठभूमियाँ-भारतीय और अंग्रेजी" पाठ का मुख्य विषय क्या है?
Ans. "दो पृष्ठभूमियाँ-भारतीय और अंग्रेजी" पाठ में भारत और इंग्लैंड की सांस्कृतिक, सामाजिक और ऐतिहासिक पृष्ठभूमियों की तुलना की गई है। यह पाठ यह दर्शाता है कि कैसे दोनों देशों की पृष्ठभूमियाँ एक-दूसरे से भिन्न हैं और किस प्रकार उनके विकास पर प्रभाव डालती हैं।
2. इस पाठ में भारतीय पृष्ठभूमि के कौन-कौन से महत्वपूर्ण पहलुओं का वर्णन किया गया है?
Ans. इस पाठ में भारतीय पृष्ठभूमि के महत्वपूर्ण पहलुओं में भारतीय संस्कृति, परंपराएँ, धर्म, और सामाजिक संरचना का वर्णन किया गया है। इसके अलावा, भारत की विविधता और उसकी ऐतिहासिक घटनाओं का भी उल्लेख किया गया है।
3. अंग्रेजी पृष्ठभूमि की क्या विशेषताएँ हैं जो इस पाठ में बताई गई हैं?
Ans. अंग्रेजी पृष्ठभूमि की विशेषताओं में औद्योगिक विकास, शिक्षा का स्तर, और सामाजिक मुद्दों का समाधान शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, इंग्लैंड की राजनीतिक संरचना और उसके वैश्विक प्रभाव पर भी चर्चा की गई है।
4. इस पाठ का अध्ययन करने से विद्यार्थियों को क्या लाभ होता है?
Ans. इस पाठ का अध्ययन करने से विद्यार्थियों को विभिन्न संस्कृतियों और उनके विकास के बारे में समझने का अवसर मिलता है। यह पाठ उन्हें वैश्विक दृष्टिकोण प्रदान करता है और विभिन्न पृष्ठभूमियों के प्रति सहिष्णुता और समझ को बढ़ावा देता है।
5. पाठ "दो पृष्ठभूमियाँ-भारतीय और अंग्रेजी" के लेखक कौन हैं?
Ans. पाठ "दो पृष्ठभूमियाँ-भारतीय और अंग्रेजी" के लेखक का नाम पाठ में उल्लिखित होता है। यदि पाठ की पुस्तक या अध्याय में लेखक का नाम दिया गया है, तो उसे देखा जा सकता है।
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