Class 8 Exam  >  Class 8 Notes  >  सप्रसंग व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न (भाग - 1) - दीवानों की हस्ती, हिंदी, कक्षा - 8

सप्रसंग व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न (भाग - 1) - दीवानों की हस्ती, हिंदी, कक्षा - 8 - Class 8 PDF Download

1.       
हम दीवानों की क्या हस्ती,
हैं आज यहाँ, कल वहाँ चले,
मस्ती का आलम साथ चला,
हम धूल उड़ाते जहाँ चले।    


शब्दार्थ—दीवाने—बेफ़िक्री तथा मस्ती का जीवन जीनेवाले (स्वाधीनता सेनानी)। हस्ती—औकात, सामथ्र्य। मस्ती—खुशी। आलम—संसार। धूल उड़ाते—खुशी मनाते। 

प्रसंग—प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘वसंत, भाग-3’ में संकलित ‘दीवानों की हस्ती’ नामक कविता से ली गई हैं। इस कविता के रचयिता भगवतीचरण वर्मा हैं।
इन पंक्तियों में कवि ने बेफ़िक्र रहकर, मस्ती का जीवन जीनेवाले स्वतंत्रता आंदोलन के सेनानियों के कार्य-व्यवहार एवं मनोदशा का वर्णन किया है।

व्याख्या—कवि कहता है कि आजादी के लिए अपना सब कुछ अर्पित करने को तत्पर वीरों का मन जोश से भरा हुआ है। इन वीरों का कहना है कि देश की महानता तथा गरिमा के सामने हमारी कोई औकात नहीं है। हम तो आजादी के दीवाने हैं। अंग्रेजी सरकार के खिलाफ नीतियाँ तय करने के लिए हम एक जगह नहीं रुकते। आज हम यहाँ हैं तो कल कहीं और होंगे। हम जिधर भी जाते हैं, खुशियों का संसार हमारे साथ होता है। हमारा यह आना-जाना खुशियों से भरा होता है।

विशेष-  

  • तुकांत युक्त इस काव्यांश में तत्सम शब्दों का प्रयोग है।
  • ‘धूल उड़ाते चलना’ मुहावरे का सुंदर प्रयोग है।
  • स्वतंत्रता के लिए आतुर इन वीरों में देशप्रेम की भावना कूट-कूटकर भरी है।

प्रश्न: (क) कवि एवं कविता का नाम लिखिए।
उत्तर:

कवि का नाम—भगवतीचरण वर्मा।
कविता का नाम—दीवानों की हस्ती।

प्रश्न: (ख) ‘दीवानों की क्या हस्ती’ का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
  आजादी के दीवाने स्वयं इसे स्वीकारते हैं कि देश की महानता के सामने उनकी कोई औकात नहीं है। देश के लिए उनके द्वारा किया गया प्रयास बहुत कम है।

प्रश्न: (ग) दीवाने एक स्थान पर क्यों नहीं टिकते थे?
उत्तर:
 आजादी के दीवाने व्यक्तियों को अंग्रेजों के खिलाफ रणनीति तैयार करनी थी। ऐसा करते हुए उन्हें पकड़े जाने का भी भय था, इसलिए वे एक स्थान पर नहीं रुकते थे।

प्रश्न: (घ) काव्यांश के आधार पर दीवानों की दो विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
 
1. दीवाने आजादी पाने के लिए अपना सब कुछ कुर्बान करने को तैयार थे।
2. उनके साथ खुशियों का संसार होता था।

प्रश्न: (ङ) काव्यांश से मुहावरा छाँटकर वाक्य-प्रयोग कीजिए।
उत्तर:  धूल उड़ाते चलना—(धूम मचाते हुए चलना)- नेता जी के बेटे की बारात में बाराती धूल उड़ाते चल रहे थे।

2. 
आए बनकर उल्लास अभी,
आँसू बनकर बह चले अभी,
सब कहते ही रह गए, अरे,
तुम कैसे आए, कहाँ चले?   


शब्दार्थ—उल्लास—ख़ुशी।

प्रसंग—प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘वसंत, भाग-3’ में संकलित ‘दीवानों की हस्ती’ नामक कविता से ली गई हैं। इस कविता के रचयिता भगवतीचरण वर्मा हैं। इन पंक्तियों में दीवानों ने लोगों के बीच अपने आने को उल्लास बताते हुए उनकी प्रतिक्रिया का वर्णन किया है।

व्याख्या—अंग्रेजी सरकार की निगाहों से बचते - बचते , आजादी के दीवाने जब लोगों के बीच पहुँचते हैं तो वहाँ खुशी का वातावरण बन जाता है। जब वे वहाँ से अन्यत्र जाने की तैयारी करते हैं तो उन सभी की आँखों में आँसू आ जाते हैं अर्थात बहुत दुखी होते हैं। लोग उनसे पूछते हैं कि तुम अभी तो आए हो और इतनी जल्दी कहाँ के लिए चल पड़े। तुम्हें यहाँ कुछ दिन और रुकना चाहिए।

विशेष- 

  • तुकांत युक्त इस रचना में आम बोलचाल के शब्दों का प्रयोग है।
  • काव्यांश में प्रश्न-शैली का प्रयोग है।
  • विरोधाभास अलंकार है।


प्रश्न: (क)  कवि और कविता का नाम लिखिए।
उत्तर:  
कवि का नाम
—भगवतीचरण वर्मा
कविता का नाम—दीवानों की हस्ती

प्रश्न: (ख) दीवाने जहाँ जाते थे, वहाँ लोगों की क्या प्रतिक्रिया होती थी?
​उत्तर: 
 दीवाने जहाँ जाते थे वहाँ के लोग उनको अपने बीच पाकर बहुत खुश होते थे। जब वे वापस या अन्यत्र जाने लगते थे तो उनकी आँखों में आँसू आ जाते थे।

प्रश्न: ​(ग) दीवाने इतनी जल्दी क्यों जा रहे थे?
​उत्तर:  
दीवानों को आजादी प्राप्त करने के लिए नई-नई रणनीति बनानी थी। यदि वे एक स्थान पर अधिक समय तक रुकते, तो उन्हें अंग्रेजी शासन द्वारा पकड़े जाने का डर था।

प्रश्न: (घ) लोगों की खुशियाँ लंबे समय तक क्यों नहीं बनी रह पाती थी?
​उत्तर:  
दीवाने लोग अपनी योजना कामयाब बनाने के लिए जल्दी-जल्दी स्थान बदल दिया करते थे वह स्थायी रूप से कहीं नहीं रहते थे क्योंकि लोगों को उनसे लंबे समय की खुशियों की आशा थी।

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FAQs on सप्रसंग व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न (भाग - 1) - दीवानों की हस्ती, हिंदी, कक्षा - 8 - Class 8

1. सप्रसंग व्याख्या क्या है?
उत्तर: सप्रसंग व्याख्या किसी व्यक्ति या वस्तु के बारे में विस्तृत विवरण या विश्लेषण होता है। इसमें व्यक्ति की व्यक्तिगत विशेषताएं, उनके संबंध, उनके कार्य आदि शामिल होते हैं।
2. 'दीवानों की हस्ती' का अर्थ क्या है?
उत्तर: 'दीवानों की हस्ती' एक हिंदी शब्द है जो कि वह लोगों के बारे में कहा जाता है जो रोमांचकारी, संवेदनशील और साहित्यिक होते हैं। इसे अंग्रेजी में 'Bohemian' कहा जाता है।
3. दीवानों की हस्ती से क्या संबंधित है?
उत्तर: दीवानों की हस्ती से संबंधित है वह लोग जो रोमांचकारी, संवेदनशील और साहित्यिक होते हैं। वे अपने अलग-अलग अनुभवों, भावनाओं और विचारों को अपनी रचनात्मकता के माध्यम से व्यक्त करते हैं।
4. सप्रसंग व्याख्या क्यों महत्वपूर्ण होती है?
उत्तर: सप्रसंग व्याख्या महत्वपूर्ण होती है क्योंकि इससे व्यक्ति या वस्तु के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त होती है। इससे उस व्यक्ति या वस्तु के सम्बन्ध में व्यक्ति को अधिक ज्ञान प्राप्त होता है जो उसे उससे बेहतर समझने में मदद करता है।
5. 'दीवानों की हस्ती' के लिए एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर: 'दीवानों की हस्ती' के एक उदाहरण के रूप में वे लोग देखे जा सकते हैं जो साहित्यिक रचनात्मकता में छिपे हुए महारथ होते हैं। जैसे कि रबीन्द्रनाथ टैगोर, कालिदास, मीर और गुलज़ार साहब जैसे लोग।
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