Class 8 Exam  >  Class 8 Notes  >  संस्कृत कक्षा 8 (Sanskrit Class 8)  >  अभ्यास - कारक-विभक्तिः तथा उपपद-विभक्तिः, अनुप्रयुक्त-व्याकरणम् , कक्षा - 8

अभ्यास - कारक-विभक्तिः तथा उपपद-विभक्तिः, अनुप्रयुक्त-व्याकरणम् , कक्षा - 8 | संस्कृत कक्षा 8 (Sanskrit Class 8) PDF Download

1.कोष्ठकात् शुद्धं विकल्पं चित्वा रिक्तस्थाने लिखत–(कोष्ठक से शुद्ध विकल्प चुनकर रिक्त स्थान में लिखिए–) 
1. बालक: ................. आरोहति।(वृक्षे, वृक्षम्, वृक्षात्)
2. स: ................. अवतरति।(वृक्षेण, वृक्षात्, वृक्षस्य)
3. गुरु: ................. विश्वसिति।(शिष्यम्, शिष्येन, शिष्ये)
4. माता ................. स्निह्यति।(पुत्रम्, पुत्रेण, पुत्रे)
5. अहं ................. कलमम् अयच्छम्।(मोहनं, मोहनात्, मोहनाय)
6. त्वम् ................. पृच्छ।(मित्रात्, मित्रम्, मित्रेण) 
7. स: ................. किम् अवदत्।(मित्रम्, मित्रेण, मित्राय)
8. छात्रा: ................. विज्ञानम् पठन्ति।(अध्यापिकया, अध्यापिकाया:, अध्यापिकाम्)
9. नद्य: ................. उत्पन्ना: भवति।(पर्वतै:, पर्वतेभ्य:, पर्वतानाम्)
10. निर्धन: ................. धनं याचते।    (धनिकात्, धनिकम्, धनिकेन)

उत्तरम् -
1.    वृक्षम्,  
2.    वृक्षात्,    
3.    शिष्ये,    
4.    पुत्रो,
5.    मोहनाय,  
6.    मित्रम्,    
7.    मित्रम्,    
8.    अध्यापिकायाः,
9.     पर्वतेभ्यः,    
10.    ध्निकम्
    

2.    कोष्ठकदत्तस्य शब्दस्य उचितरूपेण वाक्यानि पूरयत।
(क)
  (कोष्ठक में दिए गए शब्द के उचित रूप से वाक्य पूरे कीजिए–)
1.    ................. (वृक्ष) अध: क: तिष्ठति?
2.    ................. (देवालय) उपरि ध्वजा शोभते।
3.    ................. (अध्यापक) परित: छात्रा: तिष्ठन्ति।
4.    ................. (गृह) बहि: बालक: क्रीडति।
5.    पितामही ................. (सूर्योदय) पूर्वम् उत्तिष्ठति।
6.    त्वं ................. (सूर्योदय) पश्चात् उत्तिष्ठसि।
7.    ते ................. (आपण) प्रति अगच्छन्।
8.    बालक: ................. (मित्र) सह क्रीडति।
9.    ................. (भवन) पृष्ठत: देवालय: अस्ति।
10.    कृष्ण: ................. (कंस) अलम्।

उत्तरम् -
1.    वृक्षस्य,    
2.    देवालयस्य,    
3.    अध्यापकम्,  
4.    गृहात्,
5.    सूर्योदयात्,    
6.    सूर्योदयस्य,    
7.    आपणम्,    
8.    मित्रोण,
9.    भवनस्य,    
10.    कंसाय।
 

(ख)
1.    गुरुः ................ अपृच्छत्। (शिष्य)
2.    त्वम् ................ किम् अयच्छः। (अरविन्द)
3.    पिता ................ विश्वसिति। (पुत्रा)
4.    छात्राः ................ गृहम् आगच्छति। (विद्यालय)
5.    वानरः ................ आरोहति। (वृक्ष)
6.    बिडालः ................ त्रास्यति। (कुक्कुर)
7.     सर्पः ................ निर्गच्छति। (बिल)
8.    सैनिकः ................ रक्षति। (देश)
9.    ................ कदलीपफलं रोचते। (वानर)
10.    एते छात्राः ................ निपुणाः। (पादकन्दुक-खेल)
उत्तरम् -
1.    शिष्यम्/शिष्यान्,    
2.    अरविन्दाय,  
3.    पुत्रो,    
4.    विद्यालयात्,
5.    वृक्षम्,     
6.    कुक्कुरात्,    
7.    बिलात्,    
8.    देशम्,
9.    वानराय/वानरेभ्यः,    
10.    पादकन्दुक-खेले।

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FAQs on अभ्यास - कारक-विभक्तिः तथा उपपद-विभक्तिः, अनुप्रयुक्त-व्याकरणम् , कक्षा - 8 - संस्कृत कक्षा 8 (Sanskrit Class 8)

1. कारक-विभक्तिः क्या है?
उत्तर: कारक-विभक्तिः एक व्याकरणिक नियम है जिसके अनुसार क्रिया के कर्ता, कर्म, संबंध और अवयव को वाक्य में विभक्तियों के द्वारा प्रकट किया जाता है।
2. कारक-विभक्तिः में कौन-कौन से कारक होते हैं?
उत्तर: कारक-विभक्तिः में निम्नलिखित कारक होते हैं: 1. कर्ता - जो वाक्य में क्रिया का कर्ता होता है। 2. कर्म - जो वाक्य में क्रिया का कर्म होता है। 3. संबंध - जो वाक्य में क्रिया का संबंध होता है। 4. अवयव - जो वाक्य में क्रिया के साथ आता है और उसके विशेषण का कार्य करता है।
3. उपपद-विभक्तिः क्या होती है?
उत्तर: उपपद-विभक्तिः एक व्याकरणिक नियम है जिसके अनुसार वाक्य में अवयव के विभिन्न प्रकार को संज्ञा के साथ विभक्तियों के द्वारा प्रकट किया जाता है।
4. उपपद-विभक्तिः कितने प्रकार की होती हैं?
उत्तर: उपपद-विभक्तिः में निम्नलिखित प्रकार होती हैं: 1. प्रथमा विभक्तिः - इसमें अवयव का संबंध संज्ञा के बाद आता है। 2. द्वितीया विभक्तिः - इसमें अवयव का संबंध संज्ञा के पहले आता है। 3. तृतीया विभक्तिः - इसमें अवयव का संबंध संज्ञा के साथ नहीं आता है।
5. उपपद-विभक्तिः का उपयोग किसे कहते हैं?
उत्तर: उपपद-विभक्तिः का उपयोग वाक्य में किसी अवयव के विशेषण या उपयोग को विभक्तियों के द्वारा प्रकट करने के लिए किया जाता है। यह व्याकरणिक नियम हिंदी भाषा में वचन, पुरुष, लिंग आदि के अवयवों को प्रकट करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।
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